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यह
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सब कुछ धुंध
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[संगीत]
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कर दो
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[संगीत]
00:00:10
कि अ
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[संगीत]
00:00:13
[प्रशंसा]
00:00:17
हुआ है
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कि हम लोग छोटे-छोटे विद्यार्थी के रूप
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में देखें तो हमारे अध्यापक थे साथ में
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पढ़ने
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वहीं राहुल स्कूल में
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कि हम लोग रात को जाते तो हमारे गांव में
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स्कूल थोड़ा सा बाहर अब तो गांव बढ़ गया
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है स्कूल गांव में दूसरे थोड़ा सा
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ज्यादा नहीं थोड़ा तो उसमें एक शांत हो
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जाता रात का समय डर लगता है
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इस तरह बच्चों एक उपाय सूझा कि डर लगता
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क्या करें लुट जैसी गांव से डर लगने लगे
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तो गाना शुरू कर दी है में अगाती गाने में
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मन लग गया था तब तक उस जगह निकल जाती है
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है इसका अर्थ यह है कि गीत से इतना भर दो
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गाने बजाने से इकरार भक्तों अपनी जिंदगी
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जीवन को संगीत बनाता है
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तो यही संगीतमई रामकथा है
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जीवन संगीत से परिस्थिति ठीक है अपनी जगह
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ठीक है कई बार हम परेशान है तो मैं गाने
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की बड़ी यह सुखाने के अलावा कोई उपाय नहीं
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जिससे तुम्हारा मन का दुख कम हो गया है और
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इसीलिए यहां भी भगवान का जन्म हुआ
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है और जन्म लेते ही
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कि सूखे कुछ दिन भी नहीं रह पाई गुरुजी ले
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गए
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कि राक्षसों को मारने का काम प्रथम
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जैसे-तैसे थोड़ा तू मेरा के बंद चले जायें
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है और बन में खबर मिली पिताजी का वर्णन हो
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गया आगे बढ़े तो सीता जी का हरण हो गया
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इतनी प्रतिकूलताएं लेकिन तो भी भगवान इस
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बात को सुना कैसे रहें आपन चरित्र कहा हम
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गायी
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गण मन इससे कैसे हुआ तो संघ कर हनुमान जी
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के चरणों में गिर गई भगवान है
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ऐसा क्यों बोल ऐसी परिस्थितियां हमारे
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शुरू की है
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कि आप दोनों की परिस्थितियां एक जैसी है
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बिल्कुल एक जैसी कैसे आप अपने छोटे भाई के
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लिए राज्य छोड़कर आए उसके बड़े भाई ने इस
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पर राज्य छोड़ दिया है आप भी बन में वह भी
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मन में आपकी भी पत्नी कारण हो गया उसकी
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पत्नी को वाली नहीं छुड़ा लिया
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लेकिन हम देखते हैं को इतना परेशान रो रहा
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है उसके शरीर में थोड़ी भूनने तनाव और
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चिंता जरूर छाती और एक आप है अपन चरित्र
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कहा हम गई तो लंप्स समझ गए कि आप इंसान के
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रूप में भगवान है भगवान हनुमान
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और राम जी ऐसी परिस्थिति में भी बैठे परम
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प्रसन्न कृपा पंचायत कहा हम
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भगवान कृष्ण
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का जन्म लिया अंधेरे मिर्च लौंग चुप कराए
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और रात में मां-बाप के पास रात भर नहीं रह
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सके दिन प्रधान इधर जन्म लेते ही मां
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छुट्टी पिता
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और दूसरे गांव में कर रहे कई जन्म कई
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जन्मोत्सव और उसके बाद थोड़े पालने में
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पड़े थे उतना ही मारने के लिए फ्रेश एक
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राक्षस आए इतना यह सब होने के बाद फिर का
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गोकुल छोड़ो कंस के अत्याचार बढ़ रहे गांव
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थोड़ा पहले जन्म जन्म स्थान छोटा
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माता-पिता और फिर दूसरे के गांव में लालन
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पालन पोषण व दूसरों ने किया और उसके बाद
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मारने की जिस टाइम जैसे
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थोड़ा-थोड़ा वृंदावन आकर रहे सब इकट्ठे
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होकर गए उसके बाद भी वृंदावन में
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श्रीकृष्ण वासुरी बजाते हैं मैं इतनी
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प्रतिकूलताओं में भी जो चैन की बंसी बजा
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सके वह इंसान नहीं भगवान ही है इसीलिए हम
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लोग राम को भगवान कहते हैं कृष्ण भगवान
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कहते श्री राम
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इसका अर्थ कैसी भी परिस्थितियां आगे
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क्या थोड़ा
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मुस्कुराते हुए
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इसीलिए
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राम विदा कर प्रसन्नता ऐसा हुआ है
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कि हनुमान जी रखा की चिंता मत करो हम
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मिलाएंगे
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सुग्रीव जी से मिलाया अजय प्रतिकूलता फिर
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भी पीछा नहीं छोड़ा है
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कि आजकल लोग नंबरी टेंशन में रहते हैं
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थोड़े हम कुन हमारा कोई काम बिना बाधाओं
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के पूरे नहीं होता बहुत मुश्किल से अपना
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काम बड़े परेशान रहते हम किसका काम होगी
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राम जी का हुआ
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आज बिना बात ही पूरा हुआ तो बताओ
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कि सुग्रीव से मित्रता की अब देखो बाधा की
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बात करें सुग्रीव से भगवान ने का सखा सोच
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या गांववालों ने मेरे बल पर निश्चित हो
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जाऊंगा तो
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की बाली के कारण तुम लुट मैं बारीक
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मिटाऊंगा तुम सुखी हो जाएगा मैं इतना
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भरोसा दिलाया है अपना मन करे तो दिलाया
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अजामिल आने वाले हनुमान जी तो उन पर भरोसा
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किया और और ने मिलाया और जिससे मिलाया
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जिसके लिए प्रतिज्ञा कि वह ढूढ़ जब आप
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करोगे तब मॉर्निंग अभी तो है समझ में नहीं
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आता
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लक्ष्मण यह भरोसे नहीं कर रहा है वहां पर
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उस दिन भगवान का ज्यादा दुखी है कि शायद
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मान जाएगा कैसे हुई परीक्षा देंगे
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तुम्हारी जाएगा
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कि भगवान की परीक्षा दे दूंगी अगर उसके
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बाद भरोसा हो गया बाली वध ओं इन भाई पड़ती
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थी अ
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मैं अमित री ऐसा व्यवहार करे जाएगी तमाशा
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देखते
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विश्वास होगा कि मार डालेंगे बारी-बारी तो
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कम से कम भगवान को
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धन्यवाद बोलना चाहिए
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प्रसन्न हो जाना चाहिए कार्य तरफ अब हम
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भरोसा
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आपकी बड़ी कृपा आपकी बड़ी कृपा राम जी हां
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यही है
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को लेकर कुछ ऐसी विचित्र लोग होते हैं
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जिनके मन कि भगवान तक नहीं जान पाते और ही
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फोन कहां है
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श्री राम विनय इतना किया उसके बाद बोला
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क्या शोषण सुग्रीव जी क्या बोले
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कि भगवान ने कहा कि अब तो प्रसन्न हो जाओ
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मेरे मित्र आप सुनिश्चित हों तो
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सुग्रीव लिक इससे
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कि का अपने शत्रुओं से एग फ्राइड शत्रु
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मित्र
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के दुख सुख संसार में भागते हैं यथार्थ
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में नहीं सब सपना है
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ये बात बड़ी ऊंची करने और बातचीत करने
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वालों के लिए गलत गलत गलत नहीं कह पर आदमी
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को गलत है वह
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हां सच्ची बात भी गलत आदमी का है तो
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सुग्रीव जी बात तो सच्ची कह रहे हैं कि
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सुख-दुख शत्रु-मित्र यह सब प्रातिभासिक
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सकता है कि परमार्थिक सत्ता नहीं है भासते
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हैं नहीं बात सही कह रहे हैं लेकिन से
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पूछो कि थोड़ी देर पहले जब तुम रो रहे थे
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तो
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ये सब संसार सपना नहीं था
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इस परिस्थिति अनुकूल होते ही संसार सपना
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में अपनी स्थिति प्रतिकूल होती संसार सत्य
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दूसरे का अपमान हो तो संसार सपना अपना
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अपमान हो तो संसार सत्य है
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कि भगवान को हंसी आ गई कव्वाली तुम्हारा
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शत्रु है नहीं तो हमारा परम हितैषी
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पूरा इलाज ही उल्टा हुआ
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अंदाज कुछ ऐसा कुछ हुआ
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है कई बार अंदाज उल्टी पड़ी ज्यादा भगवान
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तक का अंदाज उल्टा हो उनको अंदाज चाहिए
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प्रसन्न हो जाएगा उन्हें क्या पता कि
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प्रश्न परेशान खुद होगा और हमें भी करेगा
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तो
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मैं एक आदमी को कम सुनाई पड़ता था
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पुराने जमाने की गांव की घटना मशीन थी
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नहीं इसलिए एक लड़की को ले जाते को बुद्धू
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सामने वाला कुछ बोले तो तुम जोर-जोर से
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बताना कि यह क्या कह रहा है
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तो जाने लगे अपने मित्र बीमार थे देखने
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लोगों का वह बच्चा तो है नहीं किया जरूरत
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वहां कौन सी बड़ी भारी बात करनी देख लें
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तो जाना है दो चार बातें वह कहेंगे हम
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जवाब दे दे कैसे अंदाज
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अंदाज
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तबीयत
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अब ठीक
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उल्टा हो गया मामला हो गए थे है और भइया
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तबीयत अब कैसी है वह खुद मोर्चे को ऊंचा
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सुनता वह धीरे भूल ही नहीं सकता उसको लगता
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है समय से सुनते होंगे
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कि सौम्या अब तबीयत कैसी है
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अब क्या बताएं मन रहे हैं
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के अंदर सुनाई तो निप्पल इन समझाओ करने के
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पहले से ठीक है तो बोलो भगवान की बड़ी
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कृपा है
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ये सब कुछ जल्दी हो जाएगा मित्र को बड़ा
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बुरा लगा कि हम मर जाएंगे कह भगवान की
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कृपा है
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तो खींच गया पूरी तरह तब तक उन्होंने पूछा
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कौन से डॉक्टर का इलाज चल रहा है
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तो ढूंढते बुलाया हमराज का अ
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मैं इसको सुनाई तो पढ़ा नहीं सूझा डॉक्टर
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कार्य क्या कहना वो डॉक्टर तो बहुत अच्छे
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कि उन्होंने कई मरीज ठीक कर दिया रोज उनका
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अस्पताल भोग चलता है
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और तुम्हें भी बहुत जल्दी ठीक कर दें
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अब उस मित्र को और बुरा लगा तो का खाने को
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क्या बताया तो और ज्यादा नाराज हो गया 16
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पत्थर
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की तुलना चाहा वह बहुत हल्का भोजन होता
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आराम से बढ़ जाता है ठीक है अब और अंदाज
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उल्टा पड़ जाते एक आदमी के दांत में दर्द
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डॉक्टर के पास गया डॉक्टर साहब हमारे दांत
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में बहुत दर्द है निकाल लिया है
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कि डॉक्टर बोला 10 करने की व्यवस्था नहीं
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दांत दर्द होगा लेकिन सह हिम्मत नहीं है
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कि अब डॉक्टर बहुत सूचक इसको हिम्मत भी
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नहीं दांत निकलवाना
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नशा करते हैं कुछ पी लेते हैं
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कि डॉ भोला गलत चीज का संयोग से प्लांट
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नशे में निकाल ले अब को पिलाया दांत
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निकलवाने की हिम्मत ही उन्हें थोड़ी थोड़ी
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प्रॉब्लम है
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179 मां डॉक्टर निकाल तो दांत निकलवाने की
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हिम्मत है इतनी बड़ी-बड़ी आंखें कर खड़ा
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हो गया गुलाब देखें किसकी हिम्मत हमारे
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दांत में हाथ लगाता है आप ऑडियो
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का अंदाज़ उल्टे उपचार उल्टा पड़ जाते हुए
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यह होता है
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[संगीत]
00:10:52
अजय को