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हेलो दोस्तों आज हम पढ़ने वाले क्लास
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नाइंथ हिस्ट्री का चैप्टर नंबर सेकंड
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जिसका नाम है सोशलिज्म इन यूरोप एंड रशियन
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रिवॉल्यूशन दोस्तों ने पिछले चैप्टर पढ़ा
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था कि फ्रांस सोसायटी थ्री स्टेट्स में
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बटी हुई थी जिसमें आपने देखा था जो फर्स्ट
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व सेकेंड स्टेट के लोग थे वहीं फ्रांस की
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गवर्नमेंट को रंग कराते थे और उन्हीं के
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पास सोशल एंड इकोनॉमिकल पावर थी मतलब
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फ्रांस में ज्यादा की जो नार्मल लोग तो
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उनके ऊपर अत्त्याचार हो रहा था और यहां तक
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चक्कर कौन है जो फर्स्ट व सेकेंड स्टेट के
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लोग थे यानी कि चर्च और नॉयलटी होने के
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पास पावर थी और उन्हें के पास प्रॉपर्टी
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से अगर आप खुद ही सोचो कि इसके ऊपर
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अत्याचार हुआ वह क्या करेगा आवाज़ उठाएगा
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तो जो फ्रांस की नार्मल ओं थे यानी कि
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थर्ड स्टेट के लोग थे उन्होंने डिमांड की
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कि हमें कैसी सुसाइड चाहिए सब लोगों के
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पास एक क्वालिटी हो फ्रीडम हो और सांप के
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बीच में प्रॉपर्टी के लिए डिस्ट्रीब्यूटर
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और इसी डिमांड के चलते फ्रांस में इतना
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बड़ा रिवॉल्यूशन हुआ था अब दोस्तों जो यह
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रिवॉल्यूशन हुआ था फ्रांस के अंदर उसकी
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चर्चा पूरे यूरोप और एशियाई देशों में
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होने लगे लोग आपस में डिस्कस करने लगेगी
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कि समाज के लोगों फ्रीडम एंड इक्वलिटी
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जैसी भावना यहां सकते हैं तो हमने क्यों
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नहीं आ सकते तो यह जो फ्रीडम इक्वलिटी एंड
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फ्रेटरनिटी कि Idea थे फिर धीरे-धीरे पूरे
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यूरोप में फैलने लगी अब यूरोप के लोगों को
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लगने लगा था कि सोसायटी में चेंजेस दिलाना
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पॉसिबल है क्योंकि उन्हें आइडिया मिल चुका
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था फ्रांस रेवल्यूशन से लेकिन दूसरे यूरोप
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के अंदर चेंजेस हाय कैसे चलिए जानते हैं
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इस वीडियो में में
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[संगीत]
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है तो दोस्तों समय में यूरोप में अलग-अलग
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विचारधाराओं के लोग रहते थे जिनकी आइडिया
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से सोचने के तरीके अलग-अलग थे जैसे कि
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लिबरल्स रेडिकल्स और कंजरवेटिव पहले हम
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बात करते हैं लिबरल्स की तो लिबरल्स बोलो
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तेज समाज में बदलाव लाना चाहते थे वो
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चाहते थे कि सोसायटी में हरेक धर्म के लोग
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मिलजुल कर रहे हैं उनके ऊपर किसी प्रकार
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का कोई भी रिस्ट्रिक्शन ना हो वह नहीं
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चाहिए यदि कोई भी राजा डायनेस्टिक रूल
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उनके ऊपर रास करें वह चाहती थी गवर्नमेंट
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ऐसी हो जिससे लोगों के द्वारा चुना गया हो
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और गवर्नमेंट वह काम करें इसमें लोगों का
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भला हो पर एक चीज जो लिबरल्स नहीं चाहते
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थे वह नहीं चाहते कि हर कोई वोट डाल वह
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यदि केवल मैन वोट डालें और ऐसे मैन वोट
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डाले जिनके पास प्रॉपर्टी इसके अलावा किसी
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को भी वोट डालने का अधिकार न इनफील्ड
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वुमंस को भी वोट डालने का अधिकार न सेकंड
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रेडिकल्स रेडिकल वॉल्यूम तेज यह चाैधरी
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कंट्री के अंदर गवर्नमेंट वह लोग बनाए
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जिनके पास मेजॉरिटी पापुलेशन वह नहीं
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चाहती थी कुछ लोगों के पास प्रवेश मतलब
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विशेष अधिकार हो अगर प्रिविलेजेस हो तो सब
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समान लेकिन सारी की सारी संपत्ति किसी एक
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के पास ना लास्ट कंजर्वेटिव तो कंज़रवेटिव
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व्यक्ति साइड यह बदलाव तो चाह रहे थे
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लेकिन धीरे-धीरे से मदद चेंजेस तो यह
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विचार रहे थे मगर यह चार है थे कि चेंजेस
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आए तो धीरे-धीरे से एकदम से कोई चेंज नहीं
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है और दोस्तों जो यूरोप था वह एक ऐसे दौर
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से गुजर रहा था जब यूरोप के अंदर नए
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क्षितिज बन रही थी इंडस्ट्रीज सिप्ला पूरे
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थी रेलवे नेटवर्क एक्सप्लेंड हो रहा था और
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इन्ही सबसे यूरोप के न इंडस्ट्रियल
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रिवॉल्यूशन आफ ऐसे इस आईटी डेवलप्ड तो हो
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रही थी लेकिन इससे कई सारी समस्याएं यूरोप
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के अंदर आने लगे Industries की वजह से लोग
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फैक्ट्री में आकर काम करने लगे लोगों से
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काम ज्यादा कराया जाता था लेकिन उसके होने
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बहुत ही कम पैसे दिए जाते थे इसके अलावा
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लोगों को आवास एवं सेनिटेशन की भी
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प्रॉब्लम होने लगी अनइंप्लॉयमेंट भी बढ़ने
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लगा कि पापुलेशन ज्यादा थी लोगों के पास
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काम कम था तो जो लिबरल्स रेडिकल्स से
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उन्होंने सोचा कुछ ना कुछ तो करना पड़ेगा
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क्यों ऐसा लग रहा था कि बरगद के साथ गलत
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हो रहा है तो उन्होंने क्या किया कि आवाज़
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उठाना शुरू कर दिया किसके खिलाफ बैटरी जो
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नर थे मतलब ऐसे लोगों के खिलाफ आवाज़
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उठाना शुरू कर दिया जो केवल प्रॉफिट कमाना
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चाहते हैं उन लोगों की कोई परवाह नहीं और
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न्यू कंजर्वेटिव कहते हैं अब दोस्तों जो
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भरकर सेवन रिवर्स रेडिकल्स पसंद नहीं
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लगेगी क्योंकि वह वर्कर्स को सपोर्ट कर
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रहे थे लेकिन आप जो डिफ्रेंस और रेडिकल्स
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सोनू समझ में आ गया ताकि ऐसे तो काम नहीं
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चलने वाला है अब जरूरत है क्रांतिकारी
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बदलाव की तो जो यूरोप था उसमें अलग-अलग
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जगहों पर रिवॉल्यूशनरी एक्टिविटीज होने
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लगे जैसे कि फ्रांस इटली जर्मनी रसिया और
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रिवॉल्यूशनरी एक्टिविटीज कर कौन रहे थे
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पिंपल्स और रेडिकल्स से इनका एक ही
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उद्देश्य था कि यूरोप के अंदर से मुनार
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सिस्टम को खत्म कर दिया जाए क्योंकि वह
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नहीं चाहते थे कि किसी के पास पूरी पावर
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अब जो यूरोप था उसके अंदर नाइनटीन सेंचुरी
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के मिडल में जिससे रेंस का आइडिया तो वह
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धीरे-धीरे फैलने लगा लोग सो लेट्स की तरफ
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अट्रैक्ट होने लगे क्योंकि सोशलिज्म यह एक
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ऐसा तरीका तो इस आईडी को अच्छे से चलाया
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जा सकता था क्योंकि सूरज का अर्थ होता है
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समाज बात यानि कि ऐसी विचारधारा जिसमें
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समाज के अंदर हर एक नागरिक की बीच में
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क्वालिटीयों और जो प्रॉपर्टी अवलों
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क्वालिटी स्ट्रीट यूट्यूब और ना ही कोई
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इंडिविजुअल पर्सन पूरी प्रॉपर्टी को फोल्ड
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कर सकता था तो यह जो सोशल लेंस का आइडिया
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तक उन लोगों को बहुत पसंद आने लगा क्योंकि
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लोगों को लगने लगा था कि सोशलिज्म आएगा तो
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लोग सोसायटी के अंदर अच्छे से रह पाएंगे
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तो जो लोग स्विट्जरलैंड का आइडिया को फॉलो
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करते तो उन्हें सोशल लिस्ट कहते थे मदर
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सोशलिस्ट वो लोग थे जो सूजी की राह पर
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चलते थे अब जो सर्विस ट्रैवेल्स प्राइवेट
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प्रॉपर्टी के बिल्कुल खिलाफ थे उनका मानना
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यह ताकि सारी की सारी परेशानी की जड़ केवल
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प्राइवेट प्रॉपर्टी चाहिए ऐसा उनको इसलिए
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लगता था क्योंकि जो प्राइवेट प्रॉपर्टी
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वाले लोग होते हैं उनका केवल एक ही मकसद
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होता है जो कि प्रॉफिट कमाना विमेन
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वर्कर्स के बारे में बिल्कुल नहीं सोच से
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जिनकी वजह से वह प्रॉफिट कमा पा रहा है अब
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दोस्तों यहां तक आपने देखा कि इस फैसले से
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साफ वह धीरे-धीरे पूरे यूरोप में फैल रहा
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था अब 200 फेल तो रहा था लेकिन हादसों
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प्रॉब्लम यह थी कि आकर सोशलिस्ट सोसायटी
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शनि कैसे चाहिए तो इसके लिए कई सारे लोगों
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ने अलग-अलग का आइडिया शहर की ताकि सोशल
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सोसायटी फ्यूचर में अच्छे से चल सकी जैसे
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कि रोबोट वन तो यह जो सोशलिस्ट थी वह यह
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चाहते थे कि क्वीज ओं कोऑपरेटिव कमोडिटी
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बनाई जाए मतलब लोगों के बीच में आंसुओं
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सीजन बना रही जाएं जिससे क्या होगा कि लोग
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साथ में काम करेंगे और जो भी प्रॉफिट
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निकलेगा उसे आपस में बांट लिया करें ऐसे
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यह कोर्स आफ हिस्ट्री जिनका नाम पर लुइस
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ब्लैक वो भी कोआपरेटिव कम्युनिटी बनाना
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चाहते थे पर वह चार थे गवर्नमेंट इनक्रीस
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करें लोगों को कोऑपरेटिव कमेटी बनाने के
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लिए जैसे कैपिटल लिस्ट को हटाया जा सके
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मतलब ऐसे लोगों को हटाया जा सके जिनकी पास
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प्राइवेट प्रॉपर्टी हो इन दोनों के अलावा
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दो और सुंदर रिश्ते चिरौंजी बहुत कुछ
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बताया था कि सोशल सोसायटी कैसे चलना चाहिए
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उनका नाम तो कार्ल मार्क्स और फ्रेडरिक
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एंगल अब दोस्तों 1972 तब जूस ऐड का आइडिया
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था वह पूरी तरीके से पॉपुलर हो चुका था
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यूरोप के अंदर जितने भी सोशलिस्ट यूरोप के
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अंदर उन्होंने क्या किया कि इंटरनेशनल
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बॉडी बनाई जिसका नाम था सेकेंड इंटरनेशनल
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तो यह जो इंटरनेशनल बॉडी थी वह ोरसेल्वेस
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को सपोर्ट करते थे ऐसे ही कई हिस्सों के
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अंदर एसोसिएशन बनने लगे पार्टीज बनने लगी
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जैसे कि जर्मनी में पार्टी बनी जिसका नाम
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तो सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी सेलिब्रिटी
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बॉडी बनी जिसका नाम था लेबर पार्टी और इन
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सबके अलावा फ्रांस में पार्टी बनी जिसका
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नाम तो शेयर इस पार्टी तो इस तरीके से
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पार्टी पूरी यूरोप पर बनने लगी और यह वही
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पार्टी से जो सोशल इसको फॉलो करती थी पर
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दोस्तों हैरानी की बात तो यह है कि इतनी
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पार्ट इस फैसलें इसकी पर इसके बावजूद भी
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किसी भी कंट्री कैन अलसो स्टेट्स
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गवर्नमेंट नहीं बनी लेकिन यह कंट्री थी
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जिसके अंदर सोशलिस्ट गवर्नमेंट बनी वह
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कंट्री थी रसिया तो अगर हमें जानना है
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रसिया के अंदर सोल्जर्स गवर्नमेंट कैसे
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बनी थी कैसे रिवॉल्यूशन हुआ था और कैसे
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मोना जी गवर्नमेंट को हटाया गया था तो
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इसके लिए में जाना पड़ेगा 980 तो चलिए
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चलते हैं रशिया ने अंपायर इन 1948 अब
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दोस्तों ऑफिस मैप को देखो यहां पर जो
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हाइलाइटेड पोषण व है रशियन एंपायर मतलब
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देख रहा हूं कितना बड़ा साम्राज्य था और
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इतने बड़े साम्राज्य पर राज करता था कि
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राजा जिसका नाम था जार निकोलस सेकंड अब
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दोस्तों जो रसिया एंपायर था उसमें अलग-अलग
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धर्म के लोग रहते थे जैसे कि प्रोटेस्ट
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एंड मुस्लिम्स बोधक है तो लैक्स पर सबसे
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ज्यादा कि एक ही धर्म को मानते थे वह
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रशियन ऑर्थोडॉक्स क्रिश्चियनिटी रसिया व
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सबसे ज्यादा लोग एग्रीकल्चर पर डिपेंड थे
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करीब एटी फाइव पर सेंट पापुलेशन
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एग्रीकल्चर सेक्टर में काम करती थी रशिया
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एंड वैस्टीज बहुत कम थी चाहते इंडस्ट्री
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दो ही जगह ऊपर थी पहली जगह थी पीटर्सबर्ग
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और दूसरी जगह थी मॉस्को मतलब इतने बड़े
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रशियन एवं पावर में केवल दो ही जगह थी
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जहां पर इंडस्ट्रियल भर होता था धीरे-धीरे
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समय निकलता गया और 10 में रशिया के अंदर
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रेलवे नेटवर्क एक्सप्लेंड हुआ कई सारी
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नए-नए Industries बनने लगे प्रोडक्शन
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बढ़ने लगा कई सारे वर्कर्स फैक्टरीज में
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अगर काम करने लगे 1948 में फैक्ट्री के
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अंदर थर्टी वन परसेंट फीमेल काम करती थी
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पर उनको जो पैसे मिलते थे वह मेल के
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कंपैरीजन में काफी कम मिलते थे पर जो
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वर्कर्स से रसिया के वह दूसरे से काफी अलग
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थे सारे के सारे वर्कर से एक दूसरे को
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सपोर्ट करते अगर किसी वर्कर्स को परेशानी
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होती थी तो सब मिलकर स्ट्राइकर थे यहां पर
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अपना काम बंद कर देते थे तो दोस्तों यहां
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पर हमने देखा कि वे सेंसटिविटीज के अंदर
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कैसी थी अब बात करते हैं कि रशियन सोसायटी
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एंड रूरल यह सब गांव के सुसाइड कैसे थी
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तरह से यह जितने भी कंट्रीसाइड रूरल
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एरियाज थे वहां पर ज्यादातर लोग खेती करते
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थे मतलब किसान थे लेकिन इनके पास काफी कम
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जमीन होती थी और कइयों के पास जमीन होती
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नहीं क्योंकि चौथा जमीन तो नोबिलिटी और
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चर्च ने hold करके रखी थी इसलिए किसानों
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को मजबूरी बस इनके खेतों में जाकर काम
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करना पड़ता था किसानों को सबसे ज्यादा
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नफरत नोवेल्टी से थी क्योंकि किसानों का
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मानना यह था कि जमीनो लेकिन hold करके
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रखिए उसके असली उधर किसान है अब दोस्तों
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जो रसिया के किसान थे वहां की ओर ओपन
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किसानों से अलग थे अब आप लकी होते हैं
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क्योंकि जो भी फसल उगाते उसे मिल-जूल
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करवाते थे पहले फसलों के घटना कर लेते थे
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बाद में जो भी प्रोडक्शन निकालता था उसे
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आपस में जरूरतों के हिसाब से बार्टलेट अब
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दूसरा जो रसिया था उसमें क्या होता है कि
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1948 से पहले जितनी ही पॉलीटिकल पार्टी थी
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रसिया के अंदर उनको इलीगल माना जाता था
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मतलब बाबा पार्टी बनाने का कोई अधिकारी
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नहीं था लेकिन उसके बावजूद भी आठवें ओं
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इलीगल पार्टी बनाई गई जिसका नाम था रसिया
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सोशल डेमोक्रैटिक वर्कर्स क्वांटिटी नाम
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से पता चल रहा है कि वर्कर्स के लिए बनाए
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गए थे इनका काम जनरली अर्बन एरिया में था
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मतलब ही शहरों में ज्यादा एक्टिव रहती थी
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2 साल बाद एक और पार्टी बनाई है जिसका नाम
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था उस रिस्ट रेवल्यूशनरी पार्ट यह जो
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पार्टी वह किसानों के द्वारा बनाई गई थी
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लेकिन किसानों को पार्टी का जरूरत थी
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जरूरत है क्योंकि यह तो उन्हें अपनी जमीन
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बाबू से यह जो नोवेल्टी ने फोल्ड करके रखी
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थी दूसरा लीजिए ताकि उनको रसिया में
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नैचुरल सोशलिस्ट कहते थे मतलब लोगों को
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लगता था कि किसान और पहली सर्विस की खूबी
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है इसलिए किसानों को लगा कि हमें पार्टी
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बना लेनी चाहिए तो दोस्तों यह दो पार्टी
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थी जो कि रसिया के अंदर बनी थी पहली बहुत
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ही जो भरकर इसके लिए बनी थी दूसरी बहुत ही
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जो किसानों ने बनाई थी पहली बहुत ही जो
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अर्बन एरिया में काम कर दी थी दूसरी वह जो
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रूरल एरिया में काम करती थी लेकिन दोनों
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ही पार्टी इलीगल थी क्योंकि दोनों कोई
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अधिकार नहीं था पार्टी बनाने का अब उसे
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ज़ोर में क्या हुआ कि जो रशियन सोशल
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डेमोक्रैटिक वर्कर्स पार्टी थी वह दो
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ग्रुप में बांटी गई पहला गुप्ता पुलिस
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अधीक्षक का और दूसरा ग्रुप का मेन से अधिक
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का बोल सभी का जो है वह रेडी मारलैंड और
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मेन सभी का जो है तो होता जुले स्मार्टवॉच
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से वे चाहते थे कि हमारी पार्टी डिसीप्ल
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एंड हो मतलब वो नहीं चाहिए यदि कोई भी
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मेंबर हमारी पार्टी को ज्वाइन कर केवल
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क्वालिटी आफ मेंबर्स जॉइन कर सकते हैं
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इससे वे चाहते थे कि पार्टी सबके लिए ओपन
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होने चाहिए कोई भी पार्टी में शामिल हो
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सकता और दूसरी ओर आ जाता यूरोप का जार
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निकोलस सेकेंड उसके पास ही पूरी पावर थी
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रसिया के अंदर कोई भी पार्लिमेंट नहीं बनी
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थी जो भी डिसीजन लेता था वह जार निकोलस
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सेकंडरी लेता था वैसे और जापान के बीच में
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लड़ाई चल रही थी यानी कि वॉर चल रहा था
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क्योंकि दोनों को कोरी और मंचूरियन चाहिए
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थे अब दूसरे रसिया था वह जापान से कई बार
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हार चुका था लेकिन वहां का जो राजा था जार
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निकोलस सेकंड वह हार मानने के लिए तैयार
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ही नहीं था इतनी बार हार मानने के बावजूद
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भी उसने फिर से युद्ध किया लेकिन वह फिर
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हार गया अब जरा खुद ही सोचो अगर कोई
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कंट्री लगातार गौर करेगी और लगातार हारती
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जाएगी तो कंट्री पर और उसकी फॉलो बैक क्या
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फर्क पड़ेगा और वैसी बात यार बहुत बुरा
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फर्क पड़ेगा तो व के चलते रसिया में
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प्राइस बढ़ने लगे वर्कर्स को रहने और खाने
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में प्रॉब्लम होने लगी वर्कर्स डिमांड
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क्वार्टर कंडिशंस की स्ट्राइक करने लगे
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एसोसिएशन बनाने लगे और उसे एक बार तो क्या
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हुआ कि कुछ वर्कर्स का ग्रुप जिसे फादर
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गिव अप ऑल लीड कर रहे थे विंटर पैलेस के
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सामने गए और राजा के खिलाफ आवाज उठाने पर
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जोर राजा था उसी पसंद नहीं आया उसने पुलिस
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को ओपन फायर का आर्डर दे दिया जिससे लिबास
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वर्कर्स मारे गए और करीब 300 वर्कर्स
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घायलों को ऐसे इंसिडेंट को ब्लडी सन्डे
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कहते हैं इस घटना के बाद कई लोगों के अंदर
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रिवॉल्यूशन की भावना और भड़क गए जगह-जगह
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पर स्ट्राइकर प्रोटेस्ट होने लगे कई सारे
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भरकर डॉक्टर इंजीनियर लॉयर इस तरीके से कई
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सारे लोगों ने अपने जूनियर बनाना शुरू कर
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दिया और सब लोग यहीं डिमांड करने लगे हैं
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कि हमें कर स्टूडेंट असेंबली चाहिए अब जो
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रहा जाता रसिया का प्रेशर में आ गया
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क्योंकि जार को लगने लगा था कि लोग
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कंट्रोल से बाहर होते जा रहे हैं यार नहीं
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चाहता था कि उसकी पावर धीरे-धीरे खत्म
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होती जा लेकिन फिर भी उसने लोगों के
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प्रेशर में आकर अलाव कर दिया रिलेटिव
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पार्ले वेस्ट बनाने का जिसे ड्रामा बोलते
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हैं लेकिन राजा ने पहले ही ड्रामा को
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सेवेंटी फाइव डेज के अंदर ही डिसमिस कर
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दिया पर 3 महीने बाद फिर से ड्रामा बनाए
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ऑफिस जाने की सेकंड उमा लेकिन राजा ने उसे
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भी डिसमिस कर दिय क्योंकि राजा नहीं चाहता
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था कि उसकी पावर कम होकर किसी और के पास
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से ली है और कुछ समय बाद राजा ने तीसरी
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देवबंद अब की बार राजा ने क्या किया कि
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Bigg Boss में चेंजेस करती है और ऐसे
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लोगों को ड्यूमा में रखा गया क्यों राधा
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के सपोर्टर थे और जिन्हें कोई मतलब नहीं
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था कि साइड में चल क्या रहा है जैसे ही
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कंज़रवेटिव और लिबरल और रिवॉल्यूशनरी थे
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उनको ड्रामा से बाहर करके द फर्स्ट वर्ल्ड
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वॉर 1950 में यूरोप के अंदर कई देशों के
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बीच में लड़ाई शुरू हो गए एक तरफ से
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जर्मनी तरकीब ऑस्ट्रिया और दूसरी तरफ
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फ्रांस ब्रिटेन और रशिया क्योंकि इन देशों
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की कॉलोनी पूरे वर्ल्ड में थी इसलिए इसको
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वर्ल्ड वर कहां गया पहले तो रसिया के
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लोगों ने 1000 को बहुत सपोर्ट किया इतना
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सपोर्ट किया के लोगों ने सेंट पीटर्सबर्ग
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का नाम बदलकर पेट्रो ग्रैंड कर दिया क्यों
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कर दिया क्योंकि वह इस जर्मन नेम था और
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जर्मनी से वॉर चल रहा था वह जर्मनी से
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लोगों को स्त्री नफरत थी लेकिन जैसे जैसे
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समय निकलता गया वॉर बढ़ता गया लोगों का
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राज पर से भरोसा उठने लगा और जनता ने
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धीरे-धीरे करके राजा को सपोर्ट करना बंद
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कि आप सपोर्ट करना क्यों बंद कर दिया था
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इसके तीन कारण थे पहला कारण यह ताकि पैक
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तो राजा ने ड्रामा की पॉलीटिकल पार्टीज के
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साथ कंसल्ट करना बंद कर दिया था जिससे जो
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कंजर्वेटिव लोग थे वह भी राजा के खिलाफ हो
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गए दूसरा रीजन जाए ताकि जो यह आप पिक्चर
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देख रहे हो वह राजपूत एक यह जो था वह राजा
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का एडवाइजर था मतलब राजा को एडवांस देने
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का काम करता था लेकिन रसिया के लोग राजपूत
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इनको पसंद नहीं करते क्यों पसंद नहीं करते
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थे क्योंकि लोगों को लगता था कि राजपूत इन
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पुअर एडवाइजर लेकिन जोहरा सा था वो केवल
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राजपूत दिन की बात सुनता था इधर यह ताकि
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जो राजनीति रसिया की पुलिस जर्मनी की रहने
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वाली थी तो लोगों के दिमाग में यह चल रहा
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था कि अगर रानी जर्मनी की है तो राधा
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जर्मनी से कैसे लड़ सकता है तो यह कुछ
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कारण थे जिनकी वजह से जनता ने राजा को
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सपोर्ट करना कम कर दिया था 1947 1962 जो
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रशियन आर्मी ठीक बहुत ही बुरी तरीके से आ
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चुकी थी जर्मन ऑस्ट्रियन आर्मी से 1972 तक
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आते-आते प्लग और साथ में लिए लोग मारे गए
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थे इस बार की वजह से और तीन मिलियन लोग
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पास रहने के लिए घर नहीं खैर अब इसको हो
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गई थी बिल्डिंग डिस्ट्रॉय हो गई थी रेलवे
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लाइन टूट गई थी और इस वार का काफी बुरा
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असर इंडस्ट्रीज पर भी पड़ा क्योंकि
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ज्यादातर वर्कर्स को ओवन में लड़ाई करने
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के लिए बुला लिया था जिसकी वजह से गुड की
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सप्लाई रुक गई थी और कई सारी फैक्ट्री बंद
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हो गई और इन सब के अलावा लोगों के बीच फूट
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सी भी कमी होने लगी थी क्योंकि ज्यादातर
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फूड आर्मी के लिए चला जाता था मतलब अ
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फर्स्ट के कारण लोग और बहुत बुरा असर पड़ा
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था अब दोस्तों यह स्याही कैपिटल थी
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पेट्रोग्राड उसकी भी से ने व नदी बहती
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निबंध गिर राइट की तरफ गरीब लोग रहते थे
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जैसे कि वर्कर्स और उनकी फैक्ट्री भी
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लोकेटेड थी नेवा नदी की लहरों की तरह
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फैशनेबल एरिया से जैसे कि विंटर्स पैलेस
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और कई सारी गवर्नमेंट बिल्डिंग्स भी
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लोकेटर थी इन सबके अलावा ड्रामा भी यहीं
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पर लोकेटेड थी अब 200 1971 के फेवरेट टाइम
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में पेट्रोल रेट में बहुत ही जोरों से
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सर्दी पड़ रही थी बाकी जो वायरस से उनको
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खाने की कमी होने लगी ऊपर से गवर्नमेंट ने
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बांस बरेली को फैक्ट्री को भी बंद करवा दी
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इससे गुस्साए कर 50 फैक्ट्री वर्कर्स
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लेफ्ट बैंक से राइट बैंक की ओर चले गए और
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नववर्ष की प्रोस्पेक्ट जो कि यह थी वहां
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पर जाकर प्रोटेस्ट करने लगे पैसे डेकर
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गवर्नमेंट ने कर्फ्यू लगा दिया जिससे
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मजबूर होकर वर्कर्स को वापस जाना पड़ा
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लेकिन बरकत यदि जल्दी हार मानने वाले
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थोड़ी ना दें 24255 रेड्डी को फिर वापस गए
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और पर टेंस करने लगे तो राजा ने क्या-क्या
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उन पर नजर रखने के लिए क्या बोल दी और
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पुलिस को आदेश दे दिया तो राजधानी
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क्वांटिटी फैब्रिक को डूबा कोई सस्पेंड कर
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दिया जिससे दुनिया के जो बॉडीज इन थे वह
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भी राजा के खिलाफ जाकर खड़े हो गए और सबने
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मिलकर पुलिस हेडक्वॉर्टर में तोड़फोड़ मचा
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दी बहुत सारे लोग सड़कों पर आ गए और राजा
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के खिलाफ प्रोटेस्ट करने लगे राजा ने यह
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सब देखकर केवल्री को बुलाया और फायर करने
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का आर्डर दे दिया बट केवल दिन उन पर फायर
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करने से मना कर दिया अब दोस्तों जो
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सोल्जर्स से वह भी राजा से परेशान हो गए
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थे और जो वर्कर्स से वह पहले से ही परेशान
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थे पर बढ़कर सोल्जर आप उस मिल गए और एक नई
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कंसल बनाए जिसका नाम पेट्रोल रेट सोवियत
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रखा गया अगले दिन राजा से मिलने कुछ
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मिलिट्री ऑफिसर साए उन्होंने राज्यों को
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एडवाइजरी कि आप अपने पथ से रिजाइन दे दो
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तो राधा ने उनकी बात मान ली और फाइनली
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सेकंड मा 1971 को राजा ने रिजाइन दे दिया
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अब दोस्तों जो पेट्रोल रेट सोवियत थे
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उन्होंने ड्रामा के साथ मिलकर इन्हें
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गवर्नमेंट बनाई जिसको प्रोविजनल गवर्नमेंट
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बोला गया तो यह जो प्रोविजनल गवर्नमेंट थी
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वाइफ कंट्री को रन कर रही थी इसी बीच
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एंट्री होते बोल सभी के लीडर लेडी सामान
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लेने की तो अब प्लानिंग क्या करता है कि
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गवर्नमेंट से थ्री डिमांड करता है अब इतना
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बड़ा रिवॉल्यूशनरी था ऐड डिमांड तो कर ही
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सकता था तो लाइन की फर्स्ट मानती कि व को
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खत्म कर दिया जाए सेकंड डिमांड थी जो जमीन
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है उसे किसानों को दी जाए और थर्ड डिमांड
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थी कि बैंगन को नेशनलाइज कर दिया था और
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एनी थ्री डिमांड्स को अप्रैल थीसिस भी
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बोला जाता है उसने यह भी बोला था कि आप
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हमें भूल से भी पार्टी का नाम बदलकर
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कम्युनिस्ट पार्टी कर देना चाहिए अब
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दोस्तों जो लेनिन था उसको लग रहा था कि
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आने वाले समय वर्कर्स के लिए प्रोविजनल
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गवर्नमेंट प्रॉब्लम खड़ी करेगी ऐसा इसको
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क्यों लग रहा था क्योंकि प्रोविजनल
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गवर्नमेंट के अंदर ज्यादातर वह लीडर बनी
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है थे जो पहले से लैंडलॉर्ड थे बिजनेस मैन
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तो जो आर्मी ऑफिसर से और दोस्तों आपको तो
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पता है कि अमीर लोगों से वर्कर्स की कितने
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भिलाई चलती थी तो धीरे-धीरे वर्कर्स
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मूवमेंट फैलने लगा फैक्ट्रीज कमेटी बनने
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लगी ट्रेड यूनियन बढ़ने लगे आर्मी सोल्जर
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कॉमेडी बनने लगे इन सब चीजों को देखकर
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प्रोविजनल गवर्नमेंट को लगा कि उनकी पावर
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कम हो रही है और जो भूल सेबी की पॉवर है
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वह बढ़ती जा रही है तो उन्होंने सोचा कुछ
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ना कुछ तो करना पड़े तो जो प्रोविजनल
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गवर्नमेंट थी उसने बहुत बुरे स्टेप लेना
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शुरू कर दिया जैसे कि जो लीटर उनके खिलाफ
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प्रोटेस्ट करते थे या फिर आवाज़ उठाते थे
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उन्हें जेल में डाल दिया जाता था इससे जो
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वर्कर्स से और भी कई सारे लोग हैं उनको यह
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गवर्नमेंट सीरियस बुरी लगने लगी और धीरे
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धीरे पुलिस अधीक्षक प्रोविजनल गवर्नमेंट
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के बीच में लड़ाई भी पड़ने लगे तो जो लाइन
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था उसने गवर्नमेंट के खिलाफ विद्रोह करने
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का फैसला लिया जितने भी सपोर्ट कते बोल
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सभी पार्टी के चाहे वह आर्मी के हो चाहे
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वह सोवियत सौंठ और चाहे वह फैक्ट्री
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वर्कर्स और सोलह अक्टूबर 2017 को लेने
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पैरट सोवियत को भी कन्वेंस कर ली और शोभित
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के साथ मिलकर एक मिलिट्री रिवॉल्यूशनरी
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कमेटी बनाई जिसका है लियोन ट्रस्ट को
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अपॉइंट किया गया अब सभी लोग तैयार हो चुके
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थे अपराइजिंग करने के लिए मतलब विद्रोह
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करने किसके खिलाफ प्रोविजनल गवर्नमेंट के
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खिलाफ और लेने किसी को नहीं बताया था कि
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कब विद्रोह करने वाले बट फाइनली 24
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अक्टूबर को मुझे अपने रिवॉर्ड करें दिया
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ऐसे देखा जो प्राइम मिनिस्टर तक रेंस कि
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उसने क्या किया कि सेना को आदेश दे दिया
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तो चेहरा नहीं क्या-क्या केवल सब की दो
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न्यूज़पेपर बिल्डिंग को सीज कर दिया पर
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बोल से अधिक या कम थे बुल सविनय प्रोविजनल
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गवर्नमेंट मिनिस्टर्स और गवर्नमेंट ऑफिसर
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कोई पकड़ लिया यानी कि अ अरेस्ट कर लिया
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और जो लड़ाई चल रही थी प्रोविजनल
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गवर्नमेंट और बोल सभी के बीच में उन्हें
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जीता कौन ऑफ श्री गुरु साहिब जी था अब
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जैसे भूल साबित जीता तो लेने के पास पावर
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आ गई तो लेने क्या-क्या बैंक को ने स्लाइस
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कर दिया फ्रेंड्स को भी नेचरलाइज कर दिया
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और दोस्तों आपको तो पता ही है कि एंड
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प्राइवेट प्रॉपर्टी के बिल्कुल अगेंस्ट था
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इसलिए उसने लेंस को सोशल प्रॉपर्टी क्लियर
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कर दीजिए और जो पिज़्ज़ा एंड थे पल्स आफ
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मते उनको अल्लाह वर्गीय नोवेल्टी की जमीन
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छीनने के लिए उन्होंने आर्मी की यूनिफार्म
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भी बदलवा दिया आफ क्लॉथिंग कंपटीशन जिसमें
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एक हैड को सिलेक्ट किया गया जैसे सोवियत
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हट बोलते हैं और इतने दिनों से जो पार्टी
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का नाम भूल से वृक्ष चला आ रहा था आज से
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बदलकर रशियन कमुनिस्ट पार्टी कर देते हैं
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अब दोस्तों नवंबर 2017 में क्या हुआ कि
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प्लानेट अपने इलेक्शन करवाया
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कांस्टीट्यूएंट असेंबली के लिए अब प्लेन
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को लग रहा था कि हम तो जीत ही जाएंगे
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क्योंकि हमने प्रोविजनल गवर्नमेंट को
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हराया है और हमने देश के लिए बहुत कुछ
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किया है तो बस आपको लग रहा था कि हम
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छोड़ना सकते हैं पर होता है ऐसा है बूंद
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शहद पार्टी इलेक्शन जीत ही नहीं पाती इस
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Vaseline को गुस्सा आ जाता है तो वह क्या
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करता है कि पूरी असेंबली कोई डिश कर देता
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है और लोगों से कहते है कि आपको इलेक्शन
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नहीं होंगे अब जो भी गवर्नमेंट बनेगी वह
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मैं ही बनाऊंगा और उसे लेने जर्मनी से हाथ
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और मिला लिया और आपको तो पता है कि जर्मनी
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क्रश है कि इतनी बड़ी दुश्मनी वर्ल्ड वॉर
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फर्स्ट में इन सबके अलावा लोगों के पास
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फंडामेंटल राइट्स भी नहीं बचे थे लोगों के
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पास फ्रीडम भी नहीं बची थी अब जो रसिया था
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वह बन पार्टी स्टेट बंद हुआ था लंदन एक
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सीक्रेट पुलिस लोगों के बीच में तैनात कर
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दी थी जिसका कम यह था कि जो भी आवाज उठाता
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था वह से ही पुलिस पनिश कर्ति थी तो
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दोस्तों जो लोग लेने के बारे में अच्छा
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कहते थे वह सारे लोग दुखी हो जाते हैं
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क्योंकि लोगों ने लेने से यह सब एक्सपेक्ट
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नहीं किया था लोग इतने परेशान हो जाते हैं
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कि पिंपल्स और की नौबत आ जाती है अब
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दोस्तों कई सारे लोग रसिया के अंदर सिब्बल
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और करने वाले थे अब सेवक इनकी बीच में
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होने वाला था तो सिब्बल व चैनल भी तीन तरह
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के लोगों के साथ होने वाला था पहले थे रेड
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दूसरे थे ग्रीन और तीसरे थे व्हाइट ब्रेड
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वो लोग थे जो लेने के सपोर्टर थे यानी कि
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जो बुझाए विकंलाग थे ग्रीन वह व्यक्ति जो
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कि प्रेजेंट थे यानी कि किसान थे और वाइट
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होते जो राजा के सपोर्टर थे जो राधा को आज
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भी याद करते थे यानी कि जो और टो क्रश को
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पसंद करते थे अब सिब्बल व स्टार्ट हुआ और
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इन टीमों के बीच बहुत ही बुरी तरीके से
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शुरू हुआ चल रहा था क्योंकि तीनों
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एक-दूसरे को पसंद नहीं करते थे अब दोस्तों
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जो ग्रीन और वाइट लोग थे उन्हें बाहर की
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कंट्री भी सपोर्ट कर रहे थे क्यों कर रही
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थी क्योंकि वह नहीं चाहते थे कि रसिया के
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अंदर सोशलिज्म पहले क्योंकि उन्हें डर था
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कि आंसू सलेंद्र रसिया के अंदर फैलेगा तो
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कल के दिन उनकी कंट्री के अंदर भी
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सोशलिज्म की डिमांड सकती है इसलिए
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उन्होंने बोल सभी को सपोर्ट ना करके
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ग्रींस और वाइट को सपोर्ट किया लेकिन
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अफसोस इतनी कोशिश करने के बाद भी रीनर
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वाइट हार जाते और भूल साबित फिर आ जाते
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हैं यानि की जीत होती रेड्डी की और धीरे
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धीरे जनवरी 1922 तक सारी पावरफुल सेबी के
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पास वापस आ जाती है अब पानी लिए बबूल सभी
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को लगा कि जिन बांधों करके हम लोग जीते थे
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उन वादों को पूरा कर देना चाहिए इसके लिए
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उन्होंने फाइव एयरप्लेन बनाना शुरू कर
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दिया मतलब कितना डेवलपमेंट करें फिर पांच
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साल के अंदर तो पहले 25 सालों के लिए
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गवर्नमेंट ने क्या किया कि सारी चीजों के
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प्राइज फिट कर दिए जिससे कंट्री का
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इंडस्ट्रियल ग्रोथ को बढ़ाया जा सके और
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ऐसा हुआ भी कंट्री के अंदर इंडस्ट्रियल
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प्रोडक्शन बढ़ने लगा नैनी सिटीज डिवेलप
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होने लगी साथ में Industries डिवेलप होने
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लगी इन सबके अलावा स्कूलिंग सिस्टम भी
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डेवलप होने लगा लोगों के लिए हे स्प्रेड
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इंप्रूव होने लगे तो यह जो सेंट्रलाइज्ड
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प्लैनिंग कर रहे थे उन्हें बैकलॉग उसकी
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वजह से राज्य की को मुश्किल ग्रुप तो काफी
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इंप्रूव हो रही थी सब कुछ सही चल रहा था
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लेकिन ऐसी हो जाती है लेकिन की डेट पर
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लेने की डेथ के बाद एक नया लीडर बनता है
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जिसका नाम था स्टैलिन 90278 तक आते-आते
00:22:22
ग्रींस ही काफी ज्यादा कम होने लगती है
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रसिया के अंदर गवर्नमेंट जितने भी फूड तो
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उनकी प्राइस फिट कर दी अब दूसरा प्राइस
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फिक्स कर दी थी इसलिए पीछे ग्रीन बेचना
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बंद कर दिया अब तुझे स्टैलिन था उसने
00:22:35
चाहिए कि एमरजेंसी लगा था क्योंकि स्टेलन
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को लग रहा था कि जो अमीर फार्मर है
00:22:39
उन्होंने ग्रीन को छुपा कर अपने पास रखा
00:22:41
है क्योंकि वह चाहती थी कि जब प्राइस
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बढ़ेगा तब ड्रेस को बेचकर में ज्यादा पैसे
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कमा सकेंगे पर योर टैलेंट था उसने ग्रीन
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देना कंपलसरी कर दिया था मतलब लोगों ग्रीन
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भी नहीं देना था अगर उनके पास ग्रींस है
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तो उनको ड्रेस देने ही पड़ेंगे उन्होंने
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कंपलसरी कर दिया था स्टालिन ने 1928
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मिस्टर लिए पार्टी मेंबर्स ने घूमना शुरू
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कर दिया और जहां कहीं से भी उन्हें ग्रीन
00:23:01
मिल सकता था वहां से ग्रीन जबरदस्ती
00:23:04
कलेक्ट कर लेते थे इनके अलावा जो अमीर
00:23:06
फेमस दे उन्हें कुल अब बोलते थे उन पर रीड
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करना शुरू कर दिया था इतना सब कुछ करने के
00:23:11
बावजूद भी ग्रेंस की शार्टेज थी तो इसके
00:23:13
लिए इस ट्रेनिंग प्रोग्राम लॉन्च किया
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जिसका नाम था कलेक्टिवाइजेशन प्रोग्राम
00:23:17
जिसमें लोगों की जमीन को इकट्ठा किया जाता
00:23:19
था ताकि मोड व मशीनरी का इस्तेमाल करके
00:23:22
ज्यादा प्रोडक्शन निकाला जा सके फिर बाद
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में जो भी प्रोटेक्शन निकलता था उसे बांट
00:23:26
दिया जाता था तुझे रिनता उसने सारे
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किसानों कलेक्टिव फार्मिंग करना कंपलसरी
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कर दिया था मतलब उनको फोर्स कर रहा था
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टेलिंग कलेक्टिव फार्मिंग करने के लिए जब
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किसानों ने उसकी बात नहीं मानी तो इसने
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क्या-क्या के लोगों को जेल में डालना शुरू
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कर दिया इस बात से पीछे गुस्सा हो गए और
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उन्होंने प्रोटेक्ट के लिए अपने लाइव
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स्टॉक में विश्वास करती है लेकिन इतना सब
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कुछ होने के बावजूद भी कंट्री के अंदर
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ग्रीन की प्रोडक्शन नहीं बढ़ रही Note 3
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से 9033 तक आते-आते लगभग चार मिलियन लोग
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मर गए थे इस भूखमरी से और जो पहले ही खुद
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की पार्टी के लोग थे जो 20 टेलिगू
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क्रिटिसाइज करने लगे तो स्टेन क्या-क्या
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कि जो भी उसके खिलाफ होता था उसके ऊपर
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सेलेक्शन किया गेस्ट्स प्रेषित करने के
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चार्ज लगा दिए जाते थे उसे जेल में या फिर
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ले व कैंट में भेज दिया जाता था ऐसे करके
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9039 तक दो मिलियन लोगों को जेल में ले व
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कैंट में भेज दिया था ग्लोबल इनफ्लुएंस ऑफ
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द रशियन रिवॉल्यूशन एंड द यूएसएसआर 200
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रशियन रिवॉल्यूशन की वजह से काफी सारे
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कंट्रीज के अंदर कमुनिस्ट पार्टी बंदे रखी
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बोल सहवाग ने भी काफी चयन करें इस किया था
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लोगों को जिससे जो सर्विस पूरे तरफ फैल
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सके बोल सेवक ने कांफ्रेंस ऑफ द पीपल ऑफ द
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ईस्ट रखी जिसे रसिया के अलावा कई देशों के
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लोग भी पार्टिसिपेट कर सकें बोल सेवक ने
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कॉइन टमी बनाया जिसमें शिवलिंग को और भी
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ज्यादा अभियुक्त बनाया जा सके और न
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इंटरनेशनल लेवल और यूनिवर्सिटीज को भी
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खोला गया जिसमें लोगों को सोच रेस के बारे
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में सिखाया जा सकें पर रशिया के बारे में
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अलग-अलग कंट्रीस के अलग-अलग भी उससे और
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दोस्तों जब वर्ल्ड वॉर सेकंड आया था
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सोशलिज्म और भी ज्यादा पॉपुलर हुआ पूरे
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वर्ल्ड में इंस्पेक्टर इंडिया में भी काफी
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सारे लोग प्रशांत भूषण से इंस्पायर हुए थे
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जैसे जवाहर लाल नेहरू और रवीना टैगोर पर
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यह पूरी तरीके से की सोशलिस्ट कंट्री नहीं
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बन पाया था और नए लोगों को एंड रियल
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फ्रीडम मिल पाई थी बट जो इस Vaseline का
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आइडिया तो उसे पूरे वर्ल्ड वाइड पॉपुलर
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डिमिंग चुके थे और रिस्पेक्ट मिल चुकी थी
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आफ्टर रशियन प्रेसिडेंट आई हॉप आपको यह
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