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बिस्मिल्लाह रहमान रहीम अस्सलाम वालेकुम
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आज के लेक्चर में हम लोग डिस्कस करने जा
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रहे हैं बेसिक्स ऑफ अकाउंटिंग इससे
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प्रीवियस लेक्चर में हम लोगों ने बेसिकली
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ऑर्गेनाइजेशन को अंडरस्टैंड किया था हम
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लोगों ने बिजनेस के स्ट्रक्चर को देखा था
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कि कोई भी ऑर्गेनाइजेशन किस किस्म का
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बिजनेस कर सकती है किस फॉर्म में बिजनेस
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को किया जा सकता है यह सारी डिटेल्स देखने
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के बाद आज हम लोग उस बिजनेस ऑर्गेनाइजेशन
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की अकाउंटिंग करने के लिए आए हैं हम लोग
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ने बेसिकली नॉन बिजनेस ऑर्गेनाइजेशन की भी
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अकाउंटिंग करनी है लेकिन वो हम लोग बाद
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में देख लेंगे हम लोग पहले सीखते हैं कि
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अगर कोई ऐसी ऑर्गेनाइजेशन है जो कि बिजनेस
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कर रही है तो हम लोगों ने उनकी अकाउंटिंग
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को किस तरह से करना है अकाउंटिंग का
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बेसिकली जो मीनिंग होता है वो होता है एक
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किस्म का हिसाब किताब रखना कि बिजनेस की
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जितनी भी एक्टिविटीज है डेली बेसिस के ऊपर
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बिजनेस किसकिस के साथ अपने रिलेशन कायम
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करता है किसकिस के साथ साथ बिजनेस
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एक्टिविटीज परफॉर्म कर रहा है हम उनको आके
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रिकॉर्ड करेंगे अब यहां पर हमारे पास दो
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टर्मिनोलॉजी यूज होती है एक हमारे पास
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होती है बुक कीपिंग और दूसरी होती है
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हमारे पास अकाउंटिंग इन दोनों में थोड़ा
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सा डिफरेंस आता रहता है लेकिन बेसिकली
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अकाउंटिंग की बेस बुक कीपिंग है अकाउंटिंग
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नहीं हो सकती अगर आपने बुक कीपिंग नहीं की
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हुई तो अगर आप पहले बुक कीपिंग कर चुके हो
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अब आप लोग अकाउंटिंग कर सकते हैं इसका ये
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मतलब है कि जो भी बिजनेस की ट्रांजैक्शंस
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होंगी डेली बेसिस पे ट्रांजैक्शन समरात
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बिजनेस की एक्टिविटीज जैसे कि हम लोगों ने
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प्रॉफिट अर्न करना है और अगर हम लोग
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ट्रेडिंग बिजनेस कर रहे हैं तो हमारी
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एक्टिविटीज क्या होंगी कि हम लोगों ने
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गुड्स परचेज की होंगी ये हमारी एक्टिविटी
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है उन गुड्स को हम लोगों ने सेल किया होगा
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ये हमारी एक्टिविटी है हमारी समरात बिजनेस
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की एक्टिविटी है बिजनेस ने जब परचेज की
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होंगी तो कैश पे किया होगा
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यह बिजनेस की एक्टिविटी आ गई जब सेल की है
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कैश रिसीव किया बिजनेस ने ये बिजनेस की
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एक्टिविटी आ गई है बिजनेस ने अपने
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एंप्लॉयज को सैलरी पे की यह बिजनेस की
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एक्टिविटी है कि वो अपने एंप्लॉय को सैलरी
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पे कर रहा है बिजनेस अपनी यूटिलिटी बिल्स
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पे कर रहा है इलेक्ट्रिसिटी बिल टेलीफोन
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बिल इस किस्म की ये पेमेंट्स वगैरह करना
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यह भी उसकी एक्टिविटी में शामिल हो जाता
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है तो हम लोगों ने इस तरह से बहुत सी
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बिजनेस एक्टिविटीज को देखना है उन तमाम
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बिजनेस एक्टिविटीज की सिंपल रिकॉर्डिंग
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क्या आप सिंपली अपने पास सिर्फ उस बिजनेस
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एक्टिविटी को अपने पास रिकॉर्ड करो कि
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बिजनेस ने क्या कुछ किया कि अगर आप लोग
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उसकी रिकॉर्डिंग कर देते हैं तो इस
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प्रोसेस को कहा जाता है बुक कीपिंग बिजनेस
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ट्रांजैक्शन की रिकॉर्डिंग कर लेना इस
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प्रोसेस को कहा जाता है बुक कीपिंग तो बुक
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कीपिंग की डेफिनेशन देखें बुक कीपिंग इज द
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प्रोसेस ऑफ रिकॉर्डिंग फाइनेंशियल
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ट्रांजैक्शंस इन द अकाउंटिंग रेकॉर्ड्स और
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इन अकाउंटिंग रेकॉर्ड्स को हम लोग बुक्स
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कहते रहते हैं जैसे कि रजिस्टर आप लोग
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देखें किसी शॉपकीपर के पास जाए ना तो उसने
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ना अपने पास काफी सारे रजिस्टर मेंटेन
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किया हुए होते हैं और उसमें से एक रजिस्टर
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उसका होता है उन पर्सन के लिए जिनको वो
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गुड्स सेल कर रहा होता है ऑन क्रेडिट ऑन
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क्रेडिट मीन उधार पर सपोज मिस्टर ए उसके
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पास आया उसने 500 की गुड्स उससे परचेस की
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और वह चला गया वो रजिस्टर ओपन करेगा
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देखेगा मिस्टर ए कौन से पेज पर मौजूद है
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वहां पर जाकर 00 लिख देगा कि आज मैंने
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इसको 500 की गुड्स सेल की है अपने पास
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रिकॉर्ड कर देगा इसी तरह से अगर वह किसी
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से गुड्स परचेस करता है तो उसने भी किसी
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के पैसे देने होंगे आपने अक्सर देखा होगा
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कि शॉपकीपर के बाद
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के पास वो वन आती रहती है गुड्स लेकर और
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वो उनको गुड्स डिलीवर करती रहती है फिर यह
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होता है कि सपोज गुड्स उसने परचेज की है
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5000 की उनको पे 2000 करता है और 3000 के
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लिए कहता है कि बाद में पे करूंगा तो 300
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को भी जाके रिकॉर्ड करेगा अपने पास कि भाई
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मैंने मिस्टर एक्स के 000 पे करने हैं
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उसके लिए उसने एक अलग से रजिस्टर बनाया हु
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है वो एक ऐसा पर्सन है जिसके पास
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अकाउंटिंग का कोई नॉलेज नहीं है
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आप अगर अपने शॉपकीपर की क्वालिफिकेशन पूछ
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ले तो ब मुश्किल मैट्रिक होगा वो लेकिन
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उसे भी पता है कि यार मैंने इंडिविजुअल
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रजिस्टर को मेंटेन करना है मैंने अपनी इन
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ट्रांजैक्शन को रिकॉर्ड करना है तो
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बेसिकली वो अकाउंटिंग नहीं कर रहा उ
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अकाउंटिंग का कोई नॉलेज नहीं है वह
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अकाउंटिंग नहीं कर रहा लेकिन वह बुक
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कीपिंग कर रहा है और अब इस बात का उसे भी
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नहीं पता कि वह बुक कीपिंग कर र है वो तो
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अपनी तरफ से जस्ट अपने रिकॉर्ड को मेंटेन
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कर रहा है तो अगर आप लोग अपने रिकॉर्ड्स
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को मेंटेन करते रहते हैं कि जस्ट जाकर
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उनकी रिकॉर्डिंग कर देते हैं कि आपको पता
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हो कि दिन भर में क्या हुआ पूरे मंथ में
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क्या कुछ हुआ पूरे साल में क्या कुछ होता
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रहा बिजनेस की एक्टिविटीज की रिकॉर्डिंग
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बुक कीपिंग कहलाती है अब अकाउंटिंग में
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क्या फर्क है अकाउंटिंग ने इस बुक कीपिंग
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के रेकॉर्ड को उठाना है और इसका एनालिसिस
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करना है बेसिकली अकाउंटिंग एक किस्म की
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बुक कीपिंग से एक बड़ी टर्म यूज करते हैं
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हम लोग इसमें क्या होता है कि इसमें बुक
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कीपिंग तो शामिल हो ही जाती है रिकॉर्डिंग
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तो हो रही होती है लेकिन अब उस रिकॉर्ड की
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हुई इंफॉर्मेशन को यूज करके हम लोग बिजनेस
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का एनालिसिस करते हैं और वहां से हमें पता
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चलता है बिजनेस की जो एक्टिविटीज परफॉर्म
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की गई थी उसके रिजल्ट्स में हमें
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प्रॉफिट्स हुए या लॉस हुए प्रॉफिट्स हुए
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तो कितनी अमाउंट के हुए लॉस हुए तो कितनी
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अमाउंट के हुए एट द एंड ऑफ द ईयर हम लोग
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कौन सी पोजीशन पर मौजूद है हम लोगों ने
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अपना स्टार्ट कहां से लिया था इंप्रूवमेंट
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आई या हम लोग डिक्लाइन कर गए मतलब बिजनेस
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का एक एनालिसिस करते हैं क्या ये बिजनेस
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हमारी फेवर में जा रहा है या नहीं मुझे
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आगे इसको कंटिन्यू करना चाहिए या नहीं
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करना चाहिए यह सब कुछ हमें अकाउंटिंग ने
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बताना होता है तो अकाउंटिंग को अगर हम लोग
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डिफाइन करें तो इस इज द प्रोसेस ऑफ
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रिकॉर्डिंग अब यहां तक तो बुक कीपिंग
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शामिल हो गई इसने बुक कीपिंग को अपने अंदर
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इवॉल्व कर लिया फिर इन रिकॉर्ड की हुई
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तमाम तर बिजनेस ट्रांजैक्शन को उसने
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क्लासिफाई करना होता है अलग-अलग हेड में
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लेकर जाना है कि इसमें सेल से रेलीवेंट
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कौन सी है इसमें परचेज से रेलीवेंट कौन सी
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है इसमें मेरे एक्सपेंसेस कितने शामिल हो
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चुके हैं फिर इन
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तमाम इंफॉर्मेशन को उसने सराइज करना है
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मतलब उसने रिकॉर्ड किया मैंने मिस्टर ए को
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500 की गुड सेल की मिस्टर बी को 300 की
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गुडस सेल की मिस्टर सी को 200 की गुड सेल
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की और इसी तरह से सेल करता गया इस सारे को
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रिकॉर्ड किया उसने फिर उसने क्लासिफाई
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किया कि उसने सेल्स वाली तमाम ट्रांजैक्शन
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को अलग कर दिया कि ये सारी सेल्स वाली
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ट्रांजैक्शन है अब सराइज करने से क्या
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मुराद है उसने एट द एंड ऑफ द डे बता दिया
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मेरी आज की टोटल सेल्स 000 है ये समरा
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इजेशन है सबसे पहले रिकॉर्डिंग रिकॉर्डिंग
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के टाइम पर तो मिक्स रिकॉर्डिंग चल रही
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होती है कि सेल हुई है तो वो कर दो परचेज
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हुई है तो वो कर दो एक्सपेंस हुए है तो वो
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लिख दो लेकिन एट द एंड ऑफ द डे वो उसको
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क्लासिफाई करेगा सेल्स को अलग करता है
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परचेज को अलग करता है एक्सपेंसेस को अलग
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करता है एंड एक समरी प्रिपेयर कर लेता है
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कि आज के दिन में मेरे पास टोटल कैश का
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इनफ्लो 1000 का हुआ मैंने टोटल परचेसेस
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इतने की की थी इनके अगेंस्ट मैंने इतने
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एक्सपेंसेस किए इन तमाम को सराइज करता है
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और फिर जब इन तमाम इंफॉर्मेशन को सराइज कर
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लेता है कि मेरी 1000 की सेल्स है जो
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गुड्स मैंने सेल की वो मैंने 00 की परचेस
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की थी 600 की मैंने परचेसेस की थी इसके
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ऊपर 100 का मेरा एक्सपेंस हो गया अब इस
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रिजल्ट्स प पहुंचेगा के आफ्टर ऑल
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एक्टिविटीज
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परफॉर्म मेरे पास रिजल्ट क्या आया है तो
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उसे पता चला कि 600 की उसकी परचेज थी मैं
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उसका कैश आउट फ्लो था उसने पैसे दिए थे 00
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₹ के एक्सपेंस कि है वो अी उसका कैश का
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आउटफ्लो था उसने पैसे दिए तो टोटल कैश आउट
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ब्लो कितना हो गया उसका 700 का और उसका
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कैश इन फ्लो कितना हुआ 000 का रिजल्ट
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देखें क्या मिला 00 का प्रॉफिट एंड ही इज
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फीलिंग गुड कि 00 का उसको इस एक्टिविटी से
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प्रॉफिट हो गया अब आपने क्या करना है कि
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ये जो समरा इंफॉर्मेशन है आपने इससे
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इंटरप्रिटिंग द रिजल्ट्स देर ऑफ और रिजल्ट
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से मुरा कैलकुलेशन ऑफ प्रॉफिट एंड लॉस ल
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राइट द डिफरेंस बिटवीन बुक कीपिंग एंड
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अकाउंटिंग क्लियर र नेक्स्ट चलते
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हैं इनफ्लो बेटा कैश का अपनी तरफ आना कैश
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इनफ्लो अगर मैं गुड सेल करता
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आप एक कैफे वाले के पास चले जाते हैं उससे
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लेज का एक पैकेट लेते हैं ओके आप बताए आप
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पैसे देंगे या लेज के पैसे पैकेट के साथ
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पैसे लेंगे देंगे यह कैश का आउटफ्लो है
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मतलब जब आप पेमेंट कर रहे होते हैं तो कैश
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का आउटफ्लो होता है और जब आप पेमेंट रिसीव
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करते हैं अब अगर आप लोग उस कैफे वाले के
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बारे में देखें तो उसने कैश रिसीव किया है
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उसके लिए कैश का इनफ्लो है इनफ्लो आ फ्लो
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मीन अगर आप कैश रिसीव कर रहे हैं तो यह
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कैश इनफ्लो है और अगर पे कर रहे हैं
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एक्सपेंसेस के लिए तो यह आपका कैश आउट फलो
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होता है और प्रॉफिट जो हमारे पास आता रहता
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है वह कैश इन फ्लो माइनस कैश आउट फलो तो
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आपके पास प्रॉफिट की वैल्यू आ जाती है
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वैसे प्रॉफिट की डिफरेंट डेफिनेशन हम लोग
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देखते रहेंगे ल
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राइट एनी
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क्वेश्चन
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सर अब बात करते
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कि जब उसने अपनी इंफॉर्मेशन को समरा करने
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के बाद इंटरप्रिटेशन करनी है तो
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इंटरप्रिटेशन कौन सी बेसिस के ऊपर करनी है
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इंटरप्रिटेशन के लिए उसके पास ऐसी कौन सी
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प्रोडक्ट मौजूद होनी चाहिए जिनको बेस
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बनाकर व हमें कुछ ना कुछ रिजल्ट बना स
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रिजल्ट्स बता सके तो बेटा हमारे पास आते
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हैं कंपोनेंट्स
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और कंप्लीट सेट ऑफ फाइनेंशियल स्टेटमेंट
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एज एन अकाउंटेंट्स यह हमारी
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रिस्पांसिबिलिटी होती है कि हम लोगों ने
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यह पांच स्टेटमेंट्स किसी भी बिजनेस
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ऑर्गेनाइजेशन के लिए बना कर देनी है एज एन
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अकाउंटेंट हम लोगों ने यह पांच
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स्टेटमेंट्स बना कर देनी होती हैं और इन
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पांच स्टेटमेंट्स के बनाने को अकाउंटेंट्स
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कहा जाता है अकाउंटिंग प्रोसेस कहा जाता
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है उन पांच स्टेटमेंट्स में कौन-कौन सी
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स्टेटमेंट शामिल है अब ये हमारे पास हमारा
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जो अकाउंटिंग स्टैंडर्ड है जिसने हमें इस
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बारे में बताया वो है आई ए एस वन
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अकाउंटिंग स्टैंडर्ड को नेम दिया गए हैं
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टूथ फोर एंड इसी तरह से आगे चल रही है ये
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वक्त के साथ-साथ आप लोग सारे पढ़ेंगे इवन
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कि आप लोग ए चार्टेड अकाउंटेंट भी तमाम
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स्टैंडर्ड नहीं पढ़ेंगे बस जो सिलेबस में
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शामिल होंगे सिर्फ वही पढ़ेंगे अब यहां पर
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आता है आई ए एस वन इट मींस दैट इंटरनेशनल
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अकाउंटिंग स्टैंडर्ड वन उसने हमें बताया
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कि आप लोगों ने कौन कन सी फाइनेंशियल
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स्टेटमेंट प्रिपेयर करनी है तो इसे कहा
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जाता है कंप्लीट सेट और कंपोनेंट्स ऑफ
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फाइनेंशियल स्टेटमेंट और इसमें पांच चीज
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शामिल है य आपसे पूछी जा सकती है उन पांच
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में कौन ककन सी है सबसे पहली स्टेटमेंट ऑफ
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कंप्रिहेंसिव
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इनकम स्टेटमेंट ऑफ कंप्रिहेंसिव इनकम
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नेक्स्ट वन इ स्टेटमेंट ऑफ फाइनेंशियल
00:12:27
पोजीशन थर्ड
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स्टेटमेंट ऑफ चेंस इन इक्विटी फोर्थ वन इ
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स्टेटमेंट ऑफ कैश फलो एंड द लास्ट वन इ
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नोट्स टू द फाइनेंशियल
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स्टेटमेंट अब इन तमाम स्टेटमेंट में से
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बेटा इंट्रोडक्शन टू अकाउंटिंग में हम लोग
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सिर्फ यह दो स्टेटमेंट प्रिपेयर करेंगे
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स्टेटमेंट ऑफ कंप्रिहेंसिव इनकम एंड
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स्टेटमेंट ऑफ फाइनेंशियल पोजीशन इसी तरह
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से जब हम लोग एफर वन में जाएंगे तो वहां
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पर चेंजेज इन इक्विटी को भी देखेंगे कैश
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फ्लो स्टेटमेंट्स को भी देखें देखेंगे और
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कुछ हद तक नो टू द फाइनेंशियल स्टेटमेंट
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कुछ हद तक और टू में जाएंगे तब हमारा सारा
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फोकस नोट टू द फाइनेंशियल स्टेटमेंट प चला
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जाएगा फिर हम लोग उसके बाद क्योंकि उससे
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पहले वाली चारों स्टेटमेंट हमें
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आती अब इनके बारे में देखें तो इनके
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अल्टरनेट
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नेम यूज कर रहे होते हैं हम लोग और
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अल्टरनेटिव नेम में जो स्टेटमेंट ऑफ
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कंप्रिहेंसिव इनकम है इसको कहा जाता है
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इनकम
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स्टेटमेंट इन शॉर्ट इसको कहा जाता
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है इनकम
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स्टेटमेंट इनकम स्टेटमेंट और हमने इसको इन
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शॉर्ट इस तरह से न नोट कर देते हैं आई स्
00:14:00
एस इनकम स्टेट इस तरह से हम लोग इसको
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डिनोट कर देते इसके एक और नेम हम लोग यूज
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कर रहे होते हैं और वह है
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ट्रेडिंग
00:14:15
एंड
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प्रॉफिट और लॉस
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अकाउंट और अकाउट को इन शॉर्ट अकाउंटिंग
00:14:30
में ए स्ल सी लिखा जाता है अकाउंट ए डबल
00:14:35
सीओ लिखने की जरूर नहीं है जहां पर भी आप
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ए स्ल सी इस तरह से लिख लेंगे इसका मतलब
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हमने अकाउंट लिखा है ल राइट स्टेटमेंट ऑफ
00:14:45
कंप्रिहेंसिव इनकम को कहा जाता है इनकम
00:14:48
स्टेटमेंट या फिर ट्रेडिंग एंड प्रॉफिट और
00:14:54
लॉस अकाउंट और इसको भी इन शॉर्ट हम लोग
00:14:57
लिखते रहते हैं
00:14:59
पी और एल
00:15:02
अकाउंट प्रॉफिट और लॉस अकाउंट इसको इन
00:15:06
शर्ट हम लोग लिखते
00:15:08
र जो स्टेटमेंट ऑफ फाइनेंशियल पोजीशन है
00:15:12
हमारे पास इसको हम लोग कहते रहते हैं
00:15:14
बैलेंस
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शीट बैलेंस शीट और ोड अकाउंटिंग में हम
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लोग इनके अल्टरनेटिव नेम्स ही यूज
00:15:33
ट्रेडिंग एंड प्रॉफिट और लॉस काउंट या
00:15:35
इनकम स्टेटमेंट और बैलेंस शीट हम लोग नेम
00:15:38
यूज किया करते हैं एनी
00:15:40
इ अब इनकी जरूरत किन किन लोगों को है और
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बेसिकली उन्होंने इन स्टेटमेंट में क्या
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कुछ देखना है यह हम लोग उस टाइम पर
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देखेंगे जब य स्टेटमेंट हम लोग बना चुके
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होंगे कि हमें इनम से इंफॉर्मेशन कौन सी
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मिल रही है खुद पता होगा कि हम इनमें से
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कौन-कौन सी इंफॉर्मेशन
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एक्सक्लब हम उनके यूजर्स के बारे में बता
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सकते हैं कि उन्होंने कौन-कौन सी
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इंफॉर्मेशन में अपना इंटरेस्ट शो करना है
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इसलिए इस ये जो पॉइंट है इसको आप लोगों ने
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कुछ दिन के लिए स्किप कर देना है और आपने
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मूव कर जाना है
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इधर अब हम लोग आहिस्ता आहिस्ता इन
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स्टेटमेंट को बनाने की तरफ जाएंगे कि इनको
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किस तरह से बनाया जाता है इनको बनाने के
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लिए किन किन चीजों की हमें जरूरत पड़ने
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वाली है हमने अब उनके ऊपर फोकस करना है और
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उन्हें कहा जाता है एलिमेंट्स ऑफ
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फाइनेंशियल स्टेटमेंट इससे पहले आप लोगों
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ने पढ़ा कंपोनेंट्स ऑफ फाइनेंशियल
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स्टेटमेंट और कंप्लीट सेट ऑफ फाइनेंशियल
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उसमें आप लोगों ने पांचों स्टेटमेंट के
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नेम लिखने हैं अब यहां पर अब हम लोग बात
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करने वाले हैं सिर्फ दो स्टेटमेंट्स की
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स्टेटमेंट ऑफ कंप्रिहेंसिव इनकम एंड
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स्टेटमेंट ऑफ फाइनेंशियल पोजीशन इनके
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एलिमेंट्स कौन-कौन से
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तो अगर हम लोग बात करें स्टेटमेंट ऑफ
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फाइनेंशियल पोजीशन की तो इसके लिए आपको
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तीन एलिमेंट्स की जरूरत है और वो तीन
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एलिमेंट्स आपके पास कौन-कौन से होंगे
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एसेट्स
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लायबिलिटी इक्विटी और इस इक्विटी को
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कैपिटल भी कहते रहते हैं यह तीन चीजें
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रिक्वायर्ड है आपको बैलेंस शीट बनाने के
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लिए एसेट्स
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लायबिलिटीज एंड इक्विटी कैपिटल की आप
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लोगों को जरूरत पड़ने वा है
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अब एसेट्स क्या है लायबिलिटीज क्या है
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इक्विटी क्या होती है इसको सीखने के लिए
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आपको टाइम चाहिए फिर आपको इन तमाम चीजों
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की समझ आ जाएगी कि एसेट्स को किस तरह से
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हम लोग डिफाइन करते हैं कौन-कौन सी टाइप्स
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होती है लायबिलिटीज क्या है उनकी टाइप्स
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क्या है इक्विटी में कौन-कौन सी चीजें
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शामिल होंगी यह सारी चीजें आज से आप लोग
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सीखना शुरू कर देंगे अभी के लिए सिर्फ
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आपने नाम याद रखना है इसका कि बैलेंस शीट
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को बना बनाने के लिए तीन एलिमेंट्स की
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जरूरत है और वो तीन एलिमेंट्स हमारे पास
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क्या होंगे एट लायबिलिटी एंड कैपिटल और
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इक्विटी स्टेटमेंट ऑफ कंप्रिहेंसिव इनकम
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इनकम स्टेटमेंट ट्रेडिंग एंड प्रॉफिट और
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लॉस अकाउंट बनाने के लिए आपको दो चीजों की
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जरूरत है और वह दो चीज हमारे पास कि हमारी
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इनकम कितनी है और इस इनकम को अर्न करने के
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लिए मैंने एक्सपेंसेस कितने और इन दोनों
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का डिफरेंस आपके पास प्रॉफिट के तौर पर आ
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जाएगा हमारी इनकम क्या है और इस इनकम को
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अर्न करने के लिए मुझे एक्सपेंस कितना
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करना पड़ा देख भाई जब आप लोग कोई गुड्स
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सेल करते हैं तो सबसे पहले उसको परचेस भी
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तो करते हैं मतलब आपके पास कोई गुड्स है
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ही नहीं तो क्या आप सेल कर पाओगे तो सबसे
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पहले इसको सेल करने के लिए आपको एक्सपेंस
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करना पड़ेगा आप उसको परचेस करके ले आए फिर
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क्या हो होगा जो चीज आप 50 की परचेस करके
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लाएंगे आपने 50 का एक्सपेंस किया उसको 0
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में सेल कर रहे हो वो 0 आप लोगों की इनकम
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है और इन दोनों का डिफरेंस आप लोगों का
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प्रॉफिट बन जाता है प्रॉफिट और लॉस बन
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जाता है ऑलराइट क्या आपको इन एलिमेंट्स की
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समझ आ गई अब हम लोग इन एलिमेंट्स को समझने
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के लिए कुछ डेफिनेशन डिस्कस करेंगे और उन
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डेफिनेशन में हमारे पास 10 डेफिनेशन है जो
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कि हम लोग ने डिस्कस करनी है और जब ये 10
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एलिमेंट्स आपको समझ आ जाए जो आज से हम लोग
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पढ़ने वाले हैं जब ये 10 डेफिनेशन आपको
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समझ आ जाएगी ना आप अकाउंटिंग करने के
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काबिल हो जाएंगे आपको अकाउंटिंग की समझ आ
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जाएगी और उन 10 डेफिनेशन में पाच तोय खुद
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ही है बेसिकली हमने इनको एक्सप्लेन करना
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है इनको एक्सप्लेन करने के लिए हमें कुछ
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सपोर्टिंग डेफिनेशन की भी जरूरत पड़ी तो
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इन 10 चीजों में हम लोग सबसे पहले सीखने
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जाएंगे कैपिटल को
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कैपिटल और इक्विटी हम लोग इसको सीखने के
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लिए
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जाएंगे सेकंड डेफिनेशन इ एट फर्स्ट वन इ
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कैपिटल इक्विटी सेकंड में हम किसको
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एक्सप्लेन करेंगे एसेट में और थर्ड में हम
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लोग अब एसिड को हम लोग इन डिटेल देखेंगे
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थर्ड डेफिनेशन हमारे पास होगी
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लायबिलिटीज फोर्थ वन
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इज परचेसेस फिफ्थ वन इज परचेज रिटर्न
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सिक्स वन इज सेल्स रिटर्न सेवन नंबर सॉरी
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सिक्सथ में सेल्स और रेवेन्यू सेल्स को ही
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रेवेन्यू कहा जाता है सेवंथ नंबर
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पे सेल्स रिटर्न एथ नंबर एक्सपेंसेस नाथ
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ंग एंड द लास्ट वन इज अदर इनकम हम लोगों
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ने इ डेफिनेशन को अच्छे तरीके से समझते
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हैं इसके बाद आपकी अकाउंटिंग की बस हो
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जाती है मतलब फिर आप लोग एडवांस लेवल की
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भी अकाउंटिंग कर लेना तो यह उसकी
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क्लासिफिकेशन है ये बेसिकली आप लोग
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रिकॉर्डिंग करने के बाद अपनी बिजनेस
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ट्रांजैक्शन की क्लासिफिकेशन करते हैं ये
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वो क्लासिफिकेशन है क्या आपने उस बिजनेस
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ट्रांजैक्शन को कहां पर लेकर जाना है कि
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क्या ये आपका कैपिटल है एसेट्स है
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लायबिलिटीज है सेल्स है सेल रिटर्न है
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परचेज है परचेज रिटर्न है एक्सपेंसेस है
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ड्राइंग्स है अदर इनकम है इन 10 में से
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कहीं ना कहीं वो जा आ रही होगी बिजनेस
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ट्रांजैक्शन तो आपने जाकर उसको क्लासिफाई
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करना है कि ये बिजनेस ट्रांजैक्शन कहां पे
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जा रही है ऑल राइट यस सर दैट ऑल फॉर टुडे
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अपना ख्याल रखिएगा नेक्स्ट लेक्चर में
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मिलेंगे अल्लाह हाफिज थैंक यू सर