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मेरी गरीबी का भेद था पर इसी की वजह से
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फ्रांस में हो गया एक और रिवोल्ट और ऐसे
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बना ब्रिटेन से ग्रेट ब्रिटेन
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शुभम पाठक और आज हम करने वाले हैं राइज ऑफ
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नेशनलिज्म इन यूरोप इन जस्ट 30 मिनिट्स तो
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चैप्टर की स्टार्टिंग में आपको एक पेंटिंग
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देखने को मिलती है इस पेंटिंग के फ़्रेंच
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आर्टिस्ट हैं जिनका नाम है और ये पेंटिंग
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बनाई गई थी 1848 में अब इसके अंदर स्टैचू
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ऑफ लिबर्टी देखने को मिलती है और इसमें
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यूरोप के कई सारे नेशंस और अमेरिका को
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दिखाया गया है अपने नेशनल कॉस्ट्यूम्स और
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नेशनल झंडो के साथ अब उसे ज़माने में जब
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ये पेंटिंग बनाई गई थी तब तक ऑलरेडी
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अमेरिका और स्विट्जरलैंड नेशन स्टेटस बन
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चुके द इसीलिए इसमें जो स्टैचू ऑफ लिबर्टी
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दिखाई हुई है पेंटिंग के अंदर उससे आगे सर
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पास करते हुए आपको अमेरिका और
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स्विट्जरलैंड दिखे लेकिन उसके जस्ट सामने
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फ्रांस है नेशन को दिखाया हुआ है और पीछे
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नोबडी और जर्मनी और यू नो किंगडम ऑफ जैसे
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रिएक्शन दिखाए जो तब 1848 में नेशन स्टेटस
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द भी तो इसको एक ड्रीमी विज़न बोल सकते हो
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इस पेंटिंग को आप एक यूटोपिया बोल सकते हो
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और इसके साथ-साथ नीचे जो ग्राउंड एरिया है
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वहां पे आपको मोनर की किस चिन्ह दिखाएगी
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है जैसे की राजा का ताज जैसे की राजा की
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छोरी ऑल ऑफ डेट और स्काई एरिया में इस
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पेंटिंग में दिखाया गए हैं एंजल्स और जीसस
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क्राइस्ट जो नीचे नेशन स्टेटस को अपना दे
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रहे हैं आशीर्वाद अब देखो ये चैप्टर इस
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पेंटिंग से शुरू क्यों होता है क्योंकि
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स्टार्ट पर अपने हम पढ़ते हैं की कैसे
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यूरोप
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बने नेशनलिज्म की भावना की वजह से अब ये
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एक दिन में तो नहीं हो गया था की मोनार्की
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खत्म हो गई एब्सलूट्स नेशंस खत्म हो गए और
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सीधे नेशन स्टेट बन गए ये एक लंबी जर्नी
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थी और इसीलिए धीरे-धीरे बदलाव आया था तो
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पहले मोनालिसा मॉडर्न स्टेट बना और फिर
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मॉडर्न स्टेज से नेशन स्टेटस बना तो
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मॉडर्न स्टेट के अंदर नेशन स्टेटस के कुछ
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फीचर्स तो द लेकिन सारे फीचर्स अवेलेबल
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नहीं द जैसे की मॉडर्न स्टेट में
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सेंट्रलाइज्ड सॉवरेन्टी यानी की पॉलिटिकल
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अथॉरिटी थी लेकिन नेशन स्टेटस में और भी
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ज्यादा फीचर्स द जो आज भी आपको रिलेशनशिप
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में देखने को मिलते हैं जैसे की एक शेर आई
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डेंसिटी एक शेयर हिस्ट्री और उसके साथ साथ
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suverenity जो की सेंट्रलाइज्ड होती है तो
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चलो अब शुरू करते हैं असली चैप्टर असली
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चैप्टर शुरू होता है फ्रांस की
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एक्सप्रेशन था नेशनलिज्म का क्योंकि पहली
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बार दुनिया में ऐसा हुआ था की राजा के हाथ
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से पॉलिटिकल अथॉरिटी छीन के फ्रांस के
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लोगों को दे दी गई थी राइट और ये सब कुछ
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बहुत आसानी से नहीं हुआ था फ़्रेंच
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रिवॉल्यूशनरीज में बहुत कोशिश की थी लोगों
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के अंदर एक कॉमनस जगाने की इसके लिए कई
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सारे मेजर भी उठा द उन्होंने फॉर एग्जांपल
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उन्होंने lapatri और लेस से तो इनका
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कॉन्सेप्ट लेके आए द lapatri का मतलब होता
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है की फ्रांस लोगों का फादर लैंड है और
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लेस से तो मतलब लोग फ्रांस को बिलॉन्ग
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करते हैं फ्रांस के सिटिजन है इसके
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साथ-साथ जो स्टैंडर्ड रॉयल फ्लैट था उसे
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हटा के फ्रांस का नया तिरंगा लाया गया था
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इसके साथ नई-नई कश्मीर नए-नए वादे नए-नए
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गीत ले जा रहे द फ्रांस के रिवॉल्यूशनरीज
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को मारते और घोषित किया जा रहा था जिनकी
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जान चली गई थी रिवॉल्यूशन में इसके साथ
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फ़्रेंच को एक नेशनल लैंग्वेज बना दिया था
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कॉमन लैंग्वेज बना दिया था बीच में
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डायरेक्ट को डिस्चार्ज कर दिया गया था
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ताकि लोगों के अंदर एक कमेंट
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ए गया था सेंट्रलाइज अथॉरिटी ए गई थी और
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भी बहुत कुछ और फ्रांस के रिवॉल्यूशनरीज
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और फ्रांस की आर्मीज ने सिर्फ फ्रांस को
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आजाद करने की कसम नहीं खाई थी बल्कि वो
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पूरे यूरोप को डेसपोटिज्म से आजाद करना
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चाहते द अब आप जानते हो की फ्रांस से
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जैकोबिन क्लब शुरू हुए द जिसमें मिडिल
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क्लास मेंबर हुआ करते द सोसाइटी के लेकिन
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ये जो गवर्नमेंट क्लब देखते ही देखते पूरे
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यूरोप में फैल गए द अच्छा क्लास नाइंथ में
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आप ये भी पढ़ के आए हो की फ्रांस के
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रिवॉल्यूशन के बाद राजा रानी को सूली पर
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चड्ढा दिया फिर ऋण ऑफ टेरर आया फिर नपोल
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आया राइट यस नेपोलियन ने फ्रांस को बचा तो
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लिया था लेकिन नेपोलियन ने जो इतनी
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मुश्किल से फ्रांस के रिवॉल्यूशन की वजह
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से डेमोक्रेसी आई थी ना उसे ध्वस्त कर
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दिया था और रीस्टार्ट कर दी थी मोनर की अब
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नेपोलियन बड़ा अजीबो गरीब इंसान था
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नेपोलियन बहुत एंबीशन था वो सिर्फ फ्रांस
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को करना चाहता था पूरे यूरोप को करना
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चाहता था उसने कुछ अच्छी चीज की कुछ बुरी
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चीज की पहले अच्छी चीजों की बात करते हैं
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अच्छी चीजों में उसने बनाया सिविल कोड ऑफ
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18 जिसमें उसने पूरे यूरोप में बहुत सारे
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चेंज लाने की कोशिश की जैसे उसने
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फैऊदलिज्म को खत्म कर दिया मेमोरियल
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न्यूज़ को खत्म कर दिया एक क्वालिटी बिफोर
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लॉ ले आया ट्रांसपोर्ट और नेटवर्क को
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अच्छा कर इसके साथ-साथ उसने लोगों को
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इक्वल बताया और जो बर्ड्स के बेसिस पे
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प्रिविलेजेस मिलते द क्लोजर नोबिलिटी को
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उन्हें बुलिश कर दिया राइट तू प्रॉपर्टी
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ले आया और भी बहुत कुछ अब देखो नेपोलियन
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जहां-जहां कौन कल करने एरियाज को ज्यादा
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था पहले तो लोग बड़ा खुश होते द लोग
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फ्रांस के आदमी को नेपोलियन को हरविंदर सब
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लिबर्टी की तरह देखते द लेकिन फिर उन्हें
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धीरे-धीरे समझ आया उनका इनिशियल लेंथ याद
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जो था वो खत्म हुआ और लोगों को समझ आया की
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ये नेपोलियन जो है बाकी मोनार्क से कोई
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बहुत अलग नहीं है यह लोगों को ना पॉलिटिकल
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फ्रीडम दे रहा था ऊपर से लोगों पे
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सेंसरशिप लगा रहा था इन फैक्ट इसमें ओवर
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और फ्रांस या यूरोप में टैक्स बढ़ा दिया
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था तो लोगों ने नेपोलियन को भी सपोर्ट
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करना बंद कर दिया अब चलो ये तो हो गई
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फ्रांस की बात बाकी यूरोप का क्या जर्मनी
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एकली स्वीट्स का क्या तो ये भी कोई नेशन
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स्टेटस नहीं द उसे जमाने में ये भी
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कैंटोनेसे डी चीज या फिर किंग्डम्स की तरह
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एक्सेस करते द जहां पे एक राजा हुआ करता
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था और राजा का राज पार्ट हुआ करता था फॉर
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एग्जांपल halfburg अंपायर की बात करें तो
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वो पूरे ऑस्ट्रेलिया हंगरी वाली एरिया पे
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कब्जा किए बैठे द लेकिन हैब्सबर्ग अंपायर
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के अंदर कोई एक एथलीसिटी के नहीं द कल्चर
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के लोग नहीं द बाल के भी लोग द बोहेमियन
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लॉग्स भी द ग्लेशियर बोलने वाले लोग भी द
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इटालियन बोन वाले लोग भी द और स्पेनिश
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बोलने वाले लोग भी द तो एक तरीके से उसे
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जमाने के किंगडम एक पैच वर्क की तरह
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एक्जिस्ट किया करते द जिसमें कॉमनैलिटी
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नहीं थी लोग आपस में भाईचारा फीलिंग करते
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द बल्कि उनमें पॉलिटिकल यूनिटी थी ही नहीं
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और उनकी एलिसन सिर्फ राजा के प्रति हुआ
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करती थी आपस में नहीं हुआ करती थी नौ
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लेट्स टॉक अबाउट
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वीर हुआ करते द बिल्कुल भी नहीं यूरोप की
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जो माइनॉरिटी थी यानी की कुछ थोड़े से लोग
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द जो बहुत अमीर हुआ करते द उन्हें बोला
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जाता था ristocracy अरिष्टोक्रेसी वो
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क्लास हुआ करती थी यूरोप में जिनके पास
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इतना पैसा हुआ करते द की शहरों में भी घर
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हुआ करते द और कंट्री साइड में भी बहुत
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बड़ी-बड़ी एस्टेट या बहुत बड़े बड़े लैंड
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के टुकड़े हुआ करते द ये लोगों का ना रहने
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सेंस एक ही तरीके का हुआ करता था यानी की
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स्पेन के अमीर लोग उठा लो या फ्रांस के
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अमीर लोग उठा लो सब के आपस में या तो शादी
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ब्याह की वजह से कनेक्शन हुआ करते द या
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रहना सहाना और लाइफस्टाइल एक ही तरीके का
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होता था ये सब लोग डिप्लोमेसी के लिए
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फ्रांस की भाषा बोलते द पुरानी फ़्रेंच
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भाषा बोलते द लेकिन यूरोप की मेजॉरिटी
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पापुलेशन यह नहीं थी मुझे ऑलरेडी पापुलेशन
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गरीब थी यानी की फार्मर्स की थी और
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फार्मर्स भी एक तरीके के नहीं द फार्मर्स
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अलग-अलग तरीके के फॉर एग्जांपल सेंट्रल
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यूरोप के जो फार्मर्स द वो अभी भी
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फैऊदलिज्म से जूझ रहे द बाकी पार्ट्स में
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यूरोप के फिर भी फैऊदलिज्म खत्म हो गया था
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तो पहले तो सिर्फ ये दो क्लासेस एक्जिस्ट
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किया करती थी लेकिन बाद में
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इंडस्ट्रियलिज्म की वजह से यूरोप में एक
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तीसरी क्लास ए गई जैसे आप मिडिल क्लास या
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वर्किंग क्लास या कमेंट पीपल बोल सकते हो
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यही पापुलेशन आगे जाकर लिबरल पापुलेशन
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कहलन लग गई ये फैक्टरीज में कम किया करती
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थी इसके पास एजुकेशन भी थी थोड़े से पैसे
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भी द तो ये ना तो वरिष्ठ ऋषि जितनी अमीर
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थी लेकिन ना ही ये प्रेजेंस जितनी गरीब थी
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ये थी मिडिल क्लास पापुलेशन और यही आगे
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लिबरलिज्म का झंडा कैरी करेंगे तो लेट्स
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टॉक अबाउट लाइब्रेरियन लिसन नौ लिबरलिज्म
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यानी की जो लेबर वर्ड है इसमें उसका लिटरल
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मतलब होता है फ्रीडम लिबरलिज्म का एक
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तरीके से मतलब आप निकल लो ओवरऑल आजादी अब
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आजादी सिर्फ एक तरीके की नहीं आजादी हर
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तरीके की मोनार्की में किसी भी तरीके की
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आजादी तो यह जो नई मिडिल क्लास जनता थी
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इंडस्ट्रियलिज्म के राज्य में ये जारी थी
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की पॉलिटिकल आजादी भी हो सोशल भी हो
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इकोनॉमिक भी हो पॉलिटिक्स में ये लोग चाह
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रहे द की एक ऐसी सरकार बने जो लोगों के
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कंसेंट से बने पार्लियामेंट बने ये
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कॉन्स्टिट्यूशन बने राइट इकोनॉमिक्स में
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ये लोग चाह रहे द की मार्केट जो है थोड़ा
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फ्री हो जाए टैक्स कम हो जाए करेंसी का
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नंबर कम हो जाए सोसाइटी में ये लोग चाह
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रहे द की वोटिंग का अधिकार मिल जाए ऑल ऑफ
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डेट लेकिन ऐसा नहीं है की वोटिंग का
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अधिकार सबके लिए जा रहे द ये वोटिंग का
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अधिकार सिर्फ प्रॉपर्टी वाले आदमियों के
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लिए चाह रहे द औरतों को तो मिनर कर दे
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दिया जाता था और जिन आदमियों के पास
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प्रॉपर्टी नहीं होती थी वो टैक्स नहीं दे
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पाते द उन्हें भी मनारी यानी की 65
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सिटीजंस की तरह ट्रीट किया जाता था चाहे
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वो नेपोलियन के राज में हो चाहे वो
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मोनार्की के राज में हो चाहे वो लिबरल्स
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के राज में हो तो ये थी पुरी सिचुएशन
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अच्छा इकोनॉमिक्स की बात ना थोड़ा डिटेल
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में करते हैं मैंने अभी थोड़ी देर पहले
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बताया की और अब एक पैच वर्क की तरह
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एक्जिस्ट किया करता था तो जैसे जर्मन
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कंफीग्रेशन ऑफ 39 स्टेटस को उठा लो तो
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वहां पे क्या हुआ करता था यूरोप में की
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अगर एक जगह से दूसरी जगह जाना है तो पहले
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चेंज हो जाए करती थी अगर आपको एक जगह से
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दूसरी जगह जाने के लिए स्नैक्स बनाए तो
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पहले करेंसी एक्सचेंज करो फिर टैक्स भरो
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तो गुड्स और कैपिटल के मूवमेंट पे बहुत ही
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रोक थोक लगाई रहती थी इसीलिए रूस ने
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इनीशिएटिव लिया 1834 में प्रशिक्षण लिबरल
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लोगों ने बनाई ज्वैलरी नाम की एक कस्टम
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यूनियन ताकि ये जो फैसिलिटेशन था गुड्स का
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या बिजनेस करना था वो थोड़ा सा आसान हो
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जाए इसे काफी अच्छी चीज हुई और अपने
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zolverine की वजह से रेलवे नेटवर्क
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स्ट्रेंजर हो गया zolverine की वजह से
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करेंसी का नंबर 30 से घाट के दो हो गया
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यूरोप के अंदर और zolverine की वजह से ही
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थोड़ा ओवरऑल कस्टम ड्यूटी कम हो गई लेकिन
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अभी भी पूरे यूरोप में सब कुछ ठीक नहीं
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हुआ था एक तरफ नेपोलियन की लेटेस्ट पैदा
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होते जा रहे द दूसरी तरफ लिबरल लोग द और
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तीसरी तरफ पुराने कंजरवेटिव लोग द जो
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सोसाइटी में कोई चेंज नहीं चाहते द चलो
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कंजरवेटिव लोगों को डिस्कस करते हैं आप
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ऑलरेडी क्लास 9 से पढ़ के आए हो की
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कंजरवेटिव पीपल्स वो लोग होते हैं जो
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सोसाइटी में जैसा जो चल रहा है वैसा ही
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चलने देना चाहते हैं वो पुराने ट्रेडिशनल
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इंस्टीट्यूशंस पे बिलीव करते हैं जैसे की
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हमारे जैसे की चोर जैसे की राजा जैसे की
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मोनर की ऑल ऑफ टाइम वो चेंज को पसंद नहीं
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करते लेकिन अब जो यूरोप के 19th सेंचुरी
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के कंजरवेटिव लोग द वो सारे चेंज अपोज
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नहीं कर रहे द नेपोलियन ने जो अच्छी-अच्छी
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चीज की थी जैसे broccolitics सिस्टम अच्छा
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कर दिया था या आर्मी को मॉडर्नाइज कर दिया
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था उन्हें वो चेंज पसंद द लेकिन वो
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एक्चुअली अभी भी मोनार्की सपोर्ट करते द
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नेपोलियन को सपोर्ट नहीं करते द तो
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उन्होंने धीरे-धीरे कई सारी लड़ाइयां लड़ी
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नेपोलियन के साथ और धीरे-धीरे उसे
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टेरिटरीज उसकी छीन ली जो उसने इतने दिनों
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से एक्सपेंड करके यू नो हत्या आई थी और
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फाइनली बैटल ऑफ वाटर हूं जो 1815 में हुई
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वहां पे ये कंजरवेटिव मिल के नेपोलियन को
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हरा दिया क्योंकि देखो उन्हें दर लगता था
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उन्हें दर लगता था की नेपोलियन कहीं
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फ्रांस तो छोड़ो पूरे यूरोप पे कब्जा ना
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कर ले और ये कंजरवेटिव डिश द चार इसे आप
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याद कर सकते हो विद डी evergregation भाव
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यानी की ब्रिटेन ऑस्ट्रेलिया रूस और रूस
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इन चारों देशों ने नेपोलियन को हराया उसके
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बाद 1815 में ही ट्रीटी ऑफ़ वीना स्थापित
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कर दी ट्रीटी ऑफ़ वीना के लिए जो मीटिंग
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की गई थी वो ऑस्ट्रिया में की गई थी और
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वहां का जो चांसलर था ड्यूक मीटर ब्रिज
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उसमें ये पार्टी या मीटिंग होस्ट की थी अब
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कंजरवेटिव देश चाह रहे द एक पार्टिकुलर
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डॉक्यूमेंट बनके फिर से कंजरवेटिज्म
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एस्टेब्लिश किया जाए यूरोप में ताकि दूसरा
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नेपोलियन पैदा ना हो अब इसके लिए उन्होंने
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यूरोप में फिर से चेंज कर दिए उन्होंने
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गवर्नमेंट डायनेस्टी जो फ्रांस में
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गवर्नमेंट डायनेस्टी पहले हुआ करती थी ली
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16 के ज़माने में उसी वारबंद डायनेस्टी का
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ली 16 का एक कजिन था ली फिलिप नाम का उसे
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फिर से राजा बना दिया क्योंकि नेपोलियन को
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तो हरा दिया था इनफेक्ट फ्रांस है तो
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लोगों को इतना दर लगने लग गया था की
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कंजरवेटिव ने फ्रांस के आसपास की जो भी
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टेरिटरी थी वो आपस में बांट ली थी ताकि
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फ्रांस अपने पैर ना पास सके दोबारा से
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पहनना कर सके दूसरा नपोल ले राइट इसके
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साथ-साथ उन्होंने डिस्टेंट पे एकदम रोक
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लगा दी थी कोई भी कंजरवेटिव मोना की इसके
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अगेंस्ट नहीं जा सकता था फ्रीडम ऑफ प्रेस
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नहीं थी लोग अपने ओपिनियन व्यक्त नहीं कर
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सकते द जो भी फ़्रेंच रिवॉल्यूशन में चेंज
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आए द फ्रांस के और अपने वो सारे उन्होंने
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अनडू कर दिए द अब क्या ये लोगों को पसंद ए
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रहा था बिल्कुल भी नहीं लिबरल जनता तो
00:10:59
ऑलरेडी ए गई थी इंडस्ट्रियलिज्म की वजह से
00:11:01
और यही लिबरल जनता धीरे-धीरे बनने लग गई
00:11:03
थी धीरे-धीरे
00:11:10
मोनार्की बिल्कुल खत्म हो जाए और सारी के
00:11:12
सारे यूरोप के देश नेशन स्टेटस में तब्दील
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हो जाए लेकिन क्योंकि यूरोप में
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कंजरवेटिज्म चल रहा था इसीलिए
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रिवॉल्यूशनरीज को चोरी चुपके मिलना पड़ता
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था सीक्रेट सोसाइटी बना के रात को
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अंडरग्राउंड दुबके मिलना पड़ता है ऐसा ही
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prevution था बहुत ही नहीं जो जिनोवा नाम
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की सिटी में पैदा हुआ था पहले वो
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कार्बोनरी नाम की सीक्रेट सोसाइटी का
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सिर्फ एक मेंबर था लेकिन बाद में जाके
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उसने अपनी खुद की दो सीक्रेट सोसाइटीज
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बनाई या फिर क्लीनर सैलरी एंड यंग यूरोपीय
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बोर और ये इतना फेमस हो गया की इसे देखा
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देखी फ्रांस जो भी स्पीड हर जगह पे
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रिवॉल्यूशनरीज अपनी सीक्रेट सोसाइटी बनाने
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लगे हल्दी काफी कांर्वेस्ट था उसी लगता था
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उसे भगवान ने भेजा है ताकि वो इटालियन
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स्पीकिंग फ्रेगमेंटेड रीजंस को यूनाइटेड
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करके एक नेशन स्टेट में तब्दील करें दो
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बार कोशिश की उसने की कोई लाइट करेगी
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लेकिन वो सक्सेसफुल नहीं हुआ ये मैं आगे
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बताऊंगी इसीलिए मजदूरी को ड्यूक मिटेंगे
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जो की कंजरवेटिव था वो उनके कंजरवेटिव
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यूरोप के ऑर्डर का सबसे डेंजरस एनिमी माना
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करता था maternij का ये भी मानना था की
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फ्रांस जब सिखाता है तो पूरे यूरोप को
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जुकाम लग जाता है क्योंकि फ्रांस से ही
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आगे ऑफ सॉल्यूशन से हुआ एक्चुअली फ्रांस
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के रिवॉल्यूशनरीज ने जुलाई रिवॉल्यूशन
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किया 1830 में जहां पे उन्होंने ली फिलिप
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के बोबन डायनेस्टी को फिर से
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कांस्टीट्यूशनल माइनॉरिटी में तब्दील कर
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दिया और फ्रांस का देखा देखी सही में
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फ्रांस का देखा देखी बेल्जियम ने भी अपने
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आप को अलग कर दिया नीदरलैंड्स से और तभी
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ग्रीक इंडिपेंडेंस में भी तड़का लग गया
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एक्चुअली ग्रीक इंडिपेंडेंस जो है वो 1821
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में स्टार्ट हो गई थी और ग्रीस को सब लोग
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यूरोप में बहुत मानते भी द ग्रीस को
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इनफेक्ट माना जाता था क्रैडल ऑफ यूरोपियन
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सिविलाइजेशन लेकिन फाइनली 1832 में जब
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ट्रीटी ऑफ़ कांस्टेंटिनॉपल बनी तब जाके
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ऑटो में एम्पायर से अलग हुआ ग्रीस और
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ग्रीस को एक नेशन स्टेट की तरह माना गया
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पहली बार दुनिया में अब देखो ऐसा नहीं है
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की दुनिया के सारे रिवॉल्यूशनरीज जमाने
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में मिडिल क्लास पापुलेशन को बिलॉन्ग किया
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करते द कुछ रिवॉल्यूशनरीज हैं जो आर्टिस्ट
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हुआ करते द तो पहले आर्टिस्ट को डिस्कस कर
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लेते हैं फिर गरीबों वाली रिवॉल्यूशंस पे
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आएंगे तो जो आर्टिस्टिक रिवॉल्यूशनरी हुआ
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करते द उसे जमाने के जो नेशनलिज्म की भाव
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यहां आठ के थ्रू लोगों तक पहुंचाना चाहते
00:13:09
द उन्हें यूरोप में रोमांटिक आर्टिस्ट
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बोला जाता था और इसी मूवमेंट को
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रोमांटिसिजम बोला जाता था तो बेसिकली
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रोमांटिक कल्चरल मूवमेंट जिसमें आर्ट और
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इमोशंस और मिस्टिकल फिलिंग्स और इनट्यूशन
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के साथ लोगों को नेशनलिज्म का पाठ पढ़ाया
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गया फॉर एग्जांपल
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आर्टिस्ट हुआ करते द जिन्होंने अपने कल्चर
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को स्थापित करते हुए दो मेजर फ्रेसिस दिए
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एक dashmok और दूसरा वो चीज ताज में
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इन्होंने बोला की अगर आपको सही में जर्मनी
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का कल्चर देखना है ना तो कॉमन लोगों के
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बीच में देखो राजा और रानियां के घर में
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और वो चीज से उन्होंने दुनिया को यह पाठ
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पढ़ाया नहीं जो जर्मनी का कल्चर है यही तो
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जर्मनी की सच्ची आत्मा है ऐसे ही और भी
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बहुत सारे रोमांटिक आज टेस्ट द जैसे की
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आपकी बुक में एक पेंटिंग दी हुई है जिसमें
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मैथ्स केयर और शिवस दिखाया गया है जो
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फ्रेंड आर्टिस्ट डेला क्रोस ने बनाई थी बट
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आई ने अभी हम पोलैंड पे चलते हैं देखो
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पोलैंड एक ऐसा देश था जो उसे जमाने में
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रूस रूस और इनफेक्ट ऑस्ट्रेलिया ने मिलकर
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आपस में बांट लिया था पॉलिश लैंग्वेज को
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बोलो खत्म करने की कोशिश द और पोलैंड को
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सबसे बड़ा टुकड़ा आया था रूस के हाथ में
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तो रूस के डोमिनेशन सबसे ज्यादा थी लेकिन
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ऐसा नहीं है की पॉलिश लैंग्वेज बोलने वाले
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लोगों ने हर मैन ली थी जैसे की केरल को ने
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अपने पॉलिश कल्चर को पॉलिश भाषा में
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स्थापित करना शुरू किया जैसे की वो जो भी
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डांस करते द वो पॉलिश भाषा में करते द जो
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भी गाने गवाते द वो भी पॉलिश भाषा में
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कहते द ताकि पॉलिश भाषा ना करें आप एक देश
00:14:30
को पित्त कब्जा कर सकते हो लेकिन आप भाषा
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का कपड़ा नहीं कर सकते इन फैक्ट फूलिश
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बोलने वाले आ बिशप्स ने और प्लीज ने भी
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अपने चर्च की गैदरिंग पॉलिश भाषा में करनी
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शुरू की और इसलिए रशियन आर्मी जो है
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इन्हें मरने की कोशिश करती थी इन्हें
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दबाने की कोशिश करती थी और अल्टीमेटली ऋषि
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राज में जीत गई लेकिन हम रोमांटिसिजम वाले
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टॉपिक में ये नहीं देखते हैं की कौन जीता
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कौन हरा हम ये देखते हैं की कैसे लोगों ने
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हिम्मत की अपने कल्चर को बचाए रखने की
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अपने नेशनलिज्म की भावना को बचाए रखने चलो
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अब गौरव के दूसरे पहलू पर चलते हैं हम
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गर्ल्स हार्डशिप 1830 का जो दशक था वो
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यूरोप के लिए बहुत ही डिफिकल्ट था ऐसा
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नहीं है सिर्फ पॉलिटिकल लड़ाइयां चल रही
00:15:05
थी कंजरवेटिव लोग ऑन लाइब लोग लड़ रहे द
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और भी बहुत कुछ चल रहा था इकोनॉमिक बेसिस
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पे भी लोगों में बहुत उन एंप्लॉयमेंट थी
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शहरों में लोग माइग्रेट तो कर जाते द गांव
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से जॉब्स की तलाश में लेकिन शहरों में
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जागी नहीं थी और जॉब्स नहीं थी तो लोगों
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को स्लम्स में रहना पड़ता था जहां पे बहुत
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बीमारियां होती थी इनफेक्ट कहीं फैऊदलिज्म
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खत्म हो गया था कहीं twitterism अभी भी था
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तो पेरेंट्स को भी बहुत दिक्कत होती थी
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इंडस्ट्रियलिज्म थोड़ा ए गया था थोड़ा
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नहीं आया था तो जो लोग हाथ से कम करते द
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उन्हें इंडस्ट्रियलिज्म की वजह से
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प्रॉब्लम भी होती थी तो हंगर हार्ट शॉप हर
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जगह फैली हुई थी और इसी की वजह से फ्रांस
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में हो गया एक और रिवोल्ट ये रिवोल्ट हुआ
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1848 में जो गरीब लोगों ने hamgar और
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अनइंप्लॉयमेंट की वजह से किया और इसे बोला
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जाता है पेरिस रिमूवल ऑफ 1848 आपको पता ही
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होगा बार्बर डायनेस्टी थी ली फिलिप्स गति
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पे बैठा हुआ था कॉन्स्टिट्यूशन बेडर की थी
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लेकिन उसने देखा था उसे 1789 का फ्रांस का
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रिवॉल्यूशन यार था जब उसके कजिन को गद्दी
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से उठा के फेंक दिया गया था और ली डी 16थ
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और उसकी वाइफ को सूली पर चड्ढा दिया गया
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था दर गया था पेरिस का ये बोल डू 1848 में
00:16:03
और वो अपनी गलती छोड़ के भाग गया अब उसके
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पीछे से पेरिस की असेंबली ने फिर से अगर
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दी संभाली और सांस को एक रिपब्लिक घोषित
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कर दिया और नेशनल वर्कशॉप्स चलाई ताकि
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लोगों को थोड़ी एंप्लॉयमेंट मिल सके ऐसे
00:16:14
ही गरीबों का एक रिवॉल्यूशन हुआ था
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सैलेसिया नाम की जगह पे सैलेसिया में 1845
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में एक कॉटन कांट्रेक्टर था जिसने गरीब
00:16:22
कॉटन व्यूवर्स को बहुत बड़ा एक
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कॉन्ट्रैक्ट दिया और बोला की तुम समान बना
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दो मैं तुमसे ज्यादा समान खरीद लूंगा बाद
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में वो मुकर गया तो लोगों ने उसके घर पे
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हमला बोल दिया बाद में आर्मी की वजह से
00:16:33
लोगों का रिपोर्ट शांत कर दिया गया लेकिन
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फिर भी यहां ये समझना जरूरी है की गरीब
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लोगों के जो रिवोल्ट करने के कारण होते द
00:16:40
वो मिडिल क्लास पापुलेशन के रिवॉल्व करने
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के गार्डन से थोड़े अलग होते द नौ लेट्स
00:16:44
टॉक अबाउट रिवॉल्यूशन ऑफ डी लिबरल्स जो
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अगेन 1848 में हुआ जब पेरिस का रिवोल्ट हो
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रहा था लेकिन ये हुआ जर्मन स्पीकिंग
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एरियाज देखो फ्रांस में जो 1848 हुआ था
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जिसे ली फिलिप को भाग दिया गया था नेशनल
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असेंबली ने फ्रांस को रिपब्लिक घोषित कर
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दिया था उसी से प्रेरणा लेके जर्नल
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स्पीकिंग एरियाज में मिडिल क्लास पापुलेशन
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में सोचा की हम भी रिवोल्ट करते हैं लेकिन
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वहां पे तो गरीब लोग उने गवर्नमेंट या
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हंगर जैसी कर्म की वजह से रिवोल्ट कर रहे
00:17:09
द यहां पे मिडिल क्लास पापुलेशन इसलिए
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रिबूट कर रही थी क्योंकि उन्हें जर्मन
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स्पीकिंग एरियाज में कॉन्स्टिट्यूशन चाहिए
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था और पार्लियामेंट चाहिए था तो यहां पे
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जो कार्ड द वो अलग द आवे जर्नल्स पीकिंग
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मिडिल क्लास जनता ने पहले खुद में से 831
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इलेक्ट्रिक रिप्रेजेंटेटिव इलेक्ट्रिक और
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ये 831 इलेक्टेड रिप्रेजेंटेड 18 मैं 1848
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को फ्रैंकफर्ट पार्लियामेंट बनाने निकल
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पड़े अब ये frankfur पार्लियामेंट बने कहा
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तब कोई पार्लियामेंट तो एग्जिट करता नहीं
00:17:35
था तो एक बड़ा सा चर्च हुआ करता था सेंट
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पॉल चोर जहां पे इस पार्लियामेंट को कन्वे
00:17:39
किया गया अब वहां पे मीटिंग की झटपट लोगों
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ने एक कॉन्स्टिट्यूशन भी ड्राफ्ट कर लिया
00:17:43
अब किसके पास जाएं ये कॉन्स्टिट्यूशन लेके
00:17:46
की एक्सेप्ट कर लो हमारा कॉन्स्टिट्यूशन
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तब कोई जर्मनी तो एक्जिस्ट करता नहीं था
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जो स्पीकिंग एरियाज हुआ करते द तो ये लोग
00:17:52
पहुंचे रूस के राजा के पास क्योंकि प्रेशर
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में लोग मोस्टली जर्मन भाषा बोला करते द
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और रूस उसे वक्त स्ट्रांगेस्ट नेशंस में
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काउंट होता था रूस में राजा था पैट्रिक
00:18:01
विल हम डी फोर्थ जब ये फिल्म डी फोर्स के
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पास गए की देखो हम तो यू नो नेशनल असेंबली
00:18:06
हैं जर्मन नेशनल हमारा खुद का ड्राफ्टेड
00:18:08
कॉन्स्टिट्यूशन है तुम्हें जर्मनी को
00:18:10
यूनिट करके उसे कॉन्स्टिट्यूशन मोनार्की
00:18:12
बना देना चाहिए तो राजा ने बोला तुम्हारा
00:18:13
दिमाग खराब है की मैं तुम्हारा
00:18:15
कॉन्स्टिट्यूशन एक्सेप्ट करूंगा और अपनी
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पावर में कमी लाऊंगा इन फैक्ट राजा ने
00:18:19
बड़े-बड़े लैंड ऑनर्स ऑन डी लिस्ट ऑफ एक
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और आर्मी की सहायता से इन लोगों के
00:18:24
रिवॉल्यूशन को ध्वस्त कर दिया देखो
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रिवॉल्यूशन तो खत्म हो गया कंजरवेटिव हम
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बरकरार रहा लेकिन देखने की बात ये थी की
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जब सेंट पॉल चर्च में ये frankfur
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पार्लियामेंट लगाया गया था 1848 में तो इस
00:18:35
पार्लियामेंट में आदमियों को तो इलेक्टेड
00:18:37
रिप्रेजेंटेटिव्स बनने का या मीटिंग्स में
00:18:39
पार्टिसिपेट करने का हक था लेकिन औरतों को
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विजिटर गैलरी में बिठा रखा था और पैट्रिक
00:18:44
विलियन ने इसे खत्म तो कर दिया था रिवोल्ट
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को लेकिन इस रिवॉल्यूशन अगर लिबरल्स की
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वजह से यूरोप को एक बार समझ ए गई थी की
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लोगों को जितनी बार दबाओगे लोग उतनी बार
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फिर से रिवॉल्यूशन करने ए जाएंगे इसलिए
00:18:54
कुछ कंजरवेटिव देशों ने थोड़ी सी लाइनें
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सी करना शुरू कर दी थी और अपने आप को
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मॉडर्न स्टेट बनाना शुरू कर दिया था जैसे
00:19:01
की एम्पायर ने हंगेरियन को आजादी दे दी थी
00:19:04
ने अब बोलोगे मैं पूरा चैप्टर खत्म
00:19:09
[संगीत]
00:19:11
ब्रिटेन की कहानी और यूनिफिकेशन पढ़ेंगे
00:19:14
तो वो एक्चुअली की कंजरवेटिव लोगों ने ही
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है तो चलो पहले जर्मनी की कहानी से शुरू
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करते हैं देखो ये रिवॉल्यूशन ऑफ डी
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लिबरल्स तो फैल हो गया अब कंजरवेटिव राजा
00:19:22
ने खुद सोचा की क्यों ना मैं ही जर्नल
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स्पीकिंग एरिया को यूनाइटेड कर डन अब देखो
00:19:26
राजा भी ना यहां पे बदल गया था एक्चुअली
00:19:28
ये जो पिछले पाने पे हम फ्रेडरिक विलन डी
00:19:30
फोर्स पढ़ रहे द ना उसने बिस्तर पकड़ लिया
00:19:33
था और उसकी छोटे भाई ने गद्दी संभल ली थी
00:19:35
तो अभी आपका नया राजा है जर्मनी का विलियम
00:19:37
चलो विलियम वैन की बात करते हैं राजा कभी
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खुद तो कम करता नहीं है तो उसने अपने के
00:19:41
मिनिस्टर को बुलाया के मिनिस्टर का नाम था
00:19:43
ऑटो बंद स्मार्ट और बिस्मार्क को बोला की
00:19:45
भाई तू कर दे जर्मनी को यू लाइक तो इसी
00:19:47
तरीके से बिस्मार्क बन गया आर्किटेक्ट ऑफ
00:19:49
डी यूनिफिकेशन ऑफ जर्मनी बिस्मार्क ने की
00:19:52
लड़ाई तीन देशों के अगेंस्ट 7 सालों तक इन
00:19:54
देशों में आते द फैट यानी की फ्रांस और
00:19:57
डेनमार्क और स्पेसिफिकली इन तीनों
00:19:59
लड़ाइयां में जीत के उसने जर्नल स्पीकिंग
00:20:01
एरियाज को यूनाइटेड किया और फिर जनवरी
00:20:04
1871 में राजा साहब को बोला की लो गति पर
00:20:07
इसी तरीके से विलियम वैन का प्रोक्लेमेशन
00:20:09
सेरेमनी किया गया हॉल ऑफ मिरर्स में जो
00:20:12
पैलेस ऑफ वेर्सैल्लेस में हुआ करता था और
00:20:13
जर्मनी हो गया यूनाइटेड चलो अब इटली के
00:20:16
ऊपर जाते हैं इटली की कहानी थोड़ी अलग थी
00:20:18
इटली 7 पार्ट्स में सात टुकड़ों में
00:20:20
फ्रेगमैन था पॉलिटिकल फ्रेगमेंटेशन था उन
00:20:22
सातों टुकड़ों पर अलग-अलग अलग-अलग
00:20:24
डायनेस्टी भी अलग-अलग किंगडम राज किया
00:20:26
करते द कहीं पे पेन कहीं पे पॉप्स ऑफ इन
00:20:29
टुकड़ों में से एक टुकड़ा था सदिया फाइंड
00:20:31
अमाउंट नाम का जहां पे इटालियन स्पीकिंग
00:20:33
प्रिंस बैठा था जिसका नाम था विक्टर
00:20:35
मैन्युअल अब विक्टर मैन्युअल यूनिफिकेशन
00:20:38
करता है इटली का इससे पहले मजदूरी भाई
00:20:40
साहब ने दो बार ट्राई कर लिया था और दोनों
00:20:42
बार फैल हो गए द तो फिर विचारने सोचा चलो
00:20:44
मैं ही इटली स्पीकिंग एरिया को यूनिफाइड
00:20:46
कर देता हूं अगेन राजा ने खुद से कम नहीं
00:20:49
किया अपने के मिनिस्टर को बोला के
00:20:50
मिनिस्टर का नाम था की वॉर तो यूनिफिकेशन
00:20:53
ऑफ इटली का आर्किटेक्ट कौन बना के और बना
00:20:55
के वॉर ने अपनी डिप्लोमेसी के साथ और
00:20:57
गुरजीत गाड़ी नाम के एक लोकल लीडर के साथ
00:21:00
मिलकर तालीस स्पीकिंग रीजंस को यूनिफाई
00:21:02
किया और 1861 में यूनिफिकेशन ऑफ इटली करके
00:21:06
राजा साहब को गद्दी पर बिठाया तो ये तो हो
00:21:09
गया यूनिफिकेशन ऑफ इटली नौ लेट्स कम तू डी
00:21:11
ब्रिटेन ब्रिटेन का केस थोड़ा स्ट्रेंज था
00:21:13
क्योंकि अनलाइक जर्मनी और इटली ब्रिटेन का
00:21:16
कोई एक लड़ाई करके या दो-तीन लड़ाइयां
00:21:18
करके यूनिफिकेशन नहीं हो गया था एक बहुत
00:21:20
लंबे समय तक सेंचुरी तक चला था ब्रिटेन का
00:21:23
यूनिफिकेशन और वहां पर तो राजा महाराजा कर
00:21:25
रहे द यूनिफिकेशन ब्रिटेन का यूनिफिकेशन
00:21:27
इंग्लिश पार्लियामेंट ने किया था देखो
00:21:29
ब्रिटेन जो अभी आप ग्रेट ब्रिटेन देखते हो
00:21:32
वहां पे सिर्फ इंग्लिश बोलने वाले लोग
00:21:33
नहीं रहते हैं वहां पे एक्चुअली चार
00:21:35
डिफरेंट एथलीसिटी रहा करती थी और आज भी
00:21:37
रहते हैं इसमें आते द वेरी स्लो आयरिश
00:21:40
श्लोक स्कॉटिश लोग और इंग्लिश लोग अब
00:21:42
इसमें से जो इंग्लिश बोलने वाले लोग द
00:21:44
यानी की इंग्लैंड के लोग द उन्होंने
00:21:46
धीरे-धीरे बहुत पावर हासिल कर ली थी अब
00:21:48
जानती होगी इंग्लैंड की कितनी सारी कॉलोनी
00:21:50
सी इंडिया बीइंग वैन ऑफ दें तो जैसे-जैसे
00:21:52
उनकी पावर बढ़ रही थी वैसे-वैसे वो अपने
00:21:54
आसपास वाली एथलीसिटी इस पे भी कब्जा जमाने
00:21:57
की कोशिश कर रहे द उन्होंने ऐसे दो पैसे
00:22:00
स्कॉटलैंड को धोखा देकर अपने कब्जे में कर
00:22:02
लिया एक्ट ऑफ यूनियन के साथ न्यूज़ 17 में
00:22:05
बना और स्कॉट को बोला था की यार हम दोनों
00:22:08
मिलके ब्रिटेन के पार्लियामेंट में
00:22:09
बैठेंगे 50-50 होगा सब कुछ परेशान नहीं था
00:22:12
इंग्लिश लोग वहां पे डोमिनेट करते द
00:22:14
स्कॉटिश लोगों को अपनी नेशनल कॉस्ट्यूम भी
00:22:16
पहनने नहीं दिया जाता था इसलिए भाषा भी
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बोलने नहीं दी जाती थी दूसरा धोका इंग्लिश
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लोगों ने किया आयरलैंड के लोगों के साथ
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आयरिश लोगों में कैथोलिक लोग हुआ करते द
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और प्रोटेस्टेंट लोग हुआ करते द तो
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उन्होंने वहां फुट डालो राज करो की नीति
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अपना के आइलैंड को भी फोर्सफुली अपने
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कब्जे में कर लिया और ऐसे बना ब्रिटेन से
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ग्रेट ब्रिटेन वहां पे आज भी इंग्लिश बोली
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जाती है और इंग्लिश कल्चर की डोमिनेट करता
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है और गोद से डी नोबल किंग पूरे ब्रिटेन
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का नेशनल एंथम है तो ये था स्ट्रेंज केस
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ऑफ ब्रिटेन नौ लेट्स टॉक अबाउट डी लास्ट
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पार्ट ऑफ अन चैप्टर विच इस लगोरी एंड
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बाल्कन रीजन देखो मेरे हाथ में ये संतरा
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है मैं बोलूं आई लव ऑरेंज जूस शॉप ऑरेंज
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को तो देख का रहे हो लेकिन आप क्या मेरे
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प्यार को ऑरेंज के प्रति मेरे प्यार को
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देख का रहे हो नहीं ना तो इसी को बोला
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जाता है एक एब्स्ट्रेक्ट फीलिंग या इमोशन
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कुछ चीज होती है जिन्हें हम देख सकते हैं
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छू सकते हैं लेकिन कुछ चीज होती हैं
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जिन्हें हम आकर के रूप नहीं दे पाते लेकिन
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आर्टिस्ट लोग उसे
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तो उसे परसोनिफिकेशन या अली बोला जाता है
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जैसे भारत के प्रति अपने प्यार को भारत
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माता के रूप में व्यक्त करते हो वैसे ही
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फ्रांस के प्रति प्यार को लगोरी बनाया या
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क्रिश्चियन वीरेन के रूप में और जर्मनी के
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प्रति लोगों की भावनाओं को व्यक्त किया
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देर मेनिया के रूप में
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और जर्मेनियम से रिलेटेड बातें आपको इस
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ब्लॉक में मिल जाएंगी एक-एक चीज जर्मनी से
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रिलेटेड बहुत इंपॉर्टेंट है मैं चलती हूं
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लास्ट टॉपिक की तरफ जो है बाल्कन एरिया तो
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जो लास्ट क्वार्टर था 19थ सेंचुरी का वहां
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पे नेशनलिज्म को लोगों को जोड़ने के लिए
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नहीं बल्कि लोगों को तोड़ने के लिए
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इस्तेमाल किया इससे पहले हमने देखा की
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नेशनलिज्म कैसे लोगों को करीब लता था
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लेकिन अभी लेटेस्ट एग्जांपल बाल्कन वाले
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एग्जांपल में हम देखेंगे की कैसे एथलीसिटी
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के बीच में दीवार खींच गई नेशनलिज्म की
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वजह से तो चलो बाल्कन को डिस्कस करते हैं
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बाल्कन यूरोप में एक ऐसा एरिया था जहां पे
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किसी एक कल्चर के लोग नहीं रहते द बल्कि
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अलग-अलग कल्चर के लोग रहते द वैसे डोरिया
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के भी लोग theniyan के भी लोग द एक रोहित
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के भी लोग द और ऑफ दोस्त राइट इन सब का
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कल्चर भी अलग था इतनी सिटीज भी अलग थी
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इसीलिए इन्हें बाल्कन रीजन में स्लैब बोला
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जाता है मतलब की हर एक डिफरेंट कल्चर को
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आप एक डिफरेंस स्लैब की तरह इमेजिन कर लो
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अब इस पूरे बाल्कन एरिया पे ऑटोमेटिक
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अंपायर का कब्जा था अब धीरे-धीरे
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नेशनलिज्म की भावना पुरी और अपने फैल रही
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थी तो इन स्लैब इतनी सिटीज को भी समझ ए
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रहा था की यार अब ऑटोमेटिक
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किए जाते हैं जब हमारा कल्चर अलग है भाषा
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अलग है पहनावा अलग है राइट तो
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मैं एक दूसरे से लड़ाइयां करनी शुरू कर दी
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क्योंकि एक दूसरे से बहुत जलते द यू लोग
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टेरिटरी के नाम पे और ऑटोमेट से लड़ाई
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शुरू कर दी क्योंकि ये लोग इंडिपेंडेंट
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चाहते द तो इसीलिए इंटेंस रिवरी क्रिएट हो
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गई बाल्कन वाले एरिया में लैब्स के बीच
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में और इनफेक्ट यूरोप के भी देशों में डीग
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यूरोपियन पावर्स में जैसे की फ्रांस जैसे
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की ब्रिटेन जैसे की ऑस्ट्रो हंगेरिया जो
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बाल का रीजन को रिसोर्स रिच मानते द और वो
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चाहते द की बाल्कन पे हम कब्जा कर ले तो
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आप सोचो मतलब एक छोटा सा एरिया यूरोप का
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यहां पे लोग इंटरनल भी लड़ रहे हैं और
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externalli भी दुनिया में लड़ाई हो रही है
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बाल्कन के लिए तो ये पूरा एक हॉट पॉट बन
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गया था confidt का और ये एक मेजर रीजन बना
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फर्स्ट वर्ल्ड वॉर का दुनिया में फिर
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धीरे-धीरे पुरी दुनिया में जिन भी देशों
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को पोलराइज किया गया था चाहे वो इजिप्ट हो
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चाहे वो इंडिया हो उन सारे देशों ने आजादी
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ली एंटी इनफीरियर मूवमेंट्स के जैसे हमने
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किया फ्रीडम स्ट्रगल अगेंस्ट डी ग्रेट
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ब्रिटेन और उसी के साथ दुनिया में
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धीरे-धीरे नशा स्टेट आना शुरू हुए और आज
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आप देखते हो आपके आसपास सारी पॉलिटिकल
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बाउंड्रीज के साथ नेशन स्टेट से जैसे भारत
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अच्छी लगी हो तो डोंट फॉरगेट तू लाइक एंड
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डोंट फॉरगेट तू शेरीट विद योर फ्रेंड्स इस
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चैप्टर की पुरी एक्सप्लैनेशन का लिंक
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मैंने की कमेंट बॉक्स में पिन कर दिया है
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यू नेक्स्ट टाइम बाय-बाय