Spong Iron Production//DRI Production// #ironmaking

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https://www.youtube.com/watch?v=Ki58rVflAFk

摘要

TLDRThis video provides a comprehensive overview of Direct Reduced Iron (DRI) production, focusing on the cold-based method that uses a rotary kiln. It describes the process as an alternative to traditional blast furnace methods, detailing the advantages of using non-coking coal, the significance of raw material quality, and discusses common operational challenges such as material accretion and temperature control. It emphasizes the need for precise parameter monitoring to optimize production efficiency. The video also mentions both the benefits, including reduced sulfur content, and the drawbacks of the DRI method, situating it within the context of iron production in India.

心得

  • 🔄 DRI is an alternative to conventional blast furnace methods.
  • ⚙️ Rotary kilns are crucial for DRI production.
  • 🌱 DRI production leverages non-coking coal to reduce costs.
  • 📏 Precise temperature control is essential in the reduction process.
  • 📊 Monitoring parameters optimizes production efficiency.
  • 🥇 High-quality raw materials improve final product quality.
  • 💰 DRI can replace scrap in steelmaking processes.
  • 🌍 DRI production is generally more environmentally friendly.
  • 🚧 Challenges include lower productivity and potential transportation issues.
  • 📈 Future increases in DRI production are anticipated in India due to available resources.

时间轴

  • 00:00:00 - 00:05:00

    Introduction to the video and the topic of Direct Reduced Iron (DRI) as an alternative route to iron production, highlighting its significance beyond traditional methods like blast furnaces.

  • 00:05:00 - 00:10:00

    Overview of the cold-based DRI process using rotary kilns, discussing the design, raw materials needed, and common issues faced in production.

  • 00:10:00 - 00:15:00

    Explanation of the advantages of DRI production in India, particularly due to the scarcity of cooking coal and the abundance of non-cooking coal, which can significantly reduce costs.

  • 00:15:00 - 00:20:00

    Insights into the rotary kiln process where raw materials are added, and how the reduction occurs without creating liquid products, maintaining solid forms throughout.

  • 00:20:00 - 00:25:00

    Discussion of the features and dimensions of rotary kilns, including air supply mechanisms, charging rates, and residence times that affect production efficiency.

  • 00:25:00 - 00:30:00

    Details about the raw materials used in the DRI process, emphasizing the importance of quality and characteristics of coal and flux materials to control sulfur content effectively.

  • 00:30:00 - 00:35:00

    Examination of the reduction reactions taking place within the kiln and how various gases such as CO and CO2 play critical roles during iron ore reduction.

  • 00:35:00 - 00:40:00

    Overview of the operational parameters necessary for maintaining optimal temperatures and pressures within the rotary kiln, including the effect of secondary air supplies.

  • 00:40:00 - 00:45:00

    Significant challenges faced during the DRI process, including accretion formation and the need for regular maintenance to prevent issues that could halt production.

  • 00:45:00 - 00:52:12

    Conclusion discussing the advantages and disadvantages of DRI in comparison to traditional methods, emphasizing its potential in the future of iron production in India.

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思维导图

视频问答

  • What is Direct Reduced Iron (DRI)?

    DRI is a method of producing iron in solid form without using coke, typically through the reduction of iron ore using non-coking coal.

  • What are the raw materials required for DRI production?

    The primary raw materials include iron (in lump form), non-coking coal, and lime stone.

  • How does the rotary kiln work in DRI production?

    The rotary kiln rotates to facilitate the reduction process, allowing raw materials to travel through while being heated to generate DRI.

  • What is the temperature maintained inside the rotary kiln?

    The temperature usually ranges from 950°C to 1050°C during the reduction process.

  • What are the advantages of the DRI process?

    Advantages include the use of lower-cost non-coking coal, reduced sulfur content, and operational flexibility in feeding continuous material.

  • What are the disadvantages of the DRI production method?

    Disadvantages include lower productivity compared to blast furnaces, transportation challenges, and higher production costs.

  • Why is monitoring parameters important in DRI production?

    Monitoring ensures optimal conditions for reduction, material properties, and helps in averting operational challenges like clumping or uneven heating.

  • How does the carbon content affect the DRI product?

    Higher carbon content in DRI can improve the melting process in subsequent steelmaking and reduce oxidation risks.

  • What environmental considerations are there for DRI production?

    DRI production is generally more environmentally friendly compared to traditional methods, contributing less pollution.

  • Why is the DRI process considered efficient?

    The DRI process allows for continuous feeding and can optimize the use of available raw materials, making it a viable option for future iron production in India.

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    हेलो एवरीवन स्वागत है आप सभी के इस
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    वीडियो में तो आज के इस वीडियो की हम लोग
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    पढ़ने वाले हैं प्रोडक्शन के बारे में
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    जिसको की ड्राइव बोलते हैं डायरेक्ट
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    रिड्यूस्ड आयरन ये एक अल्टरनेटिव रूट है
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    आयरन प्रोडक्शन का ठीक है तो ब्लास्ट होने
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    के अलावा जो भी रूट है आयरन प्रोडक्शन का
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    उसको हम अल्टरनेटिव रूट ऑफ आयरन प्रोडक्शन
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    बोलते हैं ठीक है उसमें से एक है दी आर आई
  • 00:00:19
    ठीक है डायरेक्ट रिड्यूस्ड आयरन तो आज की
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    इस वीडियो में हम लोग कोल्ड बेस्ड तू दी
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    आर आई है ना उसके बारे में पढ़ेंगे जो
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    रोटरी किलर होता है जहां वहां से कैसे
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    बंजारन बनता है ठीक है उसका डिज़ाइन क्या
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    है क्या-क्या प्रॉब्लम्स आती है क्या रॉ
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    मटेरियल होता है एवरीथिंग आपको एकदम
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    क्रिस्टल क्लियर हो जाएगा ठीक है आपको ऐसा
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    वीडियो और यूट्यूब में नहीं मिलने वाला है
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    नॉर्मल आपको ऐसे वीडियो मिल जाएंगे जहां
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    पे कीलन आपको देखने को मिल जाएगा बट जो
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    मैं आपको बताऊंगा पूरा है ना प्रिंसिपल से
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    लेकर के उसका वर्किंग और एवरीथिंग आपको इस
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    वीडियो में जानने को मिलेगा ठीक है तो
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    चलिए शुरू करते हैं तो ये देखो ये आपको जो
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    दिख रहा है ना फोटो में यही है
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    ठीक है
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    अब सबसे पहले देख लेते हैं थोड़ा बहुत
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    अल्टरनेटिव रूट के बारे में ठीक है उसमें
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    से एक अल्टरनेटिव रूट है डायरेक्ट रिडक्शन
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    ठीक है तो डायरेक्ट जो रिडक्शन प्रक्रिया
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    होता है उसमें जो भी चार्ज मटेरियल होता
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    है वह सॉलिड के फॉर्म में डालते हैं और जो
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    हमारा जो प्रोडक्ट मिलता है वो भी सॉलिड
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    के ही फॉर्म में मिलता है ठीक है में यहां
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    पर चार्ज मोटर आपको क्या होता है एक होता
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    है और ठीक है जिसमें लैंप और भी होता है
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    और पायलेट्स भी होता है ठीक है
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    दूसरा होता है नॉन कुकिंग कोल्ड ठीक है
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    और होता है दोनों मिटे फ्लक्स के फॉर्म
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    में हम डालते हैं ठीक है तो ये जो पूरा
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    प्रक्रिया होता है ना रिडक्शन का
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    प्रक्रिया वो पूरा सॉलिड फॉर्म नहीं होता
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    यहां पे लिक्विड बिल्कुल भी नहीं बनता है
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    ठीक है अब यह जो डायरेक्ट रिडक्शन
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    प्रक्रिया होता है ना वो सॉलिड बेस्ड भी
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    होता है जिसको
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    होता है
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    उसके लिए हम उसे करते हैं
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    है ना और जो कोल्ड बेस्ड यार होता है मतलब
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    कोल्ड बेस्ट डायरेक्ट प्रोडक्शन होता है
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    उसके लिए हम रोटरी किलर है रोटरी हार्ट है
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    ना मल्टी हेल्थ करने से इन सब का उपयोग
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    करते हैं ठीक है अब देखो अब बात आती है की
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    डॉ जो है डायरेक्ट रिडक्शन प्रक्रिया की
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    हमको जरूरत क्यों पड़ी जब हमारे पास पहले
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    से ही ब्लास्ट फर्नेस है वहां से अच्छा
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    खास प्रोडक्शन हो रहा है तब हम हमको ये डॉ
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    प्रक्रिया से अल्टरनेटिव रूट की आवश्यकता
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    क्यों पड़ी ठीक है देखो सबसे जो में जो है
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    ना इसका बहुत सारे एडवांटेजेस में आपको
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    आगे बताऊंगा लेकिन जो सबसे बड़ा फैक्टर है
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    वो है कोक ठीक है आपको पता होगा की
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    ब्लास्ट करने इसको रन करने के लिए हमको
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    सबसे जो में रॉ मटेरियल चाहिए होता है कुक
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    ठीक है कोक के बिना आपका ब्लास्ट होने से
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    नहीं चल सकता अब ये जो कोक है कहां से
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    बनता है मुझे कोख है वो कुकिंग कॉल से
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    बनता है ठीक है किस कुकिंग कॉल या जिसको
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    मेटालर्जिकल कूल भी बोलते हैं उससे बनता
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    है अब इंडिया में कुकिंग कोल्ड बहुत कम
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    जगह मिलता है उसका बहुत कम डिपॉजिट है
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    इंडिया में ठीक है झारखंड में है ना
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    झारखंड में है बस एक जगह
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    ठीक है अब जितने भी कोचिंग डिमांड है ना
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    हमारे यहां जो इंडिया में जो डिमांड का वो
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    फॉरेन से आता है जितना भी कुकिंग का जो
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    जरूरत है ठीक है वह आपका ऑस्ट्रेलिया से
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    साउथ अफ्रीका से न्यूजीलैंड से और भी
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    दूसरे कंट्री से आता है तो ये बहुत महंगा
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    पड़ता है क्योंकि बाहर से ए रहा है और
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    वैसे भी जो कुकिंग गोल है वो बहुत महंगा
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    पड़ता है है ना तो इस विषय में सोचा गया
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    की हॉकी बॉल काफी महंगा पड़ता है जब हम
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    लोग ब्लास्ट होने से बनाते हैं तो क्या हम
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    बिना कुकिंग ऑयल का उसे की आयरन का
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    प्रोडक्शन कर सकते हैं ठीक है तो यही सोच
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    से क्या आपको अपने को मिला है डॉ
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    प्रोडक्शन ठीक है डायरेक्ट रिडक्शन आयरन
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    ठीक है अब दूसरे के रीजन क्या है की अपने
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    इंडिया में जो नॉन कुकिंग गोल है जो
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    नॉर्मल जो गोल होता है उसका बहुत ज्यादा
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    हमारे यहां डिपॉजिट है जिसको उपयोग हम अभी
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    पावर प्लांट में करते हैं इलेक्ट्रिसिटी
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    जेनरेशन में बट उसका उपयोग हम आयरन
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    रिडक्शन प्रक्रिया ठीक है डायरेक्ट
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    रिडक्शन प्रक्रिया में हमको कुकिंग कॉल की
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    जरूरत नहीं है ठीक है हम नॉर्मल जो नॉन
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    कुकिंग गोल है ना उसका हम उपयोग करते हैं
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    ठीक है और भी बहुत सारे एग्जांपल से आपको
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    मैं आगे या जो एडवांटेजेस एंड आपको आगे
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    बताऊंगा ठीक है अब ये देखो जो डॉ प्रोसेसर
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    है ना उसको अलग-अलग ग्रुप में डिवाइड किया
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    गया है जैसे एक है कोल्डप्ले कोल्ड बेस्ड
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    रोटरी पोल बेस्ड प्रक्रिया यूजिंग रोटरी
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    किलर इसी के बारे में हम लोग डिटेल से
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    पढ़ेंगे अभी बाकी प्रक्रिया को हम नेक्स्ट
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    वीडियो में पढ़ेंगे ठीक है आपको नाम बता
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    देता हूं एक होता है कोल्ड बेस्ड
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    प्रक्रिया यूजिंग आदर टाइप ऑफ रिएक्टर
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    लाइक रोटरी हर्ट्ज फर्निश वर्टिकल रिकॉर्ड
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    ठीक है इसके अलावा
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    गैस बेस्ड प्रक्रिया होता है है ना जो
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    रिकॉर्ड में हम बैच टाइप प्रक्रिया करते
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    हैं ठीक
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    है
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    तो ये सारी चीज हैं जो डॉ प्रक्रिया के
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    अंदर आती है इसमें जो सबसे ज्यादा
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    यूटिलाइज होता है जो सबसे ज्यादा जो
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    प्रोडक्शन हमको मिलता है वो यहां से मिलता
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    है कोल्ड बेस्ड प्रक्रिया यूजिंग रोटरी
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    किलर ठीक है रोटरी किलर से हम जो डॉ
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    प्रोडक्शन करते हैं ना वो इंडिया में बहुत
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    जगह आपको मिलेगा ठीक है बड़े प्लांट के
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    पास भी है बड़े इंटीग्रेटेड प्लांट के पास
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    भी और कई सारे छोटे-मोटे भी सिंगल प्लांट
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    भी है जिसके पास केवल
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    करके बड़े प्लांट को भेज देते हैं ठीक है
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    तो सबसे ज्यादा प्रोडक्शन आपका अल्टरनेटिव
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    रूट में यही होता है रोटरी की लिंक के
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    थ्रू
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    ठीक है तो हम इसी को डिटेल में पढ़ लेते
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    हैं
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    तो देखिए रोटरी किलर प्रक्रिया में क्या
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    होता है हमारे पास
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    इस तरह से एक रोटरी किलर होता है यहां पर
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    जो आप देख रहे हो इस तरह से सिलेंडर का
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    टाइप का रोटरी किलर होता है ठीक है
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    थोड़ा सा उठा हुआ होता है ठीक है ये वाला
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    पोर्शन और उसके बाद जो दूसरा पोर्शन होता
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    है वो थोड़ा सा झुका हुआ होता है ठीक है
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    इसका कुछ एंगल ऑफ इंक्लिनेशन होता है अब
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    ये जो कीलन है वो धीरे-धीरे घूमता है ठीक
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    है ये जो सिलैंडरिकल शॉप का होता है की वो
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    क्या होता है घूमता है आरपीएम में ठीक है
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    तो ये जो हायर साइड है उधर हम अपना ड्रॉप
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    मटेरियल को डालते हैं ठीक है हम रॉ
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    मटेरियल में यहां पर उसे करते हैं और को
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    लैंप और को अभी मैं डिटेल से इसके बारे
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    में बताऊंगा
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    धीरे-धीरे नीचे आता है ठीक है और इन
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    बिटवीन रोटरी किलर जो होता है ना इसी के
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    बीच में सारा प्रक्रिया होता है आपका जो
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    आयरन
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    होता है ठीक है
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    जो भी कोयला हम चार्जिंग साइड से डालते
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    हैं वो आखिरी तरह आते-आते पूरा जल चुका
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    होता है राग बन चुका होता है ना मतलब यहां
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    से हम दल रहे हैं रोटरी कीलन के तो बीच
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    में या बोल सकते हो 70% लेंथ तक आते-आते
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    पूरा कोयला जल चुका होता है ठीक है तुम
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    वहां पर कोयले की कमी हो जाती है वो हिट
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    सप्लाई नहीं कर पता है तो उसके लिए हम
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    क्या करते हैं डिस्चार्ज एंड से भी कोल्ड
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    डस्ट का हम यहां से इंजेक्ट करते
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    कोल्डेस्ट और
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    इंजेक्ट करते हैं इधर से डिस्चार्ज से तो
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    70% जो एरिया है उसको कौन कवर करता है
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    चार्जिंग
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    यह पूरा कम करता है
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    इस तरह से रहता है अभी हम डिटेल से भी
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    इसको देखने वाले हैं यह है सर्टेन आरपीएम
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    में क्या होता है घूमते रहता है
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    ठीक है
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    जब हम चार्जिंग करते हैं ना तो मटेरियल
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    धीरे-धीरे चार्जिंग
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    तक जाता है
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    ठीक यहां पर हम थोड़ा सा फीचर्स देख लेते
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    हैं लेंथ इसका होता है 42 45 मीटर अब
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    देखिए यह जो लेंथ है ना यह जो बुक है
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    उसमें डिटेल दिया है काफी पुराना है अब तो
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    80 से 90 मीटर की भी अकेले में आपको देखने
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    को मिलते हैं
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    ठीक है अब तो 80 80 90 मीटर आपको मिलेगा
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    लेकिन यहां पर
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    दिया है इसी के रिस्पेक्ट में आप लोग समझ
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    जाओ की वह उसे डबल है तो सारी चीज इससे
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    डबल ही होगी ठीक है
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    तो लेंथ इसका जो है जहां से ये पुस्तक में
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    उठाया गया होगा वहां पे क्या है 42 45
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    मीटर इसका लेंथ होता है लेंथ है जो एयर
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    बोन है जो है 2000 मीटर कब पर अवर स्पीड
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    से हम एयर को सप्लाई करते हैं चार्जिंग
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    थिकनेस क्या है 600 मतलब जो किलर है ठीक
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    है
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    यहां पे 3 मीटर होता है तो आपको जो चार्ज
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    दिखने से कितना होना चाहिए 600 म होना
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    चाहिए क्योंकि आपको काफी जगह क्लियर के
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    अंदर खाली रखना है ताकि जो भी रिड्यूजिंग
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    गैस है वो फ्लो कर सके ठीक है
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    चार्जिंग रेट आपका 200 तन पर दे है कोल्ड
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    रिक्वायर्ड है आपका 1.22.1
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    है आउटपुट यहां पर
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    दे है ठीक है अब देखो 40 मीटर का है तो
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    आपको 100 दे मिल रहा है अगर आप इसको डबल
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    कर दो 80 या 90 कर दो तो उसे हिसाब से
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    आउटपुट भी बढ़ेगा ठीक है आजकल तो जनरली
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    किसी भी प्लांट में 300 से 400 टर्न पर दे
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    कर रहता ही है कम से कम ठीक है
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    कोल्ड फीड यहां पर लगभग 5 से 6 तन पर लगता
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    है ठीक है रेजिडेंस टाइम आपका साथ से 8
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    घंटा है मतलब जो मटेरियल को आप चार्जिंग
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    से डिस्चार्ज में दाने का जो समय
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    और सात से आठ घंटा लगता है ना रिडक्शन
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    टाइम आपका 3 से 4 घंटा है क्रिएटिंग तीन
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    से चार है कोल्ड रिक्वायर्ड है प्रीत
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    इंग्लिश 8% और
  • 00:09:57
    बर्नर के लिए 40% ठीक है तो ये सारी
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    फीचर्स हैं ठीक है
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    अब देखो कौन-कौन सा रॉ मटेरियल हम ड्रिप
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    प्रक्रिया में उसे करते हैं तो पहला है
  • 00:10:07
    आयरन और लैंब जिसका साइज 8 से कितना होता
  • 00:10:10
    है 20 म और मिन साइज है 12 में मतलब जो
  • 00:10:13
    एवरेज साइज
  • 00:10:16
    जो है हम जनरली डालते हैं जो पायलट होता
  • 00:10:20
    है
  • 00:10:23
    और जो प्रेफर साइज है वह किया जाता है
  • 00:10:28
    और जो लाइमस्टोन
  • 00:10:31
    के साइज में हम डालते हैं
  • 00:10:35
    अब थोड़ा सा देख लेते हैं रॉ मटेरियल
  • 00:10:39
    के लिए रोटरी किलर के लिए तो सबसे पहले
  • 00:10:42
    कॉल ठीक है तो कोल्ड कोल्ड बहुत
  • 00:10:45
    इंपॉर्टेंट रॉ मटेरियल है कोई भी क्या
  • 00:10:46
    करते हैं आपका ये जो फ्यूल कम करता है हिट
  • 00:10:49
    सप्लाई करता है कोल्ड ठीक है जलता है तो
  • 00:10:51
    इसे हिट निकलता है और यही में रिड्यूजिंग
  • 00:10:53
    एजेंट होता है जो कोल में जो कार्बन है वो
  • 00:10:55
    बर्न होता है आपका अंदर में है ना अगर ये
  • 00:10:58
    कंप्लीट होता है तो कार्बन डाइऑक्साइड
  • 00:10:59
    बनाते हैं यही कार्बन डाइऑक्साइड वापस
  • 00:11:01
    रिएक्शन करते हैं कार्बन से और इसे बनता
  • 00:11:03
    है को ठीक है तो यह सीईओ बनने के लिए
  • 00:11:05
    कार्बन की रिएक्टिविटी जो कोल्ड की
  • 00:11:07
    रिएक्टिविटी वो हाई होनी चाहिए तभी जाकर
  • 00:11:10
    के वो कार्बन डाइऑक्साइड और कार्बन का
  • 00:11:11
    रिएक्शन होता है और वो को बनता है क्योंकि
  • 00:11:13
    को अपना में रिड्यूजिंग एजेंट है कार्बन
  • 00:11:15
    डाइऑक्साइड
  • 00:11:24
    होना चाहिए
  • 00:11:26
    ठीक है एस कंटेंट कम होना चाहिए वोलेटाइल
  • 00:11:29
    मैटर उसका कम होना चाहिए ठीक है और इसके
  • 00:11:32
    अलावा रिएक्टिविटी हाई होनी चाहिए और
  • 00:11:35
    फ्यूज़न टेंपरेचर भी हाई होना चाहिए ठीक
  • 00:11:36
    है यह सारी रिटायरमेंट होता है इसके अलावा
  • 00:11:39
    जो सल्फर कंटेंट है कॉल में वह कम होना
  • 00:11:42
    चाहिए पहले जो कॉल भी होता है ना उसका
  • 00:11:44
    पहले एनालिसिस कर लेते हैं पूरा
  • 00:11:45
    प्रॉक्सिमिटी एनालिसिस इसके अलावा इसके
  • 00:11:48
    स्ट्रेंथ टेस्ट सब कुछ हम पहले कर लेते
  • 00:11:50
    हैं ठीक है तो अच्छी क्वालिटी का कॉल की
  • 00:11:53
    हमको जरूरत पड़ता है सल्फर और फास्फोरस
  • 00:11:56
    कंटेन भी कम होना चाहिए क्योंकि जितना
  • 00:11:57
    ज्यादा साल भर फास्फोरस होगा डॉ ही में
  • 00:11:59
    उतना ज्यादा पिक अप होगा ठीक है और डीआरएम
  • 00:12:02
    में ज्यादा सल्फर और फास्फोरस होगा तो
  • 00:12:03
    अल्टीमेटली वो स्टील मेकिंग में प्रॉब्लम
  • 00:12:04
    क्रिएट करता है
  • 00:12:10
    अब देखो यहां पर प्रोडक्शन में क्या होता
  • 00:12:12
    है जो आपका आयरन और है पूरा सॉलिड फॉर्म
  • 00:12:15
    में हम डालते हैं और हमको प्रोडक्ट भी
  • 00:12:17
    सॉलिड फॉर्म में निकलता है ठीक है यहां पर
  • 00:12:20
    कोई भी लिक्विड तो बनता नहीं है कोई
  • 00:12:22
    सिलेक्ट तो बनता नहीं है तो क्या होता है
  • 00:12:24
    आयरन और मैं जितना भी गैंग होता है ना वो
  • 00:12:26
    डीआरआई के साथ ही निकलता है ठीक है मतलब
  • 00:12:29
    गैंग रिमूवल यहां पे होता भी नहीं है ठीक
  • 00:12:31
    है तो गैंग रिमूवल नहीं होता है इसका मतलब
  • 00:12:33
    क्या है आपको अच्छी क्वालिटी का आयरन और
  • 00:12:35
    इस्तेमाल करना पड़ेगा ठीक है अगर लो ग्रेड
  • 00:12:38
    आयरन और आप इस्तेमाल करोगे जिसमें गैंग
  • 00:12:39
    बहुत ज्यादा है ठीक है तो क्या होगा गैंग
  • 00:12:42
    तो यहां रिमूव होता नहीं है पूरा गैंग
  • 00:12:43
    इसमें जाएगा ठीक है फिर वो बाद में स्टील
  • 00:12:46
    मेकिंग में जाके प्रॉब्लम क्रिएट करेगा
  • 00:12:47
    ठीक है तो पहले से ही आयरन में कम होना
  • 00:12:50
    चाहिए
  • 00:12:54
    ठीक है क्योंकि जो आयरन होता है ना वह जो
  • 00:12:58
    प्रोडक्ट होता है किलर में वहां पर उसका
  • 00:12:59
    और परसेंटेज बढ़ जाता है क्योंकि ऑक्सीजन
  • 00:13:01
    भी हो जाता है आयरन और से क्या होता है
  • 00:13:02
    ऑक्सीजन रिमूव हो जाता है इससे आयरन ओवर
  • 00:13:05
    का वेड्स जो है ना 30% जो है घाट जाता है
  • 00:13:09
    ठीक है क्योंकि उसे ऑक्सीजन अलग हो जाता
  • 00:13:11
    है आप जितने भी गैंग है वो तो उसमें बने
  • 00:13:13
    रहेंगे तो रिमूव होता नहीं है तो गैंग का
  • 00:13:15
    परसेंटेज ना 1.4 टाइम बढ़ जाता है
  • 00:13:18
    ठीक है इसलिए अच्छी क्वालिटी का और उसे
  • 00:13:20
    करना जरूरी है जितनी अच्छी क्वालिटी का हो
  • 00:13:23
    सके इसके अलावा जो फास्फोरस कंटेंट है और
  • 00:13:25
    मैं बहुत कम होना चाहिए बिलो 0.03% होना
  • 00:13:27
    चाहिए क्योंकि फास्फोरस बिल्कुल भी रिमूव
  • 00:13:29
    नहीं होता है डीआरएम है ठीक है पूरा का
  • 00:13:32
    पूरा जितना भी फास्फोरस रहेगा
  • 00:13:34
    सल्फर भी कम से कम होना चाहिए 0.02% ठीक
  • 00:13:38
    है
  • 00:13:41
    प्रॉब्लम क्रिएट करेगा आगे स्टील मीटिंग
  • 00:13:43
    में
  • 00:13:45
    अब बात आती है डोलोमाइट
  • 00:13:47
    फ्लक्स अब आप यह भी पूछ सकते हो की जब
  • 00:13:50
    यहां पर
  • 00:13:51
    हम फ्लक्स को डालते हैं ठीक है यह
  • 00:13:54
    क्वेश्चन ए सकता है तो इसका आंसर यह है की
  • 00:13:56
    जो डोलोमाइट होता है ना वह सल्फर को
  • 00:14:00
    ले लेता है सल्फर के साथ रिएक्शन करके
  • 00:14:02
    सल्फर को अलग कर देगा ये जो डोले मिटे हैं
  • 00:14:04
    जो आपको कैल्सियम ऑक्साइड है ना और जो
  • 00:14:07
    मैग्नीशियम ऑक्साइड है सल्फर से रिएक्शन
  • 00:14:09
    करके कैल्सियम सल्फाइड बनाते हैं और
  • 00:14:11
    मैग्नीशियम सल्फाइड बनाते हैं ठीक है तो
  • 00:14:14
    ये सल्फर को कंट्रोल करने के लिए हम क्या
  • 00:14:15
    डालते हैं फ्लक्स डालते हैं क्योंकि सल्फर
  • 00:14:17
    एक तो आयरन और मैं कुछ मात्रा में आता है
  • 00:14:19
    लेकिन जो मैक्सिमम सल्फर है ना वो कॉल से
  • 00:14:21
    आता है कोल में लगभग 4 2.5% तक आपको क्या
  • 00:14:24
    रहता है सल्फर होता है तो बहुत ज्यादा
  • 00:14:27
    सल्फर है अगर ये पूरा डीआरआई में चला गया
  • 00:14:28
    तो क्वालिटी पूरा खराब कर देगा ठीक है
  • 00:14:30
    इसलिए हमको फ्लक्स उसे करना पड़ता है
  • 00:14:35
    मिनिमम आपका 28% कैल्सियम ऑक्साइड होना
  • 00:14:37
    चाहिए 20% आपका मैग्नीशियम ऑक्साइड होना
  • 00:14:40
    चाहिए ठीक है
  • 00:14:42
    और जो एसिड है वह 6% से कम होना चाहिए ठीक
  • 00:14:46
    है तो यह सब यह सब यह सब था रॉ मटेरियल की
  • 00:14:49
    क्वालिटी आपको किस टाइप का रॉ मटेरियल
  • 00:14:50
    आपको रोटरी किलर में उसे करना है
  • 00:14:54
    ठीक है
  • 00:14:57
    रोटरी क्लब का तो ये समझ में आएगी की
  • 00:14:59
    चार्जिंग हम करते हैं तीनों जो रॉ मटेरियल
  • 00:15:00
    मैंने अभी बताया उसका प्रॉपर साइज भी बता
  • 00:15:02
    दिए हम यहां से चार्ज करते हैं ठीक है
  • 00:15:04
    सारा प्रक्रिया इस किरण के अंदर होता है
  • 00:15:06
    ठीक है डिस्चार्ज से हम कोल्डेस्ट भी बर्न
  • 00:15:09
    करते हैं ठीक है ताकि टेंपरेचर पीछे तक
  • 00:15:11
    मेंटेन हो सकती है अब वहां से जो डॉ है
  • 00:15:13
    अपने को मिलता है ना जो डॉ ही मिलता है
  • 00:15:15
    उसको हमको कूलर में भेजना पड़ता है ठीक है
  • 00:15:17
    कूलर क्या होता है वो भी रोटरी किलर के
  • 00:15:19
    जैसे ही होता है है ना उसमें एयर सप्लाई
  • 00:15:21
    बिल्कुल नहीं किया जाता ठीक है
  • 00:15:24
    जो
  • 00:15:26
    बनता है ना उसका जल्दी हो जाता है तो अगर
  • 00:15:30
    आप
  • 00:15:31
    टेंपरेचर में बाहर निकल दिए
  • 00:15:36
    वापस से ऑक्सिडाइज हो जाएगा
  • 00:15:40
    मतलब पूरे किए गए तो आपको क्या करना है
  • 00:15:43
    उसको बचा के रखना है
  • 00:15:45
    दी आर आई को पहले कूल कर लेते हैं कूलर
  • 00:15:47
    में ले जाकर के ठीक है उसका टेंपरेचर लाना
  • 00:15:51
    पड़ता है
  • 00:15:54
    रूल आती है उसके बाद हम फिर उसको बाहर
  • 00:15:56
    निकलती हैं क्योंकि अगर हाई टेंपरेचर में
  • 00:15:58
    बाहर निकलोगे तो तुरंत रियो ऑक्सिडाइज हो
  • 00:16:00
    जाएगा ठीक है इसकी टेंडेंसी ऑफ होने की
  • 00:16:03
    बहुत ज्यादा होती है इसलिए हमको बचा के
  • 00:16:04
    रखना पड़ता है इसको तो कूलर में जाता है
  • 00:16:06
    कूलर में यहां पे प्रॉपर ठंडा होता है
  • 00:16:07
    उसके बाद फिर हम क्या करते हैं स्क्रीनिंग
  • 00:16:10
    करते हैं ठीक है अलग-अलग साइज के मैटर को
  • 00:16:12
    अलग-अलग भेजते हैं जनरली जो माइंस थ्री
  • 00:16:14
    में होता है 3 म से जो छोटा होता है उसको
  • 00:16:16
    हम डायरेक्टली उसे नहीं करते उसको हम
  • 00:16:18
    एसबीआई के लिए भेज देते हैं हॉट इक्विटी
  • 00:16:20
    आयरन बनाने के लिए वहां पे इसको ब्रेक
  • 00:16:22
    वेटिंग करके बड़े-बड़े साइज का बना लेते
  • 00:16:23
    हैं और जो 3 म से ज्यादा बड़ा है उसको अलग
  • 00:16:26
    करके हम
  • 00:16:37
    मैग्नेटिक सेपरेटर उसे कर दे तो कूलर के
  • 00:16:40
    बाद ये मैग्नेटिक सेपरेटर में जाता है
  • 00:16:42
    जहां से जो भी रख वगैरा जो भी आदर मटेरियल
  • 00:16:44
    से अलग कर लेते हैं और डरीफ और फिर
  • 00:16:46
    स्क्रीनिंग करके वहां से हम उसको
  • 00:16:48
    इलेक्ट्रिक आर्क होने पर भेज देते हैं ठीक
  • 00:16:52
    है और यहां से जो गैसेस बाहर निकलती है है
  • 00:16:55
    ना जो गैसेस जेनरेट होता है कोको CO2 ये
  • 00:16:57
    सारी जो गैसेस हैं उसको आप ऐसी हवा में
  • 00:16:59
    छोड़ नहीं सकते तो उसका उपयोग हम
  • 00:17:02
    कर लेते हैं उसको क्या करते हैं बर्निंग
  • 00:17:04
    चैंबर होते हैं बर्निंग चैंबर में देरी से
  • 00:17:07
    जो गैसेस मिल रही है उसको हम जला लेते हैं
  • 00:17:08
    ठीक है तो इसके बर्निंग से हमको एनर्जी
  • 00:17:11
    मिल जाती है हिट एनर्जी इसी एनर्जी का
  • 00:17:13
    उपयोग करके हम और प्लांट भी चला सकते हैं
  • 00:17:15
    ना बहुत ज्यादा होता है की पावर प्लांट
  • 00:17:16
    जलाते हैं कुछ मेगावाट बिजली वहां से हम
  • 00:17:19
    उत्पन्न कर सकते हैं ठीक है फिर वहां से
  • 00:17:20
    उसको गैस को क्लीन करके चिमनी के थ्रू
  • 00:17:22
    छोड़ दिया जाता है ठीक है अब यहां पर और
  • 00:17:27
    अच्छे से आप देख रहे होंगे इसका डायग्राम
  • 00:17:29
    जो है यह पूरा लॉटरी कीलन है जो आपको अलग
  • 00:17:31
    से कलर में दिख रहा है ठीक है अब यहां पर
  • 00:17:33
    देखो गियर दिया हुआ है
  • 00:17:36
    ठीक है अभी मैं दिखाऊंगा मोटर है मोटर से
  • 00:17:39
    गियर को घूमते है उसके बाद यहां पे क्या
  • 00:17:42
    लगा हुआ टायर लगा हुआ है यह टायर एक्शन
  • 00:17:44
    में सपोर्ट के लिए क्योंकि बहुत लंबा होता
  • 00:17:47
    है आजकल तो 100 मीटर के भी गिलान ए गए हैं
  • 00:17:49
    उसको बीच में सपोर्ट देने के लिए ऐसे क्या
  • 00:17:51
    होते हैं टायर लगे होते हैं
  • 00:17:53
    ठीक है अब यहां से देखिए यह वाला जो एरिया
  • 00:17:55
    चार्जिंग करते हैं ठीक है तो यह एरिया
  • 00:17:58
    आपका चार्जिंग है तो जहां पर चार्जिंग
  • 00:18:00
    करते हैं वो एरिया तो स्टेशनरी होता है
  • 00:18:02
    ठीक है और इधर का एरिया क्या होता है
  • 00:18:05
    मूवेबल होता है घूम रहा है तो यहां पे
  • 00:18:07
    आपको एक सीलिंग लगाना पड़ता है क्योंकि
  • 00:18:08
    इधर का जो एरिया है अभी स्टेशनरी है उधर
  • 00:18:11
    के लिए घूम रहा है मूव कर रहा है तो वहां
  • 00:18:14
    पर प्रॉपर सीलिंग करना जरूरी है अगर
  • 00:18:15
    सीलिंग प्रॉपर नहीं हुआ है तो अंदर का जो
  • 00:18:17
    गैस है वो बाहर लीक हो सकता है ठीक है और
  • 00:18:19
    ओरिजिनल गैस होता है अगर बाहर क्लिक करेगा
  • 00:18:20
    तो वो डेंजरस हो सकता है
  • 00:18:23
    ठीक है यहां पर डायग्राम है इधर देखो इधर
  • 00:18:27
    से हम क्या करते हैं चार्जिंग करते हैं
  • 00:18:28
    ठीक है चार्जिंग
  • 00:18:35
    करता है इसके बाद कोयला जल जाता है रात बज
  • 00:18:39
    जाता है तो इधर के लिए आपको बैक साइड से
  • 00:18:42
    यहां से क्या करना पड़ता है
  • 00:18:50
    यहां पे देखो फिल्म भी जैसे दिख रहा है ना
  • 00:18:52
    तो इधर से जो कोला डालते हैं ना हवा के
  • 00:18:54
    साथ वो फ्लेम बंद के इधर जलता है
  • 00:18:58
    ठीक है अब यह जो पूरा बाहर से पूरा स्टील
  • 00:19:01
    का बना होता है स्टील सेल होता है बाहर का
  • 00:19:03
    लेकिन अंदर में firebigs की लाइनिंग होती
  • 00:19:05
    है किलर के अंदर आपको फायर brigaj की
  • 00:19:08
    लाइनिंग लगी होती है
  • 00:19:10
    ठीक है
  • 00:19:16
    क्योंकि कोयले को जलने के लिए आप लोगों को
  • 00:19:19
    ऑक्सीजन तो देना पड़ेगा ठीक है तो यहां पे
  • 00:19:22
    हम हॉट ब्लास्ट वगैरा नहीं देते हैं
  • 00:19:23
    नॉर्मल हवा देते हैं तो उसके लिए पूरे
  • 00:19:25
    किलर में ना बहुत सारी जगह पे फैन लगे
  • 00:19:28
    होते हैं जिसको ऐसे बोलते हैं सेकेंडरी
  • 00:19:30
    एयर फैन ठीक है ऐसे लगभग 7 8 जगह में फैन
  • 00:19:34
    लगे होते हैं ठीक है वहां फैन से हवा को
  • 00:19:37
    डायरेक्ट अंदर भेजा जाता है
  • 00:19:40
    उसको पूरा किया जाता है
  • 00:19:48
    यह देखो यह आपका क्या है गियर है इसी के
  • 00:19:51
    थ्रू आपका जो कीलन है वह घूमता है ठीक है
  • 00:19:53
    और उसको घूमता कौन है तो उसके लिए उपयोग
  • 00:19:55
    होता है मोटर इसको केएमडी बोलते हैं है ना
  • 00:19:58
    में ड्राइव किलर मैन ड्राइव ठीक है तो ये
  • 00:20:02
    मोटर से सॉफ्ट में जाता है एनर्जी
  • 00:20:05
    गियर बॉक्स में तो ये गियर बॉक्स इसलिए
  • 00:20:08
    दिया रहता है ताकि अगर आपको आरपीएम
  • 00:20:10
    कंट्रोल करना है कम ज्यादा करना है तो
  • 00:20:12
    गियरबॉक्स से आप आरपीएम को कम ज्यादा कर
  • 00:20:14
    सकते हो की ठीक है फिर यहीं से ही ये कहां
  • 00:20:18
    जाता है यहां पे गियर में जाता है फिर
  • 00:20:19
    यहां से रोते होता है
  • 00:20:24
    मतलब दो मोटर होता है क्योंकि अगर मैन
  • 00:20:27
    लीजिए मैन ड्राइव अगर बीच में कभी खराब हो
  • 00:20:29
    गया मेंटेनेंस की जरूरत पड़ी तो उसे समय
  • 00:20:31
    हम फर्निश को तो बंद कर नहीं सकते तो
  • 00:20:33
    इसलिए
  • 00:20:39
    घूमते हैं ठीक यहां पर दिया
  • 00:20:47
    जाता है
  • 00:20:53
    फिर हॉपर के थ्रू ये सीधा यहां पर कीलन के
  • 00:20:56
    अंदर
  • 00:21:00
    रॉ मटेरियल के अंदर जा रहा है
  • 00:21:03
    अब यहां पर
  • 00:21:10
    वह स्टेशनरी है और इधर लेफ्ट साइड का
  • 00:21:13
    पोर्शन है वह घूम रहा है तो इसकी भी चाहिए
  • 00:21:32
    यह आपका ऐसा टायर लगा होता है यह टायर
  • 00:21:35
    एक्चुअली में घूमने के कम नहीं करते केवल
  • 00:21:36
    सपोर्ट दे रहा है ठीक है यह जो कीलन है
  • 00:21:38
    इसको सपोर्ट प्रोवाइड कर रहे हैं उसको
  • 00:21:41
    टायर बोलते हैं इधर एक लगा है इधर भी लगा
  • 00:21:43
    होता है दो तो ठीक है तो ये केवल सपोर्ट
  • 00:21:45
    प्रोवाइड करता है घूमता है तो ये भी इसके
  • 00:21:46
    साथ-साथ घूमता है ठीक है
  • 00:21:49
    इस तरह से फैन दिया रहता है ठीक है एक तरह
  • 00:21:52
    से पंखा है ठीक है या बोल सकते हो ब्लू ए
  • 00:21:54
    रही है हवा को खींच के क्या करता है किरण
  • 00:21:57
    के अंदर भेजता है ठीक है तो ऐसे लगभग सात
  • 00:21:59
    से आठ फैन लगे होते हैं अब इस फैन का बहुत
  • 00:22:02
    ही इंपॉर्टेंट होता है क्योंकि अगर हमको
  • 00:22:04
    अंदर टेंपरेचर कंट्रोल करना है तो हम उसे
  • 00:22:06
    फैन से ही करना पड़ेगा आप जितना ज्यादा
  • 00:22:09
    हवा भेजोगे ना उतना ज्यादा अंदर टेंपरेचर
  • 00:22:10
    जेनरेट होगा ठीक है तो टेंपरेचर को
  • 00:22:13
    कंट्रोल कहां से करना है इसी से ठीक है
  • 00:22:15
    यहां पर दिया रहता है यहां से आप इसको
  • 00:22:17
    कंट्रोल कर सकते हो की कितना हो आपको अंदर
  • 00:22:19
    भेजना है जितना टेंपरेचर रखना उसके हिसाब
  • 00:22:21
    से आपको हवा भेजना है ठीक है दूसरे
  • 00:22:23
    इंपॉर्टेंट क्या है की अंदर आपको कंडीशन
  • 00:22:25
    चेंज करना है क्योंकि अंदर हमको
  • 00:22:26
    रिड्यूजिंग कंडीशन बना के रखना है ठीक है
  • 00:22:28
    अगर आप बहुत ज्यादा हवा दे दो की ब्लास्ट
  • 00:22:31
    होगा तो क्या होगा अंदर ऑक्सिडाइजिंग
  • 00:22:34
    CO2 में बन्ना चालू हो जाएगा तो अंदर का
  • 00:22:37
    जो एनवायरनमेंट है उसको भी फेंसिंग क्या
  • 00:22:40
    करते कंट्रोल करते हैं मतलब सबसे में
  • 00:22:41
    कंट्रोलिंग पैरामीटर यही होता है जो फैन
  • 00:22:43
    होता है जो बीच-बीच में हम हवा भेजते हैं
  • 00:22:45
    यहां पे आपका थर्मामीटर भी लगा होता है
  • 00:22:48
    ठीक है जहां से टेंपरेचर को लगातार मॉनिटर
  • 00:22:52
    किया जाता है
  • 00:22:54
    यह कॉल इंजेक्शन जो है बैक साइड से जो
  • 00:22:57
    करते हैं ना डिस्चार्ज होने से इस तरह से
  • 00:22:59
    रहता है ठीक है कॉलिंस इंजेक्शन काफी
  • 00:23:01
    बारीक होता है छोटे साइज का होता है
  • 00:23:03
    इसको यहां से यह
  • 00:23:05
    इंजेक्शन कर दिया हवा के साथ कोयले को
  • 00:23:07
    भेजा जाता है और अंदर बर्न होता है बर्न
  • 00:23:09
    होता है तो बहुत बड़ा सा फ्लेम अंदर
  • 00:23:11
    जेनरेट होता है
  • 00:23:13
    अब ये होता है कूलर ठीक है डिस्चार्ज होने
  • 00:23:15
    के बाद आपका जो spanjanaaran जो बन चुका
  • 00:23:17
    होता है उसको यहां पे कूलर में भेजते हैं
  • 00:23:19
    ठीक है तो यहां पे इस बात का ध्यान रखा
  • 00:23:21
    जाता है की आपको जो वाटर है वो डायरेक्ट
  • 00:23:23
    कॉन्टैक्ट में आता है डॉ के ठीक है वाटर
  • 00:23:25
    अगर डायरेक्ट कॉन्टैक्ट में आएगा तो
  • 00:23:27
    ऑक्सिडाइज होने के चांसेस है ठीक है और ना
  • 00:23:30
    ही हवा के कॉन्टैक्ट में आपको लाने देना
  • 00:23:31
    है इसलिए देखो आपको जो मटेरियल है वो अंदर
  • 00:23:33
    है है ना इस किरण की अभी भी इस कूलर के
  • 00:23:36
    अंदर है ठीक है इसके बाहर हम क्या कर रहे
  • 00:23:38
    हैं वाटर से इसको ठंडा कर रहे हैं तो ये
  • 00:23:40
    इनडायरेक्ट पुलिंग होता है यहां पर भी
  • 00:23:42
    देखो वही हो रहा है इनडायरेक्ट कॉलिंग
  • 00:23:46
    ठीक है अब इसमें डायग्राम में थोड़ा सा
  • 00:23:49
    देखो
  • 00:23:50
    यह वाला आपका कीलन है ठीक है कीलन से यहां
  • 00:23:54
    पीछे से हम कौन सा अप्लाई कर रहे हैं फिर
  • 00:23:56
    एक यहां जा रहा है कूलर में जा रहा है ठीक
  • 00:23:58
    है ड्रम कूलर में जा रहा है कूलर के बाद
  • 00:24:00
    स्क्रीन में है ना स्क्रीन के बाद ही
  • 00:24:03
    मैग्नेटिक सेपरेटर में जाता है ठीक है ये
  • 00:24:05
    प्रक्रिया है अब जो गैसेस जो है ना जो
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    बाहर निकलती है ठीक है जो भी गैसेस जो
  • 00:24:10
    बर्न हो रही है अंदर तो गैसेस किधर से
  • 00:24:13
    बाहर निकलती है चार्जिंग साइज से ही ठीक
  • 00:24:15
    है मतलब एक तरह से काउंटर करंट प्रिंसिपल
  • 00:24:16
    पे कम करता है जो भी आपका चार्ज मटेरियल
  • 00:24:18
    है ऊपर से नीचे ए रहा है लेकिन जो भी
  • 00:24:20
    गैसेस हैं वो है ना वो नीचे से कहां जा
  • 00:24:22
    रही है ऊपर की ओर जाती है मतलब काउंटर
  • 00:24:24
    करंट प्रिंसिपल तो ये भी कम करता है रोटरी
  • 00:24:26
    किलर भी है ना तो यहां से जो गैस जा रही
  • 00:24:29
    है
  • 00:24:31
    गैस यहां से बाहर निकलती है आप उसको ऐसे
  • 00:24:33
    ही बाहर चिमनी से बाहर नहीं भेज सकते
  • 00:24:35
    क्योंकि उसमें बहुत सारे अमाउंट में को
  • 00:24:37
    होता है कार्बन मोनोऑक्साइड होता है जो की
  • 00:24:39
    जहरीली होती है ठीक है एक तो हवा में आप
  • 00:24:42
    भेज दोगे तो ये जहरीली गैस से भेज नहीं
  • 00:24:45
    सकते दूसरा क्या होता है को की वजह से इस
  • 00:24:47
    गैस की कुछ कैलोरीफिक वैल्यू होती है मतलब
  • 00:24:49
    ये गैस जल सकता है तो हम इसका हिट का क्या
  • 00:24:52
    कर लेते हैं यूटिलाइजेशन कर लेते हैं तो
  • 00:24:53
    अब देखो यूटिलाइजेशन कैसे करेंगे तो उसके
  • 00:24:55
    लिए इस गैस को क्या करते हैं ना आप चैंबर
  • 00:24:58
    में बेचते हैं आफ्टर बर्निंग चैंबर जिसको
  • 00:25:00
    बोलते हैं एक बड़ा सा सिलेंडर निकल चैंबर
  • 00:25:02
    होता है वहां पे भेजा जाता है आफ्टर
  • 00:25:05
    बर्निंग चैंबर में गैस को और वहां को हवा
  • 00:25:07
    साथ-साथ हवा कोई भेजा जाता है ताकि अंदर
  • 00:25:10
    भर में हो सके ठीक है तो यहां से जो गैस
  • 00:25:11
    निकल रही है हवा के साथ अंदर हम इसको
  • 00:25:14
    जलाया जाता है तो जलाने की वजह से क्या
  • 00:25:16
    होता है कांबिनेशन चैंबर में बहुत ज्यादा
  • 00:25:18
    हिट जेनरेट हो जाता है तो वहां से जो हिट
  • 00:25:20
    जेनरेट हुए हैं जो हॉट गैसेस है उसको फिर
  • 00:25:23
    भेज दिया जाता है
  • 00:25:24
    बॉयलर में ठीक
  • 00:25:28
    है
  • 00:25:30
    वहां से वाटर को
  • 00:25:33
    कन्वर्ट करके फिर वहां से टरबाइन चलाया था
  • 00:25:35
    टरबाइन से फिर बिजली उत्पन्न होती है ठीक
  • 00:25:38
    है वहां से फिर गैस जो जेनरेट होती है ना
  • 00:25:40
    उसको भी इलेक्ट्रोस्टेटिक प्रेसिपिटेटर द
  • 00:25:42
    इलेक्ट्रिसिटी
  • 00:25:45
    बाहर निकल जाती है ठीक है तो यहां पर देखो
  • 00:25:48
    इस फोटो में दिया गया है यह आपको गैस से
  • 00:25:50
    जो बाहर निकल रही है की लेंथ से ठीक है इस
  • 00:25:52
    गैस को सीधा भेजा जाता है यह बर्निंग
  • 00:25:54
    चैंबर में ये देखो जो सिलेंडर का शॉप का
  • 00:25:56
    बड़ा बड़ा दिख रहा है ना ये बर्निंग चैंबर
  • 00:25:58
    है यहां हवा के साथ हवा के साथ में भेजते
  • 00:26:00
    हैं और अंदर ले जाकर उसको बर्न करते हैं
  • 00:26:04
    वो बॉयलर में जाता है ना अंदर पाइप होती
  • 00:26:08
    है बहुत सारे पाइप होते हैं उसे पाइप के
  • 00:26:11
    अंदर क्या होता है हवा भरा होता है ठीक है
  • 00:26:14
    ना तो पाइप के अंदर जो वाटर
  • 00:26:27
    तो यही बाप के आया था टरबाइन को घूमते हैं
  • 00:26:29
    और वहां से बिजली पैदा होती है ठीक है तो
  • 00:26:32
    जो गैसेस है उसका हम यूटिलाइज कर लेते हैं
  • 00:26:36
    अब जो जो मैंने बताया ना आफ्टर बर्निंग
  • 00:26:39
    चैंबर उसे चैंबर के ऊपर में ऐसा कैप लगा
  • 00:26:41
    होता है है ना इसको बोलते हैं स्टॉक कैप
  • 00:26:43
    ठीक है इस तरह से स्टार्ट कैप लगा होता है
  • 00:26:46
    कभी-कभी मैन लीजिए प्रेशर बहुत ज्यादा हो
  • 00:26:47
    गया ठीक है तो उसे केस में स्क्रैप को खोल
  • 00:26:50
    देते हैं कैप को खोलने से जो भी गरम कैसे
  • 00:26:52
    सिलते बाहर चली जाती है
  • 00:26:54
    इमरजेंसी के लिए लगाया जाता है जनरली
  • 00:26:55
    हमेशा उसे करते हैं इमरजेंसी में कुछ
  • 00:26:57
    मेंटेनेंस करना हो या कुछ प्रॉब्लम हुई तो
  • 00:26:59
    स्टॉक गेस्ट को खोल के सीधा जैसे उसको हम
  • 00:27:01
    बाहर भेज देते हैं ठीक है इसको कंट्रोल
  • 00:27:03
    करने के लिए यहां पे ये लगा होता है
  • 00:27:05
    हाइड्रोलिक सिस्टम से अगर आपको हटाना है
  • 00:27:07
    ना तो इसको आपको ये हटाना पड़ेगा जो कैप
  • 00:27:09
    लगा है उसके ऊपर जो रोड दिख रहे हैं उसको
  • 00:27:11
    कंट्रोल करता है ठीक है
  • 00:27:14
    चलिए तो हमने यह पूरा प्रक्रिया देख लिया
  • 00:27:16
    की कीलन कैसे कम करता है कीलन के अलग-अलग
  • 00:27:18
    पार्ट दिख रही है अब हम में मेटालर्जी में
  • 00:27:21
    आते हैं ठीक है की रिडक्शन एक्चुअली में
  • 00:27:23
    होता कैसे है क्या क्या रिएक्शन अंदर में
  • 00:27:24
    होते हैं तो यह देखो यह आपका क्या है
  • 00:27:29
    ठीक है तो एडम करो शुरू में आपके पास केवल
  • 00:27:33
    क्या है fe2o3 आयरन हो रहा है ठीक है इसको
  • 00:27:36
    हमने क्या किया चार्ज किया अब ये जो fe2o3
  • 00:27:39
    है उसके साथ-साथ हम कलर डोलोमाइट भी डालते
  • 00:27:41
    हैं तो जो कोयला है जो कोयला आप दल रहे हो
  • 00:27:43
    उसमें जो कार्बन है ना वो क्या होगा बर्न
  • 00:27:45
    होगा बर्न होने से क्या बनता है में
  • 00:27:47
    कार्बन डाइऑक्साइड बनता है कंप्लीट बुर्ज
  • 00:27:49
    है अगर इन कंप्लीट बर्निंग हुई तो वहां से
  • 00:27:51
    क्या बनता है कार्बन मोनोऑक्साइड बनता है
  • 00:27:53
    ठीक है लेकिन हमारे लिए आपको पता है की
  • 00:27:55
    कार्बन मोनोऑक्साइड सबसे ज्यादा
  • 00:27:56
    इंपॉर्टेंट है क्योंकि वो प्रोड्यूजिंग
  • 00:27:58
    एजेंट है ठीक है तो जो कार्बन डाइऑक्साइड
  • 00:28:00
    बनता है ना वो भी कार्बन से रिएक्शन करके
  • 00:28:02
    इसको नॉर्मल रिवर्जन बोलते हैं नॉर्मन री
  • 00:28:04
    वर्जन रिएक्शन बोलते हैं ये क्या बनाते
  • 00:28:05
    हैं आपका को बनाते हैं ठीक है तो
  • 00:28:07
    अल्टीमेटली अंदर में कौन सा कंडीशन होता
  • 00:28:09
    है रिड्यूजिंग कंडीशन मतलब को गैस की
  • 00:28:11
    मात्रा ज्यादा होती है ठीक है तो ये जो सी
  • 00:28:14
    हो गया है वो क्या करता है ना आपका जो ओर
  • 00:28:17
    है इफ यू तू थ्री
  • 00:28:20
    उसके साथ रिएक्शन करते हैं तो जो और के
  • 00:28:22
    ऊपर एक और लेयर होता है गैस फिल्म का लेयर
  • 00:28:24
    होता है क्योंकि अंदर में गैसेस बहुत
  • 00:28:25
    ज्यादा होती है ठीक है तो इसके अंदर एक
  • 00:28:28
    गैस फिल होती है वहां से जो रिड्यूजिंग
  • 00:28:30
    गैस है गैस फिल्म से होते हुए आपका और के
  • 00:28:33
    कॉन्टैक्ट में आती है ठीक है में आपका और
  • 00:28:37
    जो है ना इफ u3 इसके कॉन्टैक्ट में आता है
  • 00:28:40
    ठीक है तो जब सी ओ गैस इसके कॉन्टैक्ट में
  • 00:28:42
    आता है तो यह रिएक्शन करते हैं fe2o3 से
  • 00:28:45
    ठीक है
  • 00:28:47
    और इसको किस में कन्वर्ट कर देता है fe3o4
  • 00:28:50
    में कन्वर्ट कर देता है ठीक है तो पहला
  • 00:28:53
    रिएक्शन
  • 00:29:00
    अब फिर से जो ऐसी 34 बना वह फिर से
  • 00:29:02
    रिएक्शन करके क्या बनाते हैं ठीक है
  • 00:29:06
    तो इस तरह से रिएक्शन होता है एक्चुअली
  • 00:29:08
    में आपका जो हेमाटाइट हो रहे हो कैसे रहता
  • 00:29:10
    है fe23 फिर ये इससे बनता है मैग्नेटाइट
  • 00:29:13
    fe3o4 फिर ये इससे बनता है फू
  • 00:29:16
    ठीक है उसे टाइप फिर उसके बाद आपको
  • 00:29:18
    अल्टीमेटली क्या मिलता है
  • 00:29:20
    और क्लीन के अंदर जो में टेंपरेचर जो होता
  • 00:29:23
    है ठीक है अभी तक आपको नहीं बताता हूं
  • 00:29:25
    मैंने जो में टेंपरेचर किलर के अंदर होता
  • 00:29:26
    है वो ₹950 से
  • 00:29:28
    1050°c के बीच होता है ठीक है तो इस
  • 00:29:31
    टेंपरेचर में ये सारी रिएक्शन होते हैं
  • 00:29:33
    तो यहां पर फोटो में देखो यही चीज बताया
  • 00:29:36
    गया है
  • 00:29:38
    ठीक है
  • 00:29:48
    मतलब क्या होता है धीरे-धीरे जब रिएक्शन
  • 00:29:51
    होता है ना तो और का चेंज होने लगता है जो
  • 00:29:54
    fe2o3 ऊपर में जो बना था सबसे पहले शुरुआत
  • 00:29:56
    में अगर आप एडम करोगे तो क्या रहा होगा इफ
  • 00:29:58
    इट वो थ्री रहा होगा पूरा तो जब इस जब
  • 00:30:01
    कार्बन मोनोऑक्साइड गैस इसके कॉन्टैक्ट
  • 00:30:02
    में आए तो इसको पहले इसमें किस में
  • 00:30:04
    कन्वर्ट किया इसमें fe2 fe34 में कन्वर्ट
  • 00:30:06
    किए उसके बाद फियो में फिर उसके बाद
  • 00:30:09
    एक में कन्वर्ट होता है ठीक है तो इस तरह
  • 00:30:11
    से चलता है तो अगर आप काइनेटिक देखोगे
  • 00:30:14
    तो क्या होगा पहला स्टेप क्या होगा आपका
  • 00:30:16
    जो गैस है
  • 00:30:18
    वह क्या करेगा सबसे पहले गैस फिल्म से
  • 00:30:22
    डिफ्यूज होते हुए किसके कॉन्टैक्ट में
  • 00:30:24
    आएगा
  • 00:30:28
    इसी के कॉन्टैक्ट में उसके बाद अंदर फिर
  • 00:30:30
    से करेगा ठीक है अंदर फिर से करेगा कहां
  • 00:30:34
    पे हो जाएगा फिर से रिएक्शन करेगा रिएक्शन
  • 00:30:37
    करने के बाद इसका प्रोडक्ट क्या बनेगा को
  • 00:30:39
    जो है CO2 में कन्वर्ट हो जाएगा अब इस
  • 00:30:40
    यूट्यूब वापस से क्या करेगा सरफेस में
  • 00:30:42
    डिफ्यूज करेगा
  • 00:30:43
    सरफेस में डिफरेंस होने के बाद यह फिर
  • 00:30:45
    बाहर निकल जाएगा ठीक है मतलब क्या हो रहा
  • 00:30:47
    है रिड्यूजिंग गैस ए रहा है डिफ्यूज हो
  • 00:30:49
    रहा है उसके बाद रिएक्शन कर रहा है फिर
  • 00:30:51
    उसके बाद जो गैसेस जेनरेट हो रही है CO2
  • 00:30:53
    गैस वो बाहर निकल रहा है तो यह टोटल
  • 00:30:56
    प्रक्रिया होता है
  • 00:30:59
    कंप्लीट होता है पहला आपका रिड्यूजिंग गैस
  • 00:31:01
    जो सीहोर S2 है h2 जनरली होता नहीं है
  • 00:31:03
    बहुत कम होता है में आपका को होता है ह तू
  • 00:31:07
    भी कुछ कुछ अमाउंट में होता है थोड़ा बहुत
  • 00:31:08
    तो सबसे पहले आपका जो रिएक्टिव गैस है वो
  • 00:31:11
    सॉलिड इंटरफेस में आता है ठीक है उसके
  • 00:31:13
    अंदर डिफ्यूज होते हैं अंदर
  • 00:31:16
    है ना
  • 00:31:18
    सेकंड स्टेप थर्ड में क्या होता है कुछ
  • 00:31:20
    केमिकल रिएक्शन करते हैं
  • 00:31:22
    रिडक्शन के बाद जो प्रोडक्ट बनते हैं CO2
  • 00:31:24
    और h2o को
  • 00:31:26
    फिर से बाहर की ओर डिफ्यूज होते हैं बाहर
  • 00:31:28
    की ओर डिफ्यूज होने के बाद फिर सरफेस में
  • 00:31:31
    आने के बाद फिर वो गैस में चला जाता है
  • 00:31:32
    कार्बन डाइऑक्साइड वापस से ठीक है तो इस
  • 00:31:35
    तरह से क्वेश्चन
  • 00:31:36
    ये पूरा का पूरा किस्म कन्वर्ट हो जाता है
  • 00:31:39
    आपका एक में कन्वर्ट हो जाता है ठीक है
  • 00:31:44
    ये वाला डायग्राम में भी से चीज आपको
  • 00:31:46
    दिखाया गया है ठीक है यहां पर देखो पहले
  • 00:31:49
    अंदर जा रहा है ठीक है अंदर जाने के बाद
  • 00:31:51
    जो ऑक्सीजन है उसको लेकर के कार्बन
  • 00:31:53
    डाइऑक्साइड बन रहा है कार्बन डाइऑक्साइड
  • 00:31:55
    फिर अंदर से बाहर फिर
  • 00:31:59
    ठीक है तो इस तरह से आपको पूरा रिएक्शन
  • 00:32:02
    होता है
  • 00:32:09
    एक तो टेंपरेचर क्या है अंदर दूसरा गैस के
  • 00:32:13
    कंपोजिशन पर डिपेंड करता है ठीक है
  • 00:32:17
    ज्यादातर किलर के अंदर गैसेस है उसमें
  • 00:32:20
    मनसियो होना बहुत जरूरी है प्रॉपर अमाउंट
  • 00:32:22
    में को होना चाहिए ठीक है थर्ड क्या है
  • 00:32:25
    साइज ऑफ पार्टिकल पार्टिकल का साइज कितना
  • 00:32:26
    है आपने देखा होगा इस प्रक्रिया में
  • 00:32:28
    पार्टिकल का साइज बहुत ज्यादा बड़ा नहीं
  • 00:32:30
    है जैसे ब्लास्ट होने इसमें हम 40 म तक के
  • 00:32:32
    साइज को हम चार्ज करते हैं ठीक है लेकिन
  • 00:32:35
    यहां पर मैक्सिमम ज्यादातर 16 म तक होता
  • 00:32:37
    है ठीक है क्योंकि जितना ज्यादा बड़े साइज
  • 00:32:40
    का ओ डालोगे इतना मुश्किल होगा
  • 00:32:51
    डिफ्यूज होती है तो अगर ज्यादा बड़ा और
  • 00:32:53
    रहेगा ना तो अंदर तक डिफ्यूज नहीं कर
  • 00:32:55
    पाएगा ठीक है
  • 00:33:02
    ठीक है इसके अलावा जो सॉलिड है उसके नेचर
  • 00:33:04
    पर डिपेंड करता है
  • 00:33:07
    प्रक्रिया कंट्रोल
  • 00:33:13
    करता है
  • 00:33:15
    जिसको हमको कंट्रोल करना पड़ता है
  • 00:33:22
    चार्जिंग
  • 00:33:24
    होनी चाहिए ठीक है सबके बारे में मैंने
  • 00:33:27
    बताया तो अच्छी क्वालिटी की अगर आप जो है
  • 00:33:29
    रॉ मटेरियल चार्ज करोगे तो आपको प्रोडक्ट
  • 00:33:31
    भी अच्छी क्वालिटी का मिलेगा ठीक है दूसरा
  • 00:33:33
    जो है वो टेंपरेचर होता है टेंपरेचर
  • 00:33:35
    प्रोफाइल किरण के अंदर क्या है है ना तो
  • 00:33:38
    टेंपरेचर जो मैक्सिमम टेंपरेचर होता है ना
  • 00:33:39
    वो 1050 है इससे ज्यादा टेंपरेचर जेनरेट
  • 00:33:42
    नहीं होना चाहिए ठीक है क्योंकि जितना
  • 00:33:44
    ज्यादा टेंपरेचर जेनरेट होगा मेटल फ्यूज
  • 00:33:46
    होना चालू हो जाता है
  • 00:33:53
    ठीक है तो टेंपरेचर कंट्रोल करना बहुत
  • 00:33:56
    जरूरी है
  • 00:33:57
    फोर जो
  • 00:33:59
    फोटो फैक्टर होता है
  • 00:34:01
    वह रेट एंड प्लेस ऑफ सेकेंडरी एयर सप्लाई
  • 00:34:04
    सेकेंडरी
  • 00:34:09
    बोलते हैं प्राइमरी एयर सप्लाई जो हम
  • 00:34:11
    डिस्चार्ज एंडरसन जो भेजते हैं ना
  • 00:34:13
    डिस्चार्ज साइड्स से हम क्या भेजते हैं
  • 00:34:14
    कूल और एयर का मिक्सर भेजते हैं उसको
  • 00:34:17
    प्राइमरी और सप्लाई बोलते हैं और बीच-बीच
  • 00:34:19
    में जो पंखे के सिर्फ भेज रहे हैं जो फैन
  • 00:34:21
    के थ्रू उसको बोलते हैं सेकेंडरी सप्लाई
  • 00:34:22
    तो उसका जो रेट और प्लेस बहुत इंपॉर्टेंट
  • 00:34:25
    लगता है मतलब कितने रेट्स से आप दे रहे हो
  • 00:34:27
    क्योंकि वो में जो है टेंपरेचर डिसाइड
  • 00:34:29
    करता है की अंदर कीलन के अंदर टेंपरेचर
  • 00:34:31
    आपको कितना रखना है ज्यादा हवा दोगे तो
  • 00:34:32
    ज्यादा 3 होगा ठीक है और प्लीज भी बहुत
  • 00:34:36
    डिपेंड करता है क्योंकि ये प्रॉपर जगह पे
  • 00:34:38
    वो फैन को प्लीज करना पड़ता है एक
  • 00:34:41
    पार्टिकुलर डिस्टेंस पे ठीक है क्योंकि
  • 00:34:43
    जिस जगह पे वो फैन होता है जनरली वहां पर
  • 00:34:44
    टेंपरेचर थोड़ा सा ज्यादा होता है
  • 00:34:49
    ठीक है और उसे फैन के पास
  • 00:34:52
    थर्मोकपल लगा होता है जहां से टेंपरेचर
  • 00:34:54
    मॉनिटरिंग किया जाता है फैन के आसपास ही
  • 00:34:56
    टेंपरेचर मॉनिटरिंग किया जाता है क्योंकि
  • 00:34:57
    वहीं पे में टेंपरेचर का टेंपरेचर सबसे
  • 00:34:59
    ज्यादा होता है ठीक है तो वहां पे ये चेक
  • 00:35:01
    किया जाता है की टेंपरेचर की वैल्यू जो
  • 00:35:03
    लिमिट है 1050 डिग्री सेल्सियस इससे ऊपर
  • 00:35:06
    नहीं जानी चाहिए
  • 00:35:08
    इसके अलावा गैस प्रेशर कीलन के अंदर वो
  • 00:35:10
    कितना है ठीक है की लंका रोटेशन स्पीड
  • 00:35:13
    क्या देखो रोटेशन स्पीड जितना ज्यादा होगा
  • 00:35:15
    ना रिटेंशन टाइम कम हो जाएगा क्योंकि
  • 00:35:17
    जितना ज्यादा आरपीएम से रोते करेगा कीलन
  • 00:35:19
    उतना जल्दी डिस्चार्ज होगा मटेरियल ठीक है
  • 00:35:21
    तो एक प्रॉपर रिटेंशन टाइम जिसको रेजिडेंस
  • 00:35:24
    टाइम बोलते हैं मटेरियल चार्जिंग से
  • 00:35:25
    डिस्चार्ज तक जाने में जो जितना समय लेता
  • 00:35:27
    है उसको रेजिडेंस टाइम बोलते हैं ठीक है
  • 00:35:29
    वो प्रॉपर होना चाहिए ना बहुत कम होना
  • 00:35:31
    चाहिए ना ज्यादा है ना अगर बहुत कम होगा
  • 00:35:33
    इंसीडेंट टाइम तो प्रॉपर रिडक्शन नहीं हो
  • 00:35:34
    पाएगा और बहुत ज्यादा होगा तो वो कोई मतलब
  • 00:35:37
    नहीं है क्योंकि अगर आपका और पहले से
  • 00:35:39
    रिड्यूस हो चुका है तब भी वो किलर के अंदर
  • 00:35:41
    है तो आपका क्या है मतलब वेस्टेज है
  • 00:35:45
    ठीक है तो क्लियर की रोटेशन को प्रॉपर
  • 00:35:48
    स्पीड को मेंटेन किया जाता है पार्टिकुलर
  • 00:35:50
    स्पीड है ना कमेंट करते हैं
  • 00:35:52
    एग्जिट गेस्ट टेंपरेचर यह भी बहुत
  • 00:35:54
    इंपॉर्टेंट है और एक एग्जिट टेंपरेचर क्या
  • 00:35:56
    है एग्जिट गैस टेंपरेचर बहुत ज्यादा नहीं
  • 00:35:58
    होना चाहिए ठीक है अगर बहुत ज्यादा
  • 00:36:00
    एग्जैक्ट गैस टेंपरेचर मतलब क्या है की
  • 00:36:02
    प्रॉपर हिट का यूटिलाइजेशन नहीं हो रहा है
  • 00:36:03
    ठीक है उसके अलावा कंपोजिशन क्या है वेस्ट
  • 00:36:05
    गैस का कंपोजिशन वो भी बहुत मायने रखता है
  • 00:36:07
    अगर वेस्ट कैसे बहुत ज्यादा अमाउंट में कु
  • 00:36:09
    जा रहा है मतलब क्या हो रहा है अंदर में
  • 00:36:11
    कु अच्छे से यूटिलाइज नहीं हो रहा है ठीक
  • 00:36:13
    है जो प्रॉपर यूटिलाइजेशन होना चाहिए
  • 00:36:15
    रिडक्शन के लिए वो यूटिलाइज नहीं हो का
  • 00:36:16
    रहे हैं तो प्रॉपर इसको चेक करना पड़ता है
  • 00:36:20
    इंक्लिनेशन ये भी डिपेंड करता है कितना
  • 00:36:22
    लाइन है क्लीन का जो इंक्लिनेशन है उसको
  • 00:36:26
    भी कंट्रोल करते हैं है ना उसको कंट्रोल
  • 00:36:28
    करने का रहता है मेकैनिज्म ऐसा नहीं की एक
  • 00:36:29
    बार इंक्लिनेशन आपने दे दिया ऐसा नहीं है
  • 00:36:32
    उसका इंक्लिनेशन आप चेंज कर सकते हो ठीक
  • 00:36:34
    है तो रेजिडेंस टाइम के हिसाब से
  • 00:36:36
    इंक्लिनेशन को चेंज किया जाता है आपको और
  • 00:36:38
    को कितना समय तक क्लियर के अंदर रखना है
  • 00:36:40
    जितना ज्यादा क्लीन वो होगा
  • 00:36:43
    उतना जल्दी आपको डिस्चार्ज हो जाएगा ठीक
  • 00:36:46
    है इसके अलावा
  • 00:36:51
    इतना देर चार्जिंग कितना देर हो दोनों एंड
  • 00:36:54
    से चार्जिंग
  • 00:37:03
    है ये जो टेंपरेचर आपको मेंटेन करना है वो
  • 00:37:06
    मेंटेन नहीं हो पाएगा
  • 00:37:08
    ठीक है इस तरह से मॉनिटरिंग किया जाता है
  • 00:37:11
    कंट्रोल रूम के अंदर यह पूरा मॉनिटरिंग
  • 00:37:13
    किया जाता है यहां पर
  • 00:37:15
    1 2 3 4 5 6 7 यहां पे फैन लगे हुए द 75
  • 00:37:19
    डिपेंड करता है अगर ज्यादा बड़ा farishna
  • 00:37:21
    है तो ज्यादा फैन भी लगा होता है तो इसी
  • 00:37:23
    फैन के पास लगा होता है आपका थर्मोकपल
  • 00:37:25
    यहां से टेंपरेचर जली देखा जाता है देखो
  • 00:37:27
    ये ये क्या है चार्जिंग एरिया है इधर से
  • 00:37:29
    चार्ज कर रहे हैं तो देखो शुरू का
  • 00:37:31
    टेंपरेचर थोड़ा कम है 457 शुरू में
  • 00:37:33
    क्योंकि जीते द चार्जिंग हो रही है
  • 00:37:34
    क्योंकि वहां पे कोई अभी वर्ण नहीं हुआ है
  • 00:37:36
    धीरे-धीरे आगे जाता है वो वर्ण होता है ना
  • 00:37:37
    तो टेंपरेचर बढ़ता है देखो इसके बाद 800
  • 00:37:40
    67 931 940 940 ऐसे क्या हो रहा है इधर की
  • 00:37:44
    ओर आगे की ओर बढ़ रहा है ठीक है बढ़ते जा
  • 00:37:47
    रहा है अब यहां पे देखो टेंपरेचर कहीं पे
  • 00:37:48
    भी 1000 से ऊपर नहीं है क्योंकि 1000 से
  • 00:37:51
    ऊपर रखते हैं टेंपरेचर को ज्यादातर कंडीशन
  • 00:37:52
    में है ना ज्यादा आप टेंपरेचर को
  • 00:37:55
    badhaaoge तो क्या होगा मटेरियल उसे होगा
  • 00:37:57
    मेल्ट होगा मेल्ट हो गया चिपकने लगेगा ठीक
  • 00:38:00
    है
  • 00:38:03
    टेंपरेचर को हजार के नीचे ही रखते हैं
  • 00:38:06
    ठीक है तो इधर का टेंपरेचर लगातार कमरा
  • 00:38:09
    इधर टेंपरेचर मेंटेन करने हैं
  • 00:38:14
    ठीक है तो मैंने यहां पर टेंपरेचर को
  • 00:38:16
    मॉनिटर टाइम किया जाता है
  • 00:38:20
    अब देखते कौन-कौन सा प्रॉब्लम आरिस होता
  • 00:38:22
    है
  • 00:38:23
    उसका
  • 00:38:25
    सॉल्यूशन क्या होता है ठीक है तो देखो
  • 00:38:28
    सबसे में जो प्रॉब्लम होती है ना सबसे जो
  • 00:38:31
    बड़ी प्रॉब्लम होती है वो एक क्रिएशन
  • 00:38:33
    फॉर्म होता है ठीक है
  • 00:38:42
    इसमें कोई क्रिएशन नहीं मतलब कोई भी चीज
  • 00:38:45
    चिपका हुआ नहीं है यहां पर प्रॉपर्ली
  • 00:38:49
    और इस वाले फोटो में देखिए यहां पर देखो
  • 00:38:52
    बहुत सारा रॉ मटेरियल के अंदर चिपक गया है
  • 00:38:59
    क्या
  • 00:39:05
    होता है
  • 00:39:08
    ठीक है
  • 00:39:20
    लगता है ठीक
  • 00:39:22
    है
  • 00:39:25
    उसके बाद समय के साथ क्या होगा वह बढ़ते
  • 00:39:27
    जाएगा ठीक है
  • 00:39:32
    बहुत ज्यादा रॉ मटेरियल जो इसके में चिपक
  • 00:39:35
    गया इसमें तो क्या करता है क्योंकि जितना
  • 00:39:39
    ज्यादा acresion फॉर्म होगा एक तो आपका जो
  • 00:39:42
    डायमीटर है कीलन का कम हो जाएगा इफेक्टिव
  • 00:39:45
    वॉल्यूम कम हो जाएगा ठीक है और दूसरा क्या
  • 00:39:48
    होगा किलर में अगर बहुत ज्यादा रॉ मटेरियल
  • 00:39:50
    चिपक गया है तो जो रॉ मटेरियल ऊपर से नीचे
  • 00:39:52
    की ओर ए रहा है वो तक जाएगा नीचे ठीक है
  • 00:39:57
    प्रॉपर्ली आपकी क्या हो जाएगी कम हो जाएगी
  • 00:40:09
    बैक प्रेशर भी क्रिएट करेगा
  • 00:40:12
    ठीक है तो इसको अवॉइड करना होता है तो में
  • 00:40:15
    सबसे बड़ी प्रॉब्लम यह आती है
  • 00:40:17
    ठीक यहां पर दिया है
  • 00:40:23
    तो उसे केस में आपको पूरा फर्निश बंद करना
  • 00:40:26
    पड़ता है फर्नांडीस और डाउन करके फिर इसको
  • 00:40:28
    जो रॉक कटर होता है ना वहां से उसको पूरा
  • 00:40:31
    काट के निकलना पड़ता है एक क्रिएशन को ठीक
  • 00:40:33
    है उससे रिफ्रैक्टिव भी बहुत ज्यादा डैमेज
  • 00:40:35
    होती है फिर तो फैक्ट्री को रिपेयर करके
  • 00:40:36
    पूरा हटाकर के ना फिर से वापस से चालू
  • 00:40:39
    करते हैं तो बहुत ही टाइम टेकिंग होता है
  • 00:40:40
    ठीक है प्रोडक्शन उसमें पूरा बंद हो जाता
  • 00:40:42
    है है ना तो ये में ध्यान रखा जाता है की
  • 00:40:46
    एक क्रिएशन फॉर्मेशन ना हो ठीक है अगर
  • 00:40:48
    कहीं पे फॉर्म हो रहा है तो उसको प्रॉपर
  • 00:40:49
    मॉनिटर किया जाए टेंपरेचर कहीं पे ज्यादा
  • 00:40:51
    हो रहा है तो उसको कम मेंटेन किया जाए ठीक
  • 00:40:53
    है तो इस तरह से हम उसको कम कर सकते हैं
  • 00:40:55
    इसके अलावा कई बार क्या होता है टेंपरेचर
  • 00:40:57
    ज्यादा होने की वजह से एक तो दीवार में
  • 00:40:59
    चिपक के दूसरा क्या होता है ना
  • 00:41:02
    रॉ मटेरियल भी आपस में चिपक जाते हैं ठीक
  • 00:41:04
    है रॉ मटेरियल आपस में चिपक के क्लस्टर
  • 00:41:06
    बना लेते हैं
  • 00:41:10
    क्या होता है
  • 00:41:21
    अब जितना अगर क्लस्टर बनेगा तो प्रॉपर
  • 00:41:23
    रिडक्शन उसे केस में होता नहीं है ठीक है
  • 00:41:25
    अभी जो क्लस्टर है ना ऐसी के ऐसे पूरा
  • 00:41:28
    बाहर निकल जाता है डिस्चार्ज होने से उसका
  • 00:41:30
    कोई रिडक्शन नहीं होता तो इससे भी आपकी
  • 00:41:31
    प्रोडक्टिविटी घाट जाती है ओके
  • 00:41:35
    अब नेक्स्ट से प्रॉब्लम क्या आता है
  • 00:41:36
    सेग्रीगेशन कभी प्रॉब्लम आता है 4 मीटर हो
  • 00:41:39
    जाता है है ना 4 मेटल क्योंकि आप अलग-अलग
  • 00:41:42
    साइज के चार्ज दल रहे हो और सब का डेंसिटी
  • 00:41:46
    अलग है तो कई बार वो अलग अलग जगह पे
  • 00:41:49
    सैरीगेट होने लगता है ठीक है वजन के हिसाब
  • 00:41:52
    से जनरली क्या होता है जो बड़ा जो मर्डर
  • 00:41:55
    होता है वो ऊपर ए जाता है और जो छोटे-छोटे
  • 00:41:56
    मटेरियल हैं वो नीचे रह जाते हैं तो इसको
  • 00:41:58
    इरीगेशन तो कहीं कहीं पे cigareation होने
  • 00:42:01
    लग होने लगता है किलर के अंदर तो उसको
  • 00:42:03
    अवॉइड करना उसको कैसे अवॉइड कर सकते हैं
  • 00:42:07
    प्रॉपर किलर डिजाइंस है ठीक है प्रॉपर
  • 00:42:10
    होना चाहिए इंक्लिनेशन
  • 00:42:18
    है उसको कंट्रोल किया जा सकता है
  • 00:42:22
    और जो गैस का जो टेंपरेचर है यहां पर
  • 00:42:25
    इंपॉर्टेंट चीज दिया गया है जो फर्नेस के
  • 00:42:27
    अंदर जो गैस है उसका टेंपरेचर और जो चार्ज
  • 00:42:29
    आपने डाला है उसका जो टेंपरेचर का डिफरेंस
  • 00:42:33
    ना डेढ़ सौ डिग्री सेल्सियस से ज्यादा
  • 00:42:35
    नहीं होना चाहिए ठीक है किसका टेंपरेचर
  • 00:42:37
    गैस का जो किरण के अंदर गैस है और जो रॉ
  • 00:42:40
    मटेरियल है जो 4 सॉलिड मटेरियल है उसकी
  • 00:42:42
    बीच का टेंपरेचर डिफरेंस 100 डिग्री
  • 00:42:44
    सेल्सियस या 150 डिग्री सेल्सियस से
  • 00:42:45
    ज्यादा नहीं होनी चाहिए ठीक है क्योंकि ये
  • 00:42:47
    टेंपरेचर जितना बढ़ेगा डिफरेंस जितना
  • 00:42:49
    बढ़ेगा ना क्रिएशन या फ्यूज होने के
  • 00:42:50
    चांसेस उसने ज्यादा बढ़ जाते हैं ठीक है
  • 00:43:00
    इसके अलावा इसी वक्त रिंग फॉर्मेशन रिंग
  • 00:43:03
    फॉर्मेशन जो है ना जो एप्लीकेशन
  • 00:43:16
    घूमने की वजह से वो पूरा दीवार में ऐसे
  • 00:43:19
    रिंग को कौन कर देता है ऐसे मतलब ये पूरे
  • 00:43:21
    दीवार में से चिपकने लगता है चिपकने की
  • 00:43:23
    वजह से रिंग फॉर्म होता है ठीक है पूरा
  • 00:43:25
    इसको रिंग फॉर्मेशन बोलते हैं ठीक है
  • 00:43:30
    फॉर्मेशन जो है जो और सबसे ज्यादा खराब
  • 00:43:33
    होता है क्योंकि वह नीचे आने नहीं देता है
  • 00:43:36
    पहला ठीक है दूसरा प्रॉपर रिडक्शन आपको
  • 00:43:38
    होगा नहीं ठीक है उसका जो इफेक्टिव
  • 00:43:41
    डायमीटर है वो कम हो जाएगा तो इस केस में
  • 00:43:43
    तो आपको पूरा वही करना पड़ता शुरू डाउन
  • 00:43:46
    करके इसको जो बना है उसको तोड़ना पड़ता है
  • 00:43:49
    उसके बाद ही आप रीस्टार्ट कर सकते हो
  • 00:43:55
    ठीक है अब हम देख लेते हैं
  • 00:43:59
    मेट्रोलॉजिकल प्रॉपर्टी तो स्पंज आयरन का
  • 00:44:02
    जो स्पेसिफिक ग्रेविटी डेंसिटी होता है वह
  • 00:44:04
    4.4 ग्राम पर सीसी 7.8 ग्राम पर सीसी होता
  • 00:44:09
    है ठीक है
  • 00:44:12
    जब हम ऑक्सीजन को निकल देते मतलब उसका
  • 00:44:16
    रिडक्शन हो जाता है उसके बाद 30% जो वेट
  • 00:44:18
    है
  • 00:44:19
    30% ऑफ वेट होता है
  • 00:44:23
    ठीक है उसके जो
  • 00:44:25
    वॉल्यूम है वह 54% घाट जाता है क्योंकि वह
  • 00:44:29
    ऑक्सीजन था वह तो रिलीज हो के बाहर चला
  • 00:44:31
    गया ठीक है अब यह ऑप्शन बाहर जाने की वजह
  • 00:44:34
    से हमको जो प्रोडक्ट मिलता है ना वो बहुत
  • 00:44:36
    ही पोरस नेचर का होता है ठीक है क्योंकि
  • 00:44:38
    आपने पास पहले क्या था fe2o3 था अब इससे
  • 00:44:41
    मैंने बीच-बीच से ऑक्सीजन को पूरा निकल
  • 00:44:42
    दिया है रिड्यूस करके ठीक है तो साइज तो
  • 00:44:45
    वही रहेगा मतलब ठीक है अगर बाहर से देखोगे
  • 00:44:48
    ना तो उसका साइज तो वही रहेगा बट अंदर में
  • 00:44:50
    क्या होगा पोरस होगा वो ठीक है अंदर क्या
  • 00:44:53
    होगा वो पूरा होगा इसलिए ज्यादा पूरा होने
  • 00:44:56
    की वजह से इसलिए हम उसको स्पंज आयरन बोलते
  • 00:44:57
    हैं बाहर से तो दिखेगी नहीं बट
  • 00:44:59
    माइक्रोस्कोप में बहुत सारी दिखती है
  • 00:45:01
    इसलिए हम इसको क्या बोलते हैं
  • 00:45:05
    अब यह जो स्पैन होता है ना इसमें कार्बन
  • 00:45:07
    कंटेंट जो है कोल्ड वेस्ट दी आर आई में
  • 00:45:09
    कार्बन कंटेंट बहुत कम होता है 0.2% होता
  • 00:45:12
    है
  • 00:45:12
    [संगीत]
  • 00:45:13
    ठीक है कार्बन कंटेंट काफी कम होता है
  • 00:45:15
    हालांकि कार्बन कंटेंट जितना ज्यादा होगा
  • 00:45:17
    दी आर आई को उतना अच्छा माना जाता है ठीक
  • 00:45:19
    है उसका प्राइस उतना ज्यादा होता है
  • 00:45:20
    क्योंकि जितना ज्यादा कार्बन होगा ना आर
  • 00:45:23
    आई में उसके आधी ऑक्सिडाइज होने के चांस
  • 00:45:25
    कम हो जाते हैं ठीक है जनरली होता है उसका
  • 00:45:28
    ऑक्सीडेशन होना के ऑक्सीडेशन होने के चांस
  • 00:45:30
    बहुत ज्यादा होते हैं तो अगर उसमें प्रॉपर
  • 00:45:32
    कार्बन होगा ना तो उसका रिएक्शन नहीं होता
  • 00:45:34
    है उसके अलावा जब डॉ रही को हम उसे करते
  • 00:45:36
    हैं इलेक्ट्रिक फर्निश में वहां पे भी
  • 00:45:38
    उसको मेल्टिंग अच्छी होती है तो कार्बन
  • 00:45:41
    कंटेंट ज्यादा होना चाहिए ठीक है हालांकि
  • 00:45:43
    कोल्ड वेस्ट drm.22.3% होता है अगर आपको
  • 00:45:46
    ज्यादा कार्बन चाहिए तो वो गैस बेस्ड डॉ
  • 00:45:48
    प्रक्रिया उसे करते हैं गैस बेस्ड डीआरएम
  • 00:45:50
    में 2% तक कार्बन होता है उसमें
  • 00:45:56
    अब जो अमाउंट ऑफ ऑक्सीजन जो रिमूव होता है
  • 00:45:58
    उसको हम बोलते हैं परसेंटेज रिडक्शन
  • 00:46:01
    ठीक है मतलब आयरन और के अंदर कितना
  • 00:46:04
    ऑक्सीजन था कितना ऑक्सीजन हमने उसको रिमूव
  • 00:46:06
    कर दिया ठीक है जितना ऑप्शन हमने रिमूव
  • 00:46:08
    किया उसका क्या होगा परसेंटेज रिडक्शन
  • 00:46:10
    कहलाता है
  • 00:46:14
    परसेंटेज ऑफ आयरन इस ए पार्ट ऑफ होल आयरन
  • 00:46:18
    है ना इसको हम बोलते हैं
  • 00:46:20
    [संगीत]
  • 00:46:21
    आपका जो आयरन है
  • 00:46:26
    ठीक है मतलब क्या होता है की जो डीआरआई
  • 00:46:29
    में जितना भी आयरन है होल आयरन उसका कितना
  • 00:46:32
    परसेंट आयरन जो है वह मैटेलिक फॉर्म में
  • 00:46:34
    है ठीक है जैसे की मैन लीजिए अगर बोला जाए
  • 00:46:35
    की बोला जाता है की 90% है मतलब जो जो
  • 00:46:39
    डीआरआई में जो 90% जो आयरन है वो मैटेलिक
  • 00:46:42
    फॉर्म में और जो 10% जो एक्स्ट्रा बचा है
  • 00:46:44
    वो ऑक्साइड के फॉर्म में मतलब 10% अभी
  • 00:46:46
    रिड्यूस नहीं होगा मतलब 90% ही रिड्यूस
  • 00:46:48
    हुए हैं 10% अभी वो ऑक्साइड का फॉर्म में
  • 00:46:50
    इसको बोलते हैं डिग्री ऑफ मेटलाइजेशन
  • 00:46:53
    ठीक है तो मेटलाइजेशन जितना ज्यादा हो
  • 00:46:55
    उतना अच्छा होता है
  • 00:46:57
    यह कंपोजिशन है आपका देख सकते हो आप
  • 00:47:00
    कार्बन कंपोजिशन
  • 00:47:02
    आपको दिया गया है ठीक
  • 00:47:06
    है
  • 00:47:12
    जो भी दिया है ना उसी क्वालिटी थोड़ी
  • 00:47:15
    अच्छी क्योंकि इसका डिग्री ऑफ मेटलाइजेशन
  • 00:47:17
    भी ज्यादा है और कार्बन कंटेंट भी जाता है
  • 00:47:19
    तो अच्छा माना जाता है ठीक है
  • 00:47:23
    अब हम देख लेते हैं क्या-क्या एडवांटेजेस
  • 00:47:25
    हैं इंडिया के ठीक है
  • 00:47:28
    तो पहला है
  • 00:47:31
    पहला तो सबसे बड़ा एडवांटेज है की हमको
  • 00:47:32
    कुकिंग ऑयल की जरूरत नहीं पड़ती है ठीक है
  • 00:47:34
    नॉन कुकिंग गोल से हमारा कम चल जाता है जो
  • 00:47:36
    की इंडिया में बहुत ज्यादा मूड में
  • 00:47:38
    अवेलेबल है और बहुत सस्ता होता है ठीक है
  • 00:47:40
    दूसरे एडवांटेज क्या है सल्फर कंटेंट जो
  • 00:47:43
    है डीआरआई में काफी कम होता है
  • 00:47:46
    ठीक है क्योंकि क्या होता है ब्लास्ट वैन
  • 00:47:49
    इसमें ब्लास्ट में जो मेटल निकलता है
  • 00:47:51
    उसमें सल्फर कंटेंट काफी ज्यादा होता है
  • 00:47:53
    ठीक है वहां पे सल्फर रिंकल उतना अच्छा
  • 00:47:54
    नहीं होता है पूरा सल्फर क्या होता है
  • 00:47:56
    आपका आयरन में ए जाता है यहां पे हम जो
  • 00:47:59
    dolumide डालते हैं ना वो सल्फर को
  • 00:48:00
    कंट्रोल कर लेता है तो सल्फर कम होता है
  • 00:48:02
    डीआरएम दूसरा क्या होता है
  • 00:48:06
    उसको हम कंटीन्यूअस फीडिंग कर सकते हैं
  • 00:48:13
    उसमें हमको चार्ज करना होता है इसको दी आर
  • 00:48:16
    आई को तो हम कंटीन्यूअस फीडिंग कर सकते
  • 00:48:17
    हैं क्योंकि ड्राई काफी छोटे साइज में है
  • 00:48:19
    तो एक छोटे से कॉपर के थ्रू हम इसको
  • 00:48:21
    कंटिन्यू धीरे-धीरे धीरे-धीरे दल सकते हैं
  • 00:48:23
    ठीक है बट जो स्क्रैप होता है उसको आप
  • 00:48:26
    कंटिन्यू सर्चिंग नहीं कर सकते
  • 00:48:28
    स्क्रैप आता है
  • 00:48:30
    एक ही साथ डालना पड़ता है कंटीन्यूअसली आप
  • 00:48:33
    उसको भी दल सकते क्योंकि ये रेगुलर साइज
  • 00:48:34
    क्या है तो आप वो एक ही बार डालना पड़ता
  • 00:48:36
    है तो उससे क्या होता है
  • 00:48:38
    ठीक है
  • 00:48:40
    प्रॉपर साइज का होता है है ना उसे
  • 00:48:44
    कंट्रक्शन चार्ज कर सकते हो
  • 00:48:54
    इसके अलावा क्या है
  • 00:48:59
    उसको रिप्लेस कर देता है आपको पता होगा की
  • 00:49:02
    एलडी कन्वर्टर में क्या होता है लगभग 15
  • 00:49:04
    से 20% हमको सॉलिड चार्जिंग करना पड़ता है
  • 00:49:09
    टेंपरेचर बहुत हाई हो जाता है तो कूलेंट
  • 00:49:12
    के लिए हम 15 से 20% सॉलिड चार्ज करते हैं
  • 00:49:14
    तो इसके लिए क्या होता है जनरली स्क्रैप
  • 00:49:16
    चार्ज किया जाता है लेकिन कई सारे प्लांट
  • 00:49:17
    के पास स्क्रैप की कमी पद जाती है ठीक है
  • 00:49:19
    तो उसे केस में डीआरआई बहुत ही अच्छा
  • 00:49:21
    विकल्प होता है ठीक है स्क्रैप नहीं है तो
  • 00:49:24
    चार्ज कर देते हैं
  • 00:49:26
    इसके अलावा कैपिटल इन्वेस्टमेंट जो है
  • 00:49:31
    एनवायरमेंटल फ्रेंडली होता है थोड़ा सा
  • 00:49:33
    ठीक है इसमें पॉल्यूशन ब्लास्ट उनसे
  • 00:49:35
    कंपेयर में कम होता है ठीक है ijiar
  • 00:49:37
    प्रक्रिया कंट्रोल होता है प्रक्रिया
  • 00:49:38
    कंट्रोल करना काफी आसान होता है जैसे
  • 00:49:40
    ब्लास्ट होने में प्रक्रिया कंट्रोल काफी
  • 00:49:41
    मुश्किल होता है ठीक है वहां पे भी हमको
  • 00:49:43
    मालूम टेंपरेचर घटना है बढ़ाना है है ना
  • 00:49:46
    या कंपोजिशन कुछ चेंज लाने तो काफी
  • 00:49:47
    मुश्किल है बट डॉ ही में प्रक्रिया
  • 00:49:49
    कंट्रोल जो है एस कंपेयर तू ब्लास्ट
  • 00:49:51
    फर्नेस काफी आसान होता है ठीक है तो ये
  • 00:49:54
    सारी एडवांटेज जैसे डॉ है की अब कुछ
  • 00:49:55
    डिसएडवांटेज भी है जिसकी वजह से हम आज भी
  • 00:49:58
    100% नहीं ए पाए हैं क्योंकि आज भी जो
  • 00:50:00
    देखा जाए तो में जो प्रोडक्शन होता है वह
  • 00:50:02
    प्रण का ये प्रोडक्शन होता है ब्लास्ट
  • 00:50:04
    होने से दी आर आई है बट काफी कम है
  • 00:50:08
    डिसएडवांटेज है पहला क्या है
  • 00:50:10
    प्रोडक्टिविटी बहुत कम होती है इसकी ठीक
  • 00:50:14
    प्रोडक्टिविटी जितने एरिया जो गिरता है
  • 00:50:17
    उसे हिसाब से देखा जाए तो प्रोडक्टिविटी
  • 00:50:18
    काफी कम होती है है ना
  • 00:50:21
    दूसरा क्या होता है
  • 00:50:23
    ट्रांसपोर्टेशन प्रॉब्लम
  • 00:50:25
    है तो उसको ट्रांसपोर्ट करते समय ध्यान
  • 00:50:29
    रखना पड़ता है क्योंकि ट्रांसपोर्टेशन है
  • 00:50:32
    है ना नेक्स्ट क्या है कॉस्ट ऑफ प्रोडक्शन
  • 00:50:35
    थोड़ा सा ज्यादा होता है कैपिटल
  • 00:50:38
    इन्वेस्टमेंट तो कहां है बट कॉस्ट
  • 00:50:39
    प्रोडक्शन थोड़ा ज्यादा होता है डॉ का
  • 00:50:41
    उसके बाद क्या है हमको यहां से लिक्विड
  • 00:50:43
    आयरन नहीं मिलता है ठीक है लिक्विड नहीं
  • 00:50:45
    मिलता इसलिए हमको इसको क्या बोलना पड़ता
  • 00:50:47
    है
  • 00:50:48
    और मेल्ट करने के लिए इलेक्ट्रिकल कंजप्शन
  • 00:50:50
    होता है ठीक है
  • 00:50:52
    जिसके पास हॉट मेटल नहीं है तो वो क्या
  • 00:50:54
    करते हैं ना दी आर आई से और स्क्रैप से
  • 00:50:57
    मेटल बनाते हैं ठीक है
  • 00:51:09
    ठीक है कार्बन कंटेंट कम होने की वजह से
  • 00:51:11
    उसको आप मेल्टिंग करते हो ना तो वहां से
  • 00:51:12
    कोई भी एनर्जी हमको नहीं मिलती है या
  • 00:51:15
    कार्बन में डॉ ही डीआरआई में कार्बन
  • 00:51:17
    इंट्रोड्यूस करने के लिए और कॉस्ट बढ़
  • 00:51:19
    जाता है ठीक है तो ये सारी इसकी क्या है
  • 00:51:21
    डिसएडवांटेजेस है ठीक है तो इन सब चीजों
  • 00:51:24
    को ध्यान में रखा जाए तो जो स्पैनर
  • 00:51:27
    प्रोडक्शन होता है कई मामलों में अभी भी
  • 00:51:29
    पीछे है बट कई मामलों में से अगर फ्यूचर
  • 00:51:32
    प्रोस्पेक्ट देखा जाए तो बहुत अच्छा है
  • 00:51:34
    क्योंकि समय के साथ क्या होगा
  • 00:51:36
    ठीक है अभी तो फॉरेन से ए रहा है फॉरेन
  • 00:51:39
    में जब कुकिंग की कमी होने लगेगी तब हमको
  • 00:51:41
    दूसरी तरफ शिफ्ट करना बहुत जरूरी है ठीक
  • 00:51:44
    है आयरन आयरन प्रोडक्शन को
  • 00:51:46
    की करना बहुत जरूरी है ठीक और इंडिया में
  • 00:51:49
    बहुत अच्छे चांसेस है इसके क्योंकि हमारे
  • 00:51:51
    यहां जो है ना
  • 00:51:53
    नॉन कुकिंग है बहुत ज्यादा डिपॉजिट है
  • 00:51:56
    अपने यहां तो हम उसका इस्तेमाल कर सकते
  • 00:51:57
    हैं ठीक है तो यह था आज का ये पूरा वीडियो
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    आपको ये वीडियो कैसा लगा प्लीज कमेंट करके
  • 00:52:03
    जरूर बताना ओके और कोई डाउट हो तो आप
  • 00:52:06
    कमेंट सेक्शन में पूछ सकते हैं ओके थैंक
  • 00:52:08
    यू सो मच एंड गोद ब्लेस यू ऑल
  • 00:52:10
    [संगीत]
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