00:00:00
[संगीत]
00:00:11
नमस्कार दर्शकों न्यूज़ टुडे के इस
00:00:13
बुलेटिन में आपका स्वागत है जहां हम चर्चा
00:00:16
और विश्लेषण करते हैं आज की महत्त्वपूर्ण
00:00:18
खबरों का आज की मुख्य सुर्खियां इस प्रकार
00:00:21
है नेपाल ने भारतीय राज्य क्षेत्रों को
00:00:24
दर्शाते हुए 00 का नया नोट जारी करने का
00:00:27
निर्णय लिया भारत ने कहा है कि ऑनलाइन
00:00:30
कट्टरता वाद यानी रेडिकलाइजेशन वैश्विक
00:00:33
सुरक्षा के लिए बड़ी चुनौती है पंचायती
00:00:36
राज संस्थानों पीआर आईस के निर्वाचित
00:00:39
महिला प्रतिनिधियों ने लोकलाइजेशन दी
00:00:42
एसडीजी विमेन इन लोकल गवर्नेंस इन इंडिया
00:00:46
लीड द वे कार्यक्रम में भाग लिया सर्वोच्च
00:00:49
न्यायालय ने सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन
00:00:51
एससीबीए के पदों में महिलाओं के लिए 33
00:00:55
प्र आरक्षण लागू करने का निर्देश दिया
00:00:58
बकाया भुगतान के लिए 45 दिन की सीमा से
00:01:01
संबंधित नियम सूक्ष्म लघु एवं मध्यम
00:01:04
उद्यमों यानी एमएसएमई के विकास में बाधक
00:01:08
सिद्ध हो रहा है छत्तीसगढ़ राज्य
00:01:10
स्वास्थ्य संसाधन केंद्र के शोधकर्ताओं ने
00:01:13
अपने अध्ययन में प्रधानमंत्री जन आरोग्य
00:01:16
योजना यानी पीएम जे एवाई के कार्यान्वयन
00:01:20
का विश्लेषण
00:01:23
किया चलिए अब खबरों की चर्चा विस्तार से
00:01:25
करते हैं और सबसे पहले रुख करते हैं आज की
00:01:28
पहली मुख्य खबर की ओर
00:01:30
नेपाल ने भारतीय राज्य क्षेत्रों को
00:01:32
दर्शाते हुए ₹1 का नया नोट जारी करने का
00:01:36
निर्णय लिया हाल ही में नेपाल की कैबिनेट
00:01:39
ने 00 के नए नेपाली नोटों की छपाई को
00:01:42
मंजूरी दी है इन नए नोटों की विशेषता यह
00:01:45
है कि इन नोटों पर नेपाल का नक्शा भी होगा
00:01:49
चिंतनीय विषय यह है कि इस नक्शे में
00:01:52
भारतीय राज्य क्षेत्रों लिंपिया धुरा
00:01:55
लिपुलेख और काला पानी को नेपाली क्षेत्रों
00:01:57
के रूप में दर्शाया गया है गौरतलब है कि
00:02:00
नेपाल इन इलाकों को अपना क्षेत्र मानता है
00:02:03
इससे पहले भी 2020 में नेपाल ने अपना
00:02:07
दूसरा संविधान संशोधन विधेयक पारित किया
00:02:10
था इस विधेयक में भारत के इन क्षेत्रों पर
00:02:13
नेपाल ने अपने दावों को कानूनी दर्जा
00:02:15
प्रदान किया था आपको बता दें कि नेपाल और
00:02:18
भारत के बीच सबसे बड़ा क्षेत्रीय विवाद
00:02:21
काला पानी को लेकर है यह भारत नेपाल और
00:02:24
तिब्बत के बीच एक ट्राई जंक्शन पर स्थित
00:02:26
है चलिए खबर की शुरुआत में विवाद की शुरू
00:02:30
वाद के बारे में विस्तार से चर्चा कर लेते
00:02:32
हैं ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी और
00:02:35
तत्कालीन नेपाली गोरखा शासकों के बीच 1816
00:02:38
में सगोली की संधि हुई थी इस संधि में
00:02:41
उत्तराखंड के कुमाऊ क्षेत्र का सीमांकन
00:02:44
किया गया था और काली नदी को भारत और नेपाल
00:02:47
के बीच सीमा माना गया था गौरतलब है कि
00:02:50
काली नदी के पश्चिमी क्षेत्र को भारतीय
00:02:53
क्षेत्र माना गया जिसमें कुमाऊ गढ़वाल भी
00:02:56
शामिल है इसके साथ दोनों देशों के बीच
00:02:58
काली नदी की उत्पत्ति ति को लेकर भी
00:03:01
असहमति है नेपाल काला पानी के पश्चिम में
00:03:04
बहने वाली नदी को मुख्य काली नदी मानता है
00:03:07
यह नदी लिंपिया धुरा या इसके निकटवर्ती
00:03:10
लिपुलेख दर्रे से निकलती है इसलिए नेपाल
00:03:13
काला पानी पर अपना राज्य क्षेत्र होने का
00:03:16
दावा करता है हालांकि भारत का तर्क है कि
00:03:19
काली नदी का उद्गम पंखा गढ़ नामक एक छोटी
00:03:22
सी नदी से होता है यह काला पानी के
00:03:25
दक्षिणी भाग पर स्थित है साथ ही क्षेत्र
00:03:28
के पूर्वी भाग पर स्थित एक छोटी पहाड़ी ही
00:03:30
वास्तविक सीमा है विवाद पर भारत के रुख की
00:03:33
बात करें तो यह तीनों क्षेत्र लिंपिया
00:03:36
धुरा लिपुलेख और काला पानी भारत के हिस्से
00:03:38
है अतः भारत नेपाल के संविधान संशोधन को
00:03:42
एक पक्षीय मनमाना विस्तार और अनावश्यक
00:03:45
दावे वाला कदम मानता
00:03:49
है चलिए बढ़ते हैं आज की अगली मुख्य खबर
00:03:52
की तरफ भारत ने कहा है कि ऑनलाइन कटता वाद
00:03:55
वैश्विक सुरक्षा के लिए बड़ी चुनौती है
00:03:58
दरअसल भारत के प्रतिनिधि ने नेशनल सेंटर
00:04:00
ब्यूरो यानी एनसीबी के प्रमुखों के 19वें
00:04:03
इंटरपोल सम्मेलन में ऑनलाइन कटता वाद से
00:04:06
जुड़ी चिंताओं को रेखांकित किया है कटता
00:04:09
वाद या रेडिकलाइजेशन एक ऐसी प्रक्रिया है
00:04:12
जिसमें कोई व्यक्ति या समूह किसी विशेष
00:04:14
राजनीतिक या वैचारिक उद्देश्य की पूर्ति
00:04:17
के लिए कट्टरपंथ विचारधारा को अपनाता है
00:04:19
इस विचारधारा में आतंकवादी कृत्यों सहित
00:04:22
हिंसा का समर्थन करने या उसका सहारा लेने
00:04:25
को जायज ठहराया जाता है आतंकवादियों ने
00:04:28
कटता वाद एवं अपनी विचारधारा का प्रसार
00:04:30
करने अपने समूह में लोगों को भर्ती करने
00:04:33
और आतंकवाद के वित्त पोषण के लिए सोशल
00:04:36
मीडिया सहित अलग-अलग इंटरनेट प्लेटफॉर्म्स
00:04:38
का एक प्रभावी साधन के रूप में उपयोग किया
00:04:40
है चलिए अब सबसे पहले राष्ट्रीय सुरक्षा
00:04:43
के समक्ष चुनौती पैदा करने में इंटरनेट की
00:04:46
भूमिका जानते हैं कट्टरपंथ लोग अपने
00:04:48
प्रोपेगेंडा और दुष्प्रचार को प्रसारित
00:04:51
करने षडयंत्र रचने हेट स्पीच देने एवं
00:04:53
हिंसा भड़काने के लिए सोशल मीडिया का
00:04:56
उपयोग एक इको चेंबर के रूप में करते हैं
00:04:59
जैसे जैसे कि कोची कोट ट्रेन आगजनी मामले
00:05:01
में देखा गया था कि हिंसा भड़काने में
00:05:03
ऑनलाइन कट्टरवाद कैसे प्रमुख भूमिका
00:05:06
निभाता है इंटरनेट प्लेटफॉर्म्स आतंकवादी
00:05:08
गतिविधियों के लिए धन जुटाने हेतु अभियान
00:05:11
चलाने अपनी पहुंच बढ़ाने एवं वर्चुअल या
00:05:14
क्रिप्टो एसेट्स के उपयोग में मदद करते
00:05:16
हैं वर्चुअल या क्रिप्टो एसेट्स में
00:05:18
लेनदेन करने की वजह से कट्टरपंथियों को
00:05:21
ट्रैक करना मुश्किल हो जाता है स्थानीय
00:05:23
स्तर पर लोगों या समूह यानी माइक्रो
00:05:26
टारगेटिंग के बीच अपनी कटर पंती विचारधारा
00:05:28
फैलाने के लिए उनकी मनोवैज्ञानिक
00:05:31
प्रोफाइलिंग हेतु इंटरनेट से डाटा संग्रह
00:05:33
किए जाते हैं इससे इनके लिए स्थानीय लोगों
00:05:36
के अनुसार कट्टरपंथ कंटेंट तैयार करना
00:05:38
आसान हो जाता है इंटरनेट साइबर अपराध तथा
00:05:40
संगठित अपराध यानी मानव तस्करी नशीली
00:05:43
दवाओं की तस्करी मनी लरिंग आदि को बढ़ावा
00:05:46
देता है खबर में आगे बढ़ते हैं और इंटरनेट
00:05:49
से उत्पन्न होने वाली सुरक्षा चिंताओं को
00:05:51
दूर करने में मौजूद चुनौतियों के बारे में
00:05:53
जानते हैं सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर
00:05:55
गुमनाम रहकर गतिविधियां चलाई जाती हैं
00:05:57
इससे उनकी पहचान करने में समस स्या आती है
00:06:00
डीप फेक तकनीक का उपयोग करके भ्रामक
00:06:03
जानकारियां प्रसारित की जा रही हैं
00:06:04
इंटरनेट पर बहुत सारी गैर कानूनी
00:06:06
गतिविधियां विदेशों से संचालित की जाती
00:06:09
हैं अधिकार क्षेत्र में नहीं होने के कारण
00:06:11
इनके खिलाफ कार्यवाही करना मुश्किल हो
00:06:13
जाता है निजता के उलंघन से जुड़ी चिंताओं
00:06:16
के कारण कानूनों को लागू करने में
00:06:18
कठिनाइयां आती हैं आदि अब आगे की राह
00:06:21
समझने की कोशिश करते हैं दुष्प्रचार को
00:06:23
प्रसारित होने से रोकने एवं इको चेंबर्स
00:06:26
को बाधित करने के लिए लक्षित काउंटर
00:06:28
नैरेटिव अभियान जलाए जाने चाहिए तथ हीन या
00:06:31
भ्रामक या हेट स्पीच या अश्लील कंटेंट की
00:06:34
शीघ्र पहचान करने और हटाने की व्यवस्था की
00:06:36
जानी चाहिए फैक्ट चेकिंग व्यवस्था लागू
00:06:39
करनी चाहिए कानून प्रवर्तन एजेंसियों
00:06:41
खुफिया एजेंसियों एवं नीति निर्माताओं के
00:06:44
बीच अंतरराष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देना
00:06:46
चाहिए साइबर सुरक्षा को मजबूत करने तथा
00:06:48
वर्चुअल और क्रिप्टो एसेट्स को विनियमित
00:06:51
करने की जरूरत है अंत में इंटरपोल यानी
00:06:54
अंतरराष्ट्रीय अपराधिक पुलिस संगठन के
00:06:56
बारे में जान लेते हैं यह 1923 में एक
00:06:59
सरकारी संगठन के रूप में स्थापित किया गया
00:07:02
था इसका मुख्यालय फ्रांस के लियोन में
00:07:04
स्थित है इसका उद्देश्य राष्ट्रीय पुलिस
00:07:07
बलों के बीच सूचना के आदान प्रदान को
00:07:09
सुविधाजनक बनाना है 196 देश इसके सदस्य
00:07:13
हैं भारत भी इसका एक सदस्य है इसके
00:07:15
संगठनात्मक संरचना में महासभा महासचिव
00:07:19
कार्यकारी समिति और नेशनल सेंटर ब्यूरो
00:07:21
यानी एनसीबी शामिल है आपको बता दें प्रति
00:07:25
एक सदस्य देश में इंटरपोल का एक नेशनल
00:07:27
सेंटर ब्यूरो यानी एनसीबी होता है उदाहरण
00:07:29
के लिए भारत में केंद्रीय जांच ब्यूरो
00:07:32
सीबीआई एनसीबी की भूमिका निभाता है यह
00:07:34
एनसीबी इंटरपोल की सभी गतिविधियों का
00:07:37
समन्वय करते
00:07:39
हैं चलिए अब आगे बढ़ते हैं और रुक करते
00:07:42
हैं आज की अगली मुख्य खबर की ओर पंचायती
00:07:45
राज संस्थानों की निर्वाचित महिला
00:07:47
प्रतिनिधियों ने लोकलाइजेशन द एसडीजी
00:07:51
विमेन इन लोकल गवर्नेंस इन इंडिया लीड द
00:07:53
वे कार्यक्रम में भाग लिया यह कार्यक्रम
00:07:56
न्यूयॉर्क स्थित संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय
00:07:58
में आयोजित किया गया था इसने जमीनी स्तर
00:08:01
पर सतत विकास लक्ष्यों के स्थानीयकरण को
00:08:04
आगे बढ़ाने में निर्वाचित महिला
00:08:06
प्रतिनिधियों की भूमिका को रेखांकित किया
00:08:09
पंचायती राज संस्थानों में महिलाओं की
00:08:11
स्थिति की बात करें तो भारत में 1.4
00:08:14
मिलियन से अधिक निर्वाचित महिला प्रतिनिधि
00:08:17
है जो कुल प्रतिनिधियों का लगभग 46 प्र है
00:08:21
गौरतलब है कि 73वें संविधान संशोधन
00:08:24
अधिनियम 1992 के तहत पंचायती राज
00:08:27
संस्थानों में 1 तिहाई सी
00:08:30
महिलाओं के लिए आरक्षित की गई है इसके
00:08:32
अलावा 2021 तक के आंकड़ों के अनुसार 22
00:08:36
राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने
00:08:38
पंचायतों में महिलाओं को 50 प्र आरक्षण
00:08:42
प्रदान किया था आइए अब एसडीजी के
00:08:45
स्थानीयकरण के बारे में समझ लेते हैं
00:08:47
एसडीजी के स्थानीयकरण के तहत रणनीतियों को
00:08:50
स्थानीय स्तर पर परिभाषित किया जाता है
00:08:54
साथ ही स्थानीय स्तर पर ही उनका
00:08:56
कार्यान्वयन व निगरानी की जाती है इन
00:08:59
रणनीतियों को राष्ट्रीय फ्रेमवर्क्स व
00:09:01
समुदायों की प्राथमिकताओं के अनुरूप तैयार
00:09:04
किया जाता है इस तरीके से सतत विकास के
00:09:07
वैश्विक राष्ट्रीय और उप राष्ट्रीय
00:09:09
लक्ष्यों एवं उपलक्ष्य को प्राप्त करना
00:09:12
संभव होता है एसडीजी 2015 में संयुक्त
00:09:16
राष्ट्र द्वारा अपनाया गया एक वैश्विक
00:09:18
एजेंडा है इसमें 17 लक्ष्य और 169
00:09:22
उपलक्ष्य शामिल है स्थानीयकरण इस बात से
00:09:25
संबंधित है कि सतत विकास लक्ष्य किस
00:09:28
प्रकार से स्थानीय विकास की नीति के लिए
00:09:31
एक रूपरेखा प्रदान कर सकते हैं साथ ही यह
00:09:34
इस बात पर भी बल देता है कि किस प्रकार से
00:09:37
स्थानीय और क्षेत्रीय सरकारें बॉटम अप
00:09:40
दृष्टिकोण के माध्यम से सतत विकास
00:09:42
लक्ष्यों की प्राप्ति में मदद कर सकती है
00:09:45
चलिए अब निर्वाचित महिला प्रतिनिधियों के
00:09:47
महत्व के बारे में चर्चा कर लेते हैं पहला
00:09:50
है बेहतर विकासात्मक परिणाम निर्वाचित
00:09:53
महिला प्रतिनिधियों ने आवश्यक पब्लिक
00:09:55
गुड्स का बेहतर वितरण सुनिश्चित किया है
00:09:59
जमीनी स्तर पर सतत विकास को मजबूत करने
00:10:02
में इनकी महत्त्वपूर्ण भूमिका है दूसरा है
00:10:05
सामाजिक परिवर्तन यह निर्वाचित प्रतिनिधि
00:10:08
उन नीतियों को प्राथमिकता देती है जो अधिक
00:10:10
समानता परक और उत्तरदाई स्थानीय समुदायों
00:10:13
बनाने में योगदान करती है उदाहरण के लिए
00:10:17
निर्वाचित महिला प्रतिनिधियों ने कुल
00:10:19
प्रजनन दर को कम करने महिलाओं में कानून
00:10:22
द्वारा निर्धारित आयु के अनुरूप विवाह
00:10:24
करने की प्रेरणा जागृत करने आदि में
00:10:26
योगदान दिया है और अंत में लोकतंत्र और
00:10:29
शासन व्यवस्था को मजबूत करने में योगदान
00:10:32
देती है आदि इस संबंध में मौजूद चिंताओं
00:10:35
की बात करें तो पहली चिंता है सांस्कृतिक
00:10:38
बाधाएं पितृ सत्तात्मक सामाजिक मानदंडों
00:10:41
और रूण के कारण महिलाओं के योगदान को कम
00:10:44
आका जाता है और उनकी उपेक्षा की जाती है
00:10:47
दूसरा है प्रॉक्सी प्रतिनिधित्व अंतिम
00:10:49
निर्णय लेने की शक्ति निर्वाचित महिला
00:10:51
प्रतिनिधियों के पतियों या परिवार के
00:10:54
पुरुष सदस्यों के पास होती है इसके अलावा
00:10:56
आरक्षित सीटों के रोटेशन की नीति
00:10:59
निर्वाचित महिला प्रतिनिधि अपने सीखे हुए
00:11:02
अनुभव का उपयोग नहीं कर पाती है क्योंकि
00:11:04
अगली बार संबंधित सीट पर कोई महिला
00:11:07
प्रतिनिधि नहीं होती है और अंत में घरेलू
00:11:10
और देखभाल संबंधी जिम्मेदारियां अपनी
00:11:13
क्षमता के बारे में आशंकाएं डिजिटल डिवाइड
00:11:16
आदि इस दिशा में अपनाई जाने वाली पहलो की
00:11:19
बात करें तो नेतृत्व और प्रबंधन विकास
00:11:22
कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं
00:11:24
निर्वाचित महिला प्रतिनिधियों के लिए
00:11:26
क्षमता निर्माण कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं
00:11:30
ड्रोन दीदी लखपति दीदी जैसी पहले शुरू की
00:11:33
गई है
00:11:35
आदि चलिए अब बढ़ते हैं आज की अगली मुख्य
00:11:38
खबर की ओर सर्वोच्च न्यायालय ने सुप्रीम
00:11:41
कोर्ट बार एसोसिएशन यानी एससीबीए के पदों
00:11:43
में महिलाओं के लिए 33 प्र आरक्षण लागू
00:11:46
करने का निर्देश दिया आपको बता दें
00:11:48
सुप्रीम कोर्ट के दो न्यायाधीशों की पीठ
00:11:51
ने आरक्षण लागू करने का निर्देश दिया है
00:11:53
इस आदेश को 2024 25 के लिए एससी बीए मतदान
00:11:57
में भी लागू किया जाएगा महिलाओं के लिए
00:11:59
आरक्षण लागू होने से सुप्रीम कोर्ट में
00:12:01
न्यायाधीशों की नियुक्ति के समय अधिक
00:12:03
योग्य महिला उम्मीदवारों का विकल्प उपलब्ध
00:12:05
होगा चलिए सबसे पहले उच्चतर न्यायपालिका
00:12:08
में महिला न्यायाधीशों की वर्तमान स्थिति
00:12:10
के बारे में जानते हैं स्वतंत्रता के बाद
00:12:13
से अब तक सुप्रीम कोर्ट में कुल 28
00:12:15
न्यायाधीशों की नियुक्ति की गई है हालांकि
00:12:17
इनमें महिला न्यायाधीशों की संख्या केवल
00:12:19
11 रही है न्यायमूर्ति फातिमा बीवी 1989
00:12:23
में सुप्रीम कोर्ट में नियुक्त होने वाली
00:12:24
पहली महिला न्यायाधीश थी इंडिया जस्टिस
00:12:27
रिपोर्ट 2022 के अनुसार अधीनस्थ
00:12:29
न्यायालयों में 35 प्र महिला न्यायाधीश थी
00:12:32
जबकि हाई कोर्ट्स में केवल 13 प्र महिला
00:12:35
न्यायाधीश थी प्रैक्टिस करने वाले वकीलों
00:12:37
में से केवल लगभग 15 प्र ही महिलाएं हैं
00:12:40
चलिए अब न्यायपालिका में महिलाओं के कम
00:12:42
प्रतिनिधित्व के लिए जिम्मेदार कारण भी
00:12:44
जान लेते हैं पितृ सत्तात्मक सामाजिक
00:12:47
मानदंड जो महिलाओं को कानूनी पेशे को
00:12:49
अपनाने से हतो उत्साहित करते हैं इसके
00:12:51
अलावा नियुक्ति प्रक्रियाओं में
00:12:53
पारदर्शिता की भी कमी है अधीनस्थ
00:12:55
न्यायालयों की महिला न्यायाधीशों को
00:12:57
उच्चतर न्यायालयों में पदोन्नति में
00:12:59
बाधाओं का सामना करना पड़ता है खबर में
00:13:01
आगे बढ़ते हैं और भारतीय न्यायपालिका में
00:13:04
महिलाओं का प्रतिनिधित्व बढ़ाने हेतु की
00:13:06
गई पहलो के बारे में भी जान लेते हैं
00:13:08
आंध्र प्रदेश असम बिहार कर्नाटक जैसे
00:13:11
राज्यों ने निचली अदालतों में महिलाओं के
00:13:13
लिए आरक्षण का प्रावधान किया है कार्मिक
00:13:15
लोक शिकायत और कानून एवं न्याय पर संसदीय
00:13:19
स्थाई समिति ने सुप्रीम कोर्ट तथा हाई
00:13:21
कोर्ट्स में महिला न्यायाधीशों की
00:13:22
पर्याप्त संख्या सुनिश्चित करने हेतु
00:13:25
मेमोरेंडम ऑफ प्रोसीजर यानी
00:13:29
अंत में न्यायपालिका में महिलाओं को अधिक
00:13:31
प्रतिनिधित्व देने का महत्व भी जान लेते
00:13:34
हैं सबसे पहला है जेंडर संवेदनशीलता इससे
00:13:37
घरेलू हिंसा यौन उत्पीड़न भेदभाव जैसे
00:13:39
जेंडर संबंधी मुद्दों की सुनवाई के दौरान
00:13:42
अधिक सहानुभूति व संवेदना सुनिश्चित हो
00:13:45
पाती है पीड़िता भी एक महिला न्यायाधीश के
00:13:47
समक्ष अधिक सहज महसूस करती है दूसरा है
00:13:50
वैधता और जनता का विश्वास न्यायपालिका में
00:13:52
जेंडर विविधता न्यायिक संस्थाओं को अधिक
00:13:55
प्रतिनिधि मूलक बनाएगी और उन्हें वैधता
00:13:57
प्रदान करेगी और तीस है रोल मॉडल और
00:14:00
प्रेरणा यह कदम अधिक महिलाओं को कानूनी
00:14:02
पेशे में करियर बनाने और न्यायाधीश बनने
00:14:04
के लिए प्रोत्साहित कर सकता
00:14:08
है आइए अब बुलेटिन में आगे बढ़ते हैं और
00:14:11
बात करते हैं आज की अगली मुख्य खबर के
00:14:13
बारे में बकाया भुगतान के लिए 45 दिन की
00:14:17
सीमा से संबंधित नियम सूक्ष्म लघु एवं
00:14:20
मध्यम उद्यमों यानी एमएसएमई के विकास में
00:14:24
बाधक सिद्ध हो रहा है गौरतलब है कि वित्त
00:14:28
अधिनियम 2000
00:14:29
ने आयकर अधिनियम में संशोधन किया था इस
00:14:32
संशोधन के अनुसार यदि किसी कंपनी के ऊपर
00:14:35
एमएसएमई की बकाया राशि का भुगतान 45 दिनों
00:14:39
के भीतर नहीं किया जाता है तो ऐसी कंपनी
00:14:42
कर छूट के लिए पात्र नहीं मानी जाएगी यह
00:14:46
प्रावधान सूक्ष्म लघु और मध्यम उद्यम
00:14:48
विकास यानी एमएसएमई डी अधिनियम 2006 के
00:14:52
तहत पंजीकृत उद्यमों से वस्तुओं या सेवाओं
00:14:55
की खरीद से जुड़े लेनदेन पर लागू होता है
00:14:59
यह संशोधन 1 अप्रैल 2024 से लागू हुआ है
00:15:03
चलिए खबर की शुरुआत में नए संशोधन के
00:15:06
अवांछित परिणामों के बारे में चर्चा कर
00:15:08
लेते हैं संशोधन की वजह से बड़ी कंपनियां
00:15:11
पंजीकृत एमएसएमई के साथ वस्तुओं और सेवाओं
00:15:15
की खरीद के ऑर्डर रद्द कर रही है तथा यह
00:15:18
ऑर्डर बिना पंजीकरण वाले एमएसएमई को दे
00:15:21
रही है इसके अलावा कई छोटे स्तर के
00:15:25
एमएसएमई अपना अस्तित्व बचाए रखने और अपना
00:15:28
व्यवसाय जारी रखने के लिए अपना पंजीकरण
00:15:31
सरेंडर कर रहे हैं कई एमएसएमई स्वयं को
00:15:34
विनिर्माण संस्था से व्यापारिक संस्था में
00:15:37
बदल रहे हैं भारत में एमएसएमई के समक्ष
00:15:40
मौजूद अन्य चुनौतियों की बात करें तो पहली
00:15:43
चुनौती है ऋण प्राप्ति में कठिनाइयां ऋण
00:15:46
प्राप्ति के सख्त नियम अधिक जमानत यानी
00:15:49
कोलेट रखने की शर्त ऋण और ब्याज भुगतान
00:15:53
में देरी की वजह से खराब क्रेडिट हिस्ट्री
00:15:55
जैसे कारणों से एमएसएमई को ऋण प्राप्त
00:15:58
करने में चुनौतियों का सामना करना पड़ता
00:16:01
है इसके बाद है कमजोर अव संरचनाएं इसकी
00:16:05
वजह से व्यवसाय की लागत बढ़ जाती है
00:16:07
उत्पादन में देरी होती है आदि और अंत में
00:16:10
विनियमन संबंधी चुनौतियां भी मौजूद हैं
00:16:13
दरअसल विनियामक व्यवस्थाएं जटिल है और
00:16:16
इनमें हमेशा बदलाव होता रहता है इन
00:16:19
व्यवस्थाओं में कराधान पर्यावरण संबंधी
00:16:22
नियमों का पालन आदि शामिल है गौरतलब है कि
00:16:25
विनियमन संबंधी चुनौतियों से व्यवसाय ला
00:16:28
गत में वृद्धि होती है और कंपनी का संचालन
00:16:31
प्रभावित होता है भारत की अर्थव्यवस्था के
00:16:34
लिए एमएसएमई के महत्व की बात करें तो
00:16:37
एमएसएमई श्रम प्रधान क्षेत्रक है इसलिए यह
00:16:41
रोजगार के अधिक अवसर उत्पन्न करता है इसके
00:16:44
साथ ही देश के सकल घरेलू उत्पाद में यह
00:16:47
लगभग 30 प्र का योगदान करते हैं ग्रामीण
00:16:51
क्षेत्रों के औद्योगीकरण में भूमिका
00:16:54
निभाते हैं इसके अलावा यह सभी क्षेत्रों
00:16:56
का विकास सुनिश्चित करते हैं और अंत में
00:16:59
भारत से निर्यात को बढ़ावा देते हैं आदि
00:17:03
आइए अब बात करते हैं सूक्ष्म लघु और मध्यम
00:17:06
उद्यमों की परिभाषा हों की यदि किसी इकाई
00:17:09
का प्लांट और मशीनरी में निवेश ₹ करोड़ से
00:17:12
कम हो तथा उसका वार्षिक टर्न ओवर भी ₹
00:17:15
करोड़ से कम हो तो उसे सूक्ष्म उद्यम माना
00:17:18
जाता है इसी प्रकार यदि इकाई का प्लांट और
00:17:22
मशीनरी में निवेश ₹ करोड़ से अधिक किंतु ₹
00:17:25
करोड़ से कम हो तथा उसका वार्षिक टर्न 5
00:17:29
करोड़ रुप से अधिक किंतु 50 करोड़ रुपए से
00:17:32
कम हो तो उसे लघु उद्यम माना जाता है अंत
00:17:36
में यदि इकाई का प्लांट और मशीनरी में
00:17:38
निवेश 10 करोड़ रुपए से अधिक किंतु 50
00:17:41
करोड़ रुपए से कम हो तथा उसका वार्षिक
00:17:44
टर्नओवर 50 करोड़ रुपए से अधिक किंतु 250
00:17:48
करोड़ रुपए से कम हो तो उसे मध्यम उद्यम
00:17:51
माना जाता
00:17:53
है इसी के साथ बढ़ते हैं आज की आखरी मुख्य
00:17:56
खबर की ओर छत्तीसगढ़ राज्य स्वास्थ्य
00:17:59
संसाधन केंद्र के शोधकर्ताओं ने अपने
00:18:01
अध्ययन में प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना
00:18:05
यानी पीएम जे एवाई के कार्यान्वयन का
00:18:07
विश्लेषण किया एक अध्ययन के अनुसार पीएमजे
00:18:10
के तहत सूचीबद्ध निजी अस्पतालों में भर्ती
00:18:13
होने पर मरीजों को खुद की जेब से बड़ी
00:18:15
राशि का भुगतान यानी आउट ऑफ पॉकेट व्यय
00:18:18
करना पड़ा है ऐसा मुख्य रूप से धौरी
00:18:20
बिलिंग के कारण हुआ है धौरी बिलिंग के तहत
00:18:23
निजी अस्पतालों ने मरीजों से इलाज के लिए
00:18:25
भुगतान वसूलने के बाद भी पीएमजे के तहत
00:18:28
प्रति पूर्ति का क्लेम किया खबर में आगे
00:18:30
बढ़ने से पहले प्रधानमंत्री जन आरोग्य
00:18:32
योजना के बारे में जानकारी प्राप्त करते
00:18:34
हैं यह योजना केंद्रीय स्वास्थ्य और
00:18:37
परिवार कल्याण मंत्रालय संचालित कर रहा है
00:18:40
पीएमजे को आयुष्मान भारत योजना के एक घटक
00:18:43
के रूप में 2018 में शुरू किया गया था इस
00:18:46
योजना के तहत हाशे पर रहे परिवारों को ₹
00:18:48
लाख का वार्षिक चिकित्सा बीमा प्रदान किया
00:18:51
जाता है या बीमा सूचीबद्ध सरकारी और निजी
00:18:54
अस्पतालों में द्वितीयक और तृतीयक स्तर की
00:18:56
स्वास्थ्य देखभाल हेतु प्रदान किया जाता
00:18:59
है योजना का लाभ लेने के लिए परिवार के
00:19:01
सदस्यों की संख्या उम्र या जेंडर जैसी कोई
00:19:04
शर्त नहीं रखी गई है इसकी कवरेज की बात
00:19:06
करें तो यह अस्पताल में भर्ती होने से
00:19:08
पहले 3 दिनों और अस्पताल से डिस्चार्ज
00:19:10
होने के 15 दिनों के बाद के खर्चों को कवर
00:19:13
करती है इसमें पहले से हो रखी बीमारियों
00:19:16
के इलाज को भी शामिल किया गया है चलिए
00:19:18
पीएमजे के कार्यान्वयन में मौजूद
00:19:20
चुनौतियों पर एक नजर डालते हैं कुछ
00:19:22
राज्यों में सूचीबद्ध प्रति अस्पताल की
00:19:24
क्षमता से अधिक लाभार्थी मरीज हो गए हैं
00:19:27
इससे सभी लाभार्थी को योजना का लाभ उठाने
00:19:30
में समस्या आ रही है स्पष्ट दिशा
00:19:32
निर्देशों के बावजूद क्लेम के निपटान में
00:19:34
देरी देखने को मिल रही है लाभार्थियों के
00:19:36
पंजीकरण के समय सत्यापन ठीक से नहीं किया
00:19:39
जा रहा है इसकी वजह से अपात्र व्यक्ति भी
00:19:41
योजना का लाभ उठा रहा है सीएजी के एक
00:19:44
रिपोर्ट के अनुसार पीएमजे के 7 लाख से
00:19:47
अधिक लाभार्थियों को एक ही मोबाइल नंबर से
00:19:49
लिंक किया गया था शिकायतों के निपटान में
00:19:52
देरी का सामना करना पड़ रहा है सीएजी की
00:19:54
रिपोर्ट में कहा गया है कि केवल लगभग 10
00:19:56
प्र पंजीकृत शिकायतों का ही शिकायत दर्ज
00:19:59
होने के 15 दिनों के भीतर समाधान किया गया
00:20:01
था बिहार छत्तीसगढ़ राजस्थान जैसे कुछ
00:20:04
राज्यों में विसल ब्लोअर नीति नहीं अपनाई
00:20:06
गई है चलिए खबर के अंत में सरकारी सहायता
00:20:09
प्राप्त स्वास्थ्य बीमा योजना की आवश्यकता
00:20:11
क्यों है यह जानते हैं पहला कारण है आउट
00:20:14
ऑफ पॉकेट व्यय कम करने और वित्तीय सुरक्षा
00:20:16
प्राप्त करने के लिए दूसरा है स्वास्थ्य
00:20:19
सुविधाओं तक समान पहुंच सुनिश्चित करने के
00:20:21
लिए और तीसरा है लोक स्वास्थ्य देखभाल पर
00:20:24
बोझ कम करने के
00:20:27
लिए चलिए बात करते हैं सुर्खियों में रहे
00:20:30
व्यक्तित्व की हमारे आज के व्यक्तित्व हैं
00:20:32
वल्लभाचार्य आपको बता दें प्रसिद्ध
00:20:34
विद्वान और संत वल्लभाचार्य की 545 वं
00:20:37
जयंती मनाई गई वल्लभाचार्य
00:20:42
उत्तराधिकारी के चंपारण में हुआ था वे
00:20:45
भक्ति आंदोलन के अग्र दूतों में से एक थे
00:20:48
और श्री चैतन्य महाप्रभु के समकालीन थे
00:20:51
उनके प्रमुख योगदान की बात करें तो
00:20:52
उन्होंने ब्रह्मसूत्र व श्रीमद् भगवत गीता
00:20:55
साहित्य को अपने दर्शन के केंद्र में रखते
00:20:57
हुए पुष्टि मार्ग भक्ति परंपरा की स्थापना
00:21:00
की थी भगवान श्री कृष्ण का अनुग्रह या
00:21:02
कृपा ही पुष्टि है उन्होंने शुद्ध
00:21:05
द्वैतवाद दर्शन की स्थापना की थी यह दर्शन
00:21:07
वेदांत पर आधारित है इनकी महत्त्वपूर्ण
00:21:09
साहित्य कृतियां ब्रह्मसूत्र पर अनु भाष्य
00:21:13
भागवत पर सुबोधिनी टीका सिद्धांत रहस्य
00:21:16
भागवत लीला रहस्य एकांत रहस्य विष्णु पद
00:21:19
आदि है हम श्री वल्लभाचार्य जी से
00:21:21
निस्वार्थ सेवा भक्ति सामाजिक न्याय
00:21:24
समानता आदि जैसे जीवन मूल्य सीख सकते हैं
00:21:29
बुलेटिन के आखिर में अब रुक करते हैं आज
00:21:31
की संक्षिप्त सुर्खियों की तरफ सुप्रीम
00:21:34
कोर्ट ने भारतीय दंड संहिता आईपीसी की
00:21:37
धारा 498a के दुरुपयोग का हवाला देते हुए
00:21:41
संसद से भारतीय न्याय संहिता बीएनएस 2023
00:21:45
की संबंधित धारा में आवश्यक संशोधन करने
00:21:48
की सिफारिश की है कोर्ट ने यह भी पाया है
00:21:52
कि आईपीसी की धारा 498 ए को बीएनएस की
00:21:56
धारा 85 और 86 में शब शह रखा गया है
00:22:00
भारतीय न्याय संहिता 1 जुलाई 2024 से लागू
00:22:03
होगी बेंगलुरु स्थित कंपनी ने भारत के
00:22:06
पहले स्वदेशी बम वषक मानव रहित हवाई वाहन
00:22:11
यूएवी एड्डी 200 बी का अनावरण किया भारत
00:22:15
सरकार ने 0000 करोड़ रपए की सरकारी
00:22:18
प्रतिभूतियों के बायबैक की घोषणा की है
00:22:21
प्रतिभूतियों के बायबैक के जरिए सरकार
00:22:24
अपने बकाया कर्ज के एक हिस्से को
00:22:26
निर्धारित परिपक्वता की की तिथि के पहले
00:22:29
ही खत्म करना चाहती है बायबैक से बैंकिंग
00:22:33
प्रणाली में तरलता में वृद्धि होती है
00:22:35
तमिलनाडु ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका
00:22:38
दाया कर केरल सरकार पर मुल्ला पेरियार
00:22:41
बांध को मजबूत करने के कार्य में जानबूझकर
00:22:44
बाधा डालने का आरोप लगाया है कर्नाटक के
00:22:47
एक एरिका अनुसंधान केंद्र ने तीर्थ हल्ली
00:22:51
सुपारी को राज्य में सबसे अच्छी गुणवत्ता
00:22:53
वाली सुपारी घोषित किया है वैज्ञानिकों ने
00:22:57
गोल्डनी नामक सोने की एक शीट या चादर
00:23:00
विकसित की है यह केवल एक परमाणु जितनी
00:23:03
मोटी है नाइट्रोजन स्थिरीकरण और
00:23:07
नाइट्रोप्लस से संबंधित हालिया शोध पत्रों
00:23:10
ने एंडोसिंबायोटिक सिद्धांत में
00:23:13
शोधकर्ताओं की अभिरुचि बढ़ाई है एटा एक्वा
00:23:17
रिड उल्का वृष्टि की चरम परिघटना प्रत्येक
00:23:20
वर्ष मई की शुरुआत में घटित होती हैं
00:23:23
उल्का सामान्यत छोटे-छोटे खगोलीय चट्टानी
00:23:27
पिंड होते हैं जो यदा कदा पृथ्वी के
00:23:30
वायुमंडल में प्रवेश कर जाते हैं
00:23:32
वायुमंडलीय घर्षण के कारण यह तप्त होकर जल
00:23:36
उठते हैं और चमक के साथ पृथ्वी के
00:23:38
वायुमंडल में ही समाप्त हो जाते हैं उल्का
00:23:42
वास्तव में धूम केतु के अवशेष कणों और
00:23:45
विखंडित शुद्ध ग्रहों के टुकड़े
00:23:47
[संगीत]
00:23:52
हैं जाने से पहले आपकी समझ की परीक्षा के
00:23:55
लिए डालते हैं एक नजर हमारे स्पेशल
00:23:57
सेगमेंट प्रश्नोत्तरी पर
00:24:17
[संगीत]
00:24:32
[संगीत]
00:24:37
[संगीत]
00:24:49
हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद उम्मीद
00:24:51
है न्यूज़ टूडे का यह बुलेटिन आपको पसंद
00:24:53
आया होगा न्यूज डे की पीडीएफ को डाउनलोड
00:24:56
करने के लिए और आज के क्विज के उत्तर के
00:24:58
लिए डिस्क्रिप्शन में दिए गए लिंक पर
00:25:00
क्लिक कीजिए
00:25:09
[संगीत]