साहित्य चिंतन, काव्य की प्रमुख आधुनिक विधाओं का परिचय du sol ncweb nep20 semester 6 Hindi DSC MINOR
الملخص
TLDRइस वीडियो में हिंदी साहित्य के पेपर 'साहित्य चिंतन' की पहली इकाई का अध्ययन किया गया है, जो कविताओं की प्रमुख आधुनिक विधाओं पर केंद्रित है। इस इकाई में आख्यान परक कविता, नवगीत, प्रगीत और छंद मुक्त कविता के बारे में जानकारी दी गई है। आख्यान परक कविता में किसी कहानी या घटना को कविता के रूप में प्रस्तुत किया जाता है, जबकि नवगीत नई संवेदनाओं और समकालीन समाज का चित्रण करते हैं। प्रीतामक कविता में व्यक्तिगत भावनाओं की अभिव्यक्ति होती है, जबकि मुक्त छंद और छंद मुक्त कविता के बीच लय और प्रवाह का अंतर होता है। वीडियो में इन सभी विधाओं के महत्व और विशेषताओं का विस्तार से चर्चा की गई है।
الوجبات الجاهزة
- 📜 साहित्य चिंतन पाठ्यक्रम में कविताओं की आधुनिक विधाओं का अध्ययन।
- ✍️ आख्यान परक कविता में कथा और वर्णन का प्रयोग।
- 🎵 नवगीत समकालीन समाज की चित्रण करता है।
- 💖 प्रीतामक कविता भावनाओं का गहन अभिव्यक्ति।
- 🔄 मुक्त छंद कविता में लय और प्रवाह होता है।
- 📚 छंद मुक्त कविता में कोई निश्चित लय नहीं होती।
- 🌐 प्रगति काव्य सामाजिक और सांस्कृतिक उन्नति पर केंद्रित।
- 📝 हिंदी साहित्य में नई शैली का विकास।
- 🌱 कविताओं में सरल भाषा और गहरी संवेदनाएँ।
- 🌟 आधुनिक युग के कवियों का योगदान।
الجدول الزمني
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वीडियो में हिंदी भाषा के सिलेबस संबंधी जानकारी दी गई है, जिसमें साहित्य चिंतन का पेपर शामिल है। पहली इकाई 'काव्य की प्रमुख आधुनिक विधाओं का सामान्य परिचय' पर केंद्रित है। इसमें कविताओं की विभिन्न श्रेणियों के बारे में जानकारी साझा की गई है।
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पहली इकाई में प्रमुखतः आख्यान परक कविता के बारे में चर्चा की गई है। यह कविता किसी घटना, कथा या इतिहास को वर्णित करती है। इसमें पात्र, संवाद और कथानक होते हैं, जो इसे रोचक बनाते हैं।
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आख्यान परक कविता का इतिहास प्राचीन है। यह वेदों से शुरू होती है और रामायण तथा महाभारत जैसे महाकाव्यों में भी विद्यमान है। इसे पहले मानव सभ्यता के प्राचीन काल से कथा सुनाने का एक माध्यम माना जाता है।
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अंत में यह बताया गया कि आख्यान परक कविता अपनी विशेषताओं की वजह से सामाजिक, धार्मिक और ऐतिहासिक घटनाओं को जीवंत बनाती है। इसमें भावनाओं और कला का सुंदर समन्वय होता है।
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दूसरी विधा नवगीत के विकास की चर्चा की गई जो 20वीं शताब्दी में उभरी। यह समाज, राजनीति और मानवीय संवेदनाओं की अभिव्यक्ति करती है। नवगीत साधारण भाषा का उपयोग करते हैं और इस युग की वास्तविकताओं को प्रस्तुत करते हैं।
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अंत में प्रीतम कविता (लिरिकल कविता) और मुक्त छंद कविता का उल्लेख किया गया। प्रीतम कविता में भावनाओं की गहराई होती है जबकि मुक्त छंद कविता में कोई निश्चित छंद या लय नहीं होती, जिससे कवि को एक नई स्वतंत्रता मिलती है।
الخريطة الذهنية
فيديو أسئلة وأجوبة
आख्यान परक कविता क्या है?
आख्यान परक कविता वो होती है जिसमें किसी घटना, कथा, इतिहास या लोक कथा की कहानी को कविता के माध्यम से प्रस्तुत किया जाता है।
नवगीत की विशेषताएँ क्या हैं?
नवगीत समकालीन जीवन, समाज, राजनीति और मानवीय संवेदनाओं को सरल और संक्षिप्त भाषा में व्यक्त करते हैं।
प्रीतामक कविता क्या होती है?
प्रीतामक कविता भावनाओं की गहराई और सौंदर्य पर केंद्रित होती है, जिसे गाया जा सकता है।
मुक्त छंद कविता और छंद मुक्त कविता में क्या अंतर है?
मुक्त छंद कविता में लय और प्रवाह होता है, जबकि छंद मुक्त कविता में कोई नियमित छंद या लय नहीं होती।
प्रगति काव्य का महत्व क्या है?
प्रगति काव्य समाज, व्यक्ति और राष्ट्र के आर्थिक, सामाजिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक उन्नति पर केंद्रित होती है।
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- 00:00:02वेलकम बैक
- 00:00:03स्टूडेंट हम लोग पढ़ रहे हैं पेपर साहित्य
- 00:00:06चिंतन जिसे शामिल किया गया है आपके बीए
- 00:00:09प्रोग्राम के सेमेस्टर सिक्स में हिंदी का
- 00:00:12पेपर य आपका रहेगा डिसिप्लिन स्पेसिफिक
- 00:00:15कोर कोर्स डीएससी माइनर एस पर द यूजीसी एफ
- 00:00:182022 एंड एनपी 2020 यानी कि एनपी 20 के
- 00:00:23अकॉर्डिंग जो सिलेबस आया है सेमेस्टर
- 00:00:25सिक्स का उसमें हिंदी का आपका ये पेपर है
- 00:00:27लेटेस्ट सिलेबस जो आया है उसमें पेपर का
- 00:00:29नाम साहित्य चिंतन सिलेबस मैंने आपको
- 00:00:32पिछले वीडियो में टैली करा दिया था
- 00:00:33प्लेलिस्ट का जो पहला वीडियो है उसे देख
- 00:00:36करर के आप अपना सिलेबस टैली कर लीजिए आज
- 00:00:39की वीडियो में मैं आपको पहली इकाई कंप्लीट
- 00:00:41कराने वाली हूं इसको ध्यान से समझ लीजिए
- 00:00:43और कोई डाउट हो तो आप लोग कमेंट सेक्शन
- 00:00:45में पूछ सकते हैं पहली इकाई का नाम है
- 00:00:48काव्य की प्रमुख आधुनिक विधाओं का सामान्य
- 00:00:51परिचय यानी कि कविताएं जो लिखी जाती है
- 00:00:55प्रगति काव्य है प्रगति काव्य है या फिर
- 00:00:58अख्याना आत्मक कविता है या फिर छंद मुक्त
- 00:01:00छंद बद्ध कविता है इन सबके बारे में यहां
- 00:01:04पर हम लोग एक नवगीत होता है इन सबके बारे
- 00:01:06में यहां पर जानेंगे यह सब काव्य की
- 00:01:08आधुनिक विधाए है हालांकि आधुनिक विधाएं
- 00:01:11कही जाती है लेकिन पुराने टाइम से लिखी जा
- 00:01:13रही है इनको हम यहां जानेंगे सबसे पहले
- 00:01:17आपको बताई गई है इसमें आख्यान परक कविता
- 00:01:21आख्यान परक कविता क्या होती है इसके बारे
- 00:01:23में यहां पर हम जानेंगे तो आख्यान परक
- 00:01:26कविता वो होती है जिसमें किसी घटना कथा
- 00:01:31इतिहास या फिर किसी लोक कथा को बताया गया
- 00:01:33होता है पूरी तरह से कविता के माध्यम से
- 00:01:35आपको कोई कहानी या कोई घटना बताई जा रही
- 00:01:38होती है उसको आख्यान परक कविता कहा जाता
- 00:01:42है यानी कि कविता के माध्यम से किसी घटना
- 00:01:44का वर्णन करना किसी कहानी को बताना किसी
- 00:01:47इतिहास के बारे में बताना इसे कहा जाता है
- 00:01:50आख्यान परक कविता इसे कथामृता भी कहते हैं
- 00:01:55अगर आपके पेपर में कहीं कथा क्मक कविता
- 00:01:57लिखा हुआ आ जाता है तो आप कंफ्यूज मत होइए
- 00:02:00यह आख्यान पर कविता की ही बात हो रही होगी
- 00:02:03क्योंकि इसमें कहानी कहने का तरीका अपनाया
- 00:02:06जाता है कविता के माध्यम से कोई कहानी कही
- 00:02:09जाती है कोई घटना बताई जाती है इस कविता
- 00:02:12में पात्र संवाद घटनाएं और कथानक होते हैं
- 00:02:15जिससे किय बहुत ही इंटरेस्टिंग बन जाती है
- 00:02:17एक नैरेटिव की तरह से पेश की जाती है जैसे
- 00:02:20कि आपने अगर पढ़ा हो कभी रामायण में जैसे
- 00:02:23पूरी कहानी सुनने को मिल रही है लेकिन वो
- 00:02:25है कविता के सेंस में ही ऐसे ही महाभारत
- 00:02:28है ऐसे बहुत सारे हमारे पुराने जो कि
- 00:02:31ग्रंथ है वो सब के सब आख्यान परक कविता ई
- 00:02:33है हालांकि आपको यहां पर टाइटल दिया गया
- 00:02:36है कि काव्य की प्रमुख आधुनिक विधाओं का
- 00:02:39सामान्य परिचय लेकिन य आख्यान परक कविता
- 00:02:41जो है ये कोई नई चीज नहीं है बहुत पुराना
- 00:02:44चला आ रहा है तो आख्यान परक कविता की
- 00:02:47विशेषताएं क्याक होती है ये हम जान ले
- 00:02:49सबसे पहली विशेषता इसकी होती है इसकी
- 00:03:00विस्तार से बताया जाता है बहुत ही विस्तृत
- 00:03:02उसका वर्णन किया जाता है कविता में दूसरा
- 00:03:06चरित्र चित्रण होता है इसमें पात्र होते
- 00:03:08हैं और पात्रों के माध्यम से कहानी को आगे
- 00:03:10बढ़ाया जाता है इसमें संवाद भी हो सकते
- 00:03:13हैं पात्रों के जिससे कविता ड्रामे िक बन
- 00:03:16जाती है नाटकीय बन जाती है उनके संवाद भी
- 00:03:18हो सकते हैं कि पात्र ने किस पात्र ने
- 00:03:21क्या कहा इसमें रस होते हैं भावनाएं होती
- 00:03:24है नौ के नौ रस इसमें हो सकते हैं वीर रस
- 00:03:27करुण रस श्रंगार रस प्रमुख रूप से जाते
- 00:03:30हैं लेकिन यानी कि जो कमक कविताएं होती
- 00:03:32हैं जो आख्या कविताएं होती हैं उनमें खास
- 00:03:36तौर से वीरस करुण रस और श्रंगार रस को
- 00:03:39देखा जाता है
- 00:03:40हालांकि होते सारे के सारे रस है इसके
- 00:03:43अलावा छंद होते हैं लय होती है या हालाकि
- 00:03:47अधिकतर छंद बद्ध होती है छंदों में होती
- 00:03:49है लेकिन कभी कभी इसे मुक्त छंद में भी
- 00:03:51लिखा जाता है या कि राइमिंग होती है आमतौर
- 00:03:53पर लेकिन कभी-कभी इसे नॉन राइम में भी
- 00:03:56लिखा जाता है इसके उदाहरण है रामायण और
- 00:04:00महाभारत से प्रेरित जितनी भी कविताएं लिखी
- 00:04:02जाती है वो सभी की सभी आख्यान परक कविताएं
- 00:04:05होती हैं साथ में तुलसीदास जी की जो
- 00:04:08रामचरित मानस है इसमें श्री राम के जीवन
- 00:04:10का आख्यान मिलता है इसे आख्यान आत्मक
- 00:04:12कविता कहा जा सकता है महाकवि सूरदास की
- 00:04:15सूर सागर जो है इसमें कृष्ण जी की लीलाओं
- 00:04:18का वर्णन है इसे भी सूर सागर को भी आप
- 00:04:20आख्यान मेंक कविता कह सकते हैं पृथ्वीराज
- 00:04:23रासो जैसे चंद्र बरदाई जी ने लिखा था
- 00:04:25इसमें पृथ्वीराज चौहान के जीवन का वर्णन
- 00:04:28मिलता है हमें तोय य भी ख्याना अपम कविता
- 00:04:31है और खड़ी बोली की अगर बात करें तो
- 00:04:33मैथिली शरण गुप्त जी ने साकेत जो लिखा था
- 00:04:36जिसमें रामायण की कथा को उन्होंने वर्णन
- 00:04:38किया है यह भी आख्या मेंक कविता है तो
- 00:04:41आख्या कविता वो होती है जिसमें किसी घटना
- 00:04:44का किसी इतिहासिक घटना का या किसी इतिहास
- 00:04:47का या किसी कहानी का
- 00:04:49वर्णन कविता के फॉर्म में किया जा रहा
- 00:04:52होता है तो आख्यान परक कविता कथा साहित्य
- 00:04:56और काव्य का सुंदर समन्वय होती हैम कथा
- 00:04:58होती है साहित्य होता है और काव्य होता है
- 00:05:01सबका बहुत ही सुंदर कोऑर्डिनेशन होता है
- 00:05:03ये ना केवल ऐतिहासिक और पौराणिक घटनाओं को
- 00:05:06जीवंत बनाती है बल्कि पाठकों को भी रोचक
- 00:05:09ढंग से भावनाओं से जोड़ती है क्योंकि ये
- 00:05:12कविता के फॉर्म में होती है गाई जा सकती
- 00:05:14है कई बार तो इससे लोग आसानी से कनेक्ट
- 00:05:17होते हैं अब हम जाने आख्यान पर कविता का
- 00:05:20इतिहास कहां से जुड़ी हुई है ये आख्यान
- 00:05:23परक कविता जो है इसका इतिहास बहुत प्राचीन
- 00:05:26काल से जुड़ा हुआ है जैसे कि मैंने आपको
- 00:05:27अभी अभी बताया कि रामायण सूर सागर यह सभी
- 00:05:31के सभी आख्यान परक कविताएं हैं तो मानव
- 00:05:34सभ्यता के शुरुआत से ही लोग कहानियां
- 00:05:36सुनाने और कविता के रूप में उनको बचा कर
- 00:05:39रखने की रिजर्व करने की प्रिजर्व करने की
- 00:05:41यानी कि संरक्षित करने की परंपरा का पालन
- 00:05:44करते हुए चले आ रहे हैं तो आख्यान परक
- 00:05:46कविता का इतिहास बहुत पुराना है और बहुत
- 00:05:49सी सभ्यताओं में आख्यान परक कविता ने
- 00:05:52धार्मिक ऐतिहासिक और सामाजिक घटनाओं को
- 00:05:56जीवंत रखने में बहुत ही महत्त्वपूर्ण
- 00:05:57भूमिका निभाई है जब हम मानव सभ्यता में जब
- 00:06:00इंसान को लिखना नहीं आता था तब से ही लोग
- 00:06:03कहानियों के जरिए गीतो में गीतों के जरिए
- 00:06:06कहानी को याद करते आ रहे हैं इसने बहुत ही
- 00:06:08महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है तो बात
- 00:06:10करेंगे हम वैदिक काल की जो कि 1500 से 500
- 00:06:13ईसा पूर्व तक का माना जाता है इसमें
- 00:06:15भारतीय साहित्य में आख्यान परक कविता की
- 00:06:18शुरुआत वेदों से मानी जाती है ऐसा माना
- 00:06:20जाता है कि भारतीय साहित्य में आख्यान परक
- 00:06:23कविता लिखने की शुरुआत वेदों से हुई
- 00:06:26क्योंकि ऋग्वेद में बहुत से आख्यान परक
- 00:06:28सूक्त मिलते हैं पुरुष सूक्त नासदीय सूक्त
- 00:06:32आप नाम याद भी नहीं रखेंगे तो भी आपको यह
- 00:06:34रह जाएगा कि वैदिक काल से शुरुआत मानी
- 00:06:36जाती
- 00:06:36है साथ में महाभारत और रामायण जैसे
- 00:06:40महाकाव्य भी इसी काल में विकसित हुए थे
- 00:06:43इसके बाद महाकाव्य यग माना जाता है जहां
- 00:06:45वैदिक काल खत्म होता है वहां से महाकाव्य
- 00:06:48यग माना जाता है 500 ईसा पूर्व से लेकर के
- 00:06:501000 ईसवी तक तो इस काल में संस्कृत के
- 00:06:53महाकाव्य जैसे के
- 00:06:55महाभारत रामायण यह सब लिखे गए जो कि
- 00:06:58आख्यान पर कविता उदाहरण अभी अभी हमने पढ़ा
- 00:07:00के है कालिदास जी ने भी अपने ग्रंथों में
- 00:07:03आख्यान परक शैली अपनाई थी जैसे कि रघुवंशम
- 00:07:06कुमार संभवम य उन्होंने आख्यान परख लिखे
- 00:07:08हैं और बौद्ध साहित्य जैन साहित्य में भी
- 00:07:12बहुत सी जातक कथाएं मिलती है कथाएं मिलती
- 00:07:15है जो कि पद रूप में हमें मिलती है यानी
- 00:07:17कि कविता के फॉर्म में उन लोगों ने बहुत
- 00:07:19सी कहानिया लिखी हुई है तो यह भी
- 00:07:22हमारा पुराना इतिहास है आख्यान कविता का
- 00:07:26इसके बाद बात करें मध्यकाल की तो मध्यकाल
- 00:07:29शुरू हो होता सन 1000 ईसवी से और इस 1800
- 00:07:31ईसवी तक माना जाता है तो इस काल में भक्ति
- 00:07:34आंदोलन और राजथानी वीर गाथा काव्य का काफी
- 00:07:37ज्यादा चलन रहा था वीरगाथा काल कहा जाता
- 00:07:40है जिस टाम रासो काव्य लिखे जा रहे थे से
- 00:07:42रासो काव्य भी कहा जाता है जिम राजाओं की
- 00:07:45वीरता के बारे में बारबार चर्चाएं हो रही
- 00:07:47थी जगह जगह इस दौरान पृथ्वीराज रासो रचा
- 00:07:49गया जिसे चंद्र बदाई जी ने लिखा आला खंड
- 00:07:52लिखे गए जिन्ह जगनिक भी कहा जाता है जोक
- 00:07:55वीर रस की आख्यान परक कविताए थी इसके
- 00:07:58अलावा भक्ति काल के दवारा तुलसीदास जी ने
- 00:08:00रामचरित मानस लिखा सूरदास जी ने सूर सागर
- 00:08:03लिखा मीराबाई और कबीर के पद भी जो थे वो
- 00:08:06भी आख्यान पर कविता के रूप में माने जाते
- 00:08:08हैं इसके बाद आया आधुनिक युग जो कि हम
- 00:08:12मानते हैं कि सन 1800 ईसवी से लेकर के अब
- 00:08:14तक चल रहा है इसे आधुनिक युग कहा जाता है
- 00:08:16हिंदी साहित्य का तो भारत में राष्ट्रवादी
- 00:08:19आंदोलन हुआ इस दौरान देश की आजादी की
- 00:08:21लड़ाई लड़ी गई इसी दौरान मैथिली शरण गुप्त
- 00:08:24जी ने साकेत लिखा यशोधरा लिखा यह भी
- 00:08:26आख्यान पर कविताएं थी साथ में सुभद्रा
- 00:08:29कुमा चौहान की कविता आपने जरूर कहीं ना
- 00:08:31कहीं पढ़ी होगी झांसी की रानी इसे भी
- 00:08:33आख्यान पर एक कविता कहा जाता है क्योंकि
- 00:08:35उसमें उन्होंने झांसी की रानी ने क्याक
- 00:08:37किया किस तरीके से किया उसके बारे में
- 00:08:39बताया हुआ है तो समकालीन हिंदी कविता में
- 00:08:42भी मतलब अब जो कविताएं लिखी जा रही हैं
- 00:08:45उनमें भी कई बार ऐतिहासिक सामाजिक या फिर
- 00:08:48किसी की व्यक्तिगत कहानी को कविता के रूप
- 00:08:51में पेश किया जाता है तो इसे भी हम आख्यान
- 00:08:53परक कविता ही कहे तो निष्कर्ष के तौर पर
- 00:08:56आप कह सकते हैं कि आख्यान परक कविता की
- 00:08:58परंपरा वैदिक युग से शुरू हुई थी और
- 00:09:01आधुनिक युग तक चलती चली आ रही है यह कभी
- 00:09:04भी रुकी नहीं है और यह शैली इतिहास को
- 00:09:07संरक्षित करने का काम करती है यानी कि
- 00:09:09बचाए रखने का काम करती है इसके साथ ही
- 00:09:12भावनाओं को प्रभावी रूप से बड़ी
- 00:09:13इफेक्टिवली व्यक्त करने का माध्यम भी बनती
- 00:09:16है आख्यान परक कविता यहां पर आपकी आख्यान
- 00:09:20परक कविता खत्म हो जाती है आपसे प्रश्न
- 00:09:22पूछा जा सकता है कि आप अख्यान परक कविता
- 00:09:24से क्या समझते हैं अख्यान परक कविता के
- 00:09:27उदाहरण देते हुए उसका इतिहास बताते हुए आप
- 00:09:30इसका आंसर लिख सकते हैं इसके बाद दूसरी
- 00:09:33चीज आपके यहां पर आती है काव्य की एक और
- 00:09:36विधा है जिसका नाम है नवगीत आख्यान परक
- 00:09:39कविता हमने पहली पढ़ी दूसरी है नवगीत तो
- 00:09:42नवगीत हिंदी काव्य की एक आधुनिक विधा है
- 00:09:45उतनी पुरानी नहीं है जितनी आख्यान परक
- 00:09:46कविता है यह नई विधा है जो कि परंपरागत
- 00:09:49गीतो से अलग तरीके की है लेकिन फिर भी
- 00:09:52संवेदनाओं को नए तरीके से हमारे सामने
- 00:09:54लेकर के आती है ये 20वीं शताब्दी के
- 00:09:57उत्तरा में विकसित हुई थी यानी 1950 के
- 00:10:00बाद इसका विकास हुआ और इसमें समकालीन जीवन
- 00:10:04समाज राजनीति और मानवीय संवेदना की
- 00:10:07अभिव्यक्ति की जाती है या उस टाइम का समाज
- 00:10:09कैसा था 1950 के आसपास का य लोग देश को नई
- 00:10:13नई आजादी मिली थी समाज में गरीबी फैली हुई
- 00:10:15थी राजनीति में काफी ज्यादा उथल पुथल चल
- 00:10:18रही थी मनुष्य परेशान थे हर तरीके से उस
- 00:10:21दौरान नवगीत लिखे गए तो नवगीत की विशेषताए
- 00:10:25क्या थी परंपरागत गीतो से भिन्नता थी जो
- 00:10:28परंपरागत ट्रेडिशनल जो सॉन् चले आ रहे थे
- 00:10:30उनसे अलग तरह के थे तो नवगीत पारंपरिक लोक
- 00:10:34धुनों और रीति रिवाजों से अलग होते हैं और
- 00:10:37समकालीन समाज की सच्चाई हों को उजागर करते
- 00:10:39हैं मतलब जिस दौरान में लिखे गए होते हैं
- 00:10:41उस दौरान समाज में जो चल रहा होता है उसी
- 00:10:44को ये दर्शाते हैं साथ में नई भाषा और
- 00:10:47शिल्प होता है इनमें गीत जो होते हैं सहज
- 00:10:49सरल भाषा में होते हैं संक्षिप्त भाषा का
- 00:10:52इस्तेमाल किया जाता है यानी कि जो आम
- 00:10:54बोलचाल की भाषा होती है उस काल में उसी
- 00:10:56भाषा में नवगीत लिखे जाते हैं और बहुत ही
- 00:10:59संक्षिप्त लिखे जाते हैं छोटे-छोटे होते
- 00:11:01हैं आम बोलचाल के शब्दों का इसमें समावेश
- 00:11:03किया जाता है जिससे कि लोगों की जुबान पर
- 00:11:06आसानी से चढ़ जाते हैं साथ में बहुत विषय
- 00:11:08की विविधता होती है इसमें सामाजिक विडंबना
- 00:11:11हों को आर्थिक असमानता को राजनीति को
- 00:11:14नगरीकरण को मनुष्य की पीड़ा को संघर्ष को
- 00:11:17आशा निराशा को सभी चीजों को आप नवगीत के
- 00:11:20जरिए लोगों के सामने पेश कर सकते हैं यानी
- 00:11:23कि जितनी भी चीजें चल रही है आसपास उन सभी
- 00:11:26को आप नवगीत के जरिए पढ़ने वालों के साथ
- 00:11:29में ला सकते हैं इसके अलावा छंद और लय का
- 00:11:33इस्तेमाल होता है पारंपरिक छंदों से हट कर
- 00:11:36के इसमें साथ ही मुक्त छंदों का इस्तेमाल
- 00:11:37भी कर लिया जाता है यानी कि केवल राइमिंग
- 00:11:40ही नहीं होते हैं नवगीत बल्कि नॉन राइमिंग
- 00:11:42भी होते हैं इनमें राइमिंग्स की जरूरत
- 00:11:44नहीं होती है छंद भक्त भी होते हैं और छंद
- 00:11:46मुक्त भी होते हैं साथ में इसमें जो आप
- 00:11:48कहते हैं इमेजरी और सिंबॉलिज्म इनका
- 00:11:51इस्तेमाल किया जाता है नए-नए प्रतीक
- 00:11:53इस्तेमाल किए जाते हैं बिंबो का इस्तेमाल
- 00:11:55किया जाता है जिससे ये ज्यादा अलाइव फॉर्म
- 00:11:58इनका बनता है ज्यादा इफेक्टिव हो जाते हैं
- 00:12:00यानी कि सजीव और प्रभावशाली बन जाते हैं
- 00:12:03इमेजरी आपने पढ़ा होगा कहीं ना कहीं
- 00:12:05इमेजरी और प्रतीकात्मक यानी कि विं बात्मे
- 00:12:08कात्मे माल किया जाता है नव गीतों में तो
- 00:12:12नवगीत के प्रमुख कवि जो माने जाते हैं
- 00:12:14उनमें से कुछ के मैंने नाम लिए हैं आपके
- 00:12:16लिए डॉक्टर शंकर शेष है गोपाल दास नीरज है
- 00:12:19राजेंद्र प्रसाद सिंह है वीरेंद्र मिश्र
- 00:12:22है कृष्ण बिहारी नूर है श्री कृष्ण तिवारी
- 00:12:25है बालकृष्ण शर्मा नवीन है ये सारे के
- 00:12:27सारे नाम है जो कि नवगीत के प्रमुख कवि
- 00:12:30माने जाते हैं इनमें से दो चार नाम आप
- 00:12:32जरूर याद कर ले जो भी आपको याद हो जाए और
- 00:12:34इनको आप पेपर में कोट कर सकते हैं ठीक है
- 00:12:38तो नवगीत का उदाहरण है एक आपको मैंने यहां
- 00:12:40पर लिया था सड़कों पर धूर उड़ी खिड़की पर
- 00:12:42चांद रुका आग लगी मौसम में चुप चुप रोया
- 00:12:45फलक चुका मतलब एक तरीके से देख रहे हैं आप
- 00:12:48यहां पर पर्स निफिट कर दिया गया है एक
- 00:12:50तरीके से मानवीकरण कर दिया गया है तो ये
- 00:12:52नवगीत का उदाहरण है तो ये एक नवगीत की
- 00:12:56पंक्तियां है जिसमें नए बिंब लिए गए हैं
- 00:12:58नए प्रतीक लिए गई से जो परिवेश है उसको
- 00:13:01लोगों के सामने दर्शाने की कोशिश की गई है
- 00:13:04निष्कर्ष के तौर पर आप कह सकते हैं कि
- 00:13:06नवगीत हिंदी काव्य में आधुनिकता का प्रतीक
- 00:13:10यानी कि हिंदी काव्य में लेटेस्ट चीज है
- 00:13:11नवगीत और यह सामाजिक यथार्थ को यानी कि
- 00:13:14समाज की हकीकत को एक नए नजरिए से हम सबके
- 00:13:17सामने लेकर के आता है और कविता को केवल
- 00:13:19इमोशनल ही नहीं केवल भावनात्मक ही नहीं
- 00:13:22बल्कि बौद्धिक रूप से भीय समृद्ध बनाता है
- 00:13:25कविता का एक तरीके से बुद्धिजीवी लोगों के
- 00:13:27बीच में भी एक पैठ बनाता है और नवगीत की
- 00:13:29परंपरा जो है अभी बहुत जीवंत है और नए कवि
- 00:13:32से और भी ज्यादा विकसित कर रहे हैं यानी
- 00:13:34कि नवगीत के फील्ड में अभी बहुत सारे
- 00:13:37एक्सपेरिमेंट चल रहे हैं नवगीत का
- 00:13:40उद्देश्य क्या होता है तो नवगीत का प्रमुख
- 00:13:42उद्देश्य क्या होता है पारंपरिक गीतों की
- 00:13:45रूढ़ियों को तोड़कर समकालीन जीवन सामाजिक
- 00:13:48परिवर्तन और मानवीय अनुभूतियों को अधिक
- 00:13:51वास्तविक प्रभावी और आधुनिक शैली में
- 00:13:54प्रस्तुत करना इसका उद्देश्य होता है
- 00:13:56नवगीत जो होते हैं वो ट्रेडिशनल जो सॉन्
- 00:13:58चले आ रहे हैं उनमें जो चीजें चली आ रही
- 00:14:00है सिर्फ उनकी बात नहीं करता है बल्कि जो
- 00:14:02समाज में चेंजेज आ चुके हैं जो समकालीन
- 00:14:05जीवन है आज की तारीख में जो चल रहा है
- 00:14:07यानी कि जब नवगीत लिखा जा रहा है उस टाइम
- 00:14:09समाज में जो चीजें चल रही होती है जो
- 00:14:12लोगों के मन में जो भावनाएं होती है उस
- 00:14:14दौरान उन सबको एक मॉडर्न वे में यानी कि
- 00:14:16आधुनिक शैली में हमारे सामने लेकर के आता
- 00:14:19है नवगीत इसकी विशेषताए क्या-क्या होती है
- 00:14:22पहली विशेषता है समाज का यथार्थ चित्रण
- 00:14:25यानी कि समाज जैसा है ठीक उसी रूप में
- 00:14:28नवगीत हमारे सामने ने उसको दर्शाता है
- 00:14:30नवगीत जीवन की वास्तविकता हों संघर्षों
- 00:14:34विषमताओं और समाज में हो रहे बदलावों को
- 00:14:37उजागर करता है इनके समाज में जो भी चेंजेज
- 00:14:39आ रही हैं उनको नवगीत सबके सामने लेकर के
- 00:14:42आता है और यह केवल श्रंगार और सौंदर्य तक
- 00:14:45सीमित नहीं रहता है केवल खूबसूरती का
- 00:14:46वर्णन नहीं होता है केवल प्रेम की बात
- 00:14:49नहीं होती है बल्कि इसमें जो आम लोग है आम
- 00:14:51जनता है उसकी पीड़ा उसकी व्यथा उसकी खुशी
- 00:14:54उसका दुख इन सब को भी व्यक्त करता है
- 00:14:56नवगीत ठीक है
- 00:14:59आधुनिकता की अभिव्यक्ति है नवगीत किस
- 00:15:01तरीके से नवगीत परंपरागत गीतों की सीमाओं
- 00:15:04से आगे बढ़कर नई भाषा का इस्तेमाल करते
- 00:15:07हैं नए प्रतीकों का इस्तेमाल करते हैं नए
- 00:15:09बिंब नए छंद का इस्तेमाल करता है जिससे
- 00:15:12अध्यन की जो समस्याएं हैं उनको इफेक्टिव
- 00:15:15वे में प्रभावी रूप से लोगों के सामने पेश
- 00:15:18किया जा सके तो नए नए बिंब इस्तेमाल किए
- 00:15:20जाते हैं नए नए उदाहरण इस्तेमाल किए जाते
- 00:15:22हैं नई तरह के छंद इस्तेमाल किए जाते हैं
- 00:15:25नई भाषा होती है और इसके जरिए जो आज की
- 00:15:28समस उनको इफेक्टिवली लोगों के सामने
- 00:15:30प्रेजेंट किया जाए यह मकसद होता है इसके
- 00:15:33अलावा व्यक्ति और समाज के बीच पुल की तरह
- 00:15:36काम करता है नवगीत कैसे इसमें व्यक्ति
- 00:15:39विशेष के अनुभवों और समाज के व्यापक
- 00:15:42संदर्भों के बीच संतुलन स्थापित किया जाता
- 00:15:44है एक व्यक्ति के पर्सनल एक्सपीरियंस कुछ
- 00:15:46अलग हो सकते हैं और सोसाइटल या सारी की
- 00:15:49सारी सोसाइटी के अनुभव कुछ अलग तरह के हो
- 00:15:51सकते हैं उनके बीच में नवगीत जो होते हैं
- 00:15:54एक पुल की तरह काम करते हैं एक ब्रिज की
- 00:15:56तरह काम करते हैं ताकि जो पाठक होते हैं
- 00:15:59को कविता से जुड़ा हुआ महसूस करते हैं
- 00:16:01कनेक्ट फील कर पाते
- 00:16:03हैं इसके अलावा क्रांतिकारी सोच और
- 00:16:06परिवर्तन की प्रेरणा देते हैं नवगीत नवगीत
- 00:16:09जो होते हैं वह अन्याय के शोषण के खिलाफ
- 00:16:11सामाजिक विषमताओं के खिलाफ बोलने का एक
- 00:16:13तरह से लोगों के अंदर एक हौसला भरते हैं
- 00:16:15उन पर प्रहार करते हैं पाठकों को सोचने के
- 00:16:18लिए और उनमें बदलाव लाने के लिए प्रेरित
- 00:16:20करते हैं इसके अलावा सरल भाषा में गहरी
- 00:16:23संवेदनाओं की बात करते हैं नवगीत ये जटिल
- 00:16:26और अलंकारिक भाषा के इस्तेमाल की वजह जाए
- 00:16:29बहुत ही सहज बहुत सरल बहुत ही प्रवाहम मय
- 00:16:32लोग भाषा के करीब की भाषा का इस्तेमाल
- 00:16:34करते हैं ताकि कविता जो है व व्यापक जन
- 00:16:36समूह तक पहुंचे लोगों की भाषा में बात
- 00:16:39करते हैं ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग उसके
- 00:16:40साथ कनेक्ट फील कर पाए ज्यादा से ज्यादा
- 00:16:42लोगों उसे जुड़ा महसूस कर पाए साथ में
- 00:16:45भावनाओं की बड़ी सहज अभिव्यक्ति होती है
- 00:16:47नव गीतों में बड़े ही आसान से शब्दों में
- 00:16:49बड़ी सहजता से भावों की अभिव्यक्ति कर
- 00:16:52जाती है केवल बौद्धिकता तक सीमित नहीं
- 00:16:54रहती इंटेलेक्चुअल इन लोगों को य केवल
- 00:16:57प्रूव नहीं करता है बल्कि उनकी भाव नाओ को
- 00:16:59बड़े ही सहज भाव से बहुत ही इफेक्टिव वे
- 00:17:02में लोगों के सामने लेकर के आता है इंसान
- 00:17:04के मन की बहुत गहराइयों तक पहुंचने की
- 00:17:06इसके अंदर काबिलियत होती है जो कि लोगों
- 00:17:08के दिल से कही गई बात होती है दिल तक
- 00:17:10पहुंचती है तो निष्कर्ष है कि नवगीत का
- 00:17:14उद्देश्य केवल मनोरंजन या भावुकता की
- 00:17:17अभिव्यक्ति ताक के सीमित नहीं होता या
- 00:17:18नवगीत जो लिखे जाते हैं उनका उद्देश्य
- 00:17:21केवल लोग जनता का मनोरंजन या फ उहे इमोशनल
- 00:17:23कर देना नहीं होता है बल्कि ये समाज की
- 00:17:26सच्चाई हों को सबके सामने लेकर के आते हैं
- 00:17:28ताकि लोग पर चिंतन कर सके आपस में चर्चा
- 00:17:31कर सके और बदलाव लाने के लिए प्रेरित हो
- 00:17:33सके इसीलिए कहा जाता है कि नवगीत जो होते
- 00:17:36हैं ये समाज की सच्चा इयों को सबके सामने
- 00:17:39लाते हैं और संवाद और परिवर्तन को प्रेरित
- 00:17:42करने का माध्यम बन जाते हैं इसे हिंदी
- 00:17:45कविता को नई दिशा मिल है जो कि आज भी
- 00:17:47विकसित हो रही है या कि नवगीत जो है उनका
- 00:17:50विकास अभी हो ही रहा है अभी अपने पीक पर
- 00:17:52नहीं
- 00:17:54पहुंचे इसके बाद तीसरी चीज है आपकी प्रीता
- 00:17:57मेंक कविता जिसे आपके इस यूनिट में में
- 00:17:58शामिल किया गया है प्र
- 00:18:12गीतामंदिर
- 00:18:14तरीके से पेश करता है या कि जिन्हें गाया
- 00:18:16जा सकता है वो प्र गीतामाता एं कहलाती है
- 00:18:20जिन्हें हम गा सकते हैं यानी कि जिनको हम
- 00:18:22गा सकते हैं वो सभी की सभी प्रगीत मेंक
- 00:18:25कविताएं आप ये मत सोचिए कि प्रीता मेंक
- 00:18:27कविताएं बिल्कुल अलग कैटेगरी की हो गई और
- 00:18:30जो है क्या कि जो आपके आख्यान पर कविताए
- 00:18:32वो अलग हो गई ऐसा कुछ नहीं है एक आख्या
- 00:18:35आत्मक कविता है वो प्र गीता क्मक कविता भी
- 00:18:37हो सकती है प्र
- 00:18:42[संगीत]
- 00:18:46गीतामंदिर है भाई भी हो सकता है ऐसे ही एक
- 00:18:50कविता आख्यान कविता भी हो सकती है एक टाइम
- 00:18:52पर नवगीत भी हो सकती है प्रीतम कविता भी
- 00:18:55हो सकती है या कि सभी कैटेगरी में भी वो आ
- 00:18:57सकती होती है
- 00:18:59तो यह कविता आमतौर पर भावनाओं की गहराई और
- 00:19:01सौंदर्य पर केंद्रित होती है जिसमें कोई
- 00:19:03कथा नहीं होती है बल्कि भाव प्रधान
- 00:19:06अभिव्यक्ति होती है तो प्रीमक कविताएं जो
- 00:19:08होती है इनका मेनली में इमोशंस की बात
- 00:19:11होती है भाव व्यक्त किए जाते हैं आख्यान
- 00:19:14है या नहीं है यह मैटर नहीं करता है हो भी
- 00:19:17सकता है नहीं भी हो सकता है तो प्रीता
- 00:19:21मेंक कविता की विशेषताए क्या होती है पहली
- 00:19:23विशेषता है इसकी भावनात्मक अभिव्यक्ति
- 00:19:26इसमें कवि के मन की जो भावनाए होती बहुत
- 00:19:29गहरी भावनाएं होती है उनका चित्रण किया
- 00:19:31जाता है कभी अपने प्रेम का आशा निराशा का
- 00:19:34करुणा का सुख दुख का प्रकृति प्रेम का
- 00:19:37प्रीता मेंक कविता में वर्णन करता है साथ
- 00:19:40में इसमें संगीता मकता होती है लय होती है
- 00:19:43तो प्रगीत में शब्दों का चयन छंद और
- 00:19:45प्रवाह ऐसा होता है कि उसे पढ़ने या गाने
- 00:19:48में मधुरता का अनुभव यानी कि उसे कुल मिला
- 00:19:50कर के गाया जा सकता हो ऐसे शब्दों का ऐसे
- 00:19:53धुन का चयन किया जाता है ऐसे छंद का
- 00:19:55इस्तेमाल किया जाता है साथ में संक्षिप्त
- 00:19:59होती है आमतौर पर बहुत ज्यादा लंबी नहीं
- 00:20:01होती है जिससे कम शब्दों में गहरी भावनाए
- 00:20:03व्यक्त की जा सके सरल शब्दों में होती है
- 00:20:06साथ में निज और आत्म परता होती है इसके अर
- 00:20:09कवि जो होता है अपने निजी विचारों को पेश
- 00:20:11करता है अपनी अनुभूतियों को व्यक्त करता
- 00:20:13है जैसे पाठक भी उसके साथ कनेक्ट फील कर
- 00:20:15पाते हैं जुड़ाव महसूस कर पाते हैं साथ
- 00:20:17में प्रकृति और सौंदर्य चित्रण भी इसके
- 00:20:20अंदर आमतौर पर होता है प्रीमक कविता के
- 00:20:22अंदर तो कवि जो होते हैं व प्र गीतामंदिर
- 00:20:29कोमल अनुभूतियों को यहां पर लेकर के आते
- 00:20:31हैं इनका वर्णन करते हैं तो य प्रीता मक
- 00:20:33कविता होती है इसके कुछ उदाहरणों की बात
- 00:20:36की जाए तो जयशंकर प्रसाद की कामायनी प्रगम
- 00:20:39कविता कहलाती है खास तौर से इसका श्रद्धा
- 00:20:41और आनंद सर्ग जो है सर्ग कहा जाता है
- 00:20:44पार्ट्स को इस में तो कुछ पार्ट ऐसे हैं
- 00:20:46कि जो प्रीता मेंक कविता के उदाहरण माने
- 00:20:48जाते हैं इसके अलावा सुमित्रानंदन पंथ की
- 00:20:51लिखी हुई वीणा और पंचवटी प्र गीतम कविता
- 00:20:54के उदाहरण है महादेवी वर्मा की लिखी हुई
- 00:20:57निहार दीपशिखा या मा प्रगीत क्मक कविताएं
- 00:21:01कहलाती है हरिवंश राय बच्चन की मधुशाला
- 00:21:03प्रगीत क्मक कविता है सूरदास का लिखा हुआ
- 00:21:06सूर सागर जिसमें कृष्ण भक्ति की उन्होने
- 00:21:08अभिव्यक्ति की है यह भी एक प्रीता मेंक
- 00:21:10कविता है साथ में मीराबाई के जो छंद है वो
- 00:21:13भी प्रीता मेंक कविताएं है क्योंकि उन
- 00:21:15गीतों में उन्होंने प्रेम और समर्पण का
- 00:21:18स्वरूप अपने सामने पेश किया है प्र
- 00:21:21गीतामाता का महत्व क्या होता है तो प्रीता
- 00:21:24मेंक कविता जो होती है यह मानवीय
- 00:21:27संवेदनाओं को सक्त से प्रकट करने का
- 00:21:29माध्यम है हर व्यक्ति के अंदर कुछ इमोशंस
- 00:21:31होते हैं उनको स्ट्रांग सबके सामने ला सके
- 00:21:34इसमें प्र
- 00:21:37[संगीत]
- 00:21:50गीतामंदिर की ओर लेकर के जाती है व्यक्ति
- 00:21:53बहुत ही इमोशनल होकर के इनको सुनता है और
- 00:21:55साथ में चिंतन कर पाता है साथ में से
- 00:21:58पढ़ने सुनने में संगीत जैसा आनंद प्राप्त
- 00:22:01होता है ऐसे लगता है जैसे हम गीत सुन रहे
- 00:22:03हो तो निष्कर्ष है कि प्र
- 00:22:11गीतामंदिर
- 00:22:20संगीत में अभिव्यक्ति होती है उसमें संगीत
- 00:22:23होता है और यह कविता केवल मनोरंजन का साधन
- 00:22:26नहीं होती है बल्कि भावनाओं संवेदनाओं और
- 00:22:29सौंदर्य को भी हमारे सामने पेश करती है
- 00:22:32यानी कि लोगों की भावनाओं को लेकर के आती
- 00:22:33है संवेदनाओं को निकालती है साथ में इसके
- 00:22:36अंदर सौंदर्य भी होता है इसके बाद आपके
- 00:22:40सिलेबस में आपको दी गई है छंद मुक्त कविता
- 00:22:42और मुक्त छंद कविता मुक्त छंद कविता क्या
- 00:22:45होती है छंद मुक्त कविता क्या होती है
- 00:22:48इनके बारे में आपको यहां पर बताया गया है
- 00:22:50दोनों के अंतर बताए गए हैं इनका महत्व
- 00:22:52बताया गया है तो इनके बारे में हम थोड़ा
- 00:22:54सा डिटेल में यहां पर जान लेंगे तो हिंदी
- 00:22:57कविता में मुक्त छंद को कहा जाता है फ्री
- 00:22:59वर्ड जिसे कहते हैं और छंद मुक्त कही जाती
- 00:23:02है प्रोज पोएट्री दो अलग अलग कांसेप्ट है
- 00:23:04ये दोनों के दोनों अलग-अलग अधारणा है
- 00:23:07मुक्त छंद और छंद मुक्त दोनों में
- 00:23:09पारंपरिक छंदों के बंधन नहीं होते हैं
- 00:23:11मतलब ट्रेडिशनल छंद नहीं होते हैं लेकिन
- 00:23:13दोनों की शैली अलग होती है दोनों का
- 00:23:15प्रवाह या कि दोनों का फ्लो अलग होता है
- 00:23:19तो मुक्त छंद कविता के बारे में हम पहले
- 00:23:21जानेंगे कि मुक्त छंद कविता क्या होती है
- 00:23:23तो मुक्त छंद कविता वो कविता होती है
- 00:23:26जिसमें नियमित छंद तुका त मात्राओं का
- 00:23:29कठोर पालन नहीं किया जाता जैसे कि चार चार
- 00:23:32लाइन के छंद है ऐसा कुछ जरूरी नहीं है
- 00:23:34कहीं चार हो सकते हैं कहीं छह हो सकते हैं
- 00:23:36कई अलग अलग तरह के छंद हो सकते हैं इससे
- 00:23:38लय और प्रवाह बना रहता है इसकी विशेषताए
- 00:23:42क्या होती है कोई निश्चित छंद या तुकांत
- 00:23:43नहीं होते हैं ये कोई एक ही छंद में पूरी
- 00:23:46कविता नहीं लिखी गई होती है और कविता की
- 00:23:49जो अंदरूनी लय होती है वो बनी रहती है सात
- 00:23:52में पंक्तियां जो होती है कोई छोटी कोई
- 00:23:54बड़ी हो सकती है इसमें भावों की विचारों
- 00:23:57की अभिव्यक्ति बहुत आजाद होती है बहुत
- 00:23:59आजाद तरीके से कोई भी कवि अपने भावों को
- 00:24:02अपने विचारों को छंद मुक्त छंद कविता में
- 00:24:04लेकर के आता है और आधुनिक हिंदी कविता में
- 00:24:07इसका काफी इस्तेमाल किया जाता है उदाहरण
- 00:24:10के तौर पर हम देखें तो सुमित्रा मन नंदन
- 00:24:13पंथ का लिखा हुआ योगांध अज्ञ की लिखी हुई
- 00:24:16अरियो करुणा प्रभा में और मुक्ति बोध का
- 00:24:19लिखा हुआ अंधेरे में ये एक तर मुक्त छंद
- 00:24:22कविताओं की कैटेगरी में आती है इसके बाद
- 00:24:25हम जानेंगे छंद मुक्त कविता के बारे में
- 00:24:27तो छंद मुक्त कविता वो कविता होती है
- 00:24:29जिसमें ना तो छंद होता है ना लय होता है
- 00:24:33ना तुख होती है जिसे गाया नहीं जा सकता है
- 00:24:35केवल ये गद्य और कविता का संयोग होती है
- 00:24:38कविता होती है लेकिन पढ़ने में ऐसे लगता
- 00:24:40है कि जैसे हम कोई प्रोज पढ़ रहे हैं कोई
- 00:24:43छंद कोई गद्य पढ़ रहे उसमें भावनाएं विचार
- 00:24:46तो होते हैं काव्यात्मक लेकिन रूप जो होता
- 00:24:48है इसका वो गद्याल गता है कई बार जैसे हम
- 00:24:51कोई कहानी पढ़ रही हो कविता की तरह तुकांत
- 00:24:54नहीं होती है राइमिंग नहीं होती है तो
- 00:24:57विशेषताएं है छंद मुक्त कविता की इसमें
- 00:24:59कविता जैसा प्रवाह नहीं होता है कविता
- 00:25:02जैसा फ्लो नहीं होता है लेकिन गद्य की तरह
- 00:25:04ही कंसिस्टेंसी होती है निरंतरता होती है
- 00:25:08इसमें विचार और भावनाएं गद्याल में व्यक्त
- 00:25:11की जाती है राइमिंग वर्ड्स का इस्तेमाल
- 00:25:13करने की जरूरत नहीं होती है इसमें पढ़ने
- 00:25:16पर ये कविता जैसी लग सकती है कविता जैसी
- 00:25:19लगती है लेकिन इसमें कोई लय नहीं होती है
- 00:25:21कोई प्रवाह नहीं होता है निश्चित साथ में
- 00:25:24ये कहानियों की तरह लघु कथाओं की तरह या
- 00:25:26संस्मरण से मिलती जुलती हो सकती है कई बार
- 00:25:29आपको लगेगा कि हम कोई लघु कथा पढ़ रहे हैं
- 00:25:32या कोई संस्मरण पढ़ रहे हैं तो उदाहरण है
- 00:25:34इसके अे का लिखा हुआ शेखर एक जीवनी इसके
- 00:25:38कुछ अंश जो है व छंद मुक्त काव्य के जैसे
- 00:25:40लगते हैं साथ में ज्ञानेंद्रपति
- 00:25:42आधुनिक हिंदी गद्य कविता में योगदान इसका
- 00:25:46मुक्त छंद कविता छंद के नियमों से युक्त
- 00:25:48होते हुए भी काव्य की लय और प्रभाव को
- 00:25:50बनाए रखती है तो छंद मुक्त कविता पूरी तरह
- 00:25:53गद्य की तरह से होती है जिसमें कोई ल या
- 00:25:55प्रवाह नहीं होता है लेकिन भावनाए त्मक
- 00:25:58होती है दोनों के अंतर हम पढ़ेंगे लय की
- 00:26:01बात है इसमें अगर करें तो छंद मुक्त और
- 00:26:04मुक्त छंद की बात करें तो छंद मुक्त छंद
- 00:26:05कविता के बारे में पहले बताऊंगी आपको मैं
- 00:26:08और छंद मुक्त कविता के बारे में बाद में
- 00:26:10बताऊंगी तो लय जो होती है वो मुक्त छंद
- 00:26:12कविता में रहती है लेकिन स्वतंत्र लय होती
- 00:26:15है काव्यात्मक होती है मुक्त छंद कविता
- 00:26:17लयबद्ध होती है जबकि छंद मुक्त कविता जो
- 00:26:20होती है उसमें लय बिल्कुल नहीं रहती है और
- 00:26:23भाव जो होते हैं वो गद्याल से होते हैं
- 00:26:26लेकिन काव्यात्मक भावनाए पढ़ने में आपको
- 00:26:29ऐसे लगेगा कि जैसे कोई कविता वाली भावनाएं
- 00:26:31पढ़ रही है उदाहरण की बात करें तो मुक्त
- 00:26:35छंद में अञ सुमित्रानंदन पंथ मुक्ति बोध
- 00:26:38इसके माने जाते हैं लिखने वाले जबकि छंद
- 00:26:41मुक्त में ज्ञानेंद्र पति आधुनिक हिंदी
- 00:26:43गद्य कविता को इसका उदाहरण माना जाता
- 00:26:46है पंक्तियों की संरचना की बात करें तो
- 00:26:49मुक्त छंद में असमान लंबाई की पंक्तियां
- 00:26:52होती है कोई लंबी होती है कोई छोटी होती
- 00:26:54है और छंद मुक्त में गद्य की तरह निरंतर
- 00:26:56वाक्य होते हैं उनमें कोई छंद बनाने की
- 00:26:59उनको जोड़ने की कोशिश नहीं की जाती है अब
- 00:27:02भाव की बात करें तो काव्यात्मक और लय मत
- 00:27:04होती है मुक्त छंद और जो छंद मुक्त होती
- 00:27:07है व गद्याना की तरह से होती है लेकिन
- 00:27:09उसके अंदर भावनाए काव्यात्मक होती है
- 00:27:13उदाहरण है अञ सुमित्रानंदन पत्न मुक्ति
- 00:27:16बोध जबक यहां पर आप छंद मुक्ति की बात
- 00:27:18करें ज्ञानेंद्र पति आधुनिक हिंदी गद्य
- 00:27:20कविता ये इसके उदाहरण माने जाते हैं ठीक
- 00:27:23है आगे अगला है प्रगति काव्य इसकी
- 00:27:29परिभाषा और विशेषताओं की बात करेंगे तो
- 00:27:33प्रगति काव्य हिंदी साहित्य में एक ऐसी
- 00:27:35काव्य धारा है जो समाज व्यक्ति और राष्ट्र
- 00:27:39के आर्थिक सामाजिक राजनीतिक और सांस्कृतिक
- 00:27:43उन्नति को केंद्र में रखती
- 00:27:46है पहले इकाई में आपको टॉपिक दिया गया है
- 00:27:49अगला प्रीता मेंक कविता यानी कि लिरिकल
- 00:27:52पोएट्री यह वह कविता होती है जिसमें
- 00:27:55भावनाओं को अनुभूतियों को ना को संगीता
- 00:28:00क्मक शैली में यानी कि म्यूजिकल फॉर्म में
- 00:28:02व्यक्त किया जाता है इसमें लय होती है
- 00:28:04तुकबंदी होती है और साथ में भावनात्मक
- 00:28:06गहराई होती है जितने भी आप रोमांटिक संग व
- 00:28:09सुनते हैं भक्ति के सोंग सुनते हैं सभी के
- 00:28:12सभी प्रीमक कविता के अंतर्गत आ जाते हैं
- 00:28:15तो लिरिकल पोट्री होती है यह लिरिक्स होते
- 00:28:18है उसके अंदर और साथ में तुकबंदी होती है
- 00:28:20भावनाए होती है साथ में इमोशनल हो इनकी
- 00:28:23विशेषता यही होती है कि इसमें भावनाओं की
- 00:28:26प्रधानता होती है
- 00:28:28सीतामई की व्यक्तिगत भावनाओं को
- 00:28:31अनुभूतियों को संवेदनाओं को यानी कि उसके
- 00:28:33इमोशन को उसकी फीलिंग को बहुत ज्यादा
- 00:28:37दर्शाया जाता है प्रेम विरह आनंद पीड़ा
- 00:28:40आशा निराशा करुणा यह सभी के सभी भाव
- 00:28:45प्रीतम कविता में बहुत उभर करके आते हैं
- 00:28:48साथ में दूसरी विशेषता इसकी लयबद्ध संगीता
- 00:28:51मकता लयबद्ध होती है राइमिंग होती है साथ
- 00:28:55में संगीत होता है इसे गाया जा सकता है
- 00:28:57संगीत की तरह से प्रवाहम होती है फ्लोटिंग
- 00:28:59होती है एक तरीके से कह लीजिए लय होती है
- 00:29:02तुका होती है रायम होती है छंद बता का
- 00:29:06विशेष ध्यान इसमें रखा जाता है छंद होते
- 00:29:08हैं पूरी तरह से साथ में संक्षिप्त होती
- 00:29:10है बहुत ज्यादा लंबी नहीं बनाई जाती है और
- 00:29:13प्रभावशाली अभिव्यक्ति होती है लोगों को
- 00:29:15प्रभाव डाले ये कविताएं आमतौर पर छोटी
- 00:29:18होती है लेकिन बहुत ही ज्यादा इनम
- 00:29:20अभिव्यक्ति गहरी होती है मोशंस बहुत गहरे
- 00:29:22होते हैं इसलिए प्रभावशाली होती है कम
- 00:29:25शब्दों में ज्यादा भावनाओं को व्यक्त करने
- 00:29:28की कोशिश की जाती है साथ में प्र
- 00:29:33गीतामंदिर
- 00:29:39को अपनी भावनाओ को डायरेक्टली इसमें
- 00:29:42प्रेजेंट करता है चित्रण करता है और यह
- 00:29:44व्यक्तिगत द में प्रमुख होता है पर्सनल
- 00:29:47एक्सपीरियंस इसम शामिल होते है प्रकृति का
- 00:29:51सौंदर्य का चित्रण किया जाता है प्रकृति
- 00:29:53का प्रेम का जीवन और सौंदर्य से जुड़े हुए
- 00:29:56इमेजरी काते काफी ज्यादा किया जाता है
- 00:29:59इसमें चांद तारे फूल नदी हवा पक्षी इन
- 00:30:03सबका बहुत ही सुंदरता के साथ वर्णन किया
- 00:30:05जाता है साथ में सिंबॉलिज्म और अलंकारिक
- 00:30:10का इस्तेमाल किया जाता है इस इसमें रूपक
- 00:30:12अलंकार उपमा अलंकार अनुप्रास अलंकार
- 00:30:16परसोनिफिकेशन जैसे अलंकारों का बहुत ही
- 00:30:18सुंदर तरीके से इस्तेमाल किया जाता है पर
- 00:30:20गीतम कविता में साथ में कवि जो होते हैं
- 00:30:23वो प्रतीको के माध्यम से अपनी भावनाओं को
- 00:30:26व्यक्त करते हैं ठीक है
- 00:30:28अब सरलता होती है सहजता होती है भाषा बहुत
- 00:30:31सरल होती है ताकि लोग उसके साथ कनेक्ट कर
- 00:30:33पाए प्रवाहम भाषा होती है सहज भाषा होती
- 00:30:37है ताकि पाठक जो होते हैं इसके साथ जुड़ाव
- 00:30:39महसूस कर पाए गाया जा सकता होता है ऐसी
- 00:30:43कविताओं को इसलिए पढ़ने में गाने में
- 00:30:45आनंददायक होती है लोगों को रोचक लगती है
- 00:30:48इनम आत्मानुभूति होती है और रहस्यवाद होता
- 00:30:52है कई बार यानी कि प्रीता मेंक कविताएं जो
- 00:30:55होती है वो रहस्यवादी भावनाएं होती है
- 00:30:57उनके कई बार आत्मा परमात्मा प्रकृति जीवन
- 00:31:01के गहरे रहस्य की बात भी इन में कही जाती
- 00:31:03है तो प्र गीतामाता जो होती है उसका
- 00:31:07उद्देश्य होता है भावनाओं को म्यूजिकल
- 00:31:10स्टाइल में लोगों के सामने प्रेजेंट करना
- 00:31:12यानी कि संगीतमय शैली में व्यक्त करना
- 00:31:15जिससे पाठक या श्रोता जो भी कोई है इसे
- 00:31:18पढ़ रहा है या सुन रहा है व उन भावनाओं को
- 00:31:21गहराई से महसूस कर पाए तो इस पूरी की पूरी
- 00:31:24यूनिट में आपके कुछ नए शब्द आए हैं पहला
- 00:31:26शब्द आया आख्यान का मतलब होता है कहानी
- 00:31:29गीती का मतलब गीत यानी कि सॉन्ग अभिजात का
- 00:31:33मतलब संपन्न जो कि वेल टू डू लोग होते हैं
- 00:31:35संपन्न होते हैं अमीर एक तरीके से कह
- 00:31:38लीजिए छंदों बध यानी कि छंदों में जुड़ा
- 00:31:40हुआ छंदों के साथ जुड़ा हुआ उसे छंद बद्ध
- 00:31:43कहा जाता है कुंठा यानी कि निराशा तो ये
- 00:31:46नई शब्दावली आपके इस पाठ में आई थी इस पाठ
- 00:31:49से आपके जो प्रश्न बन सकते हैं उनको भी
- 00:31:52मैंने साथ के साथ ले लिया है ताकि आप साथ
- 00:31:54के साथ ही तैयारी करते रहे जैसे आख्यान
- 00:31:57किसे कह कते हैं किसी एक आख्यान को पढ़कर
- 00:32:00उसकी विवेचना कीजिए आपका ये प्रश्न आ सकता
- 00:32:02है पेपर में इस हिसाब से आप लोग तैयारी कर
- 00:32:05लीजिएगा इसके अलावा प्रश्न से इस यूनिट से
- 00:32:08आपका बनता है प्रगति प्रगति काव्य प्रगति
- 00:32:12है बेटा ये गलती से प्रगति लिख दिया मैंने
- 00:32:14प्रगति है ये प्रगति काव्य से आप क्या
- 00:32:17समझते हैं जो अभी अभी हमने पढ़ा था प्रगति
- 00:32:19काव्य की विशेषताओं पर विस्तार पूर्वक
- 00:32:21प्रकाश डालिए अ सबसे लास्ट में हमने यही
- 00:32:24पढ़ा है इसके अलावा आपको प्रश्न जो इसमें
- 00:32:26से बनता है मुक्त छंद और छंद मुक्त कविता
- 00:32:29में उदाहरण सहित अंतर स्पष्ट कीजिए आपका
- 00:32:31प्रश्न बनता है इसमें से बहुत इंपॉर्टेंट
- 00:32:33क्वेश्चन बन जाएगा इसके अलावा हिंदी
- 00:32:36साहित्य में नवगीत के महत्व की विवेचना
- 00:32:38कीजिए ये भी इसमें क्वेश्चन बनता है आपका
- 00:32:41ये चार प्रश्न मेरे हिसाब से इस यूनिट से
- 00:32:43आपके बनते हैं जिनको आप अच्छी तरह से
- 00:32:44तैयार कर लेंगे तो आपकी इकाई तैयार हो
- 00:32:46जाएगी और इन चारों का ही उत्तर यहां पर
- 00:32:49मैंने आपको एक तरीके से समझा दिया है उसके
- 00:32:51बावजूद भी जब हम ये पूरा का पूरा कोर्स
- 00:32:53खत्म हो जाएगा तो जो हमारे टोटल सिलेबस से
- 00:32:57इंपोर्टेंट क्वेश्चन बनेंगे उनका मैं आपके
- 00:32:59लिए लास्ट में एक और वीडियो बना दूंगी उसे
- 00:33:01भी आप लोग ध्यान से देख लीजिएगा तो आपका य
- 00:33:03पूरा का पूरा पेपर अच्छी तरह से तैयार हो
- 00:33:06जाएगा ये थी आपकी पहली इकाई आपके पेपर
- 00:33:09साहित्य चिंतन में इसका कि नाम था देख
- 00:33:13लेते हैं हम लोग
- 00:33:15आधुनिक काव्य की प्रमुख आधुनिक विधाओं का
- 00:33:18सामान्य परिचय जिसमें हमने पढ़ा आख्यान
- 00:33:20परक कविता नवगीत साथ में हमने पढ़ा प्रगीत
- 00:33:24काव्य साथ में छंद बग मुक्त छंद कविता के
- 00:33:28बारे में हमने इस इकाई में जाना य हमारा
- 00:33:31पहली इकाई यहीं पर खत्म हो जाती है इस
- 00:33:33पेपर की इसका नाम है साहित्य चिंतन ये
- 00:33:36आपका बीए प्रोग्राम का सेमेस्टर सिक्स का
- 00:33:38हिंदी का पेपर रहेगा डीएससी माइनर एस पर
- 00:33:41यूजीसी 2022 एंड एनपी
- 00:33:442020 आगे की इकाइयां भी मैं आपके साथ बहुत
- 00:33:47जल्दी शेयर करूंगी बेटे तो आपने अगर अभी
- 00:33:49तक चैनल सब्सक्राइब नहीं किया है तो बहुत
- 00:33:51जल्दी से कर लीजिए आपकी परीक्षाओं के लिए
- 00:33:54आपको बहुत सारी शुभकामनाएं कोई डाउट हो तो
- 00:33:57आप लोग कमेंट सेक्शन में पूछ सकते हैं हैव
- 00:33:59अ ग्रेट डे अहेड जय हिंद जय भारत
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