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हेलो एवरीवन आज की वीडियो में हम पढ़ने
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वाले हैं क्लास 10थ इकोनॉमिक्स का चैप्टर
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नंबर फर्स्ट जिसका नाम है डेवलपमेंट हम इस
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चैप्टर में डेवलपमेंट के बारे में जानेंगे
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कि डेवलपमेंट क्या होता है कैसे होता है
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इसे कैसे मेजर किया जाता है और हमारी लाइफ
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कैसे बेहतर हो सकती है हम इस चैप्टर के हर
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एक टॉपिक को अच्छे से विजुअल्स और एनिमेशन
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की मदद से कंप्लीट करेंगे तो विदाउट
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वेस्टिंग योर टाइम चलिए स्टार्ट करते हैं
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[संगीत]
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वाट डेवलपमेंट प्रॉमिस डिफरेंट पीपल्स
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डिफरेंट गोल्स सबसे पहले हम बात करते हैं
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डेवलपमेंट की डेवलपमेंट का मतलब होता है
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विकास अब दोस्तों आप मुझे यह बताओ कि आपके
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हिसाब से डेवलपमेंट क्या है तो आप में से
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कई सारे लोग कहेंगे कि बिल्डिंग्स का बनना
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डेवलपमेंट है रोड्स बनना डेवलपमेंट है
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रेलवेज बनना डेवलपमेंट है अच्छे-अच्छे
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स्कूल्स डेवलपमेंट है हॉस्पिटल न
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डेवलपमेंट है तो सबके दिमाग में अलग-अलग
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थॉट्स आएंगे डेवलपमेंट से रिलेटेड लेकिन
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अगर मैं आपसे कहूं कि डेवलपमेंट को एक
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सिंगल लाइन में डिफाइन करो तो कैसे करोगे
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देखो हम लिखेंगे द बेटरमेंट ऑफ एनीथिंग इज
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कॉल्ड डेवलपमेंट मतलब किसी चीज का पहले से
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बेहतर हो जाना डेवलपमेंट कहलाता है आया
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समझ में अब दोस्तों अलग-अलग लोगों के जो
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डेवलपमेंटल गोल्स होते हैं वे अलग-अलग
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होते हैं फॉर एम एपल एक किसान है तो वह
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क्या चाहता है वह चाहता है कि उसकी जो फसल
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है उसका उसे ज्यादा से ज्यादा दाम मिले
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यानी कि वो उसका डेवलपमेंटल गोल है
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सिमिलरली एक मजदूर है तो वह क्या चाहता है
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वह चाहता है कि उसे एक दिन की ज्यादा से
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ज्यादा मजदूरी मिले तो वो उसका डेवलपमेंटल
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गोल है जैसे मान लो एक लड़का है उसे कार
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चाहिए तो कार उसके लिए एक डेवलपमेंटल गोल
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एक लड़की है उसे सिंगर बनना है तो सिंगर
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बनना उसके लिए डेवलपमेंटल गोल है तो यहां
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से हमें क्या पता चला कि अलग लग लोगों के
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जो डेवलपमेंटल गोल्स होते हैं वे अलग-अलग
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होते हैं यानी कि डिफरेंट पीपल्स कैन हैव
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डिफरेंट डेवलपमेंटल
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गोल्स लेकिन दोस्तों कई बार ऐसा भी होता
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है कि जो एक के लिए डेवलपमेंट होता है वह
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दूसरे के लिए डेवलपमेंट नहीं होता है
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बल्कि डिस्ट्रक्टिव भी हो सकता है फॉर
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एग्जांपल आप चाहते हो कि डैम बन जाए
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क्योंकि इससे हमें फायदा है हमें अच्छी
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इलेक्ट्रिसिटी मिलेगी प्लस अच्छी वाटर
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सप्लाई भी मिलेगी लेकिन दोस्तों जो वहां
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की ट्राइबल पॉपुलेशन
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है उनके लिए यह अच्छा नहीं है क्योंकि अगर
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डैम बनता है तो उन्हें तो अपनी पोजीशन
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छोड़नी पड़ेगी और उन्हें कहीं और शिफ्ट
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होना पड़ेगा तो यही मैं आपको बताना चाहता
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हूं कि जो एक के लिए डेवलपमेंट होता है वह
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जरूरी नहीं है कि व दूसरे के लिए भी
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डेवलपमेंट ही हो बल्कि नुकसानदायक भी हो
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सकता है जैसा कि हमने इस एग्जांपल में भी
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देखा तो हम लिख सकते हैं व्हाट मे बी
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डेवलपमेंट फॉर वन मे नॉट बी डेवलपमेंट फॉर
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अदर इट मे बी
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डिस्ट्रक्टिव नेक्स्ट टॉपिक है हमा हमारा
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इनकम एंड अदर गोल्स दोस्तों आज के समय में
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सबके अलग-अलग गोल्स है लेकिन सब में एक
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चीज कॉमन है सबको पैसा जरूर चाहिए एक
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किसान है उसको अपनी फसलों का अच्छा दाम
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चाहिए एक मजदूर है उसे एक दिन की ज्यादा
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से ज्यादा मजदूरी चाहिए एक बिजनेसमैन है
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तो उसे ज्यादा से ज्यादा प्रॉफिट चाहिए
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अगर मैं साफ-साफ शब्दों में कहूं तो एवरी
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बडी वांट्स मोर इनकम या हम कह सकते हैं
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एवरी बडी वांट्स मोर मनी सबको पैसा जरूर
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चाहिए लेकिन दोस्तों यह एक रियलिटी है कि
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पैसा ही सब कुछ नहीं होता ऐसा मैं क्यों
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कह रहा हूं इसके पीछे रीजन है देखो इस
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दुनिया में दो तरह के गोल्स होते हैं एक
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होते हैं मटेरियल स्टिक गोल्स जिन्हे हम
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पैसों से खरीद सकते हैं जैसे कि घर कार
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क्लॉथ फ्रिज तो यह मटेरियल स्टिक गोल्स
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होते हैं दूसरे होते हैं नॉन मटेरियल
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स्टिक गोल्स जिन्हें हम पैसों से नहीं
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खरीद सकते जैसे कि इक्वलिटी फ्रीडम
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फ्रेंडशिप लव सिक्योरिटी रिस्पेक्ट तो ये
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नॉन मटेरियल िक गोल्स होते हैं तो कहने का
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मतलब यह है कि इंसानों के डेवलपमेंट के
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लिए पैसा ही सब कुछ नहीं होता बल्कि उसके
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साथ-साथ लोगों को इन सब की भी जरूरत होती
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है जैसे मान लो एक व्यक्ति है उसकी एक
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बाहर की कंट्री में जॉब लग गई उसे खूब
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पैसा मिल रहा है वो अच्छा खासा कमा भी रहा
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है लेकिन वहां पर उसके साथ डिस्क्रिमिनेशन
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हो रहा है यानी कि उसे इक्वलिटी नहीं मिल
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रही है जॉब सिक्योरिटी नहीं मिल रही है
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रिस्पेक्ट नहीं मिल रही है अब आप खुद ही
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सोचो कि क्या वो अपने आप को डेवलप फील कर
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पाएगा नहीं ना तो यही मैं आपको बताना
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चाहता हूं कि मनी इज नॉट इनफ फॉर
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डेवलपमेंट मतलब पैसा काफी नहीं है
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डेवलपमेंट के लिए इनफैक्ट फॉर प्रॉपर
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डेवलपमेंट पीपल लुक एट ऑन बोथ मटेरियल सिक
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गोल्स एज वेल एस नॉन मटेरियल सिक मतलब अगर
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प्रॉपर डेवलपमेंट करना है तो इंसानों को
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दोनों को देखना पड़ेगा मटेरियल स्टिक
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गोल्स को भी और नॉन मटेरियल स्टिक गोल्स
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आया समझ में और आपने एक और चीज नोटिस की
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कि जो हमारा टॉपिक था इनकम एंड अदर गोल्स
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वो भी हमें यही बताना चाह रहा है कि इनकम
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तो जरूरी है ही लेकिन उसके साथ-साथ अदर
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गोल्स भी जरूरी होते हैं नेशनल डेवलपमेंट
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दोस्तों अभी तक हमने जो पढ़ा वो पर्टिकुलर
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एक व्यक्ति के लिए था हमने यह जाना कि
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डेवलपमेंट का मतलब एक व्यक्ति के हिसाब से
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क्या होता है लेकिन इस टॉपिक में हम
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जानेंगे कि पूरे नेशन का डेवलपमेंट कैसे
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होता है मतलब पूरी कंट्री का डेवलपमेंट
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कैसे होता है तो यहां पर भी लोगों के
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अलग-अलग थॉट्स होते हैं कुछ लोग कहते हैं
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कि देश का डेवलपमेंट तब होगा जब देश की
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सड़कें अच्छी होंगी कुछ लोग कहते हैं कि
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देश का डेवलपमेंट तब होगा जब हेल्थ सेक्टर
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इंप्रूव करेगा कुछ लोग कहते हैं कि देश का
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डेवलपमेंट तब होगा जब एजुकेशन सिस्टम
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इंप्रूव करेगा कुछ लोग तो यह भी कहते हैं
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कि देश का डेवलपमेंट तब होगा जब पेट्रोल
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का दाम कम हो तो कहने का मतलब यह है कि
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जिस प्रकार लोगों के डेवलपमेंटल गोल्स
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अलग-अलग हो सकते हैं ठीक उसी प्रकार नेशन
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के डेवलपमेंट के प्रति भी लोगों की
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अलग-अलग धारणाएं हो सकती है यानी कि हम
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लिख सकते हैं डिफरेंट पीपल कुड हैव
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डिफरेंट नोशंस टू वाड नेशनल डेवलपमेंट और
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जब लोगों के अलग-अलग विचार होंगे तो वह
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कॉन्फ्लेटिंग भी हो सकते हैं आया समझ में
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इसलिए जब भी कुछ किया जाता है डेवलपमेंट
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के लिए तो यह ध्यान रखा जाता है कि उससे
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ज्यादा से ज्यादा लोगों का फायदा हो और
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नुकसान की गुंजाइश कम से कम हो अब दोस्तों
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यह तो हम जानते हैं कि देश का विकास होना
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नेशनल डेवलपमेंट होता है पर नेशनल
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डेवलपमेंट को डिफाइन कैसे करेंगे इसकी
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एक्चुअल डेफिनेशन क्या होगी देखो तो द
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एबिलिटी ऑफ द कंट्री टू इंप्रूव द लिविंग
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स्टैंडर्ड ऑफ इट्स सिटीजन इज कॉल्ड नेशनल
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डेवलपमेंट मतलब जब देश के नागरिकों का
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लिविंग स्टैंडर्ड इंप्रूव होगा तब हम
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कहेंगे कि नेशनल डेवलपमेंट हो रहा है मतलब
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वही बात है देश तरक्की जब करेगा जब देश के
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लोग तरक्की करेंगे और देश के लोग कब
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तरक्की करेंगे जब उन्हें अच्छी एजुकेशन
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मिलेगी अच्छी मेडिकल केयर मिलेगी पब्लिक
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फैसिलिटी मिलेंगी लोगों को एंप्लॉयमेंट
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मिलेगा तो देश अपने आप तरक्की करेगा आया
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समझ में हाउ टू कंपेयर डिफरेंट कंट्रीज और
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स्टेट्स आपने देखा होगा कि कोई कंट्री
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डेवलप्ड होती है कोई कंट्री अंडर डेवलप्ड
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होती है तो यह पता कैसे चलता है कि यह
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कंट्री डेवलप्ड है या अंडर डेवलप्ड है तो
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यह हम पता करते हैं इनकम के बेसिस मतलब
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कोई कंट्री कितना कमाती है इस आधार पर हम
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कंपेयर करते हैं कि वह कंट्री डेवलप्ड है
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या नहीं जिस कंट्री की जितनी ज्यादा इनकम
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होगी वो कंट्री उतनी ही ज्यादा डेवलप्ड
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होगी तो हम लिख सकते हैं फॉर कंपेयरिंग
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कंट्री ट्रीज देयर इनकम इज कंसीडर्ड टू बी
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वन ऑफ द मोस्ट इंपोर्टेंट
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एटिबल वन ऑफ द मोस्ट इंपोर्टेंट एटिबल
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इनकम जो है वो वन ऑफ द मोस्ट इंपोर्टेंट
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एटिबल है कंट्रीज को कंपेयर करने के लिए
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इसके अलावा भी बहुत सारे होते हैं जिन्हे
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हम आगे डिस्कस करेंगे तो जब भी कंट्रीज को
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कंपेयर किया जाता है तो सबसे पहले देखी
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जाती है उसकी इनकम वो भी कौन सी इनकम पर
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कैपिटा इनकम जिसे हम एवरेज इनकम भी कहते
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हैं तो क्या होती है ये पर कैपिटा
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तो पर कैपिटा इनकम का मतलब होता है कि देश
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में रहने वाला प्रत्येक व्यक्ति एवरेज
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कितने पैसे कमाता है एक साल के अंदर तो
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इसको निकालने का एक सिंपल सा फार्मूला
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होता है कंट्री की टोटल इनकम अपॉन कंट्री
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की टोटल पॉपुलेशन इस फार्मूले से हम
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कंट्री की पर कैपिटा इनकम निकाल सकते हैं
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फॉर एग्जांपल एक कंट्री है जिसमें चार लोग
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रहते हैं ए बी सी डी ए ₹ कमाता है बी ₹
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कमाता है सी र कमा ता है और डी ₹ कमाता है
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अब आपको इस कंट्री की पर कैपिटा इनकम
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निकालनी है तो कैसे निकालेंगे तो आप
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फार्मूले को देखो तो फॉर्मूले के हिसाब से
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सबसे ऊपर आएगी टोटल इनकम कंट्री की टोटल
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इनकम जो कि कितनी है सबको ऐड कर देंगे
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कितनी आ जाएगी 16 आ जाएगी यानी कि टोटल
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इनकम आ गई 16 नीचे आएगी टोटल पॉपुलेशन
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कितने लोग है चार लोग हैं तो डिवाइड
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करेंगे कितना आंसर आ जाएगा चार आ जाएगा
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यानी कि इस कंट्री की पर कैपिटा इनकम आ गई
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चार आया समझ में कि पर कैपिटा इनकम क्या
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होती है और उसे कैसे निकालते हैं अब आते
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हैं मुद्दे की बात पर कि पता कैसे करते
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हैं तो होता क्या है कि जो वर्ल्ड बैंक
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होता है वो एक रिपोर्ट जारी करता है जिसका
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नाम है वल्ड डेवलपमेंट रिपोर्ट तो 2017 की
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वर्ल्ड डेवलपमेंट रिपोर्ट के अनुसार
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वर्ल्ड बैंक यह कहता है कि जिन कंट्रीज की
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पर कैपिटा इनकम
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$56 पर एनम या उससे ज्यादा है तो वे
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कंट्रीज रिच कहलाएंगे और जिन कंट्रीज की
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पर कैपिटा इनकम $55 या उससे कम है तो वे
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कंट्रीज पुअर कहलाएंगे अगर हम अपनी इंडिया
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की बात करें तो इंडिया की पर कैपिटा इनकम
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है $120 पर एनम तो इस हिसाब से हमारी
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इंडिया लो मिडिल इनकम कंट्रीज की कैटेगरी
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में आती है यानी कि इंडिया मिडिल और पुअर
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कंट्रीज के बीच में लाई करती है आया समझ
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में तो वर्ल्ड बैंक के हिसाब से जितनी भी
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रिच कंट्रीज होती हैं वे जनरली डेवलप्ड
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कंट्रीज कहलाती है मिडिल ईस्ट एंड सर्टेन
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अदर स्मॉल कंट्रीज को छोड़कर ऐसा क्यों
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ऐसा इसलिए क्योंकि केवल इनकम ही डेवलपमेंट
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को डिफाइन नहीं करती है अकेले इनकम से ही
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काम नहीं चलता है बल्कि इनकम के अलावा भी
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बहुत सारे क्राइटेरिया होते हैं जैसे कि
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फ्रीडम सिक्योरिटी हेल्थ एजुकेशन इक्वलिटी
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इन सब पर भी नेशनल डेवलपमेंट डिपेंड करता
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है आया समझ में इसी कांसेप्ट को और अच्छे
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से समझने के लिए हम पढ़ते हैं इस टॉपिक को
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जिसका नाम है इनकम एंड अदर क्राइटेरिया
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मतलब इनकम के अलावा और कौन-कौन से
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क्राइटेरिया होते हैं तो इसे हम समझते हैं
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कुछ स्टेट्स के एग्जांपल से जो कि है
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हरियाणा केरला एंड बिहार तो सबसे पहले हम
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देखते हैं इनकी पर कैपिटा इनकम तो हरियाणा
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की जो पर कैपिटा इनकम है वह है
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8174 सिमिलरली केरला की पर कैपिटा इनकम है
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₹
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6347 एंड बिहार की पर कैपिटा इनकम है ₹
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4409 तो यहां पर किसकी सबसे ज्यादा पर
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कैपिटा इनकम है हरियाणा यानी कि अगर हमने
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केवल इनकम के बेसिस पर कंपेयर किया तो
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यहां पर हमें क्या लगेगा कि हरियाना
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डेवलप्ड है पर जैसा कि हमारा टॉपिक है
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इनकम एंड अदर क्राइटेरिया तो यहां पर हमें
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इनकम के अलावा अदर क्राइटेरियास को भी
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देखना पड़ेगा जैसे कि इन्फेंट मोटिलिटी
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रेट लिटरेसी रेट नेट अटेंडेंस रेशो तो
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इनको भी हमें कंसीडर करना पड़ेगा तो सबसे
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पहले तो हम यह देखते हैं कि इन्फेंट
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मोटिलिटी रेट होती क्या है तो इट्स
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इंडिकेट द नंबर ऑफ चिल्ड्रन दे डाई बिफोर
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द एज ऑफ वन ईयर एज अ प्रोपोर्शन ऑफ 1000
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लिव चिल्ड्रन बोर्न इन दैट पर्टिकुलर ईयर
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मतलब इन्फेंट मोर्टालिटी डेट यह बताती है
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कि एक पर्टिकुलर ईयर में 1000 बच्चों में
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से कितने बच्चे मर जाते हैं अपनी एक साल
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कंप्लीट करने से पहले तो यह होती है
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इन्फेंट मोटिलिटी रेट तो इन्फेंट मोटिलिटी
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रेट जितनी ज्यादा कम होगी उतना ही अच्छा
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होगा तो हरियाणा की इफट मोटिलिटी रेट है
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30 केरला की है 10 और बिहार की है 35 भाई
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तो यहां पर इफट मोटिलिटी रेट किसकी कम है
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केरला की तो इसका मतलब क्या है कि केरला
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इस फील्ड में इन दोनों से आगे है अब देखते
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हैं लिटरेसी रेट को तो लिटरेसी रेट का
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मतलब होता है द प्रपोज ऑफ लिटरेट प्यूप इन
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सेवन एंड अबोव एज ग्रुप मतलब सेवन या उससे
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ज्यादा एज ग्रुप के कितने लोग पढ़े लिखे
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हैं तो हरियाणा में लिटरेसी रेट है 82
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मतलब 82 पर लोग पढ़े लिखे हैं केरला की
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लिटरेसी रेट है 94 यानी कि 94 पर लोग पढ़े
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लिखे हैं केरला के और बिहार की लिटरेसी
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रेट है 62 यानी कि बिहार में 62 पर ही लोग
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पढ़े लिखे हैं तो यहां पर हमें क्या पता
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चला कि जितनी ज्यादा लिटरेसी रेट उतनी ही
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ज्यादा पढ़े लिखे लोग तो यहां पर सबसे
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अच्छी लिटरेसी रेट किसकी है केरला की अब
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देखते हैं नेट अटेंडेंस रेशियो को तो यह
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क्या होता है देखो तो द टोटल नंबर ऑफ
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चिल्ड्रन ऑफ एज ग्रुप 14 एंड 15 इयर्स
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अटेंडिंग स्कूल एज परसेंटेज ऑफ टोटल नंबर
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ऑफ चिल्ड्रन इन द सेम एज ग्रुप मतलब 14 से
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15 साल के जो बच्चे हैं उनमें से कितने
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बच्चे स्कूल अटेंड करते हैं तो अगर हम
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देखें हरियाणा को तो हरियाणा का नेट
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अटेंडेंस रेशो है 61 मतलब हरियाणा में इस
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ग्रुप के हर एक 100 बच्चों में से केवल 61
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बच्चे स्कूल अटेंड करते हैं वहीं अगर हम
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देखें केरला को तो केरला का नेट अटेंडेंस
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रेशियो है 83 मतलब इस ग्रुप में हर 100
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बच्चों में से 83 बच्चे स्कूल अटेंड करते
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हैं अगर हम देखें बिहार का तो बिहार का
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नेट अटेंडेंस रेशो है 43 मतलब 100 बच्चों
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में से केवल 43 बच्चे ही स्कूल अटेंड करते
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हैं तो यहां पर भी बेस्ट कौन है केरला
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क्योंकि केरला का सबसे ज्यादा नेट
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अटेंडेंस रेशो है आया समझ में अब आप इस
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पूरे डाटा को जरा ध्यान से देखो तो यहां
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से हमें क्या पता चला कि भले ही हरियाणा
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की पर कैपिटा इनकम ज्यादा थी लेकिन बाकी
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फैक्टर्स में हरियाणा पीछे था तो कहने का
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मतलब यह है कि इनकम इकलौता क्राइटेरिया
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नहीं होना चाहिए कंट्रीज या स्टेट्स को
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कंपेयर करने का बल्कि इनकम के साथ-साथ
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हेल्थ और एजुकेशन का भी बहुत इंपोर्टेंट
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रोल होता है डेवलपमेंट में अब देखो ना कि
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केरला इन सब फील्ड में आगे क्यों था
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क्योंकि केरला में एजुकेशन और हेल्थ
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फैसिलिटी अच्छी थी आया समझ में इसी से
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रिलेटेड एक बहुत ही अच्छी लाइन है जो कि
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है मनी इन योर पॉकेट कैन नॉट बाय ऑल द
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गुड्स एंड सर्विसेस दैट यू मे नीड टू लिव
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वेल इसका मतलब यह है कि जो आपके पास पैसा
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है वह सारी चीजें नहीं खरीद सकता जो जीने
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के लिए जरूरी होती है फॉर एग्जांपल आप खुद
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ही सोचो क्या हम पैसे की मदद से एक
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पोल्यूशन फ्री एनवायरमेंट खरीद सकते हैं
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नहीं ना सिमिलरली क्या हम पैसे की मदद से
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इंफेक्शन होने से रोक सकते हैं ऐसा तो
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नहीं होगा ना कि इंफेक्शन आपसे पूछेगा कि
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आप पैसे वाले हो या गरीब हो इंफेक्शन तो
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कभी भी किसी को भी हो सकता है इसीलिए इनकम
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के साथ-साथ अदर फैक्टर्स को भी कंसीडर
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करना चाहिए पब्लिक फैसिलिटी तो जैसा कि
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नाम से ही पता चल रहा है कि ऐसी फैसिलिटी
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जो पब्लिक को दी जाती है गवर्नमेंट के
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द्वारा ताकि लोग अच्छे से अपना जीवन जी
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सके और उनका ओवरऑल डेवलपमेंट हो सके
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उन्हें पब्लिक फैसिलिटी कहते हैं तो हम
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लिख सकते हैं पब्लिक फैसिलिटी आर द दोस
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बेसिक फैसिलिटी वच आर प्रोवाइडेड टू ऑल
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सिटीजंस बाय द गवर्नमेंट फॉर देयर वेल
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बीइंग एंड ओवरऑल डेवलपमेंट फॉर एग्जांपल
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जैसे कि एजुकेशन हो गया हेल्थ हो गई
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सिक्योरिटी हो गई फूड हो गया तो यह पब्लिक
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फैसिलिटी होती है जो गवर्नमेंट प्रोवाइड
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कराती है लोगों के लिए तो जितनी ज्यादा
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अच्छी पब्लिक फैसिलिटी लोगों को मिलेंगी
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लोगों की लाइफ भी उतनी ही ज्यादा बेहतर
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होती जाएगी इसलिए कुछ स्टेट्स में जो
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पब्लिक डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम है वो भी
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बहुत अच्छे से काम कर रहा है ताकि लोगों
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को अच्छी हेल्थ और न्यूट्रीशन मिलता रहे
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बॉडी मास इंडेक्स यानी कि बीएमआई तो बॉडी
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मास इंडेक्स होता क्या है तो यह
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क्राइटेरिया होता है जिसकी मदद से हम किसी
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भी पर्सन के हेल्थ स्टेटस को बता सकते हैं
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कि वो नरेश है या अंडर नरेश है या ओवर
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वेटेड है यानी कि हम लिख सकते हैं बॉडी
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मास इंडेक्स इज द क्राइटेरिया व्हिच इ यूज
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टू फाइंड आउट वेदर अ पर्सन इज नरिच अंडर
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नरिच और ओवर वेटेड अब बॉडी मास इंडेक्स
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निकालते कैसे हैं हाउ टू फाइंड बॉडी मास
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इंडेक्स देखो इसका एक फार्मूला होता है जो
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कि है वेट अपॉन हाइट का स्क्वायर वेट आपको
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केजी में लेना है और हाइट आपको मीटर में
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लेनी है तो मान लो कोई व्यक्ति है उसका
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वेट है 120 केजी और उसकी हाइट है 2 मीटर
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अब हमें इसका बॉडी मास इंडेक्स निकालना है
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तो ऊपर रखेंगे वेट जो कि है 120 केजी नीचे
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रखेंगे हाइट और उसका करेंगे स्क्वायर
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कितना आ जाएगा फोर तो ये कट जाएगा कितना आ
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जाएगा 30 यानी कि जो बॉडी मास इंडेक्स है
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इस व्यक्ति का वो आ गया 30 तो इस तरीके से
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आप किसी भी व्यक्ति का बॉडी मास इंडेक्स
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निकाल सकते हो आया समझ में तो जिस किसी भी
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व्यक्ति का बॉडी मास इंडेक्स 18 से कम
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होता है तो वो कुपोषित होता है यानी कि
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अंडर ड रहता है और जिसका बॉडी मास इंडेक्स
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25 से ज्यादा होता है व ओवर वेटेड रहता है
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और जिसका बॉडी मास इंडेक्स 18 से 25 के
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बीच में रहता है वह होता है फिट यानी कि
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नरेश तो इस हिसाब से यह जो व्यक्ति है वह
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ओवर वेटेड है क्योंकि इसका बॉडी मास
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इंडेक्स 25 से ज्यादा है आया समझ में कि
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बॉडी मास इंडेक्स क्या होता है और इसे
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कैसे निकालते हैं अब दोस्तों एक
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ऑर्गेनाइजेशन है जिसका नाम है यूएनडीपी
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यानी कि यूनाइटेड नेशन डेवलपमेंट
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प्रोग्राम तो यह क्या कर है यह एक रिपोर्ट
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जारी करता है जिसका नाम है ह्यूमन
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डेवलपमेंट रिपोर्ट तो य ह्यूमन डेवलपमेंट
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रिपोर्ट है क्या चलिए जानते हैं तो जैसा
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कि हमने देखा था कि जो वर्ल्ड बैंक था वो
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कंट्रीज को कंपेयर करता था इनकम के बेसिस
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पर और फिर इनकम के बेसिस पर ही कंक्लूजन
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सी कंट्री डेवलप्ड है और कौन सी कंट्री
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डेवलप नहीं है ठीक उसी तरह से जो ह्यूमन
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डेवलपमेंट रिपोर्ट है वह भी कंट्रीज को
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कंपेयर करती है पर यह इनकम के साथ-साथ
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एजुकेशन और हेल्थ को भी कंसीडर करती है और
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एक ह्यूमन डेवलपमेंट इंडेक्स तैयार करती
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है जिससे कंट्रीज को रैंक किया जाता है ऑन
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द बेसिस ऑफ देयर डेवलपमेंट तो इसी से
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रिलेटेड आप इस डाटा को देख सकते हो जिसमें
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अलग-अलग कंट्रीज को कंपेयर किया गया है ऑन
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द बेसिस ऑफ इनकम लाइफ एक्सपेक्टेंसी एंड
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स्कूलिंग और इसमें यह लास्ट में दी गई है
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ह्यूमन डेवलपमेंट इंडेक्स की रैंकिंग मतलब
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डेवलपमेंट के आधार पर कौन सी कंट्री किस
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रैंक पर आती है यह यहां पर दिया हुआ है तो
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अगर हम इंडिया को देखें तो अकॉर्डिंग टू
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ह्यूमन डेवलपमेंट रिपोर्ट ऑफ
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2019 इंडिया पूरे वर्ल्ड में 131 रैंक पर
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आती है डेवलपमेंट के बेसिस पर इंडिया
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ऑक्यूपाइड
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इन वर्ल्ड ऑन द बेसिस ऑफ डेवलपमेंट आया
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समझ में सस्टेनेबिलिटी ऑफ डेवलपमेंट
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दोस्तों आज के समय में क्या हो रहा है कि
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जो लोग हैं व डेवलपमेंट के पीछे इस कदर
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भाग रहे हैं कि भी यह नहीं सोच रहे हैं कि
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इससे हमें फ्यूचर में नुकसान भी भुगतने
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पड़ सकते हैं लोग डेवलपमेंट के लिए वाटर
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का ओवर यूज कर रहे हैं जिस वजह से वाटर
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लेवल डिक्रीज हो रहा है पोल्यूशन क्रिएट
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कर रहा है पेड़ का रहे क्रूड ऑयल का ओवर
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यूज कर रहे हैं अब आप खुद ही सोचो कि ऐसा
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डेवलपमेंट क्या मतलब का जिससे हमारा
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एनवायरमेंट डैमेज हो रहा हो दोस्तों किसी
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रिपोर्ट में यह बताया गया है कि अगर लोग
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इसी रेट से क्रूड ऑयल का इस्तेमाल करते
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रहे तो आने वाले लगभग 5060 सालों में
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रिजर्व क्रूड ऑयल खत्म हो जाएगा तो जो
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सस्टेनेबिलिटी ऑफ डेवलपमेंट का जो
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कांसेप्ट है वह भी यही बताता है कि
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डेवलपमेंट करो पर इस तरीके से करो कि जो
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हमारा एनवायरमेंट है वो डैमेज ना हो और जो
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फ्यूचर जनरेशन है उनकी नीड्स के साथ साथ
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भी कंप्रोमाइज ना हो ताकि फ्यूचर में भी
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सस्टेनेबिलिटी बनी रहे तो यहां पर हमारा
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जो चैप्टर है वह खत्म होता है आई होप आपको
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कर सकते हो और चाहो तो आप इस चैनल को
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सब्सक्राइब भी कर सकते हो क्लास 10थ की
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वीडियोस आगे देखने के लिए बाकी मिलते हैं
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नेक्स्ट वीडियो में तब तक के लिए टेक केयर
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बाय बाय और हां नेक्स्ट वीडियो में हम
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कंप्लीट करेंगे हिस्ट्री के सेकंड चैप्टर
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को जिसका नाम है नेशनलिज्म इन इंडिया तो
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स्टे अपडेटेड पिस अनलाइक स्ट i