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हेलो एवरीवन आज से हम एक नई सीरीज स्टार्ट
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करने जा रहे हैं जिसमें हम हर एक चैप्टर
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को बहुत ही कम टाइम में कवर करेंगे बेस्ट
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पॉसिबल एनिमेशन के अंदर ताकि आपको सब कुछ
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अच्छे से समझ आ सके और आप लोगों की
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प्रिपरेशन अच्छे से हो सके बोर्ड एग्जाम
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के लिए वह भी काफी कम टाइम में तो चलिए
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स्टार्ट करते हैं
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[संगीत]
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तो आज की वीडियो में हम पढ़ने वाले हैं
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क्लास 10थ की साइंस के पहले चैप्टर को जो
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कि है केमिकल रिएक्शन एंड इक्वेशंस तो
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देखिए हमारे चैप्टर की शुरुआत होती है
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चेंजेज से तो हमें हमारे आसपास डेली लाइफ
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में काफी सारे चेंजेज देखने को मिलते हैं
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जिसमें से कुछ चेंजेज फिजिकल होते हैं और
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कुछ केमिकल इन चेंजेज में मेन डिफरेंस यह
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होता है कि जो फिजिकल चेंजेज होते हैं वह
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रिवर्सिबल होते हैं जैसे कि पानी का जमना
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कर्फ का पिघलना और जो केमिकल चेंज होते
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हैं व रिवर्सिबल नहीं होते मतलब कि यह एक
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बार हो जाते हैं तो यह दोबारा से रिवर्स
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नहीं होते फॉर एग्जांपल रेस्टिंग ऑफ आयरन
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तो जब लोहे पर जंग लग जाती है और वह खराब
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हो जाता है तो वो दोबारा से सही नहीं हो
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पाता है क्योंकि केमिकल रिएक्शन रिवर्सिबल
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नहीं होती है तो आप लोगों को ज्यादा
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कंफ्यूजन नहीं पालना है चीजों को सिंपली
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समझना है कि जो फिजिकल चेंजेज होते हैं
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उनकी वजह से फिजिकल रिएक्शन होती है और जो
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केमिकल चेंजेज होते हैं उनकी वजह से
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केमिकल रिएक्शन होती है तो किसी भी केमिकल
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रिएक्शन में दो मेन पार्ट्स होते हैं
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रिएक्टेंट्स और प्रोडक्ट्स रिएक्टेंट्स उन
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सब्सटेंस को कहा जाता है जो कि केमिकल
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रिएक्शन में पार्ट लेते हैं जबकि प्रोडक्ट
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वह सब्सटेंस होता है जो कि केमिकल रिएक्शन
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में फॉर्म होता है केमिकल रिएक्शन को
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समझने से यह दोनों टर्म हमें और अच्छे से
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समझ में आ जाएंगे तो केमिकल रिएक्शन एक
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ऐसी प्रोसेस होती है जिसमें एक या उससे
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ज्यादा सब्सटेंस जिन्हें रिएक्टेंट्स कहा
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जाता है वह कन्वर्ट हो जाते हैं एक या
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उससे ज्यादा डिफरेंट सब्सटेंस में जिन्हें
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प्रोडक्ट्स कहा जाता है तो कहने का मतलब
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है कि केमिकल रिएक्शन में जो रिएक्टेंट्स
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होते हैं व प्रोडक्ट में कन्वर्ट हो जाते
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हैं फॉर एग्जांपल हाइड्रोजन और ऑक्सीजन
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मिलके h2o यानी कि वाटर फॉर्म कर रहा है
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तो इस रिएक्शन में यह जो हाइड्रोजन और
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ऑक्सीजन है वो रिएक्टेंट है क्योंकि
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हाइड्रोजन और ऑक्सीजन ही रिएक्शन में
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पार्ट ले रहे हैं और जो h2o है वो
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प्रोडक्ट है क्योंकि h2o ही रिएक्शन में
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फॉर्म हो रहा है तो केमिकल रिएक्शन के
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बारे में समझने के बाद अब हमें यह देखना
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है कि केमिकल रिएक्शन के दौरान हमें
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क्या-क्या चेंजेज देखने को मिलते हैं तो
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जब भी केमिकल रिएक्शन होती है तो हमें
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रिएक्टेंट और प्रोडक्ट्स की स्टेट में
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चेंज देखने को मिल सकता है या उनके कलर
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में चेंज देखने को मिल सकता है इसके साथ
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हमें टेंपरेचर में भी चेंज देखने को मिल
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सकता है और गैस भी निकलते हुए दिख सकती है
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और केमिकल रिएक्शन के अंदर ही हमें प्रिस
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टेट भी फॉर्म होते हुए दिख सकता है तो
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केमिकल रिएक्शन में हमें यह कुछ चेंजेज
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देखने को मिल सकते हैं तो आगे हमें समझना
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है केमिकल इक्वेशंस को तो इसमें पहले हम
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देखेंगे कि केमिकल इक्वेशंस क्या होती हैं
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फिर हम देखेंगे कि हम इन्हें बैलेंस क्यों
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करते हैं हमें क्या जरूरत पड़ती है इनको
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बैलेंस करने की और लास्ट में हम देखेंगे
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कि हम केमिकल इक्वेशंस को कैसे बैलेंस
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करते हैं तो पहले हम देखते हैं कि केमिकल
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इक्वेशन क्या होती हैं तो केमिकल इक्वेशन
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सिंबॉलिक रिप्रेजेंट होती है केमिकल
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रिएक्शन की सिंबल्स और फार्मूले के साथ
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यानी कि केमिकल रिएक्शन को उनके सिंबल्स
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और फार्मूले के फॉर्म में लिखने को ही
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केमिकल इक्वेशन कहा जाता है फॉर एग्जांपल
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कार्बन और ऑक्सीजन मिलकर कार्बन
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डाइऑक्साइड फॉर्म करते हैं तो आप देखिए कि
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इस रिएक्शन को सिंबल्स के फॉर्म में इस
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तरह से रिप्रेजेंट किया जाता है और इसी
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रिप्रेजेंटेशन को हम केमिकल इक्वेशन कहते
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हैं यह जो केमिकल इक्वेशंस होती हैं इनको
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लिखने का भी एक तरीका होता है जिसमें जो
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रिएक्टेंट्स होते हैं उन्हें लेफ्ट साइड
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में लिखा जाता है और जो प्रोडक्ट्स होते
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हैं उन्हें राइट साइड में लिखा जाता है
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जैसा कि आप इस रिएक्शन में देख सकते हैं
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आगे हमें देखना है बैलेंस्ड केमिकल
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इक्वेशन को तो बैलेंस्ड केमिकल इक्वेशन वो
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इक्वेशन होती है जिसके अंदर रिएक्टेंट और
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प्रोडक्ट्स के अंदर यानी कि लेफ्ट साइड और
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राइट साइड दोनों में एटम्स का जो नंबर है
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वह सेम होता है नेक्स्ट हमें यह देखना है
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कि व्हाई डू वी नीड टू बैलेंस केमिकल
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इक्वेशन यानी कि हमें केमिकल इक्वेशन को
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बैलेंस करने की जरूरत क्यों पड़ती है तो
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हमें केमिकल इक्वेशन को बैलेंस करने की
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जरूरत इसीलिए पड़ती है क्योंकि लॉ ऑफ
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कंजर्वेशन ऑफ मास के अकॉर्डिंग मास कैन
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नाइ दर बी क्रिएटेड्रॉअर्नेविगेटर
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का नंबर और प्रोडक्ट में एटम्स का नंबर
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सेम हो क्योंकि अगर ऐसा नहीं होगा तो लॉ
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ऑफ कंजर्वेशन ऑफ मास अप्लाई नहीं होगा तो
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यह तो हमने देख लिया कि केमिकल इक्वेशंस
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को बैलेंस्ड होना चाहिए अब हम यह देखते
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हैं कि इन केमिकल इक्वेशंस को बैलेंस्ड
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कैसे किया जाता है तो केमिकल इक्वेशंस को
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किसी स्पेसिफिक मेथड से नहीं सिंपली हिट
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एंड ट्रायल मेथड से बैलेंस किया जाता है
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तो अब हम एक केमिकल इक्वेशन को बैलेंस
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करने का ट्राई करते हैं तो इस रिएक्शन में
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आयरन वाटर के साथ रिएक्ट करके आयरन
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ऑक्साइड और हाइड्रोजन फॉर्म कर रहा है तो
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आप इस रिएक्शन को ध्यान से देखिए इसमें
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रिएक्टेंट्स और प्रोडक्ट्स के अंदर एटम का
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नंबर सेम नहीं है और यह इक्वेशन अनबैलेंसड
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है तो चलिए अब हम इस रिएक्शन को बैलेंस्ड
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करते हैं तो आपको एक बात याद रखनी है कि
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किसी भी केमिकल इक्वेशन को बैलेंस करने के
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लिए हम जो चेंज करते हैं तो उसके लिए हम
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एक हर एक पर्टिकुलर एलिमेंट या कंपाउंड को
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ब्रैकेट में बंद कर देते हैं फिर हमें जो
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कुछ भी मल्टीप्लाई या कुछ भी चेंज करना
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होता है तो वो पूरे एलिमेंट या क कंपाउंड
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पर ही होता है जो कि ब्रैकेट में होते हैं
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तो केमिकल इक्वेशन की बैलेंसिंग को इजी
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बनाने के लिए हम एक टेबल बना लेते हैं
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जिसमें हम एक कॉलम में एलिमेंट्स के नाम
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अगले कॉलम में रिएक्टेंट्स के एटम के नंबर
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और नेक्स्ट कॉलम में प्रोडक्ट्स के एटम के
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नंबर को लिख लेंगे तो अब हम टेबल के थ्रू
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इस रिएक्शन को बैलेंस करते हैं तो सबसे
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पहले एलिमेंट है आयरन तो आयरन के
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रिएक्टेंट में एक एटम है और प्रोडक्ट में
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आप देखिए तीन एटम हैं दूसरा एलिमेंट है
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हाइड्रोजन हाइड्रोजन के रिएक्ट टट में दो
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एटम है और इधर प्रोडक्ट के हाइड्रोजन में
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भी दो ही एटम है और तीसरा एलिमेंट है
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ऑक्सीजन तो ऑक्सीजन के रिएक्टेंट में एक
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एटम है और प्रोडक्ट में चार एटम है तो इस
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टेबल में पहले है आयरन तो अगर हम इधर
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रिएक्टेंट की साइड थ्री का मल्टीप्लाई कर
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देते हैं तो दोनों साइड रिएक्टेंट और
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प्रोडक्ट में एटम का नंबर सेम हो जाएगा
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नेक्स्ट है हाइड्रोजन तो आप देखिए कि
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हाइड्रोजन के एटम का नंबर रिएक्टेंट और
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प्रोडक्ट दोनों में सेम ही है जो कि है
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दोदो एटम और लास्ट और थर्ड एलिमेंट है
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ऑक्सीजन तो ऑक्सीजन के रिएक्टेंट में एटम
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का नंबर है वन और प्रोडक्ट में चार एटम्स
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हैं तो अगर हम इधर रिएक्टेंट की साइड
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ऑक्सीजन में फोर का मल्टीप्लाई कर देंगे
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तो दोनों साइड ऑक्सीजन के एटम बराबर हो
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जाएंगे लेकिन हमने अभी देखा यदि कोई दो
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एलिमेंट भी अगर कंपाउंड फॉर्म में दिए हुए
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हो तो उसको बैलेंस करने के लिए उस पूरे
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कंपाउंड में मल्टीप्लाई होता है तो हम इस
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h2o में फर का मल्टीप्लाई कर देंगे तो इस
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पूरे h2o में फोर का मल्टीप्लाई होने से
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ऑक्सीजन तो बैलेंस हो जाएगा लेकिन जो
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रिएक्टेंट में हाइड्रोजन है वो फोर का
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मल्टीप्लाई होने से उसमें एट एटम्स हो
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जाएंगे और यह अनबैलेंस हो जाएगा क्योंकि
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उसके प्रोडक्ट में दो ही हाइड्रोजन है तो
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हाइड्रोजन को बैलेंस करने के लिए हम
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प्रोडक्ट के हाइड्रोजन में फोर का
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मल्टीप्लाई कर देंगे तो अब आप देखिए इस
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रिएक्शन में तीनों एलिमेंट आयरन हाइड्रोजन
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और ऑक्सीजन बैलेंस हो चुके हैं और उनके
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रिएक्टेंट्स और प्रोडक्ट्स में एटम्स का
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नंबर बराबर हो चुका है जैसा कि आप इस टेबल
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में देख सकते हैं कि आयरन के रिएक्टेंट और
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प्रोडक्ट में तीन-तीन एटम है हाइड्रोजन
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में 88 एटम्स हैं वहीं पर जो ऑक्सीजन है
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उसमें चार-चार एटम्स है दोनों रिएक्टेंट्स
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और प्रोडक्ट्स में तो यह जो रिएक्शन लिखी
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थी वह अनबैलेंसड थी लेकिन हमने अभी इस
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टेबल में सभी एलिमेंट्स को बैलेंस किया है
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तो चलिए अब हम इस रिएक्शन को बैलेंस्ड
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तरीके से लिख लेते हैं तो यह हो जाएगी 3fe
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+ 4h 2o गिव्स fe3 o4 + 4 h2 तो अब आपकी
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समझ में आ गया होगा कि हम केमिकल इक्वेशंस
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को कैसे बैलेंस कर सकते हैं आप खुद से भी
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कुछ केमिकल इक्वेशंस को बैलेंस करके इसकी
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प्रैक्टिस कर सकते हैं इसका जो तरीका है
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वह बिल्कुल सिंपल है जो कि मैंने आपको बता
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दिया है आपको एक टेबल फॉर्म करना है और
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किसी भी तरीके से रिएक्टेंट्स और
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प्रोडक्ट्स में एटम्स के नंबर को सेम करना
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है आगे हमें समझना हमारे अगले टॉपिक को जो
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कि है टाइप्स ऑफ केमिकल रिएक्शन तो केमिकल
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रिएक्शन बेसिकली सिक्स टाइप की होती हैं
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जो कि है कॉमिनेशन रिएक्शन डीकंपोजिशन
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रिएक्शन डिस्प्लेसमेंट रिएक्शन डबल
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डिस्प्लेसमेंट रिएक्शन ऑक्सीडेशन एंड
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रिडक्शन रिएक्शन एंड एजोटिक एंड एंडोर्स
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रिएक्शन तो अब हम एक-एक करके इन सभी
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रिएक्शन को इनके एग्जांपल्स के साथ
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समझेंगे तो शुरुआत करते हैं कॉमिनेशन
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रिएक्शन से तो ऐसी रिएक्शन जिसमें दो या
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उससे ज्यादा रिएक्टेंट्स मिलकर एक सिंगल
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प्रोडक्ट फॉर्म करते हैं उसे कॉमिनेशन
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रिएक्शन कहा जाता है इसके एग्जांपल्स हो
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जाएंगे बर्निंग ऑफ कोल तो आप देखिए कि जब
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कार्बन ऑक्सीजन की प्रेजेंस में जलता है
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तो co2 गैस फॉर्म होती है तो यहां पर हुआ
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क्या कार्बन और ऑक्सीजन मिलकर co2 गैस
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फॉर्म कर रहे हैं यानी कि दो रिएक्टेंट्स
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जो कि है कार्बन एंड ऑक्सीजन वो मिलकर एक
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प्रोडक्ट कार्बन डाइऑक्साइड गैस फॉर्म कर
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रहे हैं इसका एक और एग्जांपल हो जाएगा
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फॉर्मेशन ऑफ वाटर तो इस रिएक्शन में आप
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देखिए हाइड्रोजन और ऑक्सीजन मिलकर h2o
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यानी कि वाटर फॉर्म कर रहे हैं तो आप इन
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दोनों रिएक्शन में ही देख सकते हैं कि जो
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दो रिएक्टेंट हैं वो मिलकर एक प्रोडक्ट
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फॉर्म कर रहे हैं इन्हें ही हम कॉमिनेशन
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रिएक्शन कहते हैं इसके बाद केमिकल रिएक्शन
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का दूसरा टाइप है डीकंपोजिशन रिएक्शन तो
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डीकंपोजिशन का मतलब होता है टूट जाना तो
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ऐसी केमिकल रिएक्शन जिसमें एक सिंगल
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रिएक्टेंट दो या उससे ज्यादा प्रोडक्ट्स
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में ब्रेक डाउन हो जाता है यानी कि टूट
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जाता है उसे डीकंपोजिशन रिएक्शन कहा जाता
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है तो अब आप यह सोचिए कि कोई भी रिएक्टेंट
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या सब्सटेंस क्यों टूटता है तो इसका आंसर
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है कि कोई भी रिएक्टेंट या सब्सटेंस किसी
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ना किसी एनर्जी की वजह से टूटता है मतलब
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कि रिएक्टेंट के ब्रेकडाउन होने में या हम
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कह सकते हैं डीकंपोजिशन रिएक्शन में कोई
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ना कोई एनर्जी इवॉल्व होती है और इस
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एनर्जी के बेसिस पर रिएक्टेंट्स के
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ब्रेकडाउन के कारण जो डीकंपोजिशन रिएक्शन
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होती है वह तीन टाइप्स की होती है जो कि
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है थर्मल डीकंपोजिशन इलेक्ट्रोलाइट
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डीकंपोजिशन एंड फोटोलाइन
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डीकंपोजिशन तो सबसे पहले है थर्मल
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डीकंपोजिशन तो थर्मल का मतलब होता है हीट
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तो ऐसा डीकंपोजिशन जो कि हीट के द्वारा हो
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रहा हो उसे थर्मल डीकंपोजिशन कहा जाता है
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फॉर एग्जांपल जब कैल्शियम कार्बोनेट सी
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co3 जो कि लाइमस्टोन होता है उसे हीट किया
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जाता है तो व कैल्शियम ऑक्साइड c जिसे
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क्विक लाइम भी कहा जाता है उसमें और co2
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में ब्रेक हो जाता है नेक्स्ट डीकंपोजिशन
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है इलेक्ट्रोलाइट डीकंपोजिशन तो ऐसा
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डीकंपोजिशन जो कि इलेक्ट्रिसिटी के थ्रू
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होता है उसे इलेक्ट्रोलाइट डीकंपोजिशन कहा
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जाता है फॉर एग्जांपल जब h2 यानी कि वाटर
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से इलेक्ट्रिसिटी पास होती है तो उसमें जो
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h2o होता है वह हाइड्रोजन और ऑक्सीजन में
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ब्रेक हो जाता है तीसरे रे टाइप का
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डीकंपोजिशन है फोटोलाइन डीकंपोजिशन तो
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फोटो वर्ड का साइंस में मतलब होता है
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सनलाइट तो ऐसा डीकंपोजिशन जो कि सनलाइट के
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थ्रू होता है उसे फोटोलाइन डीकंपोजिशन कहा
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जाता है फॉर एग्जांपल जब सिल्वर क्लोराइड
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पर सनलाइट पड़ती है तो वह सिल्वर और
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क्लोरीन में ब्रेक हो जाता है तो यह थे
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डीकंपोजिशन रिएक्शन के तीन टाइप्स जिन्हें
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हमें समझना था आगे हमें समझना है अगले
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टाइप की केमिकल रिएक्शन को जो कि है
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डिस्प्लेसमेंट रिएक्शन तो यह ऐसी रिएक्शन
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होती है जिसमें ज्यादा रिएक्टिव एलिमेंट
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लेस रिएक्टिव एलिमेंट को डिस्प्लेस कर
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देता है उसके कंपाउंड या सॉल्यूशन से फॉर
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एग्जांपल जब जिंक रिएक्ट करता है कॉपर
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सल्फेट से तो जिंक कॉपर से ज्यादा
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रिएक्टिव होता है तो ज्यादा रिएक्टिव होने
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के कारण जिंक कॉपर को डिस्प्लेस कर देता
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है और जिंक सल्फेट फॉर्म कर लेता है और
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कॉपर अलग हो जाता है जैसा कि आप इस
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रिएक्शन में देख सकते हैं znso4 गिव्स
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znso4 + स तो यहां पर हुआ क्या जिंक जो कि
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ज्यादा रिएक्टिव था से उसने कॉपर को
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डिस्प्लेस कर दिया उसी के सॉल्यूशन से
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नेक्स्ट और चौथे टाइप की केमिकल रिएक्शन
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है डबल डिस्प्लेसमेंट रिएक्शन तो इसके नाम
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से ही पता चल रहा है कि इसमें दो चीजें
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डिस्प्लेस हो रही हैं तो ऐसी रिएक्शन
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जिसमें दो अलग-अलग आयस या एटम्स के ग्रुप
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रिएक्टेंट मॉलिक्यूल के अंदर एक दूसरे को
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डिस्प्लेस करें तो उस रिएक्शन को डबल
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डिस्प्लेसमेंट रिएक्शन कहते हैं इसको और
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सिंपली आप ऐसे समझिए कि ऐसी रिएक्शन
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जिसमें एक रिएक्टेंट का एक पार्ट दूसरे
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रिएक्टेंट के एक पार्ट से डिस्प्ले हो जाए
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उसे डबल डिस्प्लेसमेंट रिएक्शन कहते हैं
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इसको और ज्यादा सिंपली समझने के लिए आप इस
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इक्वेशन को देखिए ए प् सीडी गिव्स एडी प्
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सीब तो इस रिएक्शन में आप देखिए कि पहले
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रिएक्टेंट का एक पार्ट बी दूसरी रिएक्टेंट
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में पहुंच गया और दूसरे रिएक्टेंट का एक
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पार्ट डी पहले रिएक्टेंट में आ गया और
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प्रोडक्ट बन गया ए प् सीब तो कहने का मतलब
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है कि ऐसी रिएक्शन जिसमें दो आयस या दो
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एटम्स का डिस्प्लेसमेंट हो उसे हम डबल
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डिस्प्लेसमेंट रिएक्शन कहते हैं तो यह तो
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एग्जांपल आपको समझाने के लिए था इसका रियल
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एग्जांपल हो जाएगा na2s o4 जो कि होता है
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सोडियम सल्फेट प्लस bacl2 जो कि होता है
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बेरियम क्लोराइड तो जब सोडियम सल्फेट और
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बेरियम क्लोराइड की रिएक्शन होती है तो
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सोडियम बेरियम क्लोराइड से बेरियम को
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डिस्प्लेस करता है और बेरियम सोडियम
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सल्फेट से सोडियम को डिस्प्लेस करता है तो
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baso4 बेरियम सल्फेट और
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तो ऐसी रिएक्शन जिनमें आयस का एक्सचेंज
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होता है उनके रिएक्टेंट्स के बीच में उसे
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डबल डिस्प्लेसमेंट रिएक्शन कहा जाता है और
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यह जो जितनी भी डबल डिस्प्लेसमेंट रिएक्शन
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होती हैं उनमें मोस्टली सभी में
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प्रेसिपिटेटर्स होता है आगे हमें समझना है
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पांचवी केमिकल रिएक्शन को जो कि है
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ऑक्सीडेशन एंड रिडक्शन रिएक्शन तो
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ऑक्सीडेशन और रिडक्शन को हम सेपरेटली
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समझेंगे तो पहले है ऑक्सीडेशन रिएक्शन तो
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ऑक्सीडेशन एक ऐसी रिएक्शन होती है जिसमें
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ऑक्सी ऐड हो रहा हो या फिर ऐसी रिएक्शन
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जिसमें से हाइड्रोजन रिमूव हो रहा हो या
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फिर ऐसी रिएक्शन जिसमें इलेक्ट्रॉन लूज हो
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रहे हो तो किसी भी रिएक्शन में ऑक्सीजन का
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ऐड होना या हाइड्रोजन का रिमूव होना या
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फिर इलेक्ट्रॉन का लॉस किसी भी रिएक्शन से
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उसे ऑक्सीडेशन रिएक्शन कहा जाता है फॉर
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एग्जांपल कार्बन प्लस ऑक्सीजन गिव्स
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कार्बन डाइऑक्साइड तो आप देखिए यह रिएक्शन
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ऑक्सीडेशन रिएक्शन है क्योंकि इसमें
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ऑक्सीजन ऐड हो रहा है इसके बाद आप इस
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रिएक्शन को देखिए इसमें हाइड्रोज न
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सल्फाइड रिएक्ट कर रहा है ऑक्सीजन के साथ
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और वाटर और सल्फर फॉर्म हो रहा है तो यह
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रिएक्शन भी ऑक्सीडेशन रिएक्शन है क्योंकि
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इसमें हाइड्रोजन सल्फाइड से हाइड्रोजन लूज
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हो रहा है और इस रिएक्शन को भी आप देखिए
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इसमें जिंक से दो इलेक्ट्रॉन लूज हो रहे
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हैं और जिंक पर टू पॉजिटिव साइन आ रहा है
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यह रिएक्शन भी ऑक्सीडेशन रिएक्शन है
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क्योंकि इस रिएक्शन में इलेक्ट्रॉन लूज हो
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रहे हैं ऑक्सीडेशन के बाद अब हमें समझना
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है रिडक्शन रिएक्शन को तो रिडक्शन रिएक्शन
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ऑक्सीडेशन की बिल्कुल अपोजिट होती है तो
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रिडक्शन होती है ऐसी रिएक्शन या ऐसी
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प्रोसेस जिसमें ऑक्सीजन रिमूव हो रहा हो
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या फिर हाइड्रोजन ऐड हो रहा हो या फिर ऐसी
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प्रोसेस जिसमें इलेक्ट्रॉन गेन हो रहे हो
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तो आप इन डेफिनेशन से समझ सकते हैं कि
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ऑक्सीडेशन और रिडक्शन रिएक्शन एक दूसरे की
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बिल्कुल अपोजिट होती हैं फॉर एग्जांपल जब
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पोटेशियम क्लोराइड kclo3 टूट जाता है
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पोटेशियम क्लोराइड
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एक रिएक्शन है कि जब सोडियम रिएक्ट करता
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है हाइड्रोजन के साथ तो सोडियम हाइड्राइड
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फॉर्म होता है तो आप देखिए इस रिएक्शन में
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हाइड्रोजन ऐड हो रहा है सोडियम के साथ
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इसलिए यह भी रिडक्शन रिएक्शन होगी एक और
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रिएक्शन है जिसमें जिंक में दो इलेक्ट्रॉन
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ऐड हो रहे हैं तो यह रिएक्शन भी रिडक्शन
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रिएक्शन है क्योंकि इसमें इलेक्ट्रॉन ऐड
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हो रहे हैं तो देखिए आपको रिडक्शन और
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ऑक्सीडेशन रिएक्शन में ज्याना कंफ्यूजन
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नहीं रखना आपको जो सिंपल डेफिनेशन और
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एग्जांपल्स अभी समझाए हैं उनको याद रखना
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रखना है तो जिस रिएक्टेंट या सब्सटेंस का
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ऑक्सीडेशन होता है उसे
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ऑक्सीडेंट या सब्सटेंस का रिडक्शन होता है
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उसे रिड्यूस्ड कहा जाता है और वहीं पर जब
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किसी रिएक्शन में ऑक्सीडेशन और रिडक्शन
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रिएक्शन एक साथ होती है तो उस रिएक्शन को
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रिडक्स रिएक्शन कहा जाता है फॉर एग्जांपल
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जिंक ऑक्साइड
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zno2 + स तो आप देखिए इस रिएक्शन में जिंक
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ऑक्साइड रिड्यूस्ड हो रहा है जिंक में और
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कार्बन ऑक्सीडो रहा है कार्बन मोनोऑक्साइड
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में ऐसे ही आप एक और एग्जांपल को देखिए
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cu2 गिव्स
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cu2o तो इस रिएक्शन में आप देखिए कॉपर
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ऑक्साइड रिड्यूस हो रहा है कॉपर में और
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यहां पर रिडक्शन रिएक्शन हो रही है वहीं
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पर हाइड्रोजन
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ऑक्सीडक्सी देशन रिएक्शन हो रही है तो ऊपर
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की दो रिएक्शन से हम यह कह सकते हैं कि
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अगर कोई सब्सटेंस ऑक्सीजन गेन करता है या
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हाइड्रोजन को लूज करता है रिएक्शन के टाइम
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पर तो उसे
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पर अगर कोई सब्सटेंस ऑक्सीजन को लूज करता
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है या हाइड्रोजन को गेन करता है तो उसे
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रिड्यूस्ड कहा जाता है इसके बाद हमें
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समझना है लास्ट टाइप की केमिकल रिएक्शन को
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जो कि है
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एग्जोटिवली होती है यानी कि हीट निकलती है
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फॉर एग्जांपल बर्निंग ऑफ नेचुरल गैस तो जब
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मीथेन यानी कि ch4 जब ऑक्सीजन में वर्न
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होती है तो co2 और वाटर फॉर्म होता है और
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साथ में लार्ज अमाउंट में हीट हीट एनर्जी
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निकलती है इसके साथ-साथ जो रेस्पा की
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प्रोसेस होती है वह एजोम रिएक्शन होती है
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क्योंकि उसमें एनर्जी हीट के फॉर्म में
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रिलीज होती है इसके बाद है एंडोर्स
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रिएक्शन तो यह रिएक्शन बिल्कुल अपोजिट
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होती है
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एग्जोटिवली
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मरकर ऑक्साइड जब मरकरी और ऑक्सीजन में
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टूटता है तो उस प्रोसेस में काफी ज्यादा
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हीट एनर्जी एब्जॉर्ब होती है एंडोर्स
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रिएक्शन का मोस्ट पॉपुलर एग्जांपल है
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फोटोसिंथेसिस तो जो फोटोसिंथेसिस रिएक्शन
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होती है उसमें सन की हीट एनर्जी को
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एब्जॉर्ब किया जाता है इसलिए फोटोसिंथेसिस
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की जो रिएक्शन होती है वह एंडोर्स होती है
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इसके बाद हमें समझना है इस चैप्टर के
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आखिरी टॉपिक को जो कि है इफेक्ट ऑफ
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ऑक्सीडेशन इन आवर डेली लाइफ यानी कि हमारी
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डेली लाइफ में ऑक्सीजन के क्या-क्या
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इफेक्ट हमें देखने को मिलते हैं तो हमें
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ऑक्सीजन के मेनली दो इफेक्ट देखने को
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मिलते हैं जो कि है कोरोजन एंड रेंसिडिटी
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तो पहले हम देखते हैं कोरोजन को तो कोरोजन
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एक ऐसा फिनोम या ऐसी प्रोसेस होती है
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जिसमें मेटल की सरफेस धीरे-धीरे खराब होने
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लगती है एयर वाटर या किसी और केमिकल की
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रिएक्शन से जो कि एटमॉस्फेयर में प्रेजेंट
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होते हैं इसके एग्जांपल हो जाएंगे आप सभी
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ने देखा होगा कि सिल्वर पर ब्लैक कोटिंग आ
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जाती है यानी कि काली लेयर चढ़ जाती है या
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फिर जो कॉपर होता है उस पर एक ग्रीन लेयर
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आ जाती है और अगर आपने इन दोनों
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एग्जांपल्स को नोटिस नहीं किया है तो भी
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कोई दिक्कत नहीं है क्योंकि आप सभी ने
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लोहे पर जंग लगी हुई तो जरूर देखी होगी तो
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वो भी कोरोजन के कारण ही होती है आयरन के
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केस में कोरोजन को रस्ट कहा जाता है तो
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कोरोजन के कारण काफी मात्रा में कार बॉडीज
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ब्रिजे शिप्स आयरन रेलिंग एंड उनके साथ और
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भी कई मेटल्स जैसे कि सिल्वर और कॉपर खराब
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हो जाते हैं तो कोरोजन एक नेचुरल और स्लो
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प्रोसेस होती है ऐसा नहीं होता कि कोई भी
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मेटल एक या दो दिन में कोड हो जाए और अगर
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हम चाहें तो इन मेटल्स को प्रिवेंट भी कर
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सकते हैं कोरोजन से इसके लिए हमें बस
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सिंपल से कुछ स्टेप्स लेने होते हैं जैसे
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कि हम आयरन के ऑब्जेक्ट्स को पेंट करके
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कोरोजन से प्रिवेंट कर सकते हैं और सिल्वर
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को हम उसे बाहरी कांटेक्ट में ज्यादा ना
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रखकर उसकी रेगुलर क्लीनिंग कर करर
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प्रिवेंट कर सकते हैं इसके साथ कॉपर को
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बेकिंग सोडा और सल्ट का पेस्ट बनाकर उससे
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रेगुलर क्लीन करके इसको प्रिवेंट कर सकते
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हैं कोरोजन से तो जो कोरोजन होता है वो
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काफी हार्मफुल होता है मेटल्स के लिए
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लेकिन इसके साथ-साथ एक मेटल ऐसा भी होता
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है जिसके लिए कोरोजन काफी बेनिफिशियल होता
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है यानी कि उस मेटल को कोरोजन से फायदा
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होता है जो कि होता है एलुमिनियम तो
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एलुमिनियम के केस में कोरोजन बेनिफिशियल
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होता है इसके बाद है ऑक्सीजन का दूसरा
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इफेक्ट जो कि है रेंसिडिटी तो यह प्रोसेस
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होती है स्लो ऑक्सीडेशन की उन फूड मटेरियल
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की जिनमें ऑयल और फैट प्रेजेंट होता है
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जिससे फूड का टेस्ट और उसकी स्मेल खराब हो
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जाती है तो आपने कभी ना कभी काफी फूड
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मटेरियल को खराब होते हुए देखा देख होगा
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जैसे हमारे घरों में सब्जी और भी कई खाने
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की चीजें खराब हो जाती हैं तो जो फूड
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मटेरियल होते हैं वह फैट और ऑयल्स के
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प्रेजेंट होने के कारण ऑक्सीडो जाते हैं
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जिससे इनकी स्मेल और टेस्ट खराब हो जाते
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हैं और यह हमारी हेल्थ के लिए भी काफी
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नुकसानदायक होते हैं तो फूड को रेंसिडिटी
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से यानी कि खराब होने से प्रिवेंट करने के
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लिए कुछ मेथड्स होते हैं जैसे कि हम फूड
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मटेरियल को रेंसिडिटी से प्रिवेंट करने के
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लिए एयर टाइट कंटेनर्स में रख सकते हैं
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जिससे वह एयर के कांटेक्ट में नहीं आएंगे
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और रेंसिडिटी से प्रिवेंट रहेंगे इसके साथ
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हम जो कुक्ड फूड होते हैं जिन्हें हम खुद
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पकाते हैं उन्हें डायरेक्ट सनलाइट के
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कांटेक्ट से प्रिवेंट करके और रेफ्रिजरेटर
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में लो टेंपरेचर पर रखकर प्रिवेंट कर सकते
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हैं इसके साथ-साथ हम फूड मटेरियल को
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एंटीऑक्सीडेंट्स को भी ऐड करके प्रिवेंट
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कर सकते हैं रेंसिडिटी से तो आप लोगों ने
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कभी ना कभी चिप्स तो खाए होंगे तो जब आपने
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चिप्स खाए होंगे तो आपने एक चीज नोटिस की
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होगी कि चिप्स के पैकेट में चिप्स से
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ज्यादा तो हवा भरी हुई होती है तो आप
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लोगों ने कभी सोचा है कि चिप्स में गैस या
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हवा क्यों भरी होती है और यह कौन सी गैस
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होती है जो चिप्स के अंदर भरी होती है तो
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जो चिप्स होते हैं उनके अंदर मेनली
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नाइट्रोजन गैस भरी होती है और यह इसीलिए
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भरी होती है क्योंकि यह गैस चिप्स को
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रेंसिडिटी से प्रिवेंट करती है यानी कि
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इनको ऑक्सीडो से बचाती है तो यह था आपका
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चैप्टर आज की वीडियो में इतना ही मिलते
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