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[संगीत]
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स्टडी आईक्यू आईएस अब तैयारी हुई
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अफोर्डेबल
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विदर्भा इंडिया के ज्योग्राफिकल सेंटर के
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पास लोकेटेड महाराष्ट्र का यह ईस्टर्न
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रीजन जिसमें नागपुर वर्धा भंडारा गढिया
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चंद्रपुर गद चरली अमरावती अकोला यवतमाल
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वशम और बुलदाना जैसे जिले आते हैं आज इस
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रीजन में नागपुर को भारत की लॉजिस्टिक्स
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कैपिटल बनाने का दावा किया जा रहा है
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लेकिन हिस्टॉरिकली रिच और पॉलिटिकली
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इंपोर्टेंट इस रीजन में आपको महाराष्ट्र
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के लोएस्ट लिटरेसी रेट्स देखने को मिलते
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हैं और गध चरली यवतमाल जैसे जिलों में
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ह्यूमन डेवलपमेंट इंडेक्स भी लोएस्ट है और
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तो और दोस्तों ये रीजन महाराष्ट्र की
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जीएसडीपी में सिर्फ 14.8 पर कंट्रीब्यूट
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करता है वहीं एग्रीकल्चरल रिच होने के
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बावजूद 2023 में विदर्भा से 1439 फार्मर
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सुसाइड के केस सामने आए वहीं मराठवाड़ा से
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1088 केसेस थे आज नितिन गडकरी जी के रूप
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में विदर्भा के पास पॉलिटिकल इंपॉर्टेंस
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तो है ही लेकिन इसके साथ-साथ डेमोग्राफिक
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डिविडेंड भी है विदर्भा का भारत के सेंटर
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में होना इस रीजन के लिए एक बड़ी एडवांटेज
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भी है और यहां के रोड रेल और एयर नेटवर्क
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इस एडवांटेज पर चार चांद लगा देते हैं
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नेचुरल रिसोर्सेस से भरपूर कुछ सबसे उपजाऊ
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जमीनों के साथ और महाराष्ट्र की
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इलेक्ट्रिसिटी प्रोडक्शन में महत्त्वपूर्ण
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योगदान देने वाला विदर्भा असल में समृद्धि
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का प्रतीक होना चाहिए था लेकिन फिर भी आज
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डेवलपमेंट के मामले में महाराष्ट्र का यह
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क्षेत्र इतना पीछे क्यों है क्यों
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महाराष्ट्र की लोएस्ट लिटरेसी रेट्स
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ह्यूमन डेवलपमेंट इंडेक्स हमें यहां के
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जिलों में देखने को मिलते हैं और क्यों
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यहां पर हमें हाईएस्ट नंबर ऑफ फार्मर्स ू
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साइट्स देखने को मिलती हैं और क्यों यह
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क्षेत्र महाराष्ट्र की जीएसडीपी में सबसे
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कम कंट्रीब्यूट करता है दोस्तों इसके पीछे
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ऐसे कुछ रीजंस हैं जिनके बारे में आप सोच
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भी नहीं सकते और दोस्तों इन कारणों को
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जानने के लिए इस वीडियो को लाइक जरूर करें
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एंड टारगेट करते हैं इस वीडियो पर 10000
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लाइक्स के लेकिन आगे बढ़ने से पहले मैं
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आपको बता दूं कि यह टॉपिक यूपीएससी जीए 2
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जीए 3 और एसए के लिए काफी इंपॉर्टेंट है
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और अगर आप भी यूपीएससी की तैयारी कर रहे
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हैं तो आपको भी अपना विजन लॉन्ग टर्म रखने
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की जरूरत है दोस्तों आपको आज से ही जुटना
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होगा आज से ही अपनी प्रिपरेशन स्टार्ट
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करनी पड़ेगी यूपीएससी सिविल सर्विसेस
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एग्जाम एक ऐसा एग्जाम नहीं है जिसको आप
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सिर्फ 3 महीने में पढ़कर क्रैक कर पाएं
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इसके लिए आपको लॉन्ग टर्म प्लानिंग की
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जरूरत है और दोस्तों इसीलिए स्टडी आईक्यू
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आपके लिए लेकर आया है पीट आई फाउंडेशन
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बैचेज तो दोस्तों अगर आप भी यूपीएससी
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सिविल सर्विसेस की प्रिपरेशन कर रहे हैं
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तो आपको भी अपना विजन लॉन्ग टर्म रखना
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होगा कंसिस्टेंटली मेहनत करनी पड़ेगी और
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डेली जुट करर लगना पड़ेगा देखिए यह एग्जाम
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ऐसा नहीं है जिसको आप सिर्फ 3 महीने में
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पढ़कर निकाल ले और दोस्तों इसीलिए आपको
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कमिटमेंट करने की जरूरत है और जो लोग
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कमिटमेंट कर सकते हैं उनके लिए स्टडी
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आईक्यू लेकर आया है पीट आई फाउंडेशन बैचेज
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दोस्तों इन बैचेज में एडमिशन लेकर आप आप
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अच्छे तरीके से अपनी प्रिपरेशन कर सकते
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हैं इन बैचेज में आपको पर्सनल मेंटरशिप के
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द्वारा फुली सपोर्ट दिया जाएगा इसके
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साथ-साथ हर क्लासेस में आपको आंसर राइटिंग
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और एमसीक्यू प्रैक्टिस तो मिलेगी ही लेकिन
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उसके साथ-साथ हैंड रिटन नोट्स भी मिलेंगे
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जो आपका बहुत टाइम सेव करेंगे तो दोस्तों
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अगर आप भी इस एग्जाम को एक बार सीरियसली
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देकर देखना चाहते हैं तो आपके लिए स्टडी
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आईक्यू का पीट आई फाउंडेशन बैच है तो
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दोस्तों इन बैचेज में एडमिशन लेने के लिए
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आप मेरे कोड आरटी लाइफ का इस्तेमाल कर
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सकते हैं और दिए गए इन सोशल मीडिया
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हैंडल्स पर आप मुझसे कांटेक्ट भी कर सकते
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हैं तो चलिए दोस्तों वीडियो पर वापस आते
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हैं विदर्भा महाराष्ट्र के ईस्टर्न पार्ट
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में स्थित अपने डावर्स ज्योग्राफी और
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मिनरल फॉरेस्ट रिसोर्सेस के लिए जाना जाता
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है लगभग
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97321 स्क्वायर किलोमीटर के क्षेत्र में
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फैला विदर्भा 11 डिस्ट्रिक्ट से मिलकर
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बनता है जो इंडिया के सेंटर के पास
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लोकेटेड है ये रीजन नॉर्थ में मध्य प्रदेश
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ईस्ट में छत्तीसगढ़ और साउथ में तेलंगाना
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एंड वेस्ट में महाराष्ट्र के अन्य
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क्षेत्रों से घिरा है जिसके नदन एरियाज
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में सतपुरा रेंजेस देखने को मिलती हैं जो
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बुलदाना अमरावती और नागपुर जिलों में फैली
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हैं जहां आपको रगड टरेन घने वन और अनेक
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नदियां जैसे कि वर्धा और वाई गंगा और उनकी
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ट्रिब्यूटरीज देखने को मिलती है और दक्षिण
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गंगा कही जाने वाली गोदावरी इस क्षेत्र के
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दक्षिण भाग से होकर गुजरती है वहीं सदन
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विदर्भा डकन प्लट का हिस्सा है जो समतल है
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और काली कपास मिट्टी यानी कि ब्लैक सॉइल
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से कवर्ड है और इसलिए यह रीजन एग्रीकल्चरल
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बहुत इंपॉर्टेंट है खास रूप से कॉटन
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सोयाबीन और विभिन्न दालों की खेती यहां
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होती है लेकिन वेस्टर्न घाट के रें शैडो
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रीजन में होने की वजह से ये क्षेत्र बारिश
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की अनिश्चिता और सूखे का सामना करता है जो
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एग्रीकल्चर डिस्ट्रेस का कारण बनता है
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इसके साथ-साथ इस रीजन में आपको कोल
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मैंगनीज और लाइमस्टोन के बड़े रिजर्व्स
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देखने को मिलते हैं चंद्रपुर के कोल
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रिजर्व्स और भंडारा और नागपुर के मैगनीज
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और आयरन ओ रिजर्व्स प्रॉमिनेंट एग्जांपल्स
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हैं गद चरली और चंद्रपुर जैसे डिस्ट्रिक्ट
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में आपको रिच फॉरेस्ट रिसोर्सेस भी देखने
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को मिलते हैं जिसमें टोबा धारी टाइगर
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रिजर्व प्रमुख और इस रिसोर्स रिच लैंड को
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चार चांद लगाता है यहां का ट्रांसपोर्ट
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नेटवर्क विदर्भा से एन 44 एनए 47 एनए 53
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और एनए 63 गुजरते हैं जो इस रीजन को नॉर्थ
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इंडिया वेस्ट इंडिया ईस्ट और साउथ इंडिया
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का डायरेक्ट कनेक्टिविटी प्रोवाइड करते
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हैं और साथ-साथ बन रहा समृद्धि महामार्ग
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एक्सप्रेसवे विदर्भा को मुंबई पोर्ट की
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डायरेक्ट कनेक्टिविटी देता है और
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विशाखापट्नम का मेजर पोर्ट यहां से सिर्फ
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789 किलोमीटर दूर लोकेटेड है हेंस दोनों
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ही वेस्ट और ईस्ट कोस्ट के बीचोबीच
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विदर्भा प्लेस है और इस रोड कनेक्टिविटी
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को सपोर्ट करती है रेल एंड एयर
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कनेक्टिविटी इस रीजन में आपको इंडियन
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रेलवेज के नागपुर जंक्शन वर्धा जंक्शन
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बल्लरशाह जंक्शन अमरावती जंक्शन चंद्रपुर
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जंक्शन और अकोला जंक्शंस देखने को मिलते
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हैं जो इस रीजन की पूरे देश से
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कनेक्टिविटी इंश्योर करते हैं आज नागपुर
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का डॉक्टर बाबासाहेब अंबेडकर इंटरनेशनल
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एयरपोर्ट यहां का मेन एयरपोर्ट है लेकिन
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अमरावती एयरपोर्ट यवतमाल माल एयरपोर्ट और
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चंद्रपुर एयरपोर्ट अंडर कंस्ट्रक्शन है
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हिंस आप देख ही सकते हैं कि फिजिकल सेटिंग
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नेचुरल रिसोर्सेस और कनेक्टिविटी के मामले
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में यह रीजन कितना समृद्ध है लेकिन इतिहास
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ने इस रीजन के साथ थोड़ी नाइंसाफी की है
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देखिए विदर्भा जो इतिहास में बेरार के नाम
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से जाना गया है एक समृद्ध और विविध इतिहास
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रखता है महाभारत में इसे रुक्मिणी के
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राज्य के रूप में उल्लेखित किया गया और
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वैदिक युग के दौरान विदर्भा एक प्रसिद्ध
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राज्य था जिसकी राजधानी कुंडीपुरा थी यह
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क्षेत्र सतवाह वाकाटक और राष्ट्र कुत जैसे
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अनेक वंश के राज्यों में फला फुला वाकाटक
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वंश विशेष रूप से अपनी कला और संस्कृतिक
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योगदान विशेषकर अजंता वेव्स के लिए जाना
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गया मिडिवल टाइम्स में विदर्भा यादव और
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फिर डेल्ली सल्ट निट और बहमनी सुलतानत के
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कब्जे में आया जिसके बाद यह क्षेत्र बाद
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में मुगल साम्राज्य का हिस्सा बना जहां
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अकबर के शासन में कृषि और व्यापार का
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विकास हुआ लेकिन इसके बाद मुगल काल में
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विदर्भ एक नेगलेक्टेड रीटन बनकर रह गया
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क्योंकि यह रीजन मुगल ट्रेड रूट्स और
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राजनीतिक केंद्रों से दूर था और इस रीजन
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के घने जंगल इस इलाके की एक्सेसिबिलिटी और
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स्ट्रेटेजिक इंपॉर्टेंस को कम कर देते थे
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लेकिन मराठा काल में भोंसले वंश ने नागपुर
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को अपनी राजधानी बनाया और इसे एक बड़े
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शक्ति और सांस्कृतिक केंद्र में तब्दील
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किया लेकिन दोबारा 19वीं सदी में ब्रिटिश
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ईस्ट इंडिया कंपनी ने विदर्भा को अपने
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कब्जे में लेकर इसे सेंट्रल प्रोविंस और
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बेरार में शामिल किया जिसके बाद यह
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क्षेत्र दोबारा नेगलेक्ट में चला चला गया
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क्योंकि ब्रिटिशर्स के लिए ना ही यहां
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एग्रीकल्चर ना ही यहां के ट्रेड रूट्स
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इंपॉर्टेंट थे वहीं रिमोट लोकेशन की वजह
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से यहां के मिनरल रिसोर्सेस को एक्सप्लोर
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करना भी पॉसिबल नहीं था स्वतंत्रता के बाद
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विदर्भा महाराष्ट्र राज्य का हिस्सा बन
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गया लेकिन इस हिस्टोरिकल नेगलेक्ट के कारण
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ही समय के साथ यह रीजन महाराष्ट्र का
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पिछड़ा क्षेत्र बन गया और इसलिए मराठी
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स्पीकिंग विदर्भा में 1900 से ही हमें
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सेपरेट स्टेट की गोंद सुनाई देने लगी पहली
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बार 1स्ट अक्टूबर 1938 को नागपुर में
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विदर्भा को अलग राज्य बनाने की मांग उठी
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जिसे डॉ बाबासाहेब अंबेडकर ने भी सपोर्ट
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किया 1956 में फजल अली समिति ने भी
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विदर्भा को अलग राज्य बनाने की सिफारिश की
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लेकिन 1956 के स्टेट रीऑर्गेनाइजेशन एक्ट
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में विदर्भा को महाराष्ट्र राज्य के साथ
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मिला दिया गया लेकिन सेपरेट विदर्भा की
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डिमांड को शांत करने के लिए नागपुर पैक्ट
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के तहत यह फैसला लिया गया कि महाराष्ट्र
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की एक विंटर सेशन असेंबली हर साल नागपुर
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में होगी लेकिन यह भी अपने मकसद में सफल
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नहीं हो पाया और इस रीजन को पॉलिटिकल
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इंपॉर्टेंस नहीं दिला पाया लेकिन आज भी
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विदर्भा विकास के मामले में सबसे पीछे है
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और इसके पीछे कुछ मेन रीजंस हैं चलिए
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डिस्कस करते वेस्टन महाराष्ट्र को विदर्भा
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के मुकाबले ज्यादा पॉलिटिकल अटेंशन तो
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मिलती ही है लेकिन उसके साथ-साथ फंडिंग भी
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ज्यादा मिलती है महाराष्ट्र सरकार का बजट
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अक्सर मुंबई और पुणे के विकास पर ज्यादा
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खर्च होता है जबकि इंपॉर्टेंट होने के
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बावजूद विदर्भा के डिमांड को उतना महत्व
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नहीं मिलता 2023 24 के महाराष्ट्र बजट में
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मुंबई और पुणे के इंफ्रास्ट्रक्चर
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प्रोजेक्ट्स के लिए 336000 करोड़ लोकेट
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हुए जबकि विदर्भा के लिए सिर्फ 000 करोड़
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इसके साथ-साथ विदर्भा की इकोनॉमिक
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एक्टिविटीज एग्रीकल्चर पर बेस्ड हैं
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जिसमें आय के स्रोत सीमित हैं फॉर
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एग्जांपल पुणे और मुंबई आईटी
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मैन्युफैक्चरिंग मीडिया फाइनेंस
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टेक्सटाइल्स के गढ़ हैं वहीं विदर्भा में
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ऐसी इंडस्ट्रीज की कमी है पुणे में फोस और
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टीसीएस जैसी आईटी कंपनीज हैं लेकिन
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विदर्भा में रिसेंटली ही एक इंडस्ट्रियल
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पार्क को एस्टेब्लिश किया गया इसके विपरीत
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मराठवाड़ा में भी इ ट्रीज का विकास धीरे
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से हो रहा है लेकिन यहां के शहरों में
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ऑटोमोबाइल और मैन्युफैक्चरिंग अच्छी ग्रो
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हुई है जिसमें बजज ऑट और स् ऑटो जैसे
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प्लांट्स शामिल हैं अगर एजुकेशन की बात
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करें तो पुणे और मुंबई में अनेक प्रसिद्ध
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शिक्षा संस्थान हैं जो देश भर के
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स्टूडेंट्स को अट्रैक्ट करते हैं विदर्भा
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में ऐसे इंस्टीट्यूशंस की कमी है जो
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इन्वेस्टमेंट और टैलेंट को अट्रैक्ट कर
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सके और मराठवाड़ा और विदर्भा से स्टूडेंट
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हायर एजुकेशन प्राप्त करने के लिए मुंबई
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और पुणे जैसी सिटीज को ही चुनते हैं और
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ऐसा ही हाल एंप्लॉयमेंट अपॉर्चुनिटी का है
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फॉर इंस्टेंस विदर्भा के नागपुर और
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अमरावती जैसे शहरों से यूथ मुंबई और पुणे
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जैसे सिटीज में जॉब अपॉर्चुनिटी के लिए
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माइग्रेट करते हैं विदर्भा एंड मराठवाड़ा
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ट्रैप्ड इन अ विशय साइकिल रिपोर्ट के
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मुताबिक विदर्भा में सिर्फ 3 लाख जॉब्स
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हैं जबकि पुणे डिवीजन में 75000 स्मॉल एंड
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मीडियम यूनिट्स में 88.7 लाख लोग एंप्लॉयड
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हैं और कंकन रीजन के 48000 यूनिट्स में
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7.5 लाख लोग एंप्लॉयड हैं इसके साथ-साथ
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विदर्भा एग्रीकल्चरल चैलेंज भी फेस करता
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है वेस्टर्न घाट के लीव्ड साइड में
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लोकेटेड होने की वजह से बारिश की
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अनिश्चिता और सूखा यहां की मेजर
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प्रॉब्लम्स हैं नेशनल क्राइम रिकॉर्ड
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ब्यूरो के रिपोर्ट के अनुसार महाराष्ट्र
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में होने वाले फार्मर सुसाइड्स का एक बड़ा
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हिस्सा विदर्भा में होता है फॉर एग्जांपल
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2015 में विदर्भा में 1569 फार्मर
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सुसाइड्स रिपोर्ट हुई थी जो महाराष्ट्र के
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कुल फार्मर सुसाइड का एक सिग्निफिकेंट
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हिस्सा था मराठवाड़ा भी इसी प्रॉब्लम का
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मुकाबला कर रहा है जहां भी कृषि संकट और
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फार्मर सुसाइड एक मेजर इशू है 2015 में
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मराठवाड़ा में भी लगभग
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1135 फार्मर सुसाइड्स हुई टूरिज्म एक और
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इंपॉर्टेंट सेक्टर है जो विदर्भा को उभार
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सकता है लेकिन इसमें भी विदर्भा लैक करता
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है देखिए
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कोनकला का टूरिज्म सेक्टर अच्छी तरह से
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डेवलप्ड है जो सिग्निफिकेंट टूरिस्ट
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रेवेन्यू जनरेट करता है वहीं विदर्भा के
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पास डोबा अंधारी टाइगर रिजर्व जैसे नेचुरल
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अट्रैक्शंस होने के बावजूद
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इंफ्रास्ट्रक्चर और प्रमोशन की कमी के
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कारण टूरिज्म उतना डेवलप नहीं हुआ है और
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स्टेट गवर्नमेंट की यही लेथार्जी हमें
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इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट में भी देखने
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को मिलती है विदर्भा को इंडिया की
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लॉजिस्टिक्स कैपिटल बनाने के लिए लगभग 20
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साल पहले 2005 में महान प्रोजेक्ट लॉन्च
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हुआ लेकिन अभी तक भी यह प्रोजेक्ट कंप्लीट
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नहीं हुआ है इसके साथ-साथ मुंबई और पुणे
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के पास एडवांस्ड पब्लिक ट्रांसपोर्ट
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सिस्टम्स हैं जैसे कि लोकल ट्रेंस और
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मेट्रो नेटवर्क्स मुंबई का लोकल ट्रेन
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नेटवर्क दुनिया का सबसे बिजी और एफिशिएंट
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सिस्टम में से एक माना जाता है पुणे में
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भी मेट्रो काफी एडवांस स्टेज में है और
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रैपिड एक्सपेंड हो रही है विदर्भा के शहर
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जैसे नागपुर में इंफ्रास्ट्रक्चर अभी भी
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डेवलपिंग स्टेज में है नागपुर का मेट्रो
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प्रोजेक्ट अभी भी अपने इनिशियल स्टेज में
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है जबकि पुणे और मुंबई के मेट्रो सिस्टम
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टम्स ऑलरेडी वेल इस्टैब्लिशमेंट
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फेज में है और पूरे शहर को कवर करने में
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इसको और ज्यादा टाइम लगेगा इन रीजंस में
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हेल्थ केयर का भी यही हाल है जहां
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महाराष्ट्र स्टेट की डॉक्टर पेशेंट रेशियो
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ऑन एन एवरेज 1 834 है वहीं विदर्भा में ये
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रेशियो
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1:100 है यानी कि लगभग डबल हेंस विदर्भा
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की बैकवर्ड्स के पीछे का असली कारण
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कंसिस्टेंट नेगलेक्ट और लैक ऑफ फोकस
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डेवलपमेंट पॉलिसीज है विदर्भा जो इतिहास
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भूगोल और प्राकृतिक संसाधनों से भरपूर है
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वेस्टर्न महाराष्ट्र के मुकाबले इस रीजन
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को पॉलिटिकल और इकोनॉमिक प्रायोरिटी इजेशन
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में पीछे रखा गया और इसलिए यहां अलग राज्य
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बनाने के लिए बार-बार मांग उठती रहती है
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तो दोस्तों इस रीजन को आज की पॉलिटिकल
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रियलिटी से देखते हुए क्या बिना
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महाराष्ट्र से अलग किए डेवलप किया जा सकता
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है चलिए जानते हैं देखिए सबसे पहले तो
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फोकस करना होगा इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट
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पर विदर्भा में मिहान और नागपुर मुंबई
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समृद्धि महामार्ग जैसे प्रोजेक्ट्स को
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एक्सल ट करने की जरूरत है और साथ ही साथ
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महाराष्ट्र के बजट में इस रीजन के लिए
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फंडिंग बढ़ाने की भी जरूरत है विदर्भ में
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इन्वेस्टमेंट अट्रैक्ट करने के लिए
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फाइनेंशियल इंसेंटिव्स प्रोवाइड करने
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चाहिए फॉर एग्जांपल टैक्स ब्रेक्स और
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सब्सिडीज से इंडस्ट्रीज और स्टार्टअप्स को
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इनकरेज किया जा सकता है और इन स्टेप्स को
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कंप्लीमेंट करने के लिए बेटर गवर्नेंस और
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पॉलिसी इंप्लीमेंटेशन जरूरी है लोकल
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गवर्नेंस को स्ट्रेंथ करके रीजनल इश्यूज
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को इफेक्टिवली टैकल किया जा सकता है
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विदर्भा के यूथ को इंगेज करने के लिए
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स्पोर्ट फैसिलिटी कल्चर सेंटर्स और
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रीक्रिएशनल एक्टिविटीज को प्रमोट करना भी
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इंपॉर्टेंट है साथ ही साथ यूथ की स्किल
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डेवलपमेंट पर फोकस और उन्हें बेटर एंप्लॉय
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बल बनाने की जरूरत है इसके अलावा विदर्भा
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के किसानों को बेटर इरिगेशन फैसिलिटी और
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क्रॉप इंश्योरेंस स्कीम्स का सपोर्ट देना
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होगा फॉर इंस्टेंस प्रधानमंत्री फसल बीमा
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योजना को इफेक्टिवली इंप्लीमेंट करके
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किसानों को ड्रॉट और क्रॉप फेलियर से
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बचाया जा सकता है और साथ ही मॉडर्न
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फार्मिंग टेक्निक्स प्रोवाइड करना और
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फार्मर्स को डायरेक्ट मार्केट एक्सेस देना
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जरूरी है सस्टेनेबल एग्रीकल्चर से
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फार्मर्स की इनकम बढ़ेगी और उनका जीवन
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सुधरेगा गवर्नमेंट ने नेशनल मिशन फॉर
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सस्टेनेबल एग्रीकल्चर लॉन्च किया है जो
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क्लाइमेट रेजिलिटी फार्मिंग टेक्निक्स को
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प्रमोट करता है और फार्मर्स को मॉडर्न
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टेक्निक्स अडॉप्ट करने में मदद भी करता है
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एडिशनल प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना जैसी
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स्कीम्स फार्मर को क्रॉप इंश्योरेंस
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प्रोवाइड करती हैं जो उन्हें नेचुरल
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कैलेमिटीज के टाइम में प्रोटेक्शन देती
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हैं और एग्रीकल्चर को डिजास्टर रेजिल
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बनाने के लिए इस रीजन में फ्लज कंट्रोल
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करने की भी जरूरत है फ्लज से होने वाले
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इकोनॉमिक और एग्रीकल्चरल लॉसेस को कम करने
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के लिए प्रॉपर प्लानिंग और एग्जीक्यूशन
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जरूरी है फॉर एग्जांपल प्रधानमंत्री कृषि
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सिंचाई योजना के तहत बेटर इरिगेशन
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फैसिलिटी एस्टेब्लिश की जा रही हैं जो
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फ्लड्स के इंपैक्ट को कम करने में मददगार
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हैं पीएम केएसवाई के अंडर इरिगेशन और वाटर
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कंजर्वेशन प्रोजेक्ट्स इंप्लीमेंट किए जा
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रहे हैं जो फ्लड मैनेजमेंट और सस्टेनेबल
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एग्रीकल्चर के लिए बेनिफिशियल हैं इसके
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साथ-साथ इस रीजन में ओवरऑल डेवलपमेंट के
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लिए हेल्थ केयर को भी इंप्रूव करने की
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जरूरत है जैसे कि गवर्नमेंट ने आयुष्मान
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भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना जैसे
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इनिशिएटिव लॉन्च किए हैं जो इकोनॉमिकली
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डिसएडवांटेज फैमिलीज को हेल्थ केयर कवरेज
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प्रोवाइड करते हैं और हेल्थ केयर एक्सेस
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इंप्रूव करते हैं लेकिन इस एरिया में और
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पुश की जरूरत है खास रूप से न्यू
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हॉस्पिटल्स को बिल्ड एंड डॉक्टर पेशेंट
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रेशो को इंप्रूव करने की आवश्यकता है
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स्कूल्स और हायर एजुकेशन इंस्टीट्यूशंस
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में इन्वेस्टमेंट करना वोकेशनल ट्रेनिंग
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प्रोग्राम्स इंट्रोड्यूस करना और लिटरेसी
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रेट्स इंप्रूव करना भी बेहद इंपॉर्टेंट है
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हायर एजुकेशन और स्किल डेवलपमेंट से यूथ
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को नई अपॉर्चुनिटी मिलेंगी और रीजन का
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ओवरऑल डेवलपमेंट होगा गवर्नमेंट स्कीम
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जैसे प्रधानमंत्री कुशल विकास योजना
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वोकेशनल ट्रेनिंग प्रोग्राम्स को प्रमोट
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करती हैं और यूथ को एंप्लॉय बल स्किल से
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इक्विप भी इसके साथ-साथ नेशनल एजुकेशन
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पॉलिसी 2020 एजुकेशन क्वालिटी और
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इंफ्रास्ट्रक्चर को इंप्रूव करने के लिए
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स्टेप्स इंप्लीमेंट कर रही है लेकिन ऑन
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ग्राउंड इसका कितना फायदा हो रहा है यह
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परखना काफी इंपॉर्टेंट है विदर्भा का डोबा
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अंधारी टाइगर रिजर्व और अदर अट्रैक्शन को
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प्रमोट करना चाहिए इंफ्रास्ट्रक्चर और
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मार्केटिंग एफर्ट्स बढ़ाकर विदर्भा को
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टूरिज्म सेक्टर भी वेस्टर्न महाराष्ट्र
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जैसा डेवलप किया जा सकता है दोस्तों
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विदर्भा का विकास ना सिर्फ महाराष्ट्र
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बल्कि पूरे भारत के लिए एक महत्त्वपूर्ण
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कदम है इस रीजन के पास इतने नेचुरल
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रिसोर्सेस स्ट्रेटेजिक लोकेशन और
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डेमोग्राफिक डिविडेंड होने के बावजूद यह
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पिछड़ा हुआ है जो सिर्फ सही पॉलिसीज और
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फोकस्ड एफर्ट्स की कमी की वजह से है और इन
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इनिशिएटिव की इफेक्टिव इंप्लीमेंटेशन से
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ही इंडिया की डेवलपमेंट स्टोरी में
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विदर्भा अपना उचित स्थान प्राप्त कर पाएगा
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तो दोस्तों अगर आपको यह वीडियो पसंद आई तो
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इसको शेयर जरूर कीजिए आपसे मेरी मुलाकात
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