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हेलो एवरीवन दिस इसे भावना आप सभी का
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स्वागत है कॉलेज विद भावना में तो कैसे
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हैं आप सब आई होप आप सब अच्छे होंगे थोड़ी
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बहुत पढ़ भी कर रहे होंगे जैसा की थोड़ी
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बहुत वीडियो हमने अपलोड किए हैं तो वो
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आपने पढ़ ली होंगी है ना हमने सीसी 4 की
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फर्स्ट यूनिट हम कंप्लीट कर चुके हैं ठीक
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है जो की फुल ऑफ कंटेंट है तो आप पढ़ सकते
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हैं कानों में लीड लगाकर बहुत इजीली होता
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है ठीक है अगर आप अच्छे से समझ लेते हैं
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तो आप जब कॉपी लिखते हैं पेपर में तो आप
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इजीली लिख सकते हैं हम ठीक है क्योंकि
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समझने के कॉपी लिख सकते हैं अगर आप रेट
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मरेंगे तो कभी नहीं लिख सकते और समझ लेंगे
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ना तो कहानी से समझ ए जाएगी और वहां बना
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बना के लिख सकते हैं ठीक है और एग्जामिनर
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भी ये नहीं कहता की भाई तुम एक्चुअली लिखो
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एग्जामिनर का मतलब होता है की बस तुम्हें
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रेलीवेंट लिखना होता है की जो टॉपिक है
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उससे अलग नजे टॉपिक के अकॉर्डिंग जो टॉपिक
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के अंदर है उसी की थीम पे कुछ ना कुछ बना
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के लिख सकते हैं आप ठीक है तो आज हम
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स्टार्ट करने वाले हैं सी सी वैन
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cc1 ठीक है कंटेंपरेरी इंडिया एंड एजुकेशन
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क्या नाम है कंटेंपरेरी
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कंटेंपरेरी इंडिया एंड एजुकेशन को शुरू
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करेंगे
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ठीक है तो काफी इजी भी है और काफी हार्ड
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भी है यह जो बुक है किसी को हार्ड लाइक दे
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किसी को इजी लगती है लेकिन जो आर्ट
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बैकग्राउंड से हैं उन्होंने कहीं ना कहीं
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चीज टच की होंगी लेकिन जो साइंस
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बैकग्राउंड से या फिर कॉमर्स बैकग्राउंड
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हैं उनके लिए नहीं होंगी जब मैंने बेड की
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थी तो मुझे ये बुक बिल्कुल नहीं लगी थी
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क्योंकि मैं साइंस बैकग्राउंड से मैंने
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कभी वैदिक एजुकेशन और कभी ना ही मैंने
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लॉर्ड मैकाले क्यों कुछ भी मैंने नहीं
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पढ़ा था ना कभी यह इस तरह की चीज देखी थी
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बस सुनी थी की हान वेद होते हैं पुराण
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होते हैं ऋग्वेद तो ये चीज मैंने सुनी थी
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तो उसे टाइम बहुत टिपिकल लग रही थी तो मैं
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आपकी सिचुएशन समझ सकती हूं की आपको भी ये
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ऐसे ही लगता होगा की भाई क्या है है ना
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तो स्टार्ट करते हैं अगर आप चैनल पर नए
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हैं तो सब्सक्राइब कर लें कॉलेज विथ भावना
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को ठीक है आज हम करने वाले हैं वैदिक
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एजुकेशन और अगर आप अपडेट देने जा रहे हैं
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तो सब्सक्राइब कर लें लेट्स क्रैक को ठीक
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है लेट्स क्रिएट हमारा फर्स्ट चैनल है
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जहां पे अब तक सीटेट की क्लासेस चल रही थी
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अब वहां पे अपडेट की क्लासेस चली हुई है
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ठीक है तो स्टार्ट करते हैं वैदिक एजुकेशन
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देखो ये बेड में भी टॉपिक है और जो एम एड
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फर्स्ट से है उनके लिए भी टॉपिक बिल्कुल
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कॉमन है ठीक है बिल्कुल कॉमन है कुछ भी
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चेंज नहीं है बस यह है की M.Ed में थोड़ा
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सा दीप हो जाता है और B.Ed में आप थोड़ा
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कम भी लिख देंगे तो भी आपका कम चल जाएगा
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ठीक है तो स्टार्ट करते हैं बेसिकली
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भाई वैदिक एजुकेशन जो फर्स्ट हमारी यूनिट
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है कंटेंपरेरी इंडियन एजुकेशन की उसका नाम
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है एजुकेशन इन वैदिक पीरियड यानी क्या है
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वेद वेदों के टाइम पे किस तरह के सिक्सर
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थी वैदिक पीरियड जो था उसे टाइम पे कैसी
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सिक्सर थी कैसे शिक्षा का शुभारंभ हुआ
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कैसे शिक्षा शुरू हुई किस तरह के शिक्षक
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दी जाती थी कैसे बच्चे द कैसे से गुरु द
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तो सारी चीज इसी के अंदर आती है वैदिक
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एजुकेशन के अंदर ठीक है तो वैदिक एजुकेशन
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का जो पीरियड है वैदिक जो कल है वो है
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2520 से 520 तक का ठीक है तो ये ये सिंपल
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इंट्रोडक्शन है इसका ठीक है बाकी चीज हम
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आगे पढ़ेंगे ठीक है एक बार आप टच कर लेंगे
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तो आपको चीज समझ आने लगेंगे भाई क्या होता
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है देखो वह क्या है हमारी एजुकेशन हम
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सोचते हैं पता नहीं किसने बनाई होगी ये
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पढ़ है ना सोचते हैं ना तो ये जो एजुकेशन
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है ये कब से शुरू हुई वैदिक कल से शुरू
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हुई ठीक है कब से शुरू हुई वैदिक कल से
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शुरू हुई ये हमारी जो एजुकेशन है ये वेद
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पे डिपेंड करते हैं जो हमारे चार वेद हैं
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ये हमारी एजुकेशन की नीव है फाउंडेशन है
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अगर इंडिया में बोले तो इंडिया में
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एजुकेशन कब शुरू हुई वेद के टाइम पे वैदिक
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एजुकेशन के टाइम पे वैदिक पीरियड के टाइम
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पे ठीक है
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तो इस टाइम पर क्या था चार वेद चार वेद
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हैं भाई सबको पता है चार वेद होते हैं कौन
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सा है ऋग्वेद है जो की सबसे पुराना वेद है
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फिर सामवेद है atharved और यजुर्वेद है
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ठीक है तो एजुकेशन हमारी वैदिक पीरियड में
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स्टार्ट हुई इंडिया में ठीक है तो यहां तक
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की बात क्लियर है अगर लिटरली मीनिंग देखा
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जाए वेद वैदिक सॉरी वेद का तो क्या होता
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है ज्ञान क्या होता है नॉलेज जो वैदिक जो
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वेद वर्ड है ये किस डेरिव हुआ है विद वर्ड
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से डेरिवेद हुआ है जिसका मतलब है जानना
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ठीक है तो जो एजुकेशन थी वैदिक पीरियड में
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वो डिपेंड थी वो बेसिक पे ऋग्वेद पे वो
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किस पे आधारित थी ऋग्वेद पे जो की हमारा
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सबसे पुराना वेद है ठीक है तो यह कुछ
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इंट्रोडक्शन आपको ये पढ़ने की जरूरत नहीं
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है मैंने बता दिया बस सन लीजिए ठीक है
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सिंपल सी बात है हमारी एजुकेशन कब से शुरू
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हुई वैदिक एजुकेशन की वैदिक पीरियड के
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टाइम पे ये एक तरह से हमारी एजुकेशन का
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फाउंडेशन था बेस था क्योंकि हमारे शिक्षा
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वहीं से शुरू मणि जाती है ठीक है जो सबसे
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पुराना वेद है वो कौन सा है ऋग्वेद है वेद
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का मतलब क्या होता है वेद का मतलब होता है
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जानना नॉलेज लेना ठीक है ज्ञान लेना
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तो स्टार्ट करते हैं उसे टाइम पर जो
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एजुकेशन थी उसका क्या स्ट्रक्चर था किस
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तरह से वो ऑर्गेनाइज की गई थी यानी शिक्षा
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की संरचना और संगठन कैसा था भाई देखो
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सिंपल सी बात है अब जो हमारी एजुकेशन है
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वो भी इस तरह के हैं नेप को अगर इंक्लूड
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ना करें तो ऐसे ये की पहले प्राइमरी में
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जाते हैं हम हैं ना फिर क्या है सेकेंडरी
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में जाते हैं फिर हायर सेकेंडरी में जाते
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हैं तो पहले टाइम पे क्या था फर्स्ट थी
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प्राइमरी एजुकेशन यानी दो पार्ट में
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डिवाइड किया गया था और हायर एजुकेशन यानी
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प्राइमरी एजुकेशन और हायर एजुकेशन यानी
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प्राथमिक शिक्षा और उच्च शिक्षा ठीक है तो
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जो प्राइमरी एजुकेशन थी ये बच्चे को घर पे
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ही दी जाती थी ठीक है क्या होता था इस
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टाइम पे एक संस्कार होता था विद्या आरंभ
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संस्कार क्या है विद्या आरंभ संस्कार क्या
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बोलते हैं इसे कमेंट ऑफ एजुकेशन अब ये समझ
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में नहीं आया होगा सिंपल सी बात है समझो
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क्या है विद्यारंभ का क्या मतलब होता है
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विद्या का आरंभ होना यानी एजुकेशन की
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स्टार्टिंग होना तो एजुकेशन के स्टार्टिंग
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हुआ करती थी उसे बोलते द विद्याराम
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संस्कार ठीक है
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भाई सिंपल सी बात है तो क्या होता था इस
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टाइम की बच्चा जब 5 साल का हो जाता था तो
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एक अच्छा सा आॅस्पाइसियस दे देख के मतलब
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सिंपल सा जैसे की हम शादी हमारे घरों में
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शादी होती है तो हम क्या है एक अच्छा सा
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दिन देखते हैं की शुभ मुहूर्त देखो की कब
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है तो इसी तरह से एक शुभ मुहूर्त देख के
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एक अच्छा दिन देख के उसे दिन ये सेरेमनी
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अटेंड की जाती थी कराई जाती थी क्या होता
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था जो घर का पुजारी होता है फैमिली जो
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पृष्ठ होता है फैमिली पृष्ठ जो होता है
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उसे बुलाया जाता था फैमिली प्रीस्ट का
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मतलब पता क्या है पुजारी जो घर का पुजारी
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होता है जैसे की भाई एक ही पंडित सिद्ध
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करते हैं सारे हवन भी कराएंगे हम पूजा भी
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कराएंगे घर में शादी हो तो फेरे भी कोई
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पंडित डालेगा तो एक ही पिंडा आता है सबके
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घरों में तो क्या था जो फैमिली पेस्ट होता
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था उसे बुलाया जाता था किसी अच्छे से दिन
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में और क्या है बच्चे को नहलाया जाता था
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नए कपड़े पहनाए जाते द और बच्चे को उसकी
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पुजारी के सामने प्रेजेंट किया जाता हान
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ठीक है तो पुजारी क्या करता था की देव
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देवताओं की पूजा होती थी उनका आह्वान होता
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था कैसे मेट्रो के द्वारा ठीक है
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फिर क्या करता है पुजारी एक कपड़े पे नाच
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के दाने लेके बहुत सारे ने का ढेर लगा
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दिया जैसे की आपने भी बचपन में किया होगा
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की रेट पड़ा होता है तो उससे उंगली पर नाम
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लिख रहे हैं या कुछ भी लिख रहे हैं तो
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पुजारी क्या करता था बच्चे की उंगली पकड़
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के उससे अल्फाबेट बनवेट द यानी वो होता था
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विद्या आरंभ संस्कार यानी विद्या का आरंभ
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होता था कैसे देवताओं को देवी देवताओं का
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आवन करके मेट्रो से और बच्चे की उंगली
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पकड़ के उससे ने पे क्या है अल्फाबेट
00:07:35
बनवाना ठीक है तो उसे बोलते द vidyaran
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संस्कार फिर उसके बाद क्या है पंडित को
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खाना खिलाया जाता था दक्षिण देके और जय
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श्री राम भैया और वो आशीर्वाद देते चले
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जाते द तो ये था प्राइमरी एजुकेशन का पूरा
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प्रक्रिया आई होप आपको समझ आया होगा ठीक
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है फिर एजुकेशन यानी उच्च शिक्षा अब हायर
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एजुकेशन कैसी थी इसमें क्या था एडमिशन
00:08:00
कैसे होता था गुरुकुल में गुरुकुल में
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पढ़ते द बच्चे भाई वैदिक एजुकेशन वैदिक
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एजुकेशन में बच्चे गुरुकुल में पढ़ा करते
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द गुरुकुल क्या द जो गुरु के घर होते द
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गुरुकुल से मतलब है गुरु के घर आश्रम जो
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होते द पहले टाइम पे अभी है गुरुकुल लेकिन
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इतने नहीं है ठीक है भाई अब कौन इतने
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ज्यादा है रूल रेगुलेशन फॉलो करेगा बच्चे
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भाग के ए जाएंगे है ना तो क्या होता है
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हायर एजुकेशन जो थी उसमें उपनयन संस्कार
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होता था क्या होता था उपनयन संस्कार यानी
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गुरुकुल में प्रवेश करने के लिए क्या है
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यह प्रवेश का जो एडमिशन का टाइम होता था
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उसे टाइम होता था उपनयन संस्कार अब इसके
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अंदर क्या था बच्चे का जो एडमिशन होता था
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वो आठ से 12 साल की उम्र में होता था अब
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सबके लिए अलग-अलग आगे थी जो ब्राह्मण का
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बच्चा था उसके लिए 8 साल थी लिख देती हूं
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मैं भाई मैंने ज्यादा इसलिए नहीं लिखा
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क्योंकि बहुत लंबा पैराग्राफ हो जाता है
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और हिंदी और इंग्लिश में लिखने में पुरी
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स्लाइड भर जाती है और फिर तुम्हें लगता है
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की कितना ज्यादा कंटेंट है है ना जो
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ब्राह्मण बच्चा था
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ब्राह्मण के बच्चे का जो एडमिशन होता था
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वह 8 साल में होता था ठीक है
00:09:05
ठीक है
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10 साल में
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ठीक है और वैश्य का जो बच्चा था
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उसका एडमिशन होता था
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तब उसका एडमिशन होता था गुरुकुल में हायर
00:09:30
एजुकेशन
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चलाना सीखते हैं शास्त्र की नॉलेज लेना
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जानते हैं जो सीखते हैं ठीक है क्षत्रिय
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उनके बच्चे का एडमिशन होता था 10 साल की
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उम्र में ठीक है और वेश्या होते हैं
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बिजनेस क्लास के लोग यानी जो यह बिजनेस
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वगैरा करते हैं ठीक है कोई भी बिजनेस करना
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कोई भी व्यापार करना कोई भी फाइनेंस का कम
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करना कोई भी कॉमर्स बैकग्राउंड का जो
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बच्चा है वो होते द
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इनका एडमिशन होता था उसे टाइम होता था
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ठीक है तो यह दो पॉइंट आपको समझ आए होंगे
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स्ट्रक्चर ऑर्गेनाइजेशन ऑफ एजुकेशन यानी
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शिक्षा के संरचना और संगठन ठीक है आगे
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चलते हैं
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इसलिए नहीं करती मुझे लगता है थ्योरी है
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फिर कभी आप बोर हो जाओ तो थोड़ा थोड़ा
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करती है इस वजह से ठीक है लेकिन आगे आगे
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क्या करेंगे जैसे ऐसा लगेगी एग्जाम नजदीक
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ए रहे हैं तो मैं पुरी पुरी यूनिट कंप्लीट
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कर दूंगी आपकी ठीक है भाई मुझे करने में
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दिक्कत नहीं है लेकिन आपको ग्रैब करने में
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दिक्कत होती है अब जैसे हम कॉलेज जाते हैं
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तो टीचर क्या करता है पहले दिन तो
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इंट्रोडक्शन नहीं देगा किसी भी चैप्टर का
00:10:43
क्यों नहीं पढ़ते पहले दिन क्योंकि बच्चे
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बोर हो जाएंगे पहले दिन ही दिन ये थ्योरी
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कौन पड़ेगा है ना तो वैदिक जो पीरियड था
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जो वैदिक कल था इसमें शिक्षा का क्या अर्थ
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था इसमें शिक्षा के दो अर्थ एक तो नैरो
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मीनिंग था यानी बहुत ज्यादा संकुचित अगर
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कम शब्दों में कहें एक था वाइड मीनिंग
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यानी व्यापक अर्थ व्यापक अर्थ और क्या है
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संकुचित अर्थ ठीक है तो समझते हैं एजुकेशन
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का उसे टाइम पर क्या मतलब था यह एक तरह से
00:11:10
पर्यायवाची तक इसका ज्ञान
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का हमिलिटी का यानी विनम्रता का पॉलीटनेस
00:11:17
का और डिसिप्लिन मतलब उसे टाइम पर शिक्षा
00:11:19
को क्या माना जाता था की शिक्षा का दूसरा
00:11:22
मतलब है ज्ञान
00:11:23
लीनता यानी पॉलीटली की सभी के साथ बिहेव
00:11:26
करना और अनुशासन में रहना ठीक है भाई
00:11:29
वैदिक एजुकेशन में सारी चीज ना उसे पर
00:11:32
अनुशासन पर डिपेंड है की बच्चा भी अनुशासन
00:11:35
में रहे टीचर भी अनुशासन में रहे सत्य का
00:11:37
पालन करें मोक्ष की प्राप्ति करें जो
00:11:39
अल्टीमेट हुआ करता है अल्टीमेट एम था जीवन
00:11:42
था यानी एक उद्देश्य था सेट वो क्या था
00:11:44
मोक्ष की प्राप्ति करना जो की हम आगे
00:11:46
पढ़ेंगे अब अब जो बात कर रहे हैं उसी पे
00:11:49
कंटिन्यू करते हैं ठीक है
00:11:51
जनरली डी नॉलेज ऑफ डिफरेंट सब्जेक्ट्स एंड
00:11:55
ट्रेनिंग ऑफ आर्ट एंड स्किल्स इंपार्टेड
00:11:57
फ्रॉम आफ्टर डी विद्याराम संस्कार इन
00:12:00
फैमिली यानी क्या हुआ करता था की अनुशासन
00:12:03
के पर्याय के रूप में प्रयोग किया जाता था
00:12:05
सामान्यतः परिवारों में विद्या आरंभ
00:12:08
संस्कार के बाद तथा gurukulon में उपनयन
00:12:11
संस्कार के बाद दिए जाने विभिन्न विषय के
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ज्ञान तथा कला कौशल के प्रशिक्षण को
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शिक्षा कहा जाता था समझाया कुछ अभी हमने
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दो संस्कार पड़े vidyarbh और उपनयन
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संस्कार विद्यालय जो फैमिली में विद्या का
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आरंभ होता था रूप ने संस्कार जब गुरुकुल
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में एडमिशन होता था ठीक है तो इसी के बारे
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में बताया गया की vidyarbh और उपनयन
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संस्कार के बाद जब अलग-अलग सब्जेक्ट की
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नॉलेज बच्चे को दी जाती थी किस चीज की
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आर्ट की क्राफ्ट की आर्ट क्राफ्ट होता है
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की बच्चा कम के खा सके कुछ भी हाथों से
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करके सिख सके जिस पर गांधी जी ध्यान देते
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हैं की भाई मजदूरी कर ले चरखा चला सके तो
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इस तरह से क्या है आर्ट एंड क्राफ्ट के
00:12:50
बच्चे को नॉलेज दी जाती बाकी और भी
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सब्जेक्ट द जिनके बारे में हम पढ़ेंगे तो
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यह अर्थ शिक्षा का यानी ये मतलब हुआ
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संकुचित अर्थ यह था शिक्षा का नैरो मीनिंग
00:12:59
क्या था नैरो मीनिंग है ये एजुकेशन का ठीक
00:13:03
है यानी ये विद्यारंभ क्या है अप संस्कार
00:13:07
के बाद क्या है की सब्जेक्ट्स की नॉलेज
00:13:09
बच्चे को देनी शुरू कर देते द ठीक है
00:13:12
सिंपल समझ आया
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फिर क्या है अब वाइड मीनिंग समझते हैं
00:13:17
इसका व्यापक अर्थ क्या है हालांकि जब
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छात्रों ने गुरुकुल में शिक्षा पुरी की तो
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समावर्तन संस्कार यानी दीक्षांत समारोह
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आयोजित किया जाता है यानी जब बच्चा क्या
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है एजुकेशन अपनी कंप्लीट कर लेता था तब
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gurukulon में क्या है समावर्तन संस्कार
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होता है यानी एक तरह से जैसे विदाई समारोह
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होता है ना इसी तरह से ठीक है तो गुरु ने
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छात्रों को संबोधित किया की उन्हें
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स्वाध्याय के आलासन नहीं करना चाहिए यानी
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गुरु ने उन्हें प्रवचन दिए की भाई अब
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तुम्हारी एजुकेशन कंप्लीट हो रही है और
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तुम्हें क्या करना है आगे जाकर अपने जीवन
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में कभी भी आलस नहीं करना है और तुम्हें
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क्या है सबकी इज्जत करनी है रिस्पेक्ट
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करना है एक अच्छा जीवन तुम्हें व्यतीत
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करना है ठीक है और नॉलेज हमेशा तुम्हें
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कैसे एक्वायर करनी है स्वाध्याय से सेल्फ
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स्टडी से और अपने पूरे जीवन तुम्हें ज्ञान
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सीखना है ठीक है
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तो यह हुआ करता था
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गुरु ने प्रवचन देते द की तुम्हें आगे
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लाइफ में कैसे-कैसे व्यतीत करनी है आगे की
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लाइफ ठीक है कैसे नॉलेज में जेन करनी है
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सेल्फ स्टडी करनी है तो मैं सुस्ती
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बिल्कुल नहीं लानी है सोना नहीं है ज्यादा
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है ठीक है तो ये क्या था ये था वाइडर
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मीनिंग एजुकेशन का ठीक है आई होप आपको
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यहां तक समझ आया होगा ठीक है तो ये था
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एजुकेशन का मीनिंग वैदिक टाइम पे और
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एजुकेशन कैसे स्ट्रक्चर ऑर्गेनाइज था उसका
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प्राइमरी में और हायर एजुकेशन में ठीक है
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और शुरू हुई थी की इसमें वेद के टाइम पे
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वेद पे डिपेंड थी यह फाउंडेशन था तो यही
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चीज आज हमने कारी है आज थोड़ा सा ही करते
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हैं स्टार्टिंग कर दिया हमने यूनिट की आगे
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फिर बहुत अच्छे से करेंगे और इसके एम्स
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पड़ेंगे इसके टाइप्स पढ़ेंगे और क्या
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बोलते हैं डिमैरिट्स पढ़ेंगे मेरिटस
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पड़ेंगे पूरा वैदिक एजुकेशन में भी हम कल
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कंप्लीट कर लेंगे ठीक है तो बाय टेक केयर
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पढ़ते रहिए मुस्कुराते रहिए हंसते रहिए और
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अगर चैनल पे नए हैं तो सब्सक्राइब करना
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बिल्कुल भी ना भूले