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कि एक बार की बात है एक गांव में कमलाबाई
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नाम की एक बूढ़ी औरत रहती थी उसके पास
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बहुत सारा पैसा होते हुए भी वह किसी की
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मदद नहीं करती थी उसके कंजूस होने की वजह
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से उसकी उपेक्षा करते थे थे
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कि कमलाबाई उसके पास जितना भी पैसा और
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सुना था उसे एक बर्तन में रखकर अपने घर के
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बीच में कार्रवाई था उस पर एक पुरानी चटाई
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बिछाकर सो तिथि एक दिन एक साधु गांव में
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आया कमला बाई के बारे में कुछ ना जानते
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हुए वह उसके घर के सामने एक पेड़ के नीचे
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बैठ गया साधु को देखा तो कमला बाई ने सोचा
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कि वह उसके घर उसे लूटने आया है तो उसने
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उठाया एक बड़ा सा ठंडा और उसके सरपंच तेल
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हमारा अरे बदमाश अभी भी मेरे पेड़ के नीचे
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बैठे हैं
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को तुरंत वह साधु उठा और अपनी चीज लेकर
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भाग गया और उसने गांव के लोगों से कमला
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बाई के बारे में पता किया वह कमलाबाई हो
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तो बहुत कंजूस है किसी की मदद नहीं करती
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बढ़िया के पास पैसा बहुत है लेकिन देती
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किसी को नहीं कमलाबाई दान-दक्षिणा कुछ
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नहीं करती सबसे एक जैसी बात सुनकर साधु को
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कमलाबाई पर दया आई और उसने उसे बदलने की
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सूची उस दिन आधी रात को कमला बाई के घर के
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सामने एक अनोखी घटना हुई कोई एक काला
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मुखौटा पहने अपने सर पर नो घोड़े रखकर
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अजीब सा नाच रहा था जब कमलाबाई ने पायल के
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घुंघरू की आवाज सुनी तो उसने एक बड़ा सा
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ठंडा हाथ में लेकर घर का दरवाजा खोला एक
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भूतनी को घर के सामने नाचते देख कर घबरा
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पाई डर गई तुरंत वह अपने घर में घुस गई और
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दरवाजा बंद कर दिया फिर उसने इसे बाहर जा
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हुआ था भूत के सरपंच लोग खड़े थे और सबसे
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ऊपर के घरे में आग जल रही थी कुछ देर
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सोचने के बाद भूत ने सबसे ऊपर वाले घड़ी
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को दिए के साथ जमीन पर फेंक दिया और बचे
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हुए आठ घड़ों के साथ उठाया हो गया जब
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कमलाबाई बाहर आई तो उसे घड़ी के टुकड़ों
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के अलावा और कुछ नहीं मिला तब कमलाबाई डर
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गई मेरे घर में वह बताया था मेरी मदद करो
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क्योंकि कमलाबाई को कोई पसंद नहीं करता था
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किसी ने उसके चिल्लाने की फिक्र नहीं कि अ
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कि एक भूत मेरे घर के आगे नाच रहा था
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तो इसका क्या मतलब हो सकता है कुछ बहुत डर
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लग रहा है
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है लेकिन किसी ने उसकी बातों पर ध्यान
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नहीं दिया बल्कि उसकी तरफ देखा भी नहीं
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रात में कमलाबाई घर के अंदर एक बड़ा सा
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ठंडा पकड़ कर खड़ी हो गई आधी रात होते ही
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उसने फिर से घुंघरुओं की आवाज सुनी तो
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उसने खिड़की से बाहर झांक कर देखा तो उसे
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भूत के सर पर आठ खड़े दिखे आठवें घड़े में
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आग जल रही थी उस समय नाचने के बाद उसने
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सबसे ऊपर का घड़ा फेंक दिया और बच्चे
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साधनों के साथ गायब हो गई थी
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कि हर दिन भूतनी आधी रात आती कुछ देर बाद
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कीर्ति और फिर सबसे ऊपर का घड़ा तोड़ कर
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पा घरों के साथ गायब हो जाती रोज जब होने
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लगा तो कमलाबाई घर गई और इससे छुटकारा
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पाने के लिए जादूगर भैरव के पास गई हर रात
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एक भूत अगर मेरे घर के सामने नाच रहा है
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मुझे उस से बचाइए तुम जैसी कंजूस और उसकी
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मदद नहीं की
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है भूतनी की नात से इसमें बहुत परेशान हूं
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तो क्या तुम किसी की मदद करती हूं
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तुम्हारी मदद कौन करेगा ऐ
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कि उसने अपने घर के सामने चौराहे पर पेड़
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के नीचे उसी साधु को देखा वह तुरंत उसके
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पास गई और कहा
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एक साधु महाराज जवाब मेरे घर के सामने
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बैठकर ध्यान कर रहे थे तो मैंने चोर है
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समझ कर आपको बहुत पीटा मुझे माफ कर दीजिए
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साधु मुस्कुराया और बोला पूल बात नहीं अब
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तुम क्या चाहती हो
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एक साधु महाराज हर दिन एक भूतनी आधी रात
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अपने सर पर घोड़े रखकर मेरे घर के सामने
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नाचती है हर दिन एक घड़ा फोड़ रही है
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फिलहाल उसके सर पर पांच खड़े हैं इसकी वजह
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जानकर व्यक्ति पागल सी हो रही हूं आपको
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मुझे उस भूत से बचाना होगा
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एक साधु ने सोचा और नहीं मैं सर हिलाने
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लगा पधि तुम्हारे आखिरी दिन आ गए हैं ऐसा
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इसलिए क्योंकि भूतों का सरदार उन्हें
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छोड़कर कहीं चला गया है इस वजह से सारे
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भूत निस्सहाय हो गए हैं समूह छोड़ते वक्त
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भूतों के सरदार ने उनसे कहा कि तो उनकी
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सरदार बनने योग्य हो इसलिए वह भूत तुमको
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अपने साथ ले जाने की कोशिश में है अगर तुम
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बहुत समय जीवित रही तो यह कैसे मुमकिन
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होगा इसीलिए वह अलग अलग तरीकों से तुम्हें
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ले जाने का प्रयास कर रहे हैं जैसे ही बचे
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हुए पांच घोड़े पूर्ण जाएंगे तो पड़ जाओगी
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को बचाना होगा अपनी सारी जमा पूंजी आपको
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दे दूंगी कृपया कुछ कीजिए
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अच्छा ठीक है आज से तुम श्रद्धापूर्वक घर
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में पूजा दान सहायता और दूसरी अच्छी चीजें
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करना शुरू करो बाकी मैं देखता हूं
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कि उस दिन से कमलाबाई ने दान देने का
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निश्चय किया जब लोगों को दान देने पहुंची
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तो किसी ने उससे कुछ नहीं लिया लोग उससे
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दूर जाने लगे यहां तक के कुतों और क्यों
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ने भी उसके डाल लें खाने को नहीं छुआ और
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उस रात कमला बाई के घर के आगे 1 और घड़ा
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फूट गया अगली सुबह कमलाबाई साधु के पास गई
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साधु महाराज ने मृत्यु से नहीं बच पाऊंगी
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कोई मेरा ध्यान नहीं ले रहा जो खाना मैं
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देती हूं उसे कुत्ते और कौए तक नहीं जूते
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हां क्योंकि तुम यह धन लोगों की उपेक्षा
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कर की अमानवीय ढंग से इकट्ठा किया है
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पशु-पक्षियों को भी इसकी खबर है इसीलिए अब
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अपना पैसा मंदिर बनवा नी कुएं खुदवाने
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अनाथालय बनवाने में खर्च करो अगर तुम यह
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अच्छे काम करोगी तो सिर्फ लंबी उम्र ही
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नहीं अच्छा नाम भी कम आऊंगी
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एक साधु महाराज कृपया आप यह सारी चीजें
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करें और मेरी मदद करें अगर मैं करूंगी तो
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कोई स्वीकार नहीं करेगा
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तो फिर कमलाबाई ने अपना सारा पैसा उस साधु
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को दे दिया उस पैसे से साधु देख कई अच्छे
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काम किए तब से कमलाबाई को न सिर्फ भूतों
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से छुटकारा मिल गया बल्कि उसका अच्छा नाम
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भी हो गया तो बच्चों हमें इस कहानी से यह
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शिक्षा मिलती है यही कि जिंदगी जीना
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दूसरों की मदद करना है बच्चों को और
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