00:00:00
गुरु की साझी हुई गुरु प्यारी साध संगत जी
00:00:05
वाहेगुरु जी का खालसा वाहेगुरु जी की फतेह
00:00:09
सो आज असी बजरंग बली हनुमान द कथा सर्वण
00:00:15
करंगे य जो कथा है मैं आप जी न पहला ही दस
00:00:19
देवा दसम ग्रंथ साहिब जी विचों है कई वार
00:00:23
साडे मना विच शंका आ जांदा कि एक किस तर
00:00:27
कथा कह रहे हन गुरु ग्रंथ साहिब जी महाराज
00:00:32
उन्ना विच भी कुछ देवतया द जिकर जिथे आंदा
00:00:36
दसम ग्रंथ विच 24 अवतारा द कथा महाराज ने
00:00:40
लिखी है जुगा जुगा विच जिथे अवतार धारण
00:00:45
होए उथे देवते भी
00:00:48
होए देवतया दे विचों हनुमान एक देवता है
00:00:52
गुरु प्यार हिंदू शब्द ता बाद विच प्रचलित
00:00:56
होया सब तो पहला ता ज शब्द सीगा व सनातन
00:01:00
धर्म सीगा बाद विच आया हिंदू इजम दा शब्द
00:01:04
हिंदू धर्म बाद विच प्रगट होया पहला
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सनातनी आख्या जांदा सी जिन्ने पुराने
00:01:10
ग्रंथ उन्ना विच सनातन धर्म किहा जांदा ते
00:01:14
गुरु गोविंद सिंह जी सान कहे ने देखो के
00:01:17
सारे धर्मा दा सत्कार करना चाहिदा न गुरु
00:01:20
साहिब जी ने ये जड़ी कथा दे विच दस्या भी
00:01:23
हनुमान दे विच जोर किन्ना सीगा उद ताकत
00:01:25
बारे दस्या होया श्री रामचंद्र जी जड़े
00:01:28
सीगे उन्हा ने हनुमान द जड़ी ताकत उद बल
00:01:33
द्वारा भाव की बड़ी वड्डी फतेह पाई है
00:01:36
बहुत ज्यादा जोर सीगा भावे आप अवतार सीगे
00:01:39
पर देवते ने उन्ना द मदद कीती है लंका
00:01:42
फतेह करने विच तो आओ न आप देर ना करिए ये
00:01:46
जो है बजरंग बली द कथा पवन पुत्र हनुमान य
00:01:51
आप सर्वण करिए ते शंका रहत होके सुनियो
00:01:55
ज्यादा समझ आऊगी य पहले मन दे विच शंका रख
00:01:58
लिया ग्यानी जी य की कह दिता तुसी हनुमान
00:02:02
बारे य कातो बोली जाने फिर नहीं समझनी आओ
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आप न महाराज जी ने बड़े सुंदर ंदा दे विच
00:02:08
ना य 24 अवतारा द कथा लिखी आओ उद विच
00:02:13
हनुमान दा जिकर आा सर्वण करिए जी गीता
00:02:17
मालती छंद पछ राज रावण मार के रग राज सीते
00:02:22
ले गयो नब ओर खोर निहार क सो जटाओ सी
00:02:26
संदेश देयो गुरु प्यार पंछी जड़ा पछिया दा
00:02:30
राजा जटा उन मार के रावण सीता न लेके चला
00:02:34
गया जद श्री राम जी सीता जी न लद लभ दे
00:02:39
जटा पंछी कोल आए व बेचारा सैक रया सीगा उ
00:02:43
सक जांदा सीगा आखरी साहा ते सी राम जी ने
00:02:47
टाऊन देख के किहा हे
00:02:50
रघुराजा ते रावण मेनू मार के सीता माता जी
00:02:55
न ले गया है फिर जटा ने आकाश बल देख के
00:03:00
सीता जी दे चले जान द राम जी न मरन तो
00:03:02
पहला सनेहा दिता फिर बलवान राम जी जान गया
00:03:07
निश्चय ही सीता न रावण ने ही चुराया है उथ
00:03:11
जटा द अंतिम संस्कार कीता श्री रामचंद्र
00:03:14
जी ने य मर्यादा पुरुषोत्तम ने ते रास्ते
00:03:17
विच उन्न हनुमान जी मिल पे हनवंत मर्ग सो
00:03:21
मिले तब मित्र ताता सो करी फिर राम जी द
00:03:25
उद नाल ना मित्रता हो गई उथे य हनुमान जड़
00:03:29
सीगे
00:03:30
श्री राम जी दा बहुत सत्कार करद सीगे
00:03:33
हनुमान ने ही सुग्रीव न लेके ना श्री राम
00:03:37
जी दे चरना ते पा दिता फिर उन्ना ने कठिया
00:03:40
ने बैठ के सलाह मशवरा कीता राम जी ने
00:03:43
आख्या सुग्रीव तनू मैं तेरा राज दवारा
00:03:47
दवागा उन्हा ने फिर बाली न मारता य आप जी
00:03:50
जानते हो बाली न लके मारया सीगा कपल राज
00:03:54
बाली न मार दिता सुग्रीव न सहायक बना लिया
00:03:58
लंका वल तुर गए थ अगे फिर गुरु साहब जी
00:04:03
हनुमान न लंका भेजना य प्रसंग नौवे अध्याय
00:04:07
विच दसम ग्रंथ दे लिख
00:04:09
दे ले मुद्र का लख बार दे जहा सु होती त
00:04:14
जात पे सुग्रीव ने अपनी फौज न माता सीता
00:04:19
जी द खोज विच चारे दिशा भेज दल वंड दिता
00:04:23
ते हनुमान जी ने की कीता आख मैं लंका
00:04:27
जावागा उन्होने हनुमान न भेज श्री राम जी
00:04:31
ने हनुमान ने आख्या माता सीता जी न यकीन
00:04:34
दवाना पगा मैं श्री रामचंद्र जी कोल आया
00:04:38
उन्ना ने निशानी खान ल श्री राम जी द
00:04:41
मुंदरी ल ते समुंदर लघ के कलगीधर जी कह
00:04:45
पुर जार अश कुमार के बन टार के फिर आयो
00:04:50
समुंदर सारा पार करके ना एडे बली सीगे
00:04:54
जिथे सीता रहदी सीगी उथे चले गए माता सीता
00:04:57
कोल लंका शहर न हनुमान ने साड दिता कलगीधर
00:05:03
जी कहे फिर उद बाद की कीता रावण दा एक
00:05:06
पुत्र सीगा अश
00:05:09
कुमार बड़ा बली सीगा व बड़ा जोर सीगा
00:05:12
क्योंकि रावण दे जिन्ने पुत्र सीगे ना इना
00:05:15
जोर बहुत ज्यादा सीगा जोर ही नहीं सी
00:05:17
करामाती भी सीगे सारे कला भी सीगी इना
00:05:21
कोले पर पवन पुत्र हनुमान बजरंग बली ने
00:05:24
रावण दे पुत्र न बड़ी आसानी ही कलगीधर जी
00:05:28
कहे मारता
00:05:30
ते अशोक बाग न पुट के तबाह करता कृत चार
00:05:34
जो अमरार को सब राम तीर्थ जताय य कुछ ना
00:05:38
कुछ करके माता सीता जी न मिल के श्री राम
00:05:42
जी कोल मुड़ के आ गई ते दस्या उन्नाने
00:05:45
सारा
00:05:47
कुछ जिव जिव कलगीधर जी कहे लंका विच होया
00:05:51
सीगा हनुमान जी ने लंका जड़ी सड़ दती सवा
00:05:56
कर दती उस तो बाद श्री राम जी न आ अशोक
00:06:00
बाटिका के मैं अश कुमार न मार आया कली
00:06:03
कल्ली गल दा हाल सुना दिता के फर श्री
00:06:07
रामचंदर जी ने सुग्रीव ने अपनी बांदरा द
00:06:10
सेना जड़ी सी तयार कीती है जामवंत सुखन
00:06:14
नील हनवंत अंगद केसरी महाराज सार दे नाम
00:06:18
लेे क सेना चली जि विच वडे वडे सूर मेंे
00:06:23
रामचंद्र जी सुग्रीव लक्षमण जामवंत सखन
00:06:28
नील हनुमान अंगद केसरी आद सारे सेनापति
00:06:33
सीगे ते बांदरा द सेना लेके ना ते बदला द
00:06:36
झड़ी वांगू चढ़े आंदे समुंदरों पार करके
00:06:40
जद लंका टापू विच पहुंच गए जड़ दैता दे
00:06:44
दूत सीगे व भज भज के कलगीधर जी कहे रावण
00:06:48
कोल चले गए ते जाके कहन लगे लंका नरेश जी
00:06:52
जंग द तयारी करो आपद लंका दे कले न संभाल
00:06:56
लो रामचंद्र जी दल समे
00:06:59
रहे उन्ना दे नाल एक वड्डा योधा हनुमान ने
00:07:04
ड़ अशोक बाटिका न नाश कीता होर बडे बली
00:07:08
बली उथे जोधे आ बहुत
00:07:11
ज्यादा रावण न जद गल पता लगी रावण ने
00:07:15
उन्ना द बेनती सुन के धूमर अश ते जांब माल
00:07:19
न बुलाया य दो वडे सूरमे स न भेज भी रोको
00:07:23
दो सूर में क मेरे बहुत रामचंद्र न रोकन ल
00:07:27
है की है फौज करके थे श्री राम जी उतरे
00:07:32
हुए सीगे उथे आए दो हनुमान न बहुत गुस्सा
00:07:36
आ गया रोस के हनवंत था पर रोप पाव परा
00:07:41
हरिय जूझ भूम गिरियो बली सुर लोक माज
00:07:44
बिहारि ते कलगीधर जी क गुस्सा खा के
00:07:48
हनुमान ने उसे था ते पैर गड के उन्न मार
00:07:53
दिता बहुत सारि न मारता सूरमे ज वडे वडे
00:07:56
कहंदे कहंदे धरती ते डिग पे देवलोक विच
00:08:00
पहुंच गए जाम बाल कुछ चिर खड़ा रहा हनुमान
00:08:04
ने फिर उन मारता एडा वडा बली बजरंग बली ने
00:08:08
मारता फौज ने भज के आपद जान बचाई लंका चली
00:08:13
गई रावण न जाके सनेहा दिता कहे य है कौन
00:08:17
डा बली तुमर अश ते जाम बाल दोवान आसानी ना
00:08:21
मारता हनुमान जो प्रभु जी डे दिल विच सलाह
00:08:27
आंदी डर दी फौज क लंका रेशो आवन करो आप
00:08:32
जी रावण बड़ा हैरान होया भी एडे वडे धयान
00:08:36
इनी छेती मारता व क कोई गल नहीं न आप होर
00:08:39
धया न भे जांगे पख तीर अ कंपने दल संग
00:08:43
देसो पठ देयो उने रावण ने आपद कोल अंक पन
00:08:47
नाम दे जोधे न बुलाया फौज दती उन जंग करने
00:08:52
ली भेज बाजे बजे लंकापुरी विच एक सार
00:08:57
बाजिया द सद होईया सारे बड़ा गुस्सा धार
00:09:01
के श्री रामचंद्र जी द फौज ते हनुमान
00:09:04
देवते न मारने ली आए तलवारा लमिल कर दिया
00:09:08
उच्ची आवाज ना वाजे वाजद खड़खड़ द आवाज ी
00:09:12
है तलवारा द चमक पीया मुनिया दे ध्यान छुट
00:09:16
गया कई सूरमे मारे गए कई जंग विच पूरे जोर
00:09:20
ना रु होए न कलगीधर महाराज कह ने इत अंगद
00:09:25
जवराज दुतिया दस बीर अ कंपन इधर कि राज दा
00:09:30
वली अंगद दूजे पासे ज रावण है उ लो अंपन
00:09:35
सूरमा इना विच जड़ी जंग होईया जंग दे विच
00:09:40
सरी सर कटे पए कया किसे द लत
00:09:44
तड़फ किसे द ड़ जड़ अड पई पक पक द आवाज आ
00:09:49
कया जखमा विच द गुरसिख प्यार की होया ते
00:09:54
जंग दे विच व बांदर अंगद द जत होई रावण द
00:09:59
पुत्र दैत मार्या गया अंपन न भी मार दिता
00:10:04
पजा दिता सारि
00:10:06
न उस तो बाद श्री रामचंद्र जी ने बाली दा
00:10:11
पुत्र अंगद उन्न अपने कोल बुलाया ते दूत
00:10:15
बना के आख्या लंका जाओ ते रावण न जाके
00:10:18
थोड़ा साडा सनेहा दो कि व माता सीता जी न
00:10:23
वापस कर देवे श्री राम जी दे चरना ते मथा
00:10:26
टेक के अंगद बांदर ज सी
00:10:30
व चला गया उथे जिथे रावण सजा होया उद
00:10:34
कचहरी लगी हुई है सवा सजी ई है अंगद ने
00:10:37
जाकर रावण न किहा रावण सीता राम जी न मोड़
00:10:42
दे पर रावण ने क्या सीता द उ पर शवा भी
00:10:45
नहीं देख सकेगा अंगद ने किहा तेरी लंका
00:10:48
खोली जावेगी रावण ने किहा य लंका की है
00:10:53
पावा इदा दिया लखा लंका जत लो तुसी पर
00:10:56
सीता ता भी नहीं मिलेगी अंगद ने किहा
00:11:00
क्रोध रूप जहर न छड दे पर रावण ने उत्तर
00:11:03
दिता खूंगा कैसा जुद्ध तू मचाना राम दे
00:11:07
समेत सारी बांदरा द फौज तुसी सारे हिरन
00:11:11
वरग हो मैं शेर बन के न खा जावागा अंगद ने
00:11:16
किहा ए मूढ़ मत हंकार ना कर ध्यान दे के
00:11:20
सुन ए हंकार ने बहुत वडे वड्डे घर गवा
00:11:24
देते रावण ने किहा मैं वड्डे वड्डे हंकारी
00:11:29
बंदे बस कीते आ य दो कंग ज बंदे य राम ते
00:11:34
लक्ष्मण मेरे अगे किस गिनती दे विच य दसम
00:11:38
ग्रंथ विच महाराज जी लिख दे आ जिन कर सो
00:11:41
गर्भ सुन मूड मत गर्भ गवाए नेर करर बस करे
00:11:45
सर्ब घर गर्भ हमे किन मह दव दीन नर य गरीब
00:11:49
बड़े जन की कर लेन
00:11:52
वनवासी य जंगल रहन वाले की मेरा की बगाड़
00:11:55
लेगे दोने जाने इस तरह सोच अग पाक के करे
00:12:00
पवन मुर बार बहारे रावण बाच अंगद सो अगे
00:12:04
फिर थोड़ी जी इना द गल बात भी दस देया ना
00:12:07
कलगीधर जी अंगद नाल की की गल
00:12:10
होईया रावण कहन लगा देखो ज अगन देवता व
00:12:15
मेरा भोजन तैयार करदा पौन देवता मेरे
00:12:19
दरवाजे ते झाड़ू फेरता चंद्रमा ने अपने
00:12:22
हाथ विच चौर फड़ के ते सूरज ने अपने हाथा
00:12:27
विच छतर फड़ के मेरे
00:12:30
चलाया लक्षमी मेन शराब पीया मद लक्षमी
00:12:34
प्या वंत बेद मुख ब्रहम उचार ब्रह्मा मेरे
00:12:38
सामने खड़ा हो के वेद पढ़ता वर्ण देवता
00:12:41
मेरे रे पानी भरदा त देवते सारे मेन
00:12:45
नमस्कारा करद बडे वडे बलवान दैत मेन अपना
00:12:51
क इस करके ज कबीर रगे जा छान टैक्स दि कर
00:12:56
दि भाव निज कहत सो दान प्रबल देत नद जस
00:13:02
मोहे कर ऐसे रावण न कीयो दो जड़ बनवासी आ
00:13:07
की मेरा बगाड़ लेगे इथे रावण ने अदा पूरा
00:13:11
जोर दिखाया गुरु प्यार मेरे विच इनी ताकत
00:13:15
उने आप ताकत शब्दा राही कलगीधर जी क प्रगट
00:13:18
कीती रावण ने न अंगद कहन लगा के देखो तुसी
00:13:23
गल्ला बहुत वडिया करया श्री रामचंद्र न
00:13:26
हरान द गलता दूर रही मेरा पैर ही इथे ड़
00:13:31
सभा कोई होवे सूरमा पुट सके ता मैं मान लू
00:13:34
शी रामचंद्र जी न जत लोगे तुसी जे पैर ना
00:13:39
पट गया कद भी जत नहीं सकोगे य गला सुन के
00:13:43
रावण ने आपद सरम न कलगीधर महाराज क अंगद
00:13:48
दा पैर पुटने दा हुकम दिता सारे दैत अपना
00:13:52
अपना जोर लाे लाे थक गए पर अंगद दा पैर
00:13:56
किसे पासों भी ना पुट गया दता द फौज थक के
00:14:01
टुट के दिल ना बेहोश होके धरती ते डिग पया
00:14:06
ुए ज रंगा वाला बाली दा पुत्र अंगद उस
00:14:10
रावण दे भ्राता प भीषण न नाल लेके तुर पया
00:14:14
उस रावण दे विकार जड़ी गल बात होईया फिर
00:14:19
उने इस तर दस्या पता लग कि रावण न बड़ा
00:14:22
मान अ दिया चीजा ते हंकार भी हैगा न न
00:14:26
जड़ी जंग द नीति ी है
00:14:29
साम दाम दंड भेद होंदे य चार नीति दे अंग
00:14:33
े वकील दा कम ंदा इना विचों तिना न
00:14:37
वतना जे इथे टप जावे ता अंत चौथा फिर दंड
00:14:42
फिर वर्ती द साम धाम भेत दंड अखीर ते दई
00:14:47
अंगद ने पहला शाम नीति वर्ती रावण कोल गया
00:14:51
नरम नरम गला कीति क्या भी सीता जी न मोड़
00:14:54
दो भी जंग ना होवे अंगद ने देख भी गला नाल
00:14:59
नहीं मान उने रावण द सवा चदा पैर जमाया आख
00:15:03
मेरा पैर पुट लो मैं जानू तुसी राम चंद्र
00:15:06
जी न जत लोगे एक भी कोई उदा पैर नहीं पुट
00:15:11
सक ता फिर व मालक न जतन द आस कि रख सकद हो
00:15:16
फिर उने दूजा तरीका अपनाया फिर अंत न ना
00:15:19
किहा जादा भी महाराज क रावण आप उठ सीगा
00:15:23
पैर पुट ली अंगद ने समझ लि मेरा पैर पुट
00:15:27
दूगा प्रतिज्ञा नहीं रहगी अंगद न पता सी
00:15:31
रावण बली आ इसे कही करके उने आपदा पैर
00:15:34
पिछे हटा के किया मेरे चरना न हथ ना लाओ
00:15:38
जे माफी चाहने हो श्री रामचंद्र जी दे
00:15:42
चरना ते जाके मथा टेको ले चलियो प भीषण
00:15:45
भरा ते बल पुत्र धूसर बन पट हटक बिकट ते
00:15:50
नास के चल आयो जित राम रन देखो किन्ना
00:15:54
दिमाग सीगा अंगद द दूत भी कोई कोई बन सकदा
00:15:57
ज अंगद विच ना जोरा हनुमान विच किना होगा
00:16:01
तुसी आप ही देखो महाराज सच्चे पातशाह जी
00:16:04
कहे फिर अंगद ने क्या श्री राम जी दे चरनी
00:16:07
पै जा तेन माफी दे सकद य सुन के रावण
00:16:11
शर्मिंदा होके अद जगह ते आके बैठ
00:16:14
गया फिर कलगीधर जी कहे अंगद दा दिमाग देखो
00:16:18
किना सीगा उने साम दाम भेद सारिया चीजा
00:16:22
वर्ती उने क्या दंड तो पहला इ रे फट पए फट
00:16:27
पई फायदा लए उन्हा ने पखन न रावण नालो
00:16:30
पाड़ के श्री राम जी दे कोल लेंदा एक पखन
00:16:34
ही सीगा जिने रावण दे बारे दस्या सी उदा
00:16:38
बध किव कीता जाऊगा करर द भती लंका टा हे
00:16:42
कहावता बन ग करर पाड़ के दह सिर मारया करर
00:16:47
दे भेदी लंका टाई य कहावता बन ग सीग वव
00:16:51
अंगद ने आपदा वकीली वाला कम पूरा कीता
00:16:54
पूरा वकील सीगा ते उदा दिमाग बहुत ज्यादा
00:16:57
सीगा इधर महाराज दसव पातशाह जी कहे हनुमान
00:17:01
जिने देखो प्यार रावण दा पुत्र ऐ मारता
00:17:06
जिव बंदा पैरा थले दे के कीड़ी मार देवे
00:17:08
एडा बली जोधा एडा बलवान बजरंग बली न किहा
00:17:12
जादा पवन पुत्र
00:17:15
हनुमान जिव आप सिख जड़े हां सिंह जड़े हैं
00:17:19
महाराज न प्यार करद हैं ना कलगीधर जी न आप
00:17:21
सारे बहुत प्यार करद हैं एव जड़ हनुमान जी
00:17:25
सीगे ना उन्न एक वार गल पता लगी कहे जड़
00:17:29
माता सीता जी हन व अपने मांग दे विच
00:17:33
सिंदूर भर देया पुछा क्यों माता जी ने
00:17:36
किहा कि श्री रामचंद्र जी द लमी उमर होवे
00:17:39
य मैं ता कर दी ते ज हनुमान सीगा उने आपने
00:17:43
सारे पिंडे ते सारे शरीर ते हनुमान ने ना
00:17:47
ते संदूर ला लिया सीगा ता लाया भी श्री
00:17:51
रामचंद्र जी वासते माता सीता जी सिर्फ
00:17:54
अपनी मांग दे विच संदूर भर देया ते मैं
00:17:58
इस तर करा सारे पिंडे ला संदूर देखो प्यार
00:18:03
द गल है अन किना प्यार कर दे श्री राम
00:18:07
चंदर जी न किना प्यार करद सी ते सान
00:18:10
सिख्या नी चाहि है भगत बनना गुरु गोविंद
00:18:13
सिंह जी न प्यार करना भाई उ दे मुरीद बन
00:18:17
के उ दे सिख बन के नीवे होके इना प्यार
00:18:21
करना पगा बहुत प्यार द कहानी
00:18:24
है उधर फिर इस तर अंगद द कथा सुनो ज सी
00:18:29
बड़े दिमाग दे नाल पखन जी न ले आया श्री
00:18:33
रामचंदर जी दे कोल लेके आखया कि रावण दे ज
00:18:37
राता हन उन्ना ने पर न लता मार के ते बाहर
00:18:42
कड दिता है इस करके तो श्री राम चंद्र जी
00:18:46
कहे तुसी फिकर ना करो लंका दे राजे न पखन
00:18:50
ही बनन बचन करते रावण न भी चरना ते आके
00:18:55
माफी मंग लवे ना ता मैं अजु राज दे दूगा
00:18:59
पर आप सारी उम्र में जंगल विच ही रहगा पर
00:19:03
भीखन न लंकेश जरूर बनावा य राम चंद्र जी
00:19:06
दे बचन सीगे ते उने पखन दे मथे ते तलक भी
00:19:10
लाता
00:19:11
सीगा न उधर जद
00:19:14
मंदोदरी मंदोदरी महाराज कह मदो दरी बाच
00:19:18
मदो दरी कौन सीगी य रावण द घरवाली सीगी
00:19:22
पतनी व घस खा के धरती ते डग प जद उन पता
00:19:25
लग गया के लंका राजदा तल कोना ने श्री राम
00:19:30
जी ने दे दिता है प भीखन फिर उने किहा
00:19:34
मंदोदरी ने सूर बरा सजे कोर बाजे बजे बाज
00:19:38
कंता सुने राम आए कहने लगी पति लंका नरेश
00:19:42
जी सूर्यवीर आ चुके डराने वाजे बज रहे मैं
00:19:48
सुनया कि राम जी आए जिन्ना ने बाली न मारे
00:19:51
समुंदर ते पल ब इ ना तुसी वैर क्यों कीता
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जिन्हा ने जंब न मारया जिन्ना दे कोल
00:19:58
हनुमान वरगा देवता महाबली जोधा है जिने
00:20:02
अपनी लंका न अग लाई है इस करके ना तुसी य
00:20:06
जड़ी सीता है य वापस कर
00:20:09
देयो दे मिलो जान की बात है स्यान की चाम
00:20:14
के दाम काहे चलाए इससे गल च सनपा मंदोदरी
00:20:18
ने इस तरह बहुत महाराज कह बचन कीते
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मंदोदरी बाच काफी गुरु गोविंद सिंह जी ने
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लिख तारका जात ही घात कीनी जिने और सुभा
00:20:27
मारीच मारे कह देखो अपने पुतर न मार दिता
00:20:31
इन्ना दा किडा बली आ हनुमान ज इन्ना दे
00:20:35
कोल आ उने अपने पुतर न देखो मार दिता
00:20:39
जी रावण ने किहा कोई गल नहीं मेरे सिर दे
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उपर चौर कर देया वडे वड्डे देवते मेरी
00:20:47
पूजा ी है मेतो सारी धरती कंब दीया रावण
00:20:52
कहन लगा के देखो मैं इना सारि न मार दूंगा
00:20:56
मंदोदरी तू फिकर ना कर बांदर से करो राम ल
00:21:00
हरो जीत हो होड़ तो नास तो सो इन मार मार
00:21:04
के सुट दूगा बांदरा द नास कर दूंगा राम ते
00:21:07
लक्षमण न मार सुगा फिर तेरे कोल आके शर्त
00:21:11
तागा भाव शर्त लादा सी रावण कह सी मैं
00:21:15
सारि न मार दूंगा इन य है की है मेरे अगे
00:21:17
हनुमान की है अंगद कीया य की है सारे मेरे
00:21:21
अगे कुछ भी नहीं गुरु गोविंद सिंह जी
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महाराज कह करोड़ा गला मंदोदरी ने
00:21:28
पर रावण ने एक भी नहीं सुनी कोट बाते गुनी
00:21:32
एक के न सुनी कोप मुंडी धुनी पुत्र पठ सग
00:21:37
क्रोध नाल भरया होया रावण उने अपने पुत न
00:21:41
जंगली भेजता एक द ना रात दूजे दा ना देवात
00:21:46
जद व गए धरती कम उठी उन्ना दे डोले फड़
00:21:51
के गरीब द जड़ी फौज आ उने फिर युद्ध कीता
00:21:56
पर हौली हौली जड़ दोनों पुतर सीगे ना रात
00:22:00
ते देवात तागड द तेग चल हली गाग द जोधा गल
00:22:05
गज साग द सूर समोह नाग द नारद मुन नचयो
00:22:09
महाराज ने बड़े सोहने छंद बनाए इ दे बागड़
00:22:12
द बीर बैताल आगड द आरण रंग रचयो सं साग द
00:22:16
सुट नचे समर फाग द फुंक फनियर करे इस तरह
00:22:21
महाराज ने बड़े छंद बनाए होया गुरु प्यार
00:22:23
इना दे विच महाराज ने यद्ध द वर्णन कीता
00:22:26
किव ध उ होया की कुछ होया रतक भी डिग पया
00:22:31
देवांतक भी तावा करके पया पर अंत न रतक
00:22:35
सुरलोक चला गया सारे भाव की ज पुत्र सीगे
00:22:40
वारी वारी करके मरदे गए मरदे गए रावण ने
00:22:44
जद सुनया ना कलगीधर जी क ज रावण ने सुनया
00:22:48
भी उ दो पुतर मारे
00:22:50
गए रा दे विच भूमी विच लोथा ही लोथा लोथा
00:22:55
ही लोथा खिल रया पया ते महा राज क एक वार
00:22:59
तो व भी अंदर ल गया मेरे पुतर द ज दुख ं
00:23:02
छोटा ं किते जिन्ना दे जवान पुत माप दे
00:23:06
बैठ तो चले जांदे आ संसार द यात्रा पूरी
00:23:10
करके परलोक चले जांदे उन्न पछ के देखो
00:23:12
किडा दुख है व कह ने ू ता असी मर जांदे
00:23:16
उन्ना दे मुह य आवाज निकल दी है तो रावण न
00:23:19
भी थोड़ा इस तरह होया गुरु प्यार ते उधर
00:23:23
फिर दूजे पासे हनुमान द जय जयकार होगी
00:23:28
क्योंकि बहुता हथ उना द ही ना पुत्तरा न
00:23:31
मारन दे विच रावण दे ज पुत द नाश करने विच
00:23:35
महाराज कहने हनुमान बली सीगा बहुत ज्यादा
00:23:39
बली कुछ विद्वान द य भी कहना के जड़ी जद
00:23:44
लंका द सारा कुछ होया वापरिया ना य जड़ी
00:23:47
रमायन हनुमान जी ने हिमाला पर्वत ते जाके
00:23:50
अने नौहा दे नाल जाके लिखी सी रमन उद
00:23:54
वाल्मीक जी थोड़े उदास हो गए सीगे क्योंकि
00:23:57
ये बाला नेड़े रहदे हनुमान द लिखी हुई
00:24:01
जड़ी रमान व ज्यादा मन्नी जाऊगी नाले भगता
00:24:03
श्री रामचंद्र दे भी मेरी विद्या द मौल
00:24:06
नहीं पैना उदों इन् ने जड़ी आपद रमन लिखी
00:24:09
सीगी हनुमान जी दा सुभा देखो किन्ना चंगा
00:24:12
देवते द ने समुंदर च सुट द किसे विद्वान
00:24:15
दा चल कदर पैनी चाहि दी है आज आप एक दूजे
00:24:18
दिया लता खेच देया हनुमान देवता एक उद
00:24:22
विचों नहीं सीगा गुरु प्यार जिने देखो
00:24:25
सत्कार कीता वाल्मीक ऋषि जी द किन्ना
00:24:28
सत्कार कीता कोई कर लूगा आप कोई विद्या न
00:24:31
समुंदर सुट दूगा अनी मेहनत न ना जी ना य
00:24:34
हनुमान जी जड़ सीगे इन्ना ने कीता है बहुत
00:24:38
पर उपकार दा कम कीता भी किसे विद्वान द
00:24:41
कदर प जागी आपने आपन नीवा दिखाया किन्ना
00:24:44
जोर सीगा
00:24:46
नले एक और भी हनुमान जी द गाथा आंदी है
00:24:51
माता सीता जी फिर हनुमान जी द भगति तो
00:24:53
बहुत प्रसन्न सीगे उन्हा ने एक बर हनुमान
00:24:57
जी न सोने दा हार दिता भी हनुमान ले य मैं
00:25:01
तनू हार दिनी है पर हनुमान जी ने उद इनकार
00:25:04
कर दिता माता जी थोड़े गुस्से हो गए मैं
00:25:07
तन प्रेम चाके दिनी है य हार तू ले क्यों
00:25:10
नहीं
00:25:10
रहा माता जी ने कहा य हार बहुत कीमती है
00:25:14
ते मैं नू हार दे रही य ले क्यों नहीं र
00:25:18
मैन वजह भी दस कोई कारण दस तो हनुमान ने
00:25:21
कहा मेरे ली सब तो कीमती श्री रामचंद्र ते
00:25:24
तुसी ही हो य सोना मेरे ली कीमती नहीं य
00:25:27
भी कि जादा उन्ना ने आपद छाती चीर के
00:25:30
दिखाई आप वैसे गला कहने हैं कि मेरे दिल
00:25:33
विच मेरा गुरु वसदा है कलगीधर जी साडे दिल
00:25:36
च बस देया इदा रामचंद्र ने फिर आपनी छाती
00:25:40
चीर के दिखाई उद विचों रामचंद्र ते माता
00:25:43
सीता जी दा जड़ा सीगा रूप वो माता जी ने
00:25:46
तक वाकई ता किन्ना प्यार करद फिर उन्न गल
00:25:50
समझ आई फिर माता सीता जी न इन् ने किहा
00:25:53
सीगा हनुमान ने भी मेरा असल जड़ा स्वरूप
00:25:56
है बड़ा छोटा
00:25:58
मैं बहुत तोज जीवा निम्रता बहुत सी ना पर
00:26:01
जद मेरे गुरु न कोई मेरे तक लोड़ पी है
00:26:05
मेरे मुर्शद न श्री राम जी न उद मैं बहुत
00:26:07
वडा रूप धारण कर लेना उद मैं हिमाला पर्वत
00:26:10
भी चुक लेना मेरा गुरु मेन कोई कम कवे मैं
00:26:13
किसे भी हद तक जा सकदा अपना आप निवर कर
00:26:17
सकदा श्री रामचंद्र जी ल डे ली य फिर इथे
00:26:22
जिन प्रेम कियो तनही प्रभ पायो य भाई
00:26:26
हिंदू जड़ वीर ने पहला ता नाम सनातन है
00:26:28
सीगा हिंदू तो न शुरू होया तो सनातन कहे
00:26:31
तो कई र पता नहीं लगदा सनातन धर्म सीगा इ
00:26:35
विच देवते जड़ ने कु उन्ना ने बड़ा प्रेम
00:26:39
कीता अद मनन वालेया एस्टर न न मान सी आप इ
00:26:43
विच सेध ले सकद असी गुरु ग्रंथ साहिब जी न
00:26:46
किन्ना प्यार कर दे हैं आप कलगीधर जी न
00:26:49
किन्ना प्यार करद हैं य चीज आप सिखिया िया
00:26:52
सिख्या कितो भी जा सकदा असी कई र ना होर
00:26:55
पासे ले जाने गल भी हनुमान गल करती न
00:26:59
उदाहरण कितो भी लया जा सकद उदाहरण कितो भी
00:27:03
दती जा सकदी है प्रमाण किसे ग्रंथ दे भी
00:27:06
दते जा सकद है य अकाल तखत द मर्यादा भी है
00:27:10
किसे भी
00:27:11
महापुर दे जड़ कथा दे विच प्रमाण उदाहरण
00:27:16
दती जा सकदी है पर गुरबाणी द कथा जरूरी है
00:27:19
ना य भी कि गया त नाल आप प्रमाण दे सक य
00:27:23
दसम ग्रंथ विचों सारा कुछ कई र असी पढ़
00:27:26
नहीं क्योंकि बड़
00:27:29
कीमती असी होर पासे पैसे खर्च दिने पर आप
00:27:32
ग्रंथ ले के नहीं पढ़ने शुरू कर दे क्यों
00:27:34
समा बहुत लग जा भाई समा बड़ा चाहिदा जन द
00:27:38
कमाई ली वखरे यतन करने प वखरे तन नहीं
00:27:43
हनुमान जी होर भी कथा तुसी सुनो डा बजरंग
00:27:47
बली इनी निम्रता भी अत दर्जे द बली भी
00:27:50
बहुत निम्रता भी बहुत एक लक्षमण द भगति ते
00:27:55
एक हनुमान जी भगति
00:27:58
बहुत ज्यादा उच मतलब के आप कह सकद बहुत
00:28:02
उच्ची अवस्था वाली है कंगन पन लक्षमण न भी
00:28:06
किहा गया सी ना तुसी पन दे हो माता सीता
00:28:08
जी द ज हरण होया डिगे पए ने व कंगन उतार
00:28:12
के सुट दे गए लक्ष्मण ने क्या सीगा कि व
00:28:15
मेरे माता समाना मा समान उन चरना तो क उपर
00:28:18
देख ही नहीं आज तक कद भी नहीं देख चरना तो
00:28:21
ऊपर देख ही नहीं सक मेन पता ही नहीं हैगा
00:28:25
सारिया औरता मेरे ली मा मानने मैं इस तर
00:28:29
देख पराया चंगिया मावा िया भैना जाने भाई
00:28:33
गुरदास जी दे बचन आ जाे गुरु प्यार इस तर
00:28:38
उ अवस्था सीगी ज हनुमान जी य ब्रहमचारी
00:28:44
सी एक होर गल े प्रेम द भगति द प्रेमा
00:28:48
भगति द गल आप किते भी जाइए ना कोई नवी
00:28:51
किताब भी ल कॉपी भी खरीद उ प सब पला अपना
00:28:55
नाम
00:28:56
लिखा तुसी ये जड़े देवते हनुमान न कुछ
00:29:00
लिखन ली कहोगे ना पत्थर सीगे पथरा ते लिखन
00:29:04
ली एक गाथा भी आंदी है सनातन ग्रंथा दे
00:29:06
विच ही कि इ ने पत्थर दे उपर राम लिख्या
00:29:10
तो अचन चेती पानी च डिग पया तो तर गया
00:29:14
बिना लिखे वाला सुट तो डुब गया इ ने किहा
00:29:17
भी वाह ये ता क्या बात ही आ पत्थर भी तर
00:29:20
देया जड़ पत्थर तो राम दा नाम लिखिए किते
00:29:24
भी हनुमान जी जानेगे आपदा नाम नहीं लिखने
00:29:27
जी नाम लिख क्यों उ प्रेम ही ना बहुत चीज
00:29:31
सखन द लोड़ ी है आप अना महाराज नेन सिख सि
00:29:36
खाल बनाया सी सा दिमाग ना खला चाहि किसे
00:29:40
भी धर्म तो कु स सक किसे तो भी स सक इने
00:29:44
शंका वादी हो गए इने शंका वादी हो गए सा
00:29:47
तो पता नहीं लग र धर्म तो की सिखना सीगा
00:29:51
दूजे धर्मा तो की सखना सी असी गुरु तो
00:29:54
अपने गुरु तो
00:29:56
ही मनम हो गए पठ दिखा दती गुरु पठ करके बह
00:30:01
गए गुरु ल य सारिया चीजा ने सान डोब के रख
00:30:04
होया जी फिर श्री रामचंद्र जी ने एक वार
00:30:08
पत्थर जड़ सीगा चुक ते व पानी जद सुट ते व
00:30:13
जड़ा पत्थर सीगा डुब गया कुछ सनातन धर्म
00:30:16
दे ज कथावाचक व इस तर सुनाद ने गाथा ते
00:30:20
गुरु प्यार फिर उन्हा ने हनुमान जी न
00:30:22
बुलाया ते पूछ सीगा भी जड़े पत्थर तुसी
00:30:25
सुट दे हो वो तर रहे ज मैं आप हथ सुट र ते
00:30:30
व डुब जांदे कारण दसो की हनुमान ने उत्तर
00:30:34
दिता सी कहन लगे जी देखो दुनिया दे ज लोक
00:30:38
चिंता विच डुबे होए जि कोल राम द नाम उ तर
00:30:41
जाे ज पथरा असी डा नाम लिख दे उतर
00:30:45
देया जिना डा नाम नहीं डुब दे तुसी सुट दे
00:30:50
हो जिन तुसी सुट आप ह विच जि तुसी सट दिता
00:30:54
श्री रामचंद्र जी व तर के जाऊ तुसी आप
00:30:59
हटता व किव तर जागा नहीं तर सकदा इस करके
00:31:03
ना य डे था वाले डुब रहे य हनुमान जी ने
00:31:06
जवाब दिता तो दिमाग भी उ द बहुत सीगा
00:31:09
निम्रता भी बड़ी सीगी हनुमान देवते विच
00:31:11
निम्रता भी बहुत जोर भी बहुत तो कलगीधर जी
00:31:15
ने फिर इ जोर बारे जिकर कीता ज्यादा दसम
00:31:17
ग्रंथ विच क्योंकि महाराज सिंघ दे विच
00:31:20
अवतारा द कथा लेके ना व वीर रस भरना चांद
00:31:25
महाराज ने ता अवतारा द कथा कही है इना
00:31:29
दिया
00:31:29
उदाहरने विच देखो सिंघो किन्ना जोर सीगा
00:31:34
जिने के व रावण दा जड़ा बेटा सीगा ना उन
00:31:38
किन्नी आसानी दे नाल मार
00:31:40
दिता किन्नी छेती मार दिता बहुत सौखा ही
00:31:43
मार दिता सीगा गुरु प्यार इस तरह य बजरंग
00:31:47
बली द कथा श्री दसम ग्रंथ विच जिन्नी को
00:31:50
दर्ज है वो आप जी न महाराज सच्चे पातशाह
00:31:54
जी द कृपा नाल सर्वण करवाई है सो भाई
00:31:57
थोड़े ज शंका वादी रहत होके आप सुनिए तो
00:32:01
सान समझ आऊगी य आप गल गल ते तरका ही करी
00:32:05
जानिया तक करी जानिया फिर इस तरह हो जादा
00:32:08
भी बंदा ज है वो गुरसिख प्यार वो कुछ सिख
00:32:13
नहीं सकदा अगे नहीं वध
00:32:15
सकदा हा य देवी देवते परमात्मा दे पैदा
00:32:19
कीते होए ने पर हां उ गल वखरी है कि य
00:32:22
देवी देवते जड़ परमात्मा दा भेद नहीं पा
00:32:25
सकद गुरु प्यारे ते महाराज द बाणी न गुरु
00:32:29
ग्रंथ साहिब जी विचों बचन भगत कबीर जी दे
00:32:32
सनक सानंद में हेच समाना सनक सनं शिवजी
00:32:37
शेष नाग वरग शेख नाग तेरो मरम न जाना य
00:32:42
हनुमान सर गरड
00:32:44
समाना श्री रामचंद्र जी दे सेवक हनुमान
00:32:47
वगे विष्णू दे सेवक पछिया दे राजे गरड वरग
00:32:51
सुर पत नरपत ये देवते हो गए चार वेद हो गए
00:32:55
स्मृतियां हो ग प्राण हो गए विश्नू
00:32:59
लक्ष्मी इन्ना ने तेरा अंत नहीं पाया
00:33:01
वाहेगुरु कहे कबीर सो भरम नाही पग लग राम
00:33:05
रहे सरना गुरु ग्रंथ साहिब जी विच भी
00:33:08
हनुमान दा नाम भगत कबीर जी ने उदाहरण देके
00:33:11
किया भी हैगे देवते आ पर परमात्मा दा अंत
00:33:15
नहीं पा सकते इस करके भाई सानू परमात्मा
00:33:19
दे चरना नाल जुड़ना चाहिदा ये देवी देवते
00:33:22
जड़े आ इना विचों कुछ देवतया द सुभा चंगा
00:33:25
हनुमान जी उन्ना विचों ही है ड़ बड़े नेक
00:33:28
ने बहुत चंगे देवते आ ता करके न मनन
00:33:32
वालेया द गिनती भी ज्यादा य खुशिया भी दि
00:33:35
पर आप अपने विच भी परमात्मा न आप मनना
00:33:38
जिने देवतया न बनाया मैं ना गनेश पृथम
00:33:41
मनाऊ किसन बिशन कब ने ऊ पर य नहींन गाला
00:33:46
कया आप इ द भी भाई सत्कार करो दूजे धरमा द
00:33:50
ना सत्कार करगे य भी सा धरमा द सत्कार
00:33:54
करगे आप इ बारे गलत बो बो कन भी अपने बारे
00:33:58
बोलगे फिर आपन गुस्सा आगा ना य सारिया चीज
00:34:02
पाई आप प्रेम बधा आए साज कहो सुन लेहो सब
00:34:06
जिन प्रेम कियो तिन ही प्रभ पाए ा भाई आसी
00:34:10
ज भाईचारा बधना कटाना नहीं ता साडे गुरु
00:34:14
ग्रंथ साहिब जी सर्व उतम श्रेष्ठ ग्रंथ ने
00:34:19
सतगुरु द बाणी सान ही सिखा है अस दूज द
00:34:22
सत्कार करना गीता प्यारी है मेन भागवत
00:34:25
गीता प्यारी है कुरान शरीफ प्यारी है गुरु
00:34:29
ग्रंथ साहिब जी विच मेरी जान वस दी है
00:34:32
मैनू मेरी जान प्यारी है सारि द सत्कार
00:34:35
करो अ दे दीवान च इतना ही बोल दिया तो एक
00:34:38
नहीं बहुत भुला हो ग होन गुरु द संगत
00:34:41
सतगुरु महाराज बख लन कलगीधर जी दे चरना दे
00:34:45
करोड़ा वार नमस्कार है वाहेगुरु जी का
00:34:48
खालसा वाहेगुरु जी की फतेह