शेयर बाज़ार: सितम्बर से अब तक 61 लाख करोड़ स्वाहा | 61 lakh crore wiped out since Sept 2024

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https://www.youtube.com/watch?v=23TEtAzp8Ms

Summary

TLDRThe video addresses the growing concerns of the middle class in India regarding high taxes amid declining stock market performance. The Sensex and Nifty indices have been falling for over four months, resulting in significant wealth erosion for around 200 million investors. The video highlights calls from industry bodies for tax reductions to stimulate demand and tackle the economic slowdown. It criticizes the Indian government's approach to economic policy and questions the disconnect between rising corporate profits and the financial struggles faced by average citizens, calling for immediate action to address these issues.

Takeaways

  • 📉 Middle class voices for tax cuts grow louder amid market woes.
  • 💸 20 crore investors face massive stock losses since September.
  • 📊 The stock market shows continuous decline affecting investor wealth.
  • 🏦 Industry groups urge government for tax relief to stimulate demand.
  • 📉 GDP growth forecast reduced to 6.4% amid economic slowdown.

Timeline

  • 00:00:00 - 00:05:00

    Ravish Kumar discusses the growing voice for tax reductions amidst declining stock markets, affecting middle-class investors and triggering urgent appeals from industry groups for tax relief to stimulate consumer demand and economic recovery.

  • 00:05:00 - 00:10:00

    As the stock market's decline impacts 20 crore investors, industry bodies are calling for cuts in interest tax rates on bank deposits and a reconsideration of TDS rates. Concerns about middle-class financial stability grow as optimism wanes following prior market trust post-COVID.

  • 00:10:00 - 00:15:00

    Despite previous promise and a surge in demat accounts, the continuing plummet in stock values since September raises fears that the middle-class may face prolonged economic hardship with government support seemingly lacking.

  • 00:15:00 - 00:20:00

    The political landscape is critiqued as the stock market bleeds billions which contribute to public discontent, highlighting an artificial economic façade while genuine growth in production and employment remains stagnant and unaddressed by the government.

  • 00:20:00 - 00:26:41

    Factors contributing to India's economic slowdown include investments not matching earlier expectations despite corporate tax cuts. Industry leaders emphasize the need for increased spending and lowered taxes to uplift the struggling middle-class and overall economic health.

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Video Q&A

  • Why is the middle class concerned about taxes now?

    The middle class is worried because the stock market has been declining, leading to reduced wealth and income, making taxes feel more burdensome.

  • What do industry groups want from the government?

    Industry bodies are requesting the government to lower taxes to stimulate demand and economic activity.

  • How much wealth have investors lost recently?

    Investors have lost about 50 lakh crores from the stock market since September.

  • What is the state of India's GDP growth forecast?

    The GDP growth forecast for the current year is downgraded to around 6.4%.

  • How is the stock market performing currently?

    The stock market has been on a decline, with significant losses noted in recent months.

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    नमस्कार मैं रवीश कुमार हमारा टैक्स कम
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    करो कम करो यह आवाज इन्हीं दिनों क्यों
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    मुखर हो रही है क्यों सुनाई दे रही है
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    क्या इसलिए कि मिडिल क्लास का प्यारा शेयर
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    बाजार डूबने लगा है 4 महीने से अधिक समय
  • 00:00:15
    से गिरावट के कारण 20 करोड़ निवेशकों के
  • 00:00:18
    माथे पर शिकन पड़ने लगी है उनकी कमाई घटती
  • 00:00:21
    जा रही है तो टैक्स की दरें काटे की तरह
  • 00:00:24
    चुभने लगी हैं बाजार में हाहाकार मचा है
  • 00:00:27
    तो अब नजर सरकार पर पड़ी है कि माई बाप ही
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    टैक्स घटाकर कुछ राहत दे सकते हैं ताकि
  • 00:00:33
    उनके हाथ में पैसा आए और वे खरीदारी की
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    तरफ लौटे शहरों में मांग में सुधार की
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    उम्मीद कमजोर पड़ने लगी है इसे लेकर
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    उद्योग जगत के संगठन सरकार से टैक्स कम
  • 00:00:46
    करो टैक्स कम करो की गुहार लगाने लगे हैं
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    90 घंटा काम करने के बयान पर कितनी बहस हो
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    गई लेकिन उद्योग टैक्स की दरों को कम करने
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    की बात कर रहा है उस पर किसी ने ध्यान ही
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    नहीं दिया अखबारों ने भी टैक्स कम करो की
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    मांग को प्रमुखता से पेश नहीं किया है
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    क्या टैक्स में राहत देकर बाजार में डूब
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    रहे मिडिल क्लास को सरकार राहत दे सकती है
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    कहीं ऐसा तो नहीं कि मिडिल क्लास के बुरे
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    दिन शुरू हो चुके हैं और इस बार उनके लिए
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    अच्छे दिन का इंतजार और भी लंबा होने वाला
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    है पीएचडी चेंबर ऑफ कॉमर्स से लेकर सीआईआई
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    और फिक की सभी टैक्स में सुधार की मांग कर
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    रहे हैं पीएचडी चेंबर ऑफ कॉमर्स की मांग
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    है कि बैंकों में में जमा राशि पर जो
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    ब्याज मिलता है उस पर टैक्स की दर घटा दी
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    जाए एलएलपी कंपनियों पर अधिक से अधिक 25
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    प्र ही टैक्स लगे और टीडीएस टैक्स की
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    अलग-अलग दरों को कम से कम रखा जाए मिडिल
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    क्लास चुप हो गया है उसे पैसे का पाला मार
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    गया है भरोसा नहीं है कि टैक्स टैक्स
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    चिल्लाने से सरकार इस बजट में कुछ ठोस
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    राहत देगी इसलिए उद्योग जगत की इस मांग पर
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    चुप्पी छाई हुई है मिडिल क्लास यानी एम
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    क्लास को पता चल गया था कि कुछ नहीं होने
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    वाला है इसलिए उसने अपनी उम्मीदें शेयर
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    बाजार के ऊपर टिका दी कोविड के बाद से
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    खासकर शेयर बाजार की तरफ पलायन करने लगा
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    शेयर बाजार में उछाल और स्थिरता का लंबा
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    दौर भी चला जिसके कारण भरोसा बन गया कि
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    यहां से भरपाई हो जाएगी इसे देखते हुए
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    शेयर बाजार में करोड़ों की संख्या में नए
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    निवेशक आए जिन्होंने बैंकों से अपनी जमा
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    पूंजी निकाली और डीमे अकाउंट खोलना शुरू
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    कर दिया लेकिन अब तो शेयर बाजार भी गिरने
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    लगा है जिस रफ्तार से विदेशी निवेशकों ने
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    भारत के बाजार से पैसे निकाले हैं उससे
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    लगता नहीं कि उनकी यहां बहुत जल्दी वापसी
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    होने वाली है तो क्या हम 20 करोड़
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    निवेशकों की चिंताओं को लेकर बात कर रहे
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    हैं क्या अखबारों की हेडलाइन बदलने लगी है
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    जिससे पता चले कि भारत के बाजार में जारी
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    इस गिरावट को कैसे समझा जाए या 20 करोड़
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    निवेशकों की हालत यह हो गई है कि वे अपना
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    दुख किसी से नहीं कह पा रहे हैं हम आज
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    उन्हीं 20 करोड़ निवेशकों की बात करेंगे
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    जो म्यूचुअल फंड इक्विटी फंड वगैरह में
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    निवेश करते हैं सितंबर महीने से लेकर
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    सेंसेक्स और निफ्टी में लगातार गिरावट आ
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    रही है 4 महीने तक गिरावट का ही दौर बाजार
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    में चला है बीच-बीच में कुछ सुधार हुए मगर
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    अस्थाई साबित हुए गिरावट का दौर थमा नहीं
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    जनवरी के 13 दिन गुजर गए और इस बात को
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    लेकर कोई दावा नहीं कर सकता कि बाजार में
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    खुशहाली के दिन लौट आए हैं साढ़े महीने से
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    कम समय में भारतीय निवेशकों के लाखों
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    करोड़ रुपए हवा हो गए सितंबर महीने से
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    लेकर 10 जनवरी तक 47 लाख करोड़ निवेशकों
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    के डूबे हैं पिछले चार दिनों में बॉम्बे
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    स्टॉक एक्सचेंज में निवेशकों के 20 लाख
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    करोड़ रुपए हवा हो गए 13 जनवरी को 8 लाख
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    करोड़ घट गया एक तरह से आप कह सकते हैं कि
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    सितंबर से लेकर 13 जनवरी तक करीब-करीब 50
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    लाख करोड़ रुपए हवा हो गए इसमें अगर 5 लाख
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    करोड़ रुपए भी छोटे निवेशकों के डूबे
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    होंगे तो अंदाजा लगाया जा सकता है कि
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    बाजार का यह करंट किन-किन घरों में झनझना
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    रहा होगा बाजार में करीब 10 प्र खुदरा
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    निवेशक माने जाते हैं शेयर बाजार के कारण
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    सभी को भरोसा हो चला था कि मोदी सरकार के
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    दौर में आर्थिक मोर्चे पर सब ठीक है
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    क्योंकि इस बाजार ने रूस यूक्रेन युद्ध को
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    देखा गजा पर इसराइल के हमले को झेला फिर
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    भी इन चुनौतियों के बावजूद भारत का शेयर
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    बाजार स्थिरता और उछाल की तरफ ही रहा अब
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    ऐसा क्या हो रहा है कि पिछले 5 महीने से
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    शेयर बाजार ढाला पर फिसलता नजर आ रहा है
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    सितंबर 20224 में बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज
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    8583 6 अंकों पर पहुंच गया था 13 जनवरी को
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    बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज
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    7633 अंकों पर आ गया 45 महीने में 9000
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    अंक नीचे आ चुका है इस बार गिरावट का यह
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    दौर कुछ दिनों का नहीं सितंबर से शुरू हुआ
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    और अब जनवरी भी आधा बीतने जा रही है चार
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    दिनों से सेंसेस गिरता ही जा रहा है
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    विदेशी निवेशक अपना पैसा निकाले जा रहे
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    हैं 22000 करोड़ से अधिक पैसा भारत के
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    बाजारों से निकाल चुके हैं 13 जनवरी को
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    सेंसेक्स 1000 अंकों से नीचे आया निफ्टी
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    भी 345 संख नीचे आकर
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    2385 पर आ गया बिजनेस अखबारों के अनुसार
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    13 जनवरी को ही मार्केट से 12 से 13 लाख
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    करोड़ निवेशकों के स्वाहा हो गए बाजार में
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    रक्तपात हो रहा है और गोदी मीडिया में
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    गुणगान चल रहा है दिसंबर महीने में बिजनेस
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    स्टैंडर्ड ने एक अध्ययन प्रकाशित किया था
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    और एक चार्ट के जरिए दिखाया कि किस
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    प्रधानमंत्री के कार्यकाल में भारत के
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    शेयर बाजार में रिटर्न सबसे अच्छा रहा
  • 00:06:00
    जितना लगाया उससे ज्यादा मिला इस आधार पर
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    यह चार्ट बना है मनमोहन सिंह यहां भी मोदी
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    पर भारी पड़ते नजर आ रहे हैं मनमोहन सिंह
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    के पहले कार्यकाल में शेयर बाजार ने 179
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    प्र रिटर्न दिया इतना मुनाफा इससे अधिक
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    मुनाफा केवल नरसिंहा राव के समय मिला जब
  • 00:06:20
    शेयर बाजार ने 180 प्र का रिटर्न दिया
  • 00:06:23
    प्रधानमंत्री मोदी के पहले कार्यकाल में
  • 00:06:26
    शेयर बाजार ने केवल 61.2 फ का रिटर्न दिया
  • 00:06:30
    और दूसरे कार्यकाल में 81 प्र का इस साल
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    जून से लेकर दिसंबर तक का रिटर्न 99.2 प्र
  • 00:06:39
    रहा है इस वित्त वर्ष में क्या शेयर बाजार
  • 00:06:42
    का रिटर्न अब बेहतर हो पाएगा लेकिन जब
  • 00:06:45
    शेयर बाजार ने 180 179 प्र का रिटर्न दिया
  • 00:06:50
    तब डीमेट खातों की संख्या में उस तरह से
  • 00:06:53
    उछाल नहीं आया जिस तरह से मोदी सरकार के
  • 00:06:57
    दौर में आया या मोदी के प्रति मिडिल क्लास
  • 00:07:00
    का विश्वास ही था कि बैंकों से पैसा
  • 00:07:02
    निकालकर लोगों ने शेयर बाजार में लगाना
  • 00:07:05
    शुरू कर दिया इसी के साथ डीमेट खातों की
  • 00:07:08
    रफ्तार बढ़ने लगी स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने
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    पिछले चार वर्षों में डीमेट खातों में हुई
  • 00:07:13
    प्रगति के बारे में एक रिपोर्ट प्रकाशित
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    किया है मार्च 2020 में डीमेट खातों की
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    कुल संख्या 4.1 करोड़ थी अगले 4 साल सात
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    महीने में डीमेट खातों की संख्या बढ़कर 17
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    करोड़ हो जा जाती है जाहिर है
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    प्रधानमंत्री मोदी के दौर में एम क्लास
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    यानी मिडिल क्लास को मोदी पर ज्यादा भरोसा
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    रहा तभी उसने बैंकों से पैसा निकालकर शेयर
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    बाजार में लगाना शुरू किया लेकिन अब जब
  • 00:07:42
    मोदी के दौर में शेयर बाजार ने मनमोहन
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    सिंह से काफी कम रिटर्न दिया है यह बात
  • 00:07:48
    धीरे-धीरे सामने आ रही है भारत का वोटर और
  • 00:07:51
    निवेशक पैसा और वोट दोनों के मामले में एक
  • 00:07:55
    जैसा बर्ताव करता है पिछले चार-पांच सालों
  • 00:07:58
    में सेंसेक्स में अगर हम देखें या निफ्टी
  • 00:08:01
    में बहुत तेजी से जो है वृद्धि आई है और
  • 00:08:06
    इससे जो है मार्केट कैपिट इजेशन जिसको
  • 00:08:08
    कहते हैं पूरा शेयर बाजार का जितना पैसा
  • 00:08:12
    उसमें लगा हुआ है तो वह बहुत तेजी से जो
  • 00:08:15
    है वह बढ़ते हुए नजर आया है लेकिन अगर हम
  • 00:08:19
    गौर करें तो हमारा जो असली अर्थव्यवस्था
  • 00:08:23
    है यानी हमारा जो उत्पादन है जो कृषि का
  • 00:08:26
    उत्पादन है जो हमारा मैन्युफैक्चरिंग
  • 00:08:29
    सेक्टर है उसका जो उत्पादन है हमारे जो
  • 00:08:32
    एक्सपोर्ट्स है निर्यात है या हमारा जो
  • 00:08:40
    कंजमेट खर्चा करते हैं यह जो असली इकोनॉमी
  • 00:08:45
    है रियल इकोनॉमी जो है इसका ग्रोथ जो है
  • 00:08:49
    वह शेयर बाजार के जैसा उतना तेजी से ग्रोथ
  • 00:08:52
    जो है नहीं हुआ है और हम जानते हैं कि
  • 00:08:54
    लोकसभा चुनाव के जो रिजल्ट्स आए थे उस समय
  • 00:08:58
    एग्जिट पोल के बाद बहुत भारी रकम से जो है
  • 00:09:02
    शेयर बाजार में वृद्धि आई और रिजल्ट्स आने
  • 00:09:05
    के बाद वह एकदम क्रैश हो गया तो यह दिखाता
  • 00:09:08
    है कि अभी शेयर बाजार का जो वृद्धि है वह
  • 00:09:12
    काफी आर्टिफिशियल वृद्धि जो है है शेयर
  • 00:09:15
    बाजार का चढ़ना ही था कि लोकसभा चुनाव के
  • 00:09:18
    समय प्रधानमंत्री मोदी और गृहमंत्री अमित
  • 00:09:21
    शाह नतीजों से पहले शेयर बाजार में निवेश
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    करने का सुझाव देने लगे अमित शाह ने कहा
  • 00:09:28
    कि 400 से ज्यादा सीटें आएंगी और बाजार
  • 00:09:31
    में तेजी आएगी प्रधानमंत्री मोदी ने कहा
  • 00:09:34
    नतीजे के दिन 4 जून को स्टॉक मार्केट सारे
  • 00:09:37
    रिकॉर्ड तोड़ देगा एग्जिट पोल बीजेपी की
  • 00:09:40
    प्रचंड जीत की घोषणा कर रहे थे मार्केट
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    में जबरदस्त उछाल की भविष्यवाणी चल रही थी
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    मगर ऐसा कुछ भी नहीं हुआ बीजेपी का 400
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    पार का नारा पिट गया अकेले बहुमत भी नहीं
  • 00:09:53
    मिली और बाजार बुरी तरह गिर गया धड़ाम
  • 00:09:57
    निवेशकों के 30 लाख करोड़ रुपए एक दिन में
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    स्वाहा हो गए इसे लेकर कांग्रेस पार्टी ने
  • 00:10:03
    शिकायत भी की राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री
  • 00:10:06
    और गृहमंत्री के खिलाफ आरोप लगाते हुए कहा
  • 00:10:09
    कि 4 जून से पहले निवेश करने के उनके
  • 00:10:12
    सुझाव के कारण नतीजे वाले दिन बाजार को 30
  • 00:10:16
    लाख करोड़ का घाटा हुआ है 5 करोड़ नौकरी
  • 00:10:20
    पेशा लोगों को घाटा हुआ राहुल गांधी ने इस
  • 00:10:24
    मामले में संयुक्त संसदीय समिति से जांच
  • 00:10:27
    कराने की मांग की थी जिसे अनसुना कर दिया
  • 00:10:30
    गया मैं दो इंडिविजुअल्स की बात कर रहा
  • 00:10:32
    हूं प्रधानमंत्री
  • 00:10:35
    ने और हिंदुस्तान के सब रिटेल इन्वेस्टर
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    जिनको नुकसान हुआ है मैं आपसे बोल रहा हूं
  • 00:10:40
    आपको यह बात समझ आ
  • 00:10:42
    जाएगी आपका पैसा गया
  • 00:10:45
    है आपकी कमाई गई है आपको नुकसान हुआ है और
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    इसमें करोड़ों युवा हैं
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    जो ईमानदार है तो नरेंद्र मोदी जी ने अमित
  • 00:10:58
    शाह जी ने आपको मैसेज
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    कि 4 तारीख को स्टॉक मार्केट आसमान छुए
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    गी और आपने उन पर भरोसा किया मगर सच्चाई
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    यह थी कि नरेंद्र मोदी को मालूम था कि 4
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    जून को स्टॉक मार्केट आसमान नहीं छुए
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    गी 4 जून को स्टॉक मार्केट का जबरदस्त
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    नुकसान होने जा रहा है क्योंकि उनके
  • 00:11:22
    पास इंटेलिजेंस की रिपोर्ट थी और बीजेपी
  • 00:11:26
    का जो इंटरनल असेसमेंट था 220 सीट का व
  • 00:11:30
    उनके हाथ में था तो मेरा यह सवाल है और
  • 00:11:34
    मैं आपसे इन्वेस्टर से कहना चाहता हूं कि
  • 00:11:36
    आपको जो चोट पहुंची है जो आपको दर्द हुआ
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    है वह चोट नरेंद्र मोदी जी और अमित शाह के
  • 00:11:45
    बयान ने आपको पहुंचाई है और हजारों करोड़
  • 00:11:52
    रुपए किसी ना किसी ने चोरी की है वो आपके
  • 00:11:57
    जेब से गए हैं रिटेल इन्वेस्टर्स के जेब
  • 00:12:00
    से गए हैं तो मैं चाहता हूं आपके लिए बोल
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    रहा हूं
  • 00:12:05
    मैं आपके लिए बोल रहा हूं कि
  • 00:12:10
    इन्वेस्टिगेशन होना चाहिए पता लगाना चाहिए
  • 00:12:12
    कि प्रधानमंत्री जी
  • 00:12:14
    ने होम मिनिस्टर ने आपको यह गलत
  • 00:12:18
    इंफॉर्मेशन क्यों दी और यह कौन लोग
  • 00:12:22
    हैं इन्वेस्टर जो है फॉरेन इन्वेस्टर्स
  • 00:12:25
    हैं जिन्होंने इस दिन फायदा उ उठाया ये यह
  • 00:12:30
    देखिए ग्राफ है ये यह रेड रेड चार्ट जो है
  • 00:12:36
    इसको देख लीजिए ये ये यह नॉर्मल ट्रेडिंग
  • 00:12:39
    है यह नॉर्मल ट्रेडिंग है यह ग्रे वाली
  • 00:12:42
    नॉर्मल ट्रेडिंग है और ये यह जो ट्रेडिंग
  • 00:12:45
    है यह अब नॉर्मल ट्रेडिंग है यह दो तीन
  • 00:12:48
    गुना है और फिर यह हुआ है
  • 00:12:51
    नुकसान तो यह यह नरेंद्र मोदी जी और अमित
  • 00:12:55
    शाह से मैं पूछ रहा हूं कि आप में इसका
  • 00:12:57
    इसमें आपका क्या रोल था और इन्वेस्टर्स के
  • 00:12:59
    लिए पूछ रहा हूं आपकी मदद के लिए आपकी मदद
  • 00:13:03
    करने के लिए पूछ रहा हूं और इन्वेस्टिगेशन
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    होगा तो आपके लिए होगा लेकिन अब जब शेयर
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    बाजार गिरता जा रहा है तब प्रधानमंत्री
  • 00:13:10
    मोदी और गृहमंत्री अमित शाह शेयर बाजार को
  • 00:13:12
    लेकर क्यों नहीं बोल रहे हैं वैश्विक
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    चुनौतियों के नाम पर सवालों को टरका देने
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    का चलन हो गया है भारत की अपनी आर्थिक
  • 00:13:21
    हालत पर बात नहीं हो रही कि जीडीपी का
  • 00:13:23
    अनुमान घटाया गया है इस वित्त वर्ष में
  • 00:13:26
    6.4 प्र जीडीपी की बा बात कही जा रही है
  • 00:13:30
    लोगों की आर्थिक क्षमता चौपट होती जा रही
  • 00:13:32
    है उनकी कमाई पर चोट पहुंची है तो टैक्स
  • 00:13:35
    टैक्स चिल्लाने लगे हैं मंदिर पॉलिटिक्स
  • 00:13:37
    में डूबा मिडिल क्लास और पूरा देश मनी मनी
  • 00:13:41
    गाने लगा है इकोनॉमिक टाइम्स की खबर के
  • 00:13:43
    अनुसार दैनिक उपभोग की चीजें बनाने वाली
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    कंपनियां जिन्हें हम एफएमसीजी कंपनी कहते
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    हैं नई-नई तरकीबें लगा रही हैं ताकि उनका
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    माल बिक जाए पहले बाजार में एंट्री लेवल
  • 00:13:55
    पर सर्फ एक्सल का पैकेट ₹10 का आता था अब
  • 00:14:00
    ₹10 का नया पैक लॉन्च हुआ है ₹10 से सीधे
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    ₹10 के पैकेट पर उम्मीद टिकी है कोलगेट का
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    टूथपेस्ट ₹10 का आता था अब 80 का एक नया
  • 00:14:12
    पैक लॉन्च किया गया है इकोनॉमिक टाइम्स की
  • 00:14:15
    इस रिपोर्ट में यही दिखाया गया है कि
  • 00:14:16
    मिडिल क्लास के पास पैसा खर्च करने के लिए
  • 00:14:20
    नहीं है तो बाजार में माल नहीं बिक रहा है
  • 00:14:23
    तो थोड़ा-थोड़ा करके बेचा जाए छोटे-छोटे
  • 00:14:25
    पैकेट में ताकि लोग कुछ ना कुछ खरीदते रहे
  • 00:14:29
    एकदम से सब कुछ बंद ना हो मगर बाजार में
  • 00:14:33
    गर्माहट नहीं आ रही है चीजें ग्राहकों के
  • 00:14:36
    इंतजार में शाम तक थक जाती हैं इससे अमीर
  • 00:14:40
    गरीब की बढ़ती खाई भी उजागर होती है एक
  • 00:14:43
    तरफ कपड़े धोने के पाउडर का पैकेट छोटा हो
  • 00:14:45
    रहा है दूसरी तरफ बड़े-बड़े शहरों में
  • 00:14:48
    प्रीमियम प्रोडक्ट की डिमांड बढ़ रही है
  • 00:14:50
    बड़ी-बड़ी कारों की बिक्री बढ़ जा रही है
  • 00:14:52
    छोटी कारों की बिक्री घट जा रही है आप इस
  • 00:14:55
    एक उदाहरण से भी समझ सकते हैं बेहतर तो आप
  • 00:14:58
    लोग ही ही जानते होंगे कि आपकी हालत क्या
  • 00:15:00
    है शहरों में मांग बैठ गई है शहरों की
  • 00:15:04
    मांग से ही एफएमसीजी सेक्टर आगे बढ़ता है
  • 00:15:06
    लेकिन शहरों में उसकी गाड़ी पंचर बताई जा
  • 00:15:09
    रही है इधर भारत का रुपया डॉलर के सामने
  • 00:15:12
    टूटता जा रहा है कहां तो एक डॉलर जब 0 का
  • 00:15:15
    होता था देश में रोज बहस होती थी बीजेपी
  • 00:15:19
    छाती पीटने लग जाती थी लेकिन वही बीजेपी ल
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    के 86 हो जाने पर शांत पड़ गई है आज तो $
  • 00:15:27
    86.5
  • 00:15:29
    पर पहुंच गया यानी 87 की तरफ बढ़ने लगा है
  • 00:15:32
    अगर नरेंद्र मोदी विपक्ष में होते तो हर
  • 00:15:35
    दिन प्रेस कॉन्फ्रेंस करते और भारत की
  • 00:15:37
    आर्थिक दुर्दशा का प्रलाप कर रहे होते मगर
  • 00:15:40
    अब उन्हें
  • 00:15:41
    87 का भी सामान्य नजर आने लगा है रुपए को
  • 00:15:45
    बचाने के लिए रिजर्व बैंक अपना भंडार खाली
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    किए जा रहा है भारत का विदेशी मुद्रा
  • 00:15:51
    भंडार 10 महीने में न्यूनतम स्तर पर है 3
  • 00:15:54
    जनवरी को भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 634
  • 00:15:58
    द 59 बिलियन डॉलर का रह गया सितंबर 2024
  • 00:16:02
    में सर्वाधिक हो गया था जब
  • 00:16:05
    74.8 बिलियन डॉलर का हुआ तब से 70 अरब
  • 00:16:09
    डॉलर की विदेशी मुद्रा भंडार में कमी आ गई
  • 00:16:12
    तो 2023 24 में जीडीपी 8.2 प्र रही इस
  • 00:16:17
    वित्त वर्ष का अनुमान 6.4 प्र रखा गया है
  • 00:16:22
    करीब 2 फ की गिरावट कोई मामूली नहीं होती
  • 00:16:25
    जुलाई 2024 के आर्थिक सर्वे में अनुमान 65
  • 00:16:29
    से 7 फी का बताया गया जीडीपी उससे भी कम
  • 00:16:33
    हो सकती है हो सकता है कि 6.4 फ से भी कम
  • 00:16:37
    रह जाए 2019 में कॉरपोरेट टैक्स कम किया
  • 00:16:40
    गया यह सपना दिखाया गया कि निजी कंपनियों
  • 00:16:43
    का निवेश बढ़ेगा उनके पास पैसे आएंगे और
  • 00:16:47
    नौकरियां बढ़ जाएंगी लेकिन उल्टा हुआ
  • 00:16:49
    कॉरपोरेट का मुनाफा तो बढ़ गया मगर निवेश
  • 00:16:53
    नहीं बढ़ा 11 जनवरी के द हिंदू में
  • 00:16:55
    प्रसनजीत बोस और सौम्यदीप विश्वास ने भारत
  • 00:16:59
    की धीमी होती विकास दर पर रिपोर्ट
  • 00:17:01
    प्रकाशित की है वे लिखते हैं कि यूपीए के
  • 00:17:04
    10 वर्षों के दौरान वास्तविक जीडीपी की
  • 00:17:07
    सालाना विकास दर
  • 00:17:09
    6.8 फ थी निवेश दर 10 फ थी और निजी उपभोग
  • 00:17:15
    की विकास दर 6 फी 2014 में मोदी सरकार के
  • 00:17:20
    आने के बाद से लेकर कोविड तक वास्तविक
  • 00:17:23
    जीडीपी की सालाना विकास दर यूपीए जितनी ही
  • 00:17:27
    थी निजी उपभोग की विकास दर बढ़कर
  • 00:17:31
    6.8 फ हो गई मगर वास्तविक निवेश की विकास
  • 00:17:35
    दर 10 फी से गिरकर 6.3 फ पर आ गई यानी
  • 00:17:40
    मोदी सरकार के दौरान आर्थिक विकास निवेश
  • 00:17:44
    के कारण नहीं हुआ जबकि यूपीए के समय निवेश
  • 00:17:48
    अच्छा था तब जब कॉर्पोरेट टैक्स ज्यादा था
  • 00:17:53
    पिछले हफ्ते हमारा जो स्टेटस्ट मिनिस्ट्री
  • 00:17:57
    है यूनियन मिनिस्ट्री है केंद्र सरकार का
  • 00:18:00
    जो स्टेटिस्टिक्स का जो दफ्तर है उन्होंने
  • 00:18:03
    जो इस अर्ध वर्ष के लिए 20 24 25 अर्ध
  • 00:18:09
    वर्ष के लिए जो आर्थिक वृद्धि का
  • 00:18:14
    एस्टिमेटर्स वृद्धि होगी असली आर्थिक
  • 00:18:17
    वृद्धि होगी इसका अनुमान लगाया गया था
  • 00:18:20
    उतना तेजी से वह आर्थिक वृद्धि नहीं होने
  • 00:18:23
    जा रहा है पिछले साल 8 % से ज्यादा आर्थिक
  • 00:18:27
    वृद्धि अ हुआ था इस हमारे देश में लेकिन
  • 00:18:31
    इस साल
  • 00:18:33
    वह सिर्फ 6 द अ 3 या 6.4 पर जो है वह होने
  • 00:18:40
    की संभावना है तो यह जो आर्थिक वृद्धि कम
  • 00:18:45
    होने का जो अभी बात आ रही है सरकारी तौर
  • 00:18:49
    पे ही इसका कारण यह है कि निजी निवेश जो
  • 00:18:54
    है उसमें कोई वृद्धि देखने को नहीं मिल
  • 00:18:56
    रहा है और उसके साथ साथ
  • 00:19:06
    कंजंक्चर क्षेत्र को देखें या सेवा के जो
  • 00:19:10
    अलग-अलग क्षेत्र है उसको भी अगर हम देखें
  • 00:19:13
    तो हर चीज में ही धिमी गति से आर्थिक
  • 00:19:16
    वृद्धि होता हुआ नजर आ रहा है इस साल में
  • 00:19:19
    तो यह जो असली अर्थव्यवस्था में जो धिमी
  • 00:19:22
    गति से जो वृद्धि हो रही है इसी से भी
  • 00:19:27
    हमारे देश में जो
  • 00:19:29
    विदेशी जो पूंजी है हमारा वित्तीय बाजार
  • 00:19:33
    में स्टॉक मार्केट में जो फॉरेन
  • 00:19:34
    पोर्टफोलियो इन्वेस्टर्स है वह धीरे-धीरे
  • 00:19:37
    हमारे देश से पैसा जो है अभी वापस खींच ले
  • 00:19:41
    रहे हैं और इसके चलते भी
  • 00:19:45
    एक जो स्टॉक मार्केट के ऊपर जो है वह
  • 00:19:48
    इंपैक्ट हो रहा है स्टॉक इंसेस का और हम
  • 00:19:51
    लोगों का जो इतना बड़ा हुआ जो अभी
  • 00:19:54
    डोमेस्टिक इन्वेस्टर्स है रिटेल
  • 00:19:56
    इन्वेस्टर्स है इनका अभी भी कॉन्फिडेंस
  • 00:19:58
    बना हुआ है इंडियन इकोनॉमी पे इंडियन
  • 00:20:00
    ग्रोथ स्टोरी पे लेकिन यह कॉन्फिडेंस को
  • 00:20:03
    धक्का लग रहा है यह जो ग्रोथ एस्टिमेट्स
  • 00:20:06
    कम हुआ है तो अभी आने वाले दिनों में बजट
  • 00:20:09
    भी आएगा उसके बाद क्या सुधार होगा उ उसको
  • 00:20:12
    भी देखना पड़ेगा लेकिन यह बात तय है कि
  • 00:20:15
    हमारे देश का जो शेयर बाजार में जो
  • 00:20:18
    वर्तमान जो वैल्युएशंस है जो करंट
  • 00:20:20
    प्रेजेंट वैल्युएशंस है वो काफी
  • 00:20:23
    इन्फ्लेटेड वैल्युएशंस है यही लग रहा है
  • 00:20:26
    तो इन्फ्लेटेड वैल्युएशंस जब भी हो होता
  • 00:20:28
    है तो उसमें शार्प करेक्शंस होने की भी जो
  • 00:20:32
    है गुंजाइश रहती है तो आने वाले दिनों में
  • 00:20:35
    हमारा देश का स्टॉक मार्केट में सेंसेक्स
  • 00:20:37
    में निफ्टी में भी हम भारी गिरावट का
  • 00:20:40
    आशंका जो है जता सकते हैं इसलिए यह कहना
  • 00:20:43
    पूरी तरह सही नहीं है कि भारत की
  • 00:20:45
    अर्थव्यवस्था में जो गिरावट से लेकर ठहराव
  • 00:20:49
    की स्थिति बताई जा रही है वह केवल वैश्विक
  • 00:20:52
    चुनौतियों के कारण है अमेरिका के कारण है
  • 00:20:55
    मोदी सरकार के दौर में मैन्युफैक्चरिंग
  • 00:20:57
    सेक्टर कभी उठ नहीं पाया थोड़ा बहुत सुधार
  • 00:21:01
    होता रहा लेकिन कुल मिलाकर इसका प्रदर्शन
  • 00:21:04
    औसत रहा है रोजगार देने वाले किसी भी
  • 00:21:07
    सेक्टर ने इतनी प्रगति नहीं की जिसे लेकर
  • 00:21:09
    हेडलाइन चमकने लग जाए कंपनियों में सैलरी
  • 00:21:12
    का बढ़ना रुकसा गया है जाहिर है मिडिल
  • 00:21:15
    क्लास के पास कहीं से पैसा आ नहीं रहा है
  • 00:21:18
    टैक्स में कमी तो होनी चाहिए लेकिन क्या
  • 00:21:20
    टैक्स में कटौती काफी होगी भारत सरकार के
  • 00:21:24
    पास कितना स्कोप बचा है कि वह टैक्स में
  • 00:21:26
    कमी करें हेडलाइन के यह कुछ इधर से उधर
  • 00:21:29
    किया जा सकता है लेकिन बड़ी राहत की
  • 00:21:32
    उम्मीद कमी ही नजर आती है उदय कोटक ने भी
  • 00:21:35
    टैक्स कम करने की बात कही है 6 जनवरी को
  • 00:21:38
    लाइव मिनट की गोपिका गोप कुमार और सतीश
  • 00:21:40
    जॉन से बातचीत में उन्होंने कहा निजी कर
  • 00:21:43
    और कैपिटल गेन टैक्स पर मैं सरकार को बधाई
  • 00:21:46
    देता हूं इनसे जुड़े नियम सरल हुए हैं मगर
  • 00:21:50
    मैं मानता हूं कि ब्याज दर और निजी आय पर
  • 00:21:53
    लगने वाले टैक्स को कम किया जाना चाहिए
  • 00:21:55
    मेरा अपना मत है कि निजी आय पर लगने वाला
  • 00:21:58
    मार्जिनल टैक्स 39 फ से कम होना चाहिए 33
  • 00:22:02
    या 35 फ होना चाहिए पहले यह 42 फ था कम
  • 00:22:07
    करके 39 फी पर लाया गया कॉरपोरेट टैक्स 25
  • 00:22:11
    फ है तो कुल मिलाकर कॉर्पोरेट पर 1 चौथाई
  • 00:22:15
    और लोगों पर 1 तिहाई मार्जिनल रेट इसका
  • 00:22:18
    नतीजा अच्छा होना चाहिए तो कॉर्पोरेट को
  • 00:22:21
    क्या डर लग रहा होगा कि कहीं सरकार फिर से
  • 00:22:24
    उस पर टैक्स ना बढ़ा दे इसलिए अब
  • 00:22:26
    कॉर्पोरेट इनकम टैक्स घटा ने की बात करने
  • 00:22:29
    लगा है लेकिन सीआईआई के अध्यक्ष और
  • 00:22:32
    उद्योगपति संजीव पुरी का भी कुछ कहना है
  • 00:22:35
    वे मानते हैं कि 20 लाख तक की आमदनी वाले
  • 00:22:37
    को टैक्स में राहत देनी चाहिए लेकिन पूरी
  • 00:22:41
    भी वही कह रहे हैं जो बहुत से विशेषज्ञ और
  • 00:22:43
    अर्थशास्त्री कोरोना के बाद से कहते आ रहे
  • 00:22:46
    हैं अर्थव्यवस्था और आम जनता की आर्थिक
  • 00:22:49
    हालत को सुधारने के लिए मांग बढ़ाने की
  • 00:22:51
    बहुत जरूरत है यह निवेश को बढ़ाने से भी
  • 00:22:54
    बड़ी जरूरत है लेकिन सरकार की नीति
  • 00:22:57
    कॉरपोरेट निवेश को बढ़ावा देने की रही है
  • 00:22:59
    वर्षों से टैक्स में छूट दी जा रही है
  • 00:23:02
    कॉरपोरेट के लिए अन्य कदम भी उठाए गए
  • 00:23:04
    लेकिन जिस निजी निवेश की उम्मीद सरकार
  • 00:23:07
    लगाए बैठी रही वह कभी हुआ नहीं कंपनियों
  • 00:23:10
    के मुनाफे बढ़ गए मगर लोगों की सैलरी नहीं
  • 00:23:13
    बढ़ी नई नौकरियां पैदा नहीं हुई अब यह सब
  • 00:23:16
    सच सामने आ रहा है आम जनता तक इस निवेश का
  • 00:23:21
    लाभ नहीं पहुंचा उनकी खरीदने की क्षमता
  • 00:23:23
    गिरती जा रही है संजीव पुरी ने सरकार
  • 00:23:26
    द्वारा पूंजीगत व्यय यानी कैप को बढ़ाने
  • 00:23:29
    पर जोर दिया ताकि नई नौकरियां पैदा हो और
  • 00:23:32
    टैक्स से निचोड़ जा चुकी जनता तक राहत
  • 00:23:35
    पहुंचे संजीव पुरी ने यह भी कहा कि कपड़ा
  • 00:23:37
    और जूता के सेक्टर में हाथ के काम का
  • 00:23:39
    इस्तेमाल होता है इन सेक्टरों में निर्यात
  • 00:23:42
    को बढ़ावा देने की जरूरत है इंग्लैंड और
  • 00:23:45
    यूरोप के देशों से मुक्त व्यापार समझौते
  • 00:23:47
    होने चाहिए ताकि निर्यात बढ़े रोजगार पैदा
  • 00:23:50
    हो संजीव पूरी ने वह बात कह दी जिसे कहने
  • 00:23:53
    में उद्योगपतियों को खाने की मेंज पर एक
  • 00:23:56
    कटोरी में ईडी एक कटोरी में इनकम टैक्स और
  • 00:23:59
    चम्मच में सीबीआई नजर आने लगती है फिर भी
  • 00:24:02
    राम जाने संजीव पुरी ने कैसे कह दिया कि
  • 00:24:05
    पेट्रोल और डीजल पर टैक्स में कटौती कर
  • 00:24:07
    मिडिल क्लास को राहत पहुंचाना जरूरी है 20
  • 00:24:11
    लाख सालाना आय वाले वर्ग के लिए आयकर में
  • 00:24:14
    कटौती करने की जरूरत है मनरेगा वेतन में
  • 00:24:17
    बढ़ोतरी की बात भी संजीव पूरी कर रहे हैं
  • 00:24:20
    तो जो बात मीडिया नहीं कह पा रहा है वह
  • 00:24:23
    बात अब उद्योगों के संगठन की तरफ से कही
  • 00:24:26
    जाने लगी है
  • 00:24:32
    कभी सोचा था आपने कि ऐसा दिन आएगा मिडिल
  • 00:24:35
    क्लास यानी एम क्लास खुद नहीं बोल पाता कि
  • 00:24:38
    पेट्रोल डीजल के टैक्स में कमी कीजिए कब
  • 00:24:40
    से 95 लीटर पेट्रोल भरवा रहे हैं जेबे
  • 00:24:44
    खाली हो गई हैं लेकिन उद्योगों के संगठन
  • 00:24:46
    ने मांग की है कि टैक्स कम हो पेट्रोल
  • 00:24:49
    डीजल के दाम पर भी टैक्स कम हो तब भी
  • 00:24:51
    मीडिया में टैक्स को लेकर कोई बहस नहीं
  • 00:24:54
    वैसे भी कुंभ के बहाने बजट सर से निकल
  • 00:24:57
    जाएगा मीडिया इन बातों को छोड़कर कुंभ को
  • 00:25:00
    अपना बहाना बना लेगा जैसे इन दिनों वह
  • 00:25:04
    कुंभ में व्यस्त है इसलिए टैक्स या मिडिल
  • 00:25:06
    क्लास की आर्थिक हालत की बात नहीं कर रहा
  • 00:25:09
    20 करोड़ निवेशकों के पैसे हर दिन मार्केट
  • 00:25:13
    में डूब रहे हैं उसकी बात नहीं कर रहा
  • 00:25:15
    क्योंकि गोदी मीडिया कुंभ में व्यस्त है
  • 00:25:18
    मार्केट से लोग आस लगाए बैठे हैं शाम
  • 00:25:21
    होते-होते निराशा में डूब जा रहे हैं काम
  • 00:25:24
    किए जा रहे हैं सैलरी नहीं मिल रही जहां
  • 00:25:27
    निवेश कर रहे हैं वहां से लाभ नहीं अच्छा
  • 00:25:29
    है कि इस बीच कुंभ शुरू हो गया है मिडिल
  • 00:25:32
    क्लास का मन थोड़ा उसमें लग जाएगा थोड़ा
  • 00:25:34
    नहीं बहुत लगना चाहिए उसके बाद भारत की
  • 00:25:37
    राजनीति उन्हें मस्जिदों के नीचे मंदिर
  • 00:25:40
    खोजने के लिए ले जाएगी उस काम में उन्हें
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    व्यस्त कर देगी लेकिन इन सबके बाद भी
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    बीच-बीच में मिडिल क्लास का ध्यान जब भी
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    अपनी कमाई और शेयर बाजार पर आएगा तो उसका
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    मन सैड ही होगा गुड नहीं होगा वह ज्यादा
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    से ज्यादा लतीफा बना सकता है रुपया कमजोर
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    हो गया
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    86 से ज्यादा का हो गया प्रधानमंत्री मोदी
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    ने भी पत्रकारों से किनारा तो नहीं किया
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    है लेकिन पॉडकास्ट के नाम पर उद्योगपति को
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    बुलाने लगे हैं पहले कलाकार आए इंटरव्यू
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    करने अब उद्योगपति आ रहे हैं आइए मेरा
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    इंटरव्यू कीजिए कमाल है जो उद्योगपति भारत
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    की आर्थिक स्थिति को लेकर सवाल नहीं पूछ
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    सकता वह प्रधानमंत्री से उनके बचपन के
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    किस्से पूछ रहा है मिडिल क्लास को साफ
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    संदेश दिया जा चुका है ज्यादा सवाल मत
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    पूछिए बचपन में मैं क्या सो सता था मेरा
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    गांव कैसा था जो सुना रहा हूं वही कथा
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    सुनिए कथा वाच कों की डिमांड काफी बढ़ गई
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    है कवि भी कविता के साथ-साथ कथा वाचन कर
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    रहे हैं नमस्कार मैं रवीश कुमार
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