Govt. Can’t Take Over Judiciary; SC Judge Calls SC Order Milestone #lawchakra #supremecourtofindia

00:09:59
https://www.youtube.com/watch?v=kOFSydD2_sg

Resumen

TLDREl reciente fallo del Tribunal Supremo de la India sobre las demoliciones con bulldozer ha generado un debate considerable, con opiniones divididas en el ámbito político y legal. La jueza BV Nagaratna insistió en que demoler propiedades sin un debido proceso judicial es ilegal e inconstitucional, subrayando la importancia del respeto a los derechos fundamentales en una democracia. En respuesta, se han introducido nuevas directrices que exigen una notificación previa y una audiencia antes de cualquier demolición. Este fallo ha sido aclamado por diversos líderes, destacando la necesidad de justicia y procesos justos para todos, criticando la práctica anterior de utilizar estas demoliciones como herramientas de intimidación política.

Para llevar

  • ⚖️ El Tribunal Supremo de India emitió nuevas directrices para las demoliciones.
  • 📢 La jueza BV Nagaratna expresó sus preocupaciones sobre las demoliciones sin juicio.
  • 🏠 Las demoliciones deben notificarse legalmente con 15 días de anticipación.
  • 🔍 Las prácticas arbitrarias amenazan la confianza en el estado de derecho.
  • 🎤 Personalidades destacadas han analizado críticamente el fallo.
  • 📝 Se afirma que sin el debido proceso, las demoliciones son inconstitucionales.
  • 🚨 La nueva normativa busca prevenir el abuso de poder ejecutivo.
  • 🔄 Los tribunales deben evitar convertirse en herramientas del ejecutivo.
  • 🥺 La democratización depende de la rendición de cuentas y la transparencia.
  • 🗣️ Los ciudadanos deben estar informados de sus derechos en una democracia.

Cronología

  • 00:00:00 - 00:09:59

    El reciente fallo del Tribunal Supremo de India sobre las demoliciones con bulldozers ha provocado una ola de reacciones y debates acalorados. Especialmente la opinión de la jueza del Tribunal Supremo, Justice BV Nagarathna, quien ha criticado esta práctica y ha defendido el debido proceso legal como fundamental en una democracia. Ella argumenta que las demoliciones sin un juicio adecuado son ilegales e inconstitucionales, enfatizando que la ley debe ser aplicada de manera justa y que la responsabilidad es fundamental. La decisión del Tribunal Supremo busca poner fin a las demoliciones arbitrarias y proteger los derechos fundamentales de las personas, estableciendo directrices estrictas que exigen notificaciones legales y audiencias justas antes de cualquier demolición.

Mapa mental

Mind Map

Preguntas frecuentes

  • ¿Qué dijo la jueza BV Nagaratna sobre las demoliciones con bulldozer?

    La jueza indicó que las demoliciones sin un proceso judicial son ilegales e inconstitucionales.

  • ¿Cuáles son las nuevas directrices del Tribunal Supremo respecto a las demoliciones?

    Las demoliciones no deben realizarse sin una notificación legal adecuada y se debe ofrecer una audiencia previa al propietario.

  • ¿Qué preocupación expresó la jueza sobre el uso de las órdenes?

    Expresó preocupación por el uso excesivo de órdenes como atajo para eludir el escrutinio legislativo.

  • ¿Qué impacto tienen las demoliciones arbitrarias según esta normativa?

    Socavan la confianza pública en el sistema judicial y el estado de derecho.

Ver más resúmenes de vídeos

Obtén acceso instantáneo a resúmenes gratuitos de vídeos de YouTube gracias a la IA.
Subtítulos
hi
Desplazamiento automático:
  • 00:00:00
    वैसे तो सुप्रीम कोर्ट के रिसेंटली आए
  • 00:00:02
    लैंडमार्क जजमेंट्स को काफी लोगों ने
  • 00:00:03
    प्रेज किया था इस जजमेंट के आते ही हर
  • 00:00:06
    फील्ड से कई तरह के रिएक्शंस और डिस्कशंस
  • 00:00:08
    देखने को मिले थे पॉलिटिकल लीडर्स और
  • 00:00:10
    पार्टीज तो इस पर चर्चा कर ही रहे थे
  • 00:00:12
    लेकिन इसी बीच लीगल फ्रेटरनिटी के लोगों
  • 00:00:14
    की जो ओपिनियन सुनने को मिले हैं वह काफी
  • 00:00:16
    ज्यादा दिलचस्प और डिबेटेबल थी आपको बता
  • 00:00:19
    दूं कि इस डिबेट ने अब और ज्यादा आग इसलिए
  • 00:00:21
    भी पकड़ ली है क्योंकि सुप्रीम कोर्ट के
  • 00:00:23
    एक फीमेल जज ने सुप्रीम कोर्ट के इस
  • 00:00:25
    लैंडमार्क जजमेंट और बुलडोजर जस्टिस जैसे
  • 00:00:28
    प्रैक्टिस पर अपने विचार पेश किए हैं
  • 00:00:30
    सुप्रीम कोर्ट की जज जस्टिस बीवी नाग
  • 00:00:32
    रत्ना ने एक जबरदस्त और सोचने पर मजबूर कर
  • 00:00:35
    देने वाली स्पीच दी है जो डेमोक्रेसी
  • 00:00:37
    कानून और एग्जीक्यूटिव ओवर री जैसे
  • 00:00:38
    टॉपिक्स को टच करती है यह स्पीच उन्होंने
  • 00:00:41
    जस्टिस एस नाथ रजन सेंटेना मेमोरियल
  • 00:00:44
    लेक्चर के दौरान चेन्नई में दी जिसमें
  • 00:00:45
    उन्होंने बुलडोजर डिमोलिशंस पर सुप्रीम
  • 00:00:47
    कोर्ट के एक रिसेंट जजमेंट की तारीफ की है
  • 00:00:50
    और इसका नॉलेजेबल और क्रिटिकल एनालिसिस
  • 00:00:52
    दिया आपकी जानकारी के लिए बता दूं कि अपने
  • 00:00:54
    स्पीच में उन्होंने एक बात क्लियर कर दी
  • 00:00:56
    कि अगर किसी व्यक्ति की प्रॉपर्टी बिना
  • 00:00:58
    किसी जुडिशियस प्रोसेस के तोड़ दी जाए तो
  • 00:01:00
    यह एक इलीगल और अनकंस्टीट्यूशनल एक्ट है
  • 00:01:03
    लेकिन यह बस एक पार्ट है उनकी स्पीच का इस
  • 00:01:05
    वीडियो में हम डिटेल में समझेंगे कि
  • 00:01:07
    उन्होंने क्या कहा सुप्रीम कोर्ट के
  • 00:01:09
    बुलडोजर डिमोलिशंस पर क्या नए गाइडलाइंस
  • 00:01:11
    आए हैं और कैसे यह सब कुछ लोकतंत्र और आम
  • 00:01:14
    इंसान के फंडामेंटल राइट्स के लिए
  • 00:01:16
    रिलेवेंट है साथ ही कुछ रिनाउंड
  • 00:01:17
    पर्सनेलिटीज द्वारा दिए गए इंटरव्यूज भी
  • 00:01:20
    देखेंगे जहां उन्होंने इस जजमेंट को
  • 00:01:21
    क्रिटिकली एनालाइज किया है आपने कभी टीवी
  • 00:01:24
    पर या न्यूज़पेपर में देखा होगा कि किसी
  • 00:01:26
    का घर या दुकान बुलडोजर से तोड़ दिया गया
  • 00:01:28
    और फिर बोला गया कि इलीगल लीगल
  • 00:01:30
    कंस्ट्रक्शन थी या उस व्यक्ति का कोई
  • 00:01:31
    क्रिमिनल रिकॉर्ड था लेकिन यह प्रैक्टिस
  • 00:01:33
    एक बड़े सवाल को जन्म देती है क्या बिना
  • 00:01:35
    किसी लीगल ट्रायल के किसी की प्रॉपर्टी
  • 00:01:37
    तोड़ देना सही है यही सवाल सुप्रीम कोर्ट
  • 00:01:40
    और जस्टिस बीवी नाग रत्ना के सामने आया जब
  • 00:01:42
    बुलडोजर डिमोलिशंस का मुद्दा उनकी स्पीच
  • 00:01:44
    का एक हिस्सा बना जस्टिस नाग रत्न ने कहा
  • 00:01:46
    डेमोक्रेसी के बेसिक प्रिंसिपल में यह
  • 00:01:49
    नहीं लिखा कि किसी को बिना जुडिशियस
  • 00:01:50
    प्रोसेस के सजा दी जाए अगर आप बिना ट्रायल
  • 00:01:52
    के प्रॉपर्टी डिमोलिश करते हैं तो आप
  • 00:01:54
    कानून का मजाक उड़ाते हैं जहां एक तरफ
  • 00:01:56
    जस्टिस नाग रत्ना ने सुप्रीम कोर्ट के इस
  • 00:01:58
    जजमेंट को एक माइ स्टोन कहा जो रूल ऑफ लॉ
  • 00:02:01
    को मजबूत बनाता है वहीं दूसरी तरफ
  • 00:02:03
    इंडिपेंडेंट इन्वेस्टिगेटिंग जर्नलिस्ट
  • 00:02:05
    सौरव दास ने एक इंटरव्यू दिया देखिए उसमें
  • 00:02:08
    उन्होंने क्या कहा है आप देखेंगे कि 2 साल
  • 00:02:10
    चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया रहे लेकिन जो
  • 00:02:12
    बुलडोजर इंजस्टिस होते रहा देश में अब
  • 00:02:14
    जाके चलिए एक अच्छे बेंच के पास वो गया वो
  • 00:02:16
    बेंच ने बहुत ही मतलब एक स्टे भी लगा दिया
  • 00:02:18
    पूरा पैन इंडिया स्टे लगा दिया लेकिन वो
  • 00:02:20
    बहुत ही बाद में हुआ इतने सालों तक वो
  • 00:02:22
    बुलडोजर इंजस्टिस चलते रहा चीफ जस्टिस
  • 00:02:24
    चंद्रचूड़ जो लिबर्टी के बारे में
  • 00:02:25
    उन्होंने बोला था कि एक दिन भी अगर जेल
  • 00:02:27
    में कोई रहा इलीगली वो दिन के बराबर है
  • 00:02:30
    ऐसा मतलब एक्ट ऐसा स्टेटमेंट नहीं था
  • 00:02:32
    लेकिन उनका सेंटीमेंट वही था ऐसे चीफ
  • 00:02:34
    जस्टिस के अंडर अगर सुप्रीम कोर्ट को इतना
  • 00:02:36
    टाइम लग गया बुलडोजर इंजस्टिस को देखने
  • 00:02:38
    में तो आप फिर कैसे वो लेसी आप डिसाइड
  • 00:02:41
    करेंगे उनका लेगे क्या है आप देखेंगे आपकी
  • 00:02:43
    लेसी के बारे में इनका चीफ जस्टिस चंद्र
  • 00:02:45
    चूट का इतना
  • 00:02:58
    डिस्परेयूनिया इस्तेमाल कई बार पॉलिटिकल
  • 00:03:01
    टूल के रूप में होता है जो अक्सर
  • 00:03:02
    माइनॉरिटी या पॉलिटिकली मार्जिनलाइज्ड
  • 00:03:05
    कम्युनिटीज को टारगेट करता है इसलिए यह
  • 00:03:07
    सिर्फ एक लीगल मुद्दा नहीं बल्कि एक सोशल
  • 00:03:09
    और पॉलिटिकल चैलेंज भी है हालांकि सुप्रीम
  • 00:03:11
    कोर्ट ने रीसेंट जजमेंट में बुलडोजर
  • 00:03:13
    डिमोलिशंस पर स्ट्रिक्ट गाइडलाइंस भी दी
  • 00:03:15
    है जस्टिसेज बीआर गवई और केवी विश्वनाथन
  • 00:03:17
    की बेंच ने जब ये जजमेंट दिया जिसमें कहा
  • 00:03:19
    गया कि नो डिमोलिशन शुड बी कैरिड आउट
  • 00:03:22
    विदाउट प्रॉपर लीगल नोटिस सिर्फ यही नहीं
  • 00:03:24
    बेंच ने और भी कई रिमार्क्स पास किए
  • 00:03:26
    स्टेटिंग अ फेयर ट्रायल इज द राइट ऑफ एवरी
  • 00:03:28
    इंडिविजुअल नो मैटर द एलिगेशंस बेंच ने
  • 00:03:31
    क्लियर किया कि एग्जीक्यूटिव ऑफिसर्स जो
  • 00:03:33
    बिना जुडिशियस अप्रूवल के डिमोलिशन
  • 00:03:35
    ऑर्डर्स देते हैं उनके अगेंस्ट स्ट्रिक्ट
  • 00:03:37
    अकाउंटेबिलिटी होनी चाहिए इन जजमेंट्स के
  • 00:03:39
    बाद सुप्रीम कोर्ट ने क्लियर किया कि
  • 00:03:41
    डिमोलिशन से पहले एक 15 दिन का नोटिस दिया
  • 00:03:43
    जाना जरूरी है और प्रॉपर्टी ओनर को एक
  • 00:03:45
    पर्सनल हियरिंग का मौका मिलना चाहिए अगर
  • 00:03:47
    यह प्रोसेस फॉलो नहीं किया गया तो ऑफिशल्स
  • 00:03:50
    के अगेंस्ट कंटेम प्रोसीडिंग्स हो सकती है
  • 00:03:52
    आगे आपको बता दूं कि जस्टिस नाग रत्ना की
  • 00:03:54
    स्पीच भी एक रिफ्लेक्शन थी जुडिशरी और
  • 00:03:56
    एग्जीक्यूटिव के रोल्स पर उन्होंने
  • 00:03:58
    बुलडोजर डिमोलिशंस के टेक्स्ट में कहा दिस
  • 00:04:00
    इज वन स्टार्क एग्जांपल ऑफ एग्जीक्यूटिव
  • 00:04:02
    एक्सेसेस इन रिसेंट इयर्स उन्होंने यह भी
  • 00:04:05
    हाईलाइट किया कि जुडिशरी का रोल सिर्फ
  • 00:04:07
    कानून बनाने तक सीमित नहीं है जुडिशरी का
  • 00:04:09
    असली रोल है कानून का फेयर इंप्लीमेंटेशन
  • 00:04:11
    इंश्योर करना अगर जुडिशरी अपनी
  • 00:04:13
    रिस्पांसिबिलिटी नहीं निभाएगी तो
  • 00:04:15
    डेमोक्रेसी एक मोबोक्रेसी बन जाएगी
  • 00:04:17
    उन्होंने एक और क्रिटिकल पॉइंट उठाया और
  • 00:04:19
    कहा ऑफिशल्स हु कैरी आउट डिमोलिशंस
  • 00:04:21
    आर्बिटर शुड बी मेड टू आंसर फॉर देर
  • 00:04:24
    एक्शंस अकाउंटेबिलिटी इज नॉन नेगोशिएबल इन
  • 00:04:26
    अ डेमोक्रेसी बुलडोजर डिमोलिशंस के अलावा
  • 00:04:28
    जस्टिस नागर ने ट्राइब ल्स पर भी बात की
  • 00:04:31
    ट्रिब्युनल्स का असली मकसद हाई कोर्ट्स का
  • 00:04:33
    बर्डन कम करना है लेकिन आज यह सिस्टम
  • 00:04:35
    एग्जीक्यूटिव कंट्रोल का शिकार है
  • 00:04:37
    उन्होंने कहा ट्रिब्युलस हैव इंक्रीजिंगली
  • 00:04:39
    बिकम टूल्स फॉर द एग्जीक्यूटिव टू
  • 00:04:41
    इंटरफेयर इन जुडिशियस फंक्शंस दिस
  • 00:04:43
    थ्रेटेंस द सेपरेशन ऑफ़ पावर्स इं शंड इन
  • 00:04:45
    अ कांस्टिट्यूशन जस्टिस नाग रतना के
  • 00:04:47
    वर्ड्स में ट्रिब्युलस शुड नॉट बिकम अ
  • 00:04:49
    रिहैबिलिटेशन मैकेनिज्म फॉर रिटायर्ड जजेस
  • 00:04:51
    दे शुड सर्व द पर्पस दे वर ओरिजनली
  • 00:04:53
    इंटेंडेड फॉर यह बात एक बड़ी डिबेट को
  • 00:04:55
    जन्म देती है कि क्या ट्रिब्युनल्स अपने
  • 00:04:57
    असली ऑब्जेक्टिव्स का अचीव कर पा रहे हैं
  • 00:05:00
    या नहीं जस्टिस नाग रत्ना ने ऑर्डिनेंस
  • 00:05:02
    मेकिंग पावर्स के मिसयूज पर भी अपनी चिंता
  • 00:05:04
    व्यक्त की कई सरकारें ऑर्डिनेंसस का
  • 00:05:06
    इस्तेमाल एक शॉर्टकट के रूप में करते हैं
  • 00:05:08
    जिसमें लेजिस्लेटिव अप्रूवल की जरूरत नहीं
  • 00:05:10
    होती उन्होंने कहा इन रिसेंट इयर्स
  • 00:05:12
    ऑर्डिनेंस मेकिंग हैज बिकम अ कन्वीनियंस
  • 00:05:14
    टूल फॉर बायपासिंग लेजिस्लेटिव स्क्रूटनी
  • 00:05:16
    दिस इज डीप प्रॉब्लमैटिक फॉर अ डेमोक्रेसी
  • 00:05:19
    यह बात उन्होंने डीसी वा दवा वर्सेस स्टेट
  • 00:05:21
    ऑफ बिहार केस के रेफरेंस के साथ रखी
  • 00:05:23
    जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने ऑर्डिनेंसस को
  • 00:05:25
    बार-बार रिप्रोमल्गेशन करने की प्रैक्टिस
  • 00:05:27
    को अनकंस्टीट्यूशनल डिक्लेयर किया था
  • 00:05:29
    जस्टिस नाग रतना ने अपनी स्पीच के एक और
  • 00:05:31
    क्रिटिकल हिस्से में प्रेसिडेंट और
  • 00:05:33
    गवर्नर्स के
  • 00:05:37
    डिस्क्रेसियस प्रिंसिपल्स के मुताबिक होना
  • 00:05:39
    चाहिए ना कि किसी पर्सनल या पॉलिटिकल
  • 00:05:41
    इंटरेस्ट के लिए उन्होंने एमफसा इज किया द
  • 00:05:44
    सेटिस्फैक्ट्रिली
  • 00:05:47
    दे मस्ट एक्ट इन अकॉर्डेंस विद द रूल ऑफ
  • 00:05:50
    लॉ नॉट आर्बिट्रेरी विम्स उनका यह
  • 00:05:52
    स्टेटमेंट एक इंपॉर्टेंट रिमाइंडर है कि
  • 00:05:54
    पॉलिटिकल प्रेशर्स जुडिशरी या
  • 00:05:56
    एग्जीक्यूटिव की इंपार्शियल्टी को इंपैक्ट
  • 00:05:58
    नहीं करना चाहिए सभी जा जानते हैं कि
  • 00:06:00
    बुलडोजर डिमोलिशंस का इंपैक्ट सिर्फ एक
  • 00:06:02
    व्यक्ति तक सीमित नहीं है यह पूरे सोसाइटी
  • 00:06:04
    के लिए एक प्रेसिडेंट सेट करता है अगर
  • 00:06:06
    बिना जुडिशियस प्रोसेस की डिमोलिशन होती
  • 00:06:08
    रहेगी तो आम नागरिक का कानून पर भरोसा कम
  • 00:06:11
    होगा सुप्रीम कोर्ट ने ऑब्जर्व किया द रूल
  • 00:06:13
    ऑफ लॉ कैन नॉट एजिस्ट इफ एक्शंस आर टेकन
  • 00:06:15
    विदाउट फॉलोइंग ड्यू प्रोसेस आर्बिट्रेरी
  • 00:06:17
    डिमोलिशंस अंडर माइन पब्लिक फेथ इन द
  • 00:06:19
    जुडिशरी जस्टिस नाग रत्ना का यह कहना था
  • 00:06:22
    कि डेमोक्रेसी का असली एसेंस तभी सफल होता
  • 00:06:24
    है जब अकाउंटेबिलिटी और ट्रांसपेरेंसी
  • 00:06:26
    दोनों हो जस्टिस नाग रत्ना ने डेमोक्रेसी
  • 00:06:28
    का असली मकसद डिफाइन करते हुए कहा
  • 00:06:30
    डेमोक्रेसी इज नॉट मरली अबाउट मेजॉरिटी
  • 00:06:32
    रूल इट इज अबाउट एलिवेटर पब्लिक ओपिनियन
  • 00:06:35
    थ्रू इंक्लूजन ऑफ डायवर्जेंट एंड
  • 00:06:37
    कांट्रेरियन आइडियाज उन्होंने यह भी कहा
  • 00:06:39
    कि अगर जुडिशरी और मीडिया डिसेंट वॉइसे को
  • 00:06:41
    सप्रे करते हैं तो डेमोक्रेसी का असली
  • 00:06:43
    मतलब खत्म हो जाता है खैर कब तक डिसेंडिंग
  • 00:06:46
    वॉइसे स्रेस होने से फ्री रहती है इसका तो
  • 00:06:48
    पता नहीं लेकिन सुप्रीम कोर्ट के
  • 00:06:49
    डायरेक्शंस पर एसपी चीफ अखिलेश यादव के
  • 00:06:52
    व्यूज हम आपको सुना सकते हैं आज सुप्रीम
  • 00:06:54
    कोर्ट का बड़ा फैसला आया है 1 अक्टूबर तक
  • 00:06:56
    हालाकि रोक लगा दी उसके बाद एक और भी
  • 00:06:58
    उसमें फैसला आ देखिए
  • 00:07:00
    बुलडोजर न्याय नहीं हो सकता है बुलडोजर
  • 00:07:04
    अनकंस्टीट्यूशनल था बुलडोजर लोगों को
  • 00:07:06
    डराने के लिए था बुलडोजर जानबूझ करके
  • 00:07:10
    विपक्ष की आवाज को दबाने के लिए था मैं
  • 00:07:13
    धन्यवाद और बधाई दूंगा सुप्रीम कोर्ट के
  • 00:07:15
    फैसले को जिसने बुलडोजर को रोकने का काम
  • 00:07:18
    किया है मुख्यमंत्री जी और खासकर उत्तर
  • 00:07:22
    प्रदेश की सरकार और बीजेपी के लोग इस
  • 00:07:25
    बुलडोजर को इतना महिमा मंडल कर रहे थे कि
  • 00:07:29
    ब र ही न्याय हो गया है और इनके तमाम
  • 00:07:32
    कार्यक्रमों में इनकी रैलियों में इस बात
  • 00:07:36
    को यह इतना बढ़ा चढ़ा कर के लेकर के आते
  • 00:07:39
    थे जिससे लोगों के अंदर भय पैदा कर सके अब
  • 00:07:44
    जब सुप्रीम कोर्ट का फैसला आ गया है मैं
  • 00:07:46
    समझता हूं बुलडोजर रुकेगा और न्यायालय से
  • 00:07:48
    न्याय मिलेगा ग्लोरिफिकेशन के ऊपर भी इसको
  • 00:07:50
    ग्लोरिफाई जिस तरह से किया जाता था यह
  • 00:07:53
    तरीका था भारतीय जनता पार्टी का लोगों को
  • 00:07:54
    डराने के लिए उन्होंने न्याय के लिए
  • 00:07:57
    बुलडोजर बना दिया था
  • 00:08:00
    बोजन अन्याय का प्रतीक हो सकता है न्याय
  • 00:08:02
    का प्रतीक नहीं हो सकता को ले भी आपवा ऐसे
  • 00:08:05
    ही कांग्रेस लीडर और सुप्रीम कोर्ट लॉयर
  • 00:08:07
    विवेक तनखा ने भी देखिए सुप्रीम कोर्ट के
  • 00:08:09
    बुलडोजर जस्टिस वर्डिक्ट पर क्या कहा है
  • 00:08:12
    हिस्टोरिक डे फॉर इंडिया ए हिस्टोरिक
  • 00:08:15
    जजमेंट फ सिविल लिबर्टी आ कंसर्न एंड
  • 00:08:18
    इंडिविजुअल पर्सनल लाइफ एंड लिबर्टी
  • 00:08:21
    कंसर्न सुप्रीम कोर्ट है थ द स्टेट थ द
  • 00:08:25
    स्टेट फॉर दिस बुलडोजर राज और बुलडोजर
  • 00:08:30
    द वे स्टेट गवर्नमेंट्स वेर बिहेविंग विद
  • 00:08:32
    अट मोस्ट एरोगेंस एंड इट लुक्ड वेरी
  • 00:08:35
    अनएजुकेटेड इट लुक्ड एज इफ दे वुड दे वुड
  • 00:08:38
    यूज इट एज अ पॉलिटिकल टूल नाउ दिस ऑल दिस
  • 00:08:41
    हैज स्टॉप्ड देर कैन बी नो बुलडोजर राज
  • 00:08:44
    नाउ इफ यू वांट टू डिमोलिश सम बडी ज हाउस
  • 00:08:47
    यू हैव टू गिव हिम अ नोटिस इन मिनिमम 15
  • 00:08:49
    डेज टाइम देर विल बी अ हियरिंग देर विल बी
  • 00:08:52
    एन ऑर्डर दैट इज चैलेंजेबल इन लॉ एनीबडी
  • 00:08:55
    डूइंग इट टुडे विल बी फेसिंग कंटेम एंड आई
  • 00:08:58
    फील दैट पीपल हु डन इट इन द पास्ट कैन
  • 00:09:01
    आल्सो बी प्रोसेक फॉर व्हाट दे डिड बिकॉज
  • 00:09:04
    अकॉर्डिंग टू सुप्रीम कोर्ट इट वाज बैड इन
  • 00:09:07
    लॉ सो दे हैव नाउ द सुप्रीम कोर्ट जज
  • 00:09:10
    आल्सो ओपन द गेट्स फॉर प्रोसेक ऑफ ऑल दोज
  • 00:09:12
    पीपल हु कमिटेड सच इलीगलिटी इन द पास्ट
  • 00:09:16
    बीट एनी स्टेट इन इंडिया सुप्रीम कोर्ट के
  • 00:09:18
    नए गाइडलाइंस और उनके क्रिटिकल एनालिसिस
  • 00:09:20
    ने जुडिशरी के रोल को एक नया पर्सपेक्टिव
  • 00:09:22
    में रखा है लोकतंत्र तभी मजबूत होगा जब
  • 00:09:25
    जुडिशरी एग्जीक्यूटिव और लेजिस्लेटर अपने
  • 00:09:27
    डिफाइंड रोल्स को निभाए और अकाउंट लिटी को
  • 00:09:29
    प्रायोरिटी देंगे आज जरूरत है कि हर
  • 00:09:32
    सिटीजन इन स्पीस और जजमेंट्स को समझे और
  • 00:09:34
    अपने राइट्स के लिए अवेयर रहे क्योंकि
  • 00:09:35
    डेमोक्रेसी के असली रक्षक आखिर आम लोग ही
  • 00:09:38
    है इस केस में अपने व्यूज हमारे साथ जरूर
  • 00:09:40
    शेयर करें अनटिल देन कीप फॉलिंग लॉ चक्र
  • 00:09:43
    [संगीत]
Etiquetas
  • SupremoTribunal
  • demoliciones
  • bulldozer
  • justicia
  • derechos
  • democracia
  • India
  • legislativo
  • proceso judicial
  • directrices