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इस आदमी को गौर से देखिए गांव में रहता है
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लुंगी पहनता है साइकिल चलाता है लेकिन
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इंडिया का सबसे प्रॉफिटेबल स्टार्टअप रन
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कर रहा है इनका प्रॉफिट है ₹2000000
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करोड़ कितना होता है आप इमेजिन करो कि
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शार्क टैंक पे जो छह जज बैठ के दुनिया को
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जज कर रहे हैं इनमें से पांच के तो खुद के
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ही प्रॉफिट केते पता ही नहीं है और सबसे
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प्रॉफिटेबल है अमन गुप्ता जिनका प्रॉफिट
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है 68 करोड़ ऐसे 38 अमन गुप्ता मिलेंगे तब
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जाके होता है 2700 करोड़ भारत में 114
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यूनिकॉर्न कहे जाते हैं 77 तो लॉस में
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बैठे हैं प्रॉफिट की शक्ल नहीं देखी किसी
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ने ऐसे दौर में यह व्यक्ति लूंगी पहन के
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गांव में बैठ के धंधा कर रहा है और इतना
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पैसा कमा रहा है इसके बारे में एक चीज और
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बताता हूं इसके 180 से ज्यादा कंट्री हों
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में व्यापार है 6 करोड़ से ज्यादा कस्टमर
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हैं 11000 से ज्यादा एंप्लॉई हैं fortune4
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में से 300 कंपनियों को यह कंसल्टिंग देते
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हैं
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इन्वेस्टर हमेशा खुद के पैसों से आज के
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दौर में जब स्टार्टअप लोन ले लेके
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इन्वेस्टर का पैसा ले लेके इतने साल जलाने
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के बाद भी प्रॉफिट की शक्ल नहीं देख पा
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रहे हैं ऐसे टाइम पे यह व्यक्ति एग्जांपल
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है यूथ के लिए इस व्यक्ति का नाम है
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श्रीधर बबू और जो कंपनी चलाता है उसका नाम
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है जोहू जहां कुछ स्टार्टअप को उनकी
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हरकतों के लिए सरकार की तरफ से नोटिस
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मिलते हैं इनको सरकार ने पदमश्री का वर्ड
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दिया है बट कौन है ये जोहो क्या करता है
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जोहो कैसे बन गया इतना बड़ा आदमी कैसे हुई
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शुरुआत मार्केटिंग केसे करता है हमने तो
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कभी नाम ही नहीं सुना अगर ये सारी चीजें
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सीखनी है ये बंदा मार्केट कैसे करता है
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फाइनेंस कैसे संभालता है एंप्लॉई कैसे
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रखता है तो आओ जर्नी में ले चलते हैं
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इतिहास के पन्ने पलट और श्रीधर बंबू की
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जिंदगी से बहुत सारे लेसन निकाल के लाएंगे
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तो जनता जनार्दन की जय बोल के करें वीडियो
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की
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शुरुआत श्रीधन वम का जन्म हुआ तमिलनाडु के
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एक छोटे से गांव में इनका पूरा परिवार
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किसानी किया करता था फिर कुछ कु समय बाद
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इनके पिताजी चेन्नई में शिफ्ट हो गए और
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वहां हाई कोर्ट में स्टेनोग्राफर का काम
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किया उस समय इन्होंने जेईई का एग्जाम दिया
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और ऑल इंडिया 27th रैंक आई और ये पहुंच गए
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आईआईटी मद्रास में तो श्रीधर वैंबू अपनी
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फैमिली के पहले व्यक्ति थे जो कि ग्रेजुएट
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हुए इन्होंने चूज किया इलेक्ट्रिक
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इंजीनियरिंग इन्होंने कहा हाथ से कंप्यूटर
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बनाना है मशीनें बनानी है या तो साइंटिस्ट
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बनेंगे या प्रोफेसर बनेंगे या इस एरिया
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में फंडामेंटल रिसर्च करेंगे इनका दिमाग
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वहां लगता था लेकिन जब इन्होंने आईआईटी
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मद्रास के सिलेबस से गुजरे इन्होंने कहा
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यार मजा नहीं आ रहा वो गहरा ई नहीं है जो
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मुझे चाहिए तो इनका मन ऊब गया लेकिन उबे
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हुए मन से भी वो एग्जाम इन्होंने क्लियर
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किया फिर उन्होंने कहा ऐसी चीज कहां
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मिलेगी तो ये गए प्रिंस्टन यूनिवर्सिटी
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पढ़ने जो कि बहुत बड़ा लेवल है इस फील्ड
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में वहां पे जाके डॉक्टरेट की पीएचडी की
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उपाधि ली पर फिर भी मजा नहीं आया अरे भले
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यार मजा ही नहीं आ रहा अब ये इतना
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इंटेलिजेंट आदमी है जिसको किताबें पढ़ के
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मजा ही नहीं आ रहा है तो फिर उन्होंने
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डिसाइड किया मैं किताबों के भरोसे नहीं
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रहूंगा मैं तो खुद की लर्निंग खुद ही
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करूंगा और ये किताबें लेके लाइब्रेरी में
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बैठ के अपने हिसाब से पढ़ाई करने लग गए
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रिसर्च करने लग गए और चीजों को समझने लग
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गए अब फाइनली लाइफ की ज नी तो चल रही थी
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मद्रास भी हुआ प्रिंस्टन भी हुआ एक बढ़िया
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कंपनी में जॉब भी लग गई सब पैकेज वकेज भी
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अच्छा पर अंदर से तसल्ली नहीं हो रही थी
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कि यार कुछ करना चाहता था पढ़ाई लिखाई में
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देख झवा नहीं अब क्या करें लेकिन चलो देश
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के लिए कभी कुछ करेंगे मौका मिला तो ये
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इतने इंटेलिजेंट थे कि वो कंपनी में एक
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प्रोजेक्ट था उसके लिए c+ प्स नॉलेज की
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जरूरत थी वो लैंग्वेज इनको आती नहीं थी
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किताब पढ़ के खुद ही सीख ली और थोड़ी देर
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में उसके बेसिस पे ऐसा सॉफ्टवेयर बना दिया
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जो हार्डवेयर भी उससे कंपैटिबल हो गया तो
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जीनियस तो बन थे भैया तो ये टाइम था 1994
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का 1994 का 96 के आसपास इनके भाई ने
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प्रपोज किया कि यार कंपनी बनाते हैं खुद
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की और इंडिया में जाके बनाएंगे ताकि
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इंडिया में रोजगार जनरेट हो और इंडिया का
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नाम हो तो इन्होंने कहा इंडिया के लिए कुछ
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करना ही था भाई के साथ सीधे पहुंच गए
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चेन्नई और एक छोटे से कमरे में बैठ के
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दोनों भाइयों ने कंपनी की शुरुआत की जिसका
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नाम था एडवें नेट अब इस कहानी से लर्निंग
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नंबर वन सारा ज्ञान किताबों में उपलब्ध
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नहीं है आपको लग रहा है कोर्स की किताबें
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पढ़ के कुछ मिल जाएगा यूनिवर्सिटी कुछ
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पढ़ा देगी कई बार उसमें मिल जाता है कई
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बार उसमें नहीं मिलता अगर आप में ज्ञान की
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भूख या क्यूरियोसिटी है तो अलग-अलग जगह
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जाओ अलग-अलग लोगों से पूछो एक्सपोजर लो
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किताबें पढ़ो एंड खुद को खुद ही पढ़ाओ
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दूसरी रनिंग है बिजनेस इज ऑल अबाउट
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बिजनेसमैन अगर बिजनेसमैन का विजन क्लियर
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है क्या करना है कब करना है कैसे करना है
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तो बिजनेस आगे बढ़ेगा और बिजनेसमैन कोही
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पता नहीं क्या करूं क्या नहीं करूं तो फिर
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उसका कुछ नहीं हो सकता तो बिजनेस की
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शुरुआत जब हुई तो पहले प्लान था हार्डवेयर
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बनाएंगे कुछ मशीन इस तरह की बनाएंगे जिसको
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बेचेंगे लेकिन सारे सेविंग के पैसे मशीन
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बनाते बनाते खर्च हो गए मशीन बनी नहीं
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उन्होंने कहा यार ऐसे तो क्या करें अच्छा
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वो दौर नहीं था जब स्टार्टअप को फंडिंग
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मिल जाया करती थी उस समय नहीं मिलती थी और
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इंडिया में तो बिल्कुल ही नहीं मिलती थी
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तो जेब के पैसों से ही काम कर रहे थे फिर
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उन्होंने कहा काम कर हार्डवेयर कंपनी छोड़
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सॉफ्टवेयर कंपनी बनाते हैं कम
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इन्वेस्टमेंट लगेगा काम भी हो जाएगा उस
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समय आप इमेजिन करो एक छोटा सा कमरा है
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जिसमें दो कंप्यूटर हैं और दो भाई बैठ के
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कंपनी की शुरुआत करी है उस समय टेक्निकल
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आदमी थे इनको सॉफ्टवेयर आईटी के बारे में
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पता था लेकिन बिजनेस के बारे में नहीं पता
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था एक बार इन्होंने कोई $30000 का एक सौदा
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किया क्लाइंट से जब क्लाइंट से सौदा हो
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गया बातचीत हो गई तो क्लाइंट ने इसको कहा
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कि भाई सुनो $30000 का सौदा करने की
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तुम्हारी औकात नहीं है वो तो तुम्हारी चीज
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इतनी बढ़िया थी कि मैंने दे दिए पर जिस
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तरह से तुम बेच रहे थे मैं तो जिंदगी में
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तुमसे ना लेता तो जैसे ही इनको रिलाइज हुआ
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मेरे में बिजनेस स्किल नहीं है एक सेल्स
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के बंदे को हायर किया 2 साल तक उसके
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साथ-साथ घूमे धीरे-धीरे सेल सीखी और फिर
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इन्होंने कहा मैं बाजार में घूम रहा हूं
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तो पीछे से टीम कौन संभालेगा तो फाइनेंस
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के लिए एक बंदा रखा मैनेजमेंट के लिए एक
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बंदा रखा और जब हर इंपॉर्टेंट फंक्शन पे
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एक बंदा लग गया तब बाजार में गए और
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एक्सपेंशन करने की सोची और यहीं से आता है
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बिजनेस लेसन नंबर तीन हो सकता है आप अपनी
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विधा के सुपर मास्टर हो आप बहुत अच्छा शेफ
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हो आपसे अच्छी डिश कोई नहीं बनाता इसका
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मतलब नहीं है कि आप होटल खड़ा कर लोगे आप
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बहुत अच्छा डॉक्टर हो क्या दवाई देते हो
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क्या सर्जरी करते हो इसका मतलब नहीं कि आप
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हॉस्पिटल चला लोगे क्योंकि इनको चलाने के
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लिए बिजनेस स्किल की जरूरत होती है
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हायरिंग की मार्केटिंग की सेल्स की
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फाइनेंस की वो आपको सीखना ही पड़ेगा नहीं
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तो ऐसे आदमी रखने पड़ेंगे जिनको ये चीज
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आती हो इनकी कंपनी को सबसे बड़ा ब्रेक
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थ्रू कब मिला एक एग्जिबिशन में इन्होंने
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अपना सॉफ्टवेयर दिखाया जनता को उस
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सॉफ्टवेयर में जैपनीज कस्टमर की लाइन लग
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गई जैपनीज कस्टमर वो सब कौन थे एचपी जो
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कंपनी है अमेरिकन कंपनी उसके कंपटीशन थे
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तो एचपी एक बहुत बढ़िया सॉफ्टवेयर
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प्रोवाइड करा रहा था और बढ़िया सॉफ्टवेयर
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पे रन कर रहा था था लेकिन वो सॉफ्टवेयर फच
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से ज्यादा महंगा था और आम आदमी के बस की
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वो थी नहीं तो जैपनीज कस्टमर ने कहा यह
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वाला सॉफ्टवेयर जो बड़ी कंपनी महंगे रुपए
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में लॉन्च कर रही है क्या यही वाली सुविधा
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आप हमको छोटे में दे सकते हो तो श्रीधन ने
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कहा डन सॉफ्टवेयर तो सॉफ्टवेयर है
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तुम्हारे हिसाब से बन जाएगा और उनको पहला
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ब्रेक थ्रू वहां मिला और वहां से एक चीज
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समझ में आई कि मेरा कंपटीशन क्या है
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एगजैक्टली यह सॉफ्टवेयर जो बड़ी-बड़ी
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कंपनियां बना के बड़े लोगों को दे रही है
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बस वही चीज मुझे छोटे लोगों के लिए बना के
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दे देनी है मेरा धंधा सेट हो जाएगा यह चीज
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उनको वहां से क्लियर हो गई तो इस तरह 1998
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में इनको एक बहुत बड़ा ऑर्डर मिला और
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कंपनी का रेवेन्यू $ मिलियन डॉलर यानी आज
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की डेट में 8 करोड़ तक पहुंच गया 96 में
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कंपनी चालू हुई 2 साल में 1 मिलियन डॉलर
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बड़ी बात है उस समय याद है कॉ का दौर चल
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रहा था हर बड़ी कंपनी को मोटे-मोटे
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वैल्यूएशन भी खरीदा जा रहा था तो जब
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धीरे-धीरे इनका वैल्युएशन 1 मिलियन से 2
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मिलियन डॉलर पे पहुंचा तब इनको एक ऑफर आया
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कि 25 मिलियन डॉलर में कंपनी बेचते क्या
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अब मैं आपसे पूछता हूं आप साल की 2 करोड़
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की सेल करते हो और कोई बंदा कहता है एक
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बार मैं 2 करोड़ दूंगा लेता क्या तो पांच
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जनों की टीम थी पांच जनों में बैठे डिस्कस
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किया बोले बेचनी है क्या पांचों ने कहा
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काई को बेचनी है इन्होंने ऑफर डिक्लाइन कर
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दिया और उसके बाद से कभी इन्वेस्टर में
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रुचि नहीं दिखाई खुद का पैसा कमाते थे
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प्रॉफिट आता था प्रॉफिट को लगाते थे फिर
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बड़ा बनाते थे फिर प्रॉफिट लगाते थे यही
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स्ट्रेटजी आज तक फॉलो कर रहे हैं सन 2000
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आते-आते इनके पास 115 लोगों की टीम हो
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चुकी थी 10 मिलियन से ऊपर का टर्नओवर
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पहुंच चुका था लेसन नंबर फोर बिजनेस में
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जरूरी नहीं है कि शुरुआत में हाय तोबा
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मचाओ बहुत सारा लोन ले लो बहुत सारी चीजें
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ले लो धीरे-धीरे रे मना धीरे सबको कुछ होई
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हले होले पहले अपने बिजनेस को समझो
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फंडामेंटल को नी मजबूत करो फ्लोर तो कभी
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भी चढ़ा लेंगे आगे बढ़ने से पहले बात करते
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हैं एक शानदार वेब होस्टिंग प्लेटफॉर्म की
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जिसका नाम है होस्टिंगर होस्टिंगर एक
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ग्लोबल वेब होस्टिंग प्लेटफॉर्म है जो कि
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रिलायबल और लॉ कॉ सुविधा के लिए जाना जाता
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है ये इंडिविजुअल स्कोर छोटे व्यापारी या
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बड़े बिजनेसमैन सबको वेब होस्टिंग की
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सुविधा प्रोवाइड करता है ये बहुत सारी
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फैसिलिटी देता है जैसे कई बार फ्री डोमेन
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अनलिमिटेड एसएसएल या ईमेल की सुविधा ये सब
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प्रोवाइड कराता है इसका खुद का डटा सेंटर
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मुंबई में है जिसकी वजह से अप टाइम शं ार
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होता है और स्पीड भी बढ़िया चलती है इसका
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जो बेस्ट सेलिंग प्रोडक्ट है वो है
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प्रीमियम वेब होस्टिंग जिसमें अगर 12
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महीने का कोई प्लान लेता है तो उसको
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बढ़िया डिस्काउंट भी मिलता है और बाकी
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प्लेटफॉर्म की तुलना में इसकी कॉस्टिंग
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काफी रीजनेबल है इसका सबसे बेस्ट फीचर है
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कि ड्रैग एंड ड्रॉप तो आपको कोई कोडिंग
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स्किल की या प्रोग्रामिंग स्किल की जरूरत
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नहीं है बस चीजों को आपने ड्रैग किया और
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अपनी वेबसाइट खुद बना ली तो ये है टिंगर
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का एआई वेबसाइट बिल्डर प्रोडक्ट जहां पर
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आपको जाके एआई की मदद से अपनी एक वेबसाइट
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आप बना सकते हैं आपको कोई कोडिंग और कोई
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टेक्निकल नॉलेज या स्किल की जरूरत ही नहीं
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है यही प्रोमट के हिसाब से आपका एक
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वेबसाइट बना के आपको दे देगा आपको बस अपना
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एक रिक्वायरमेंट दो लाइन में लिख के देना
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है और एआई उस रिक्वायरमेंट के हिसाब से एक
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वेबसाइट बना के आपको खुद ही दे देगा प्लान
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149 पर मंथ से स्टार्ट हो रहे हैं आपको
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फ्री डोमेन ईमेल और बहुत सारी सुविधाएं
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मिल जाएगी और इस प्लेटफॉर्म पे 247 आपको
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कस्टमर सपोर्ट भी मिलता है तो अगर इसकी
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आपको सुविधा लेनी है और आपको रिसर्च करने
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के बाद लगता है कि जबरदस्त है तो आप इसको
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लेते टाइम मेरा कोड भी यूज कर सकते हैं
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rm10 आपको 10 पर डिस्काउंट एडिशनल मिल
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जाएगा अब आते हैं मुख्य मुद्दे जोह पे अब
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बात करते हैं एक स्ट्रगल की ऐसा तो नहीं
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है इतनी बड़ी कंपनी बिना स्ट्रगल के बन गई
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सन 2000 में एक कॉ बस्ट हुआ था डेक जो
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5000 पॉइंट पे बैठा था कुछ ही समय में टूट
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के 1140 पॉइंट पे आ गया
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सरी निकालनी है क्या करोगे तुम इस समय काम
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आया श्रीधर की बुद्धिमानी कि इन्होंने
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भैया कैश बचा के रखा था ये क्या करते थे
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कैश कमाते थे कैश रखते थे इन्होंने
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इधर-उधर इन्वेस्ट नहीं किया था फालतू जगह
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फैलाया नहीं था कैश पड़ा था इन्होंने कहा
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कोई बात नहीं जब तक ये चीजें नहीं सुधरती
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अपने पास 6 12 महीने का कैश है सब निकाल
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लेंगे और पूरी टीम 115 इंजीनियर की टीम को
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किसी को फायर नहीं किया आजकल कंपनियां
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कहती है धंधा ही नहीं है निकाल दो
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उन्होंने कहा नहीं नहीं आज के इस साल को
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2000 को हम कहेंगे ईयर ऑफ आर एनडी रिसर्च
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एंड डेवलपमेंट तुम 115 आदमी खाली बैठे हो
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काम तो है चलो बैठ के सोचो कि बाजार में
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अब क्या नया चीज निकल सकती है क्या नया
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प्रोडक्ट बन सकता है तो उन्होंने जो उनका
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एजिस्टिफाई
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आरपी सॉफ्टवेयर को चेंज करते करते
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इन्होंने एक चीज बनाई मैनेज इंजन जो आज
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इनको सुपर डुपर रेवेन्यू देता है उस समय
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उन्होंने एक चीज और सोची उस आर एनडी के
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दौरान कि हम क्लाउड सर्विस पे चले जाएं
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क्या कि मेन सर्वर हम रखें और क्लाउड पे
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दे दें और उसी समय बन हुआ जोहो का तो
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कंपनी ने सोचा देखो एक सॉफ्टवेयर बनाते
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हैं सॉफ्टवेयर का नाम है जोहो जोहो के
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अंदर क्या होगा बिजनेस रिले रिलेटेड जितने
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भी फंक्शन है जैसे एचआर है मैनेजमेंट है
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हायरिंग है आपका फाइनेंस है इससे रिलेटेड
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एप्लीकेशन होगी इससे रिलेटेड ऐप होंगे
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सर्वर हमारे पास ही रहेगा जो भी बंदा है
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वो इसको ऑनलाइन डाउनलोड करके आराम से काम
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में ले सकता है अब इन्होंने वही चीज फॉलो
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की जो पहले की थी जैसे आज की रेट में एक
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बड़ी कंपनी है वो बड़े सॉफ्टवेयर कंपनी से
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अगर लेगा 1 करोड़ का सॉफ्टवेयर है जी स
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कहता मेरा 1 लाख में ले जाओ तो जो चीज
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बड़े कंपनियां बड़े लोगों के लिए बना रही
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थी इसने कहा छोटे लोगों के लिए छोटे लेवल
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पे वो चीज बना देते हैं सस्ती तो एकदम से
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इसके नंबर ऑफ क्लाइंट बहुत सारे फैल गए तो
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देखिए भाई साहब कंपनी का नाम अभी भी एडवें
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नेट ही है जोहो इनके एक प्रोडक्ट का नाम
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है अभी तक तो श्रीधर तब से लेक आज तक ये
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भी मानते हैं कि भैया कंपनी में डेट जीरो
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होना चाहिए कैश बहुत सारा रहना चाहिए
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बैलेंस शीट स्ट्रांग रहनी चाहिए धंधा ऐसे
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ही करो हमें जल्दी बाजी कुछ करनी नहीं है
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दूसरा श्रीधर बंबू का नाम आपने इसलिए नहीं
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सुना जोहो का नाम आपने इसलिए नहीं सुना यह
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मार्केटिंग करते ही नहीं है ये कहते हैं
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मैं मार्केटिंग नहीं करता मैं लो प्रोफाइल
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मेंटेन करता हूं मैं को एक्सपेरिमेंट करने
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की बहुत सारी आदत है तो मेरे को जब दुनिया
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जानती नहीं है तो मुरे एक्सपेरिमेंट करने
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की छूट है ऐसा नहीं कि मैंने कुछ
00:11:33
एक्सपेरिमेंट किया को फ्लॉप हो गया तो
00:11:35
न्यूयॉर्क टाइम्स छाप देगा या बाई सबब
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टाइम्स ऑफ इंडिया छाप देगा जोहो ने ये
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किया और फेल हो गया कोई जानता ही नहीं
00:11:40
जोहो को यही मेरी सुपर पावर है लेसन नंबर
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फाइव आपदा में अवसर ढूंढो मतलब जब आपदा
00:11:47
पड़ी 80 पर क्लाइंट भाग गए उस समय क्या
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करते अपने पैसे बचा लेते उधार ले लेते चार
00:11:52
आदमी को नौकरी से निकाल देते इन्होंने कुछ
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नहीं कहा अरे बोले खूब टाइम है अब क्लाइंट
00:11:55
तो है ही नहीं अपन लोग बैठे हैं कुछ
00:11:57
रिसर्च ही कर लेते हैं आपदा का सर में
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बदला दूसरी बात बिजनेस में कैश रिच रहने
00:12:01
की बहुत ज्यादा इंपॉर्टेंस है जब आपके पास
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कैश पड़ा रहता है तो चैलेंज आता है तो
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सरवाइव कर लेते हो अपॉर्चुनिटी आता है तो
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कैप्चर कर लेते हो तो बिजनेस में लोन पे
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डिपेंडेंट मत रहो कैश पे डिपेंडेंट रहो
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बिजनेस लेसन नंबर सेवन रिजट मत रहो कि
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मेरे तो यही प्रोडक्ट है अब ये चल नहीं
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रहा मैं क्या करूं मेरा तो यही क्लाइंट है
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अब ले नहीं रहा मैं क्या करूं अरे क्लाइंट
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नहीं चल रहा तो क्लाइंट बदल दो प्रोडक्ट
00:12:21
नहीं चल रहा प्रोडक्ट बदल दो नया प्रोडक्ट
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लाओ नया कस्टमर लाओ नए मार्केट लाओ बदलते
00:12:25
रहो तुम्हारा उद्देश्य पैसा कमाना है बैठ
00:12:27
के रोना नहीं है तो भैया अब तक कंपनी का
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नाम चल रहा था एडवें नेट और जोहो इसका
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प्रोडक्ट था पर ये जो एडवें नेट कंपनी है
00:12:33
ये रजिस्टर्ड थी यूएस में तो इन्होंने कहा
00:12:34
यार इंडिया में भी तो एक कंपनी रजिस्टर्ड
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होनी चाहिए तो उन्होंने सन 2009 में
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इंडिया में एक कंपनी रजिस्टर्ड की और उसका
00:12:40
नाम रखा जोहो कॉरपोरेशन 2009 में जोहो
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इंडिया में रजिस्टर्ड हो गई लेकिन इससे
00:12:44
पहले यूएस में बहुत बढ़िया काम कर रही थी
00:12:46
और 2009 के बाद से और झंडे गाड़ दिए लेकिन
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ऐसा क्या था इस कंपनी में स्पेशल जिसकी
00:12:52
वजह से इतनी सक्सेसफुल है इसके कुछ कोर
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कांसेप्ट हैं वो सीखिए सबसे पहला कांसेप्ट
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ये इसलिए चली बाजार में ये थी लो कॉस्ट
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इन्होंने यूज़ किया क्लासिक जिओ
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आर्बिट्राज प्ले इसको क्या कहते हैं कि
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जिस कंट्री में सस्ता मिलता है वहां से ले
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लो और जिस कंट्री में महगा बिकता है वहां
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बेच दो तो सबसे ज्यादा महंगा टेक कहां
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बिकता है यूएस में और सबसे सस्ती टेक की
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लेबर कहां मिलती है इंडिया में तो इंडिया
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के लोगों से काम कराओ और यूएस के लोगों को
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माल बेचो इंडिया में सैलरी सस्ती इंडिया
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में रेंट सस्ता इंडिया में सब कुछ सस्ता
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और यूएस में सब कुछ महंगा तो भाई साहब
00:13:23
इनकी कॉस्ट सस्ती होने के चक्कर में यह
00:13:25
सस्ते में प्रोवाइड कर पाए और भाई साहब
00:13:27
यूएस मार्केट में सस्टेन कर गए जोग एक और
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परफेक्ट स्ट्रेटजी है कि इनके प्रोडक्ट
00:13:31
बहुत सारे हैं ऑन एन एवरेज इनकी टीम इतनी
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सॉलिड है कि हर साल में तीन नए प्रोडक्ट
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लांच कर देती है तो जितने ज्यादा प्रोडक्ट
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होंगे उतनी ज्यादा सेल होगी प्रोडक्ट ऐसा
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नहीं सुपर खतरनाक हाईटेक लच करते हैं वो
00:13:40
कहते हैं कोई भी नया प्रोडक्ट जो हमारे
00:13:42
पुराने प्रोडक्ट को सपोर्ट करे जैसे
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apple-app-site-association
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द एप बाजार में इस समय जो हो के काम करते
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हैं तो सबसे पहले सस्ता देते हैं दूसरा
00:14:03
प्रोडक्ट बहुत सारे हैं तीसरी चीज
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उन्होंने क्या यूज़ की फ्री में मॉडल कि
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पहले कहा तुम मेरा सॉफ्टवेयर फ्री में काम
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में लो एक दो महीना फिर मजा आए तो बाद में
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पैसे देना नहीं तो रहने देना अब जिसने
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फ्री में काम लिया उसका बिजनेस उ पे पहुंच
00:14:14
गया लोगों को समझ में आ गया फिर कौन चेंज
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करता है भैया तो इस चक्कर में मार्केटिंग
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की बहुत ज्यादा जरूरत ही ना पड़ी चौथी
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स्ट्रेटजी चैनल पार्टनर एंड रेफरल जोहो
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मार्केटिंग में बहुत ज्यादा पैसा खर्च ही
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नहीं करता जोहो ने कहा भैया हमारे
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प्रोडक्ट में दम है कस्टमर उसकी तारीफ
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करते हैं मेरे एक कस्टमर ही अगला कस्टमर
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लेके आएगा तो इनका पूरा बिजनेस मॉडल या तो
00:14:30
रेफरल पे चलता है या इन्होंने कस्टमर्स को
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ही चैनल पार्टनर बना दिया कि भैया तुम ही
00:14:34
ले लेके आओ और अपना कमीशन लो लास्ट एंड
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मोस्ट इंपॉर्टेंट गैप इन द मार्केट
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बड़ी-बड़ी कंपनीज को बड़ी-बड़ी आईटी
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कंपनियां बड़ा कॉम्प्लेक्टेड बेच रही है
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और उससे पैसे कमा रही है ब जो छोटे
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बिजनेसमैन है इनको के लिए कोई है ही नहीं
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तो इन्होंने कहा छोटे की रक्षा के लिए मैं
00:14:50
आता हूं वो गैप मार्केट में ढूंढा छा गए
00:14:53
तो ये थे पांच फंडामेंटल बिजनेस कांसेप्ट
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जिसकी वजह से जोहो मार्केट में आया टिका
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और अब लीड कर रहा है अब एक सवाल आपके मन
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में आता होगा सर इसके पास 11000 एंप्लॉई
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हैं ये हायरिंग कहां से करता है इसके पास
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पैसा कहां से आता होगा इतने इसके बाद लोग
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कैसे आए फ्र इधर बंबू कहता है देखो जी बात
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ऐसी है जो बड़े-बड़े कॉलेज हैं वहां पे तो
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टीसीएस आती है टेक
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mahindra-ecat क्लास और 12थ क्लास के
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बच्चों तक पहुंच गए इन्होंने कहा कि जो
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इंडिया का इनीशिएट गुरुकुल मेथड है उसको
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अप्लाई करते हैं जिस बंदे को जिस चीज में
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सिखाना है उसी चीज को पढ़ाते हैं तो
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इन्होंने 10थ क्लास के बाद 12थ क्लास के
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बाद बच्चों को कहा कि लो आ जाओ मेरे साथ
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डिप्लोमा कर लो तो 2004 में छह स्टूडेंट
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और दो प्रोफेसर के साथ इन्होंने इस जोहो
00:15:45
यूनिवर्सिटी की शुरुआत की उसमें क्या किया
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जाता है जितने भी बच्चों को हायर किया
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जाता है किसी को 12थ से हायर किया किसी
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कॉलेज वाले को हायर किया 6 महीने में उनको
00:15:53
टेक वाली सारी चीजें सिखाई जाती है उनको
00:15:55
इंग्लिश बोलना सिखाया जाता है सॉफ्ट स्किल
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सिखाई जाती है और 6 महीने में बंदे को
00:16:00
तैयार करके सर्टिफिकेट दिया जाता है उसके
00:16:02
बाद अगर बंदा उनको पसंद आया तो जोहो में
00:16:04
डायरेक्ट हायरिंग एक कर लेते हैं उस समय
00:16:06
जो स्टूडेंट है उससे कोई पैसा नहीं लिया
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जाता बल्कि उसको ₹1000000 स्टाइप एंड डर
00:16:10
दिया जाता है अब धीरे-धीरे यह यूनिवर्सिटी
00:16:12
थोड़ी बढ़ गई है तो 200 200 के बैच में
00:16:13
स्टूडेंट को लिया जाता है प्रोफेसर बहुत
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सारे रहते हैं ताकि एक-एक बच्चे पे स्पेशल
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ध्यान दिया जा सके आज की डेट में जोहो के
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11000 एंप्लॉई हैं उनमें से 1500 एंप्लॉई
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ऐसे हैं जो जोहो स्कूल से डायरेक्ट आए जो
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स्कूल में आप ऐसा इमेजिन कीजिए कि एक बंदा
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नौकरी कर रहा था उसका जो बच्चा है व 12वीं
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बार स्कूलिंग करके अपने पिताजी के साथ बैठ
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के नौकरी कर रहा है इनफैक्ट इनके गार्ड
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इनकी कंपनी में एज आईटी काम कर रहा है
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जोहो में काम करने वाले 15 पर इंजीनियर के
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पास कोई फॉर्मल डिग्री नहीं है 12वीं बाद
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आए कोडिंग सीखी और काम पे लग गए और वो
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चाहते हैं कि धीरे-धीरे यह रेशो भी थोड़ा
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आगे बढ़े जोहो में कल्चर है मीटिंग कम से
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कम रखते हैं बोले मीटिंग में टाइम वेस्ट
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होता है महीने दो महीने में एक बार
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मिलेंगे और किसको जो क्वेश्चन है पूछो
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खत्म करो जोहो में एकदम google3 तो नहीं
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पर पूरी सुविधा दे रखी है जहां पे इनके
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सुविधा है वहां फ्री कैंटीन चलती है जब
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कोरोना का टाइम आया था तो इन्होंने किसी
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भी एंप्लॉई को निकाला नहीं था बल्कि उनके
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खाने पीने की व्यवस्था की थी और फ्री फूड
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फ्री ट्रेवल फ्री मेडिसिन ऑलरेडी इनके सभी
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एंप्लॉई को दिया जाता है तो उसकी वजह से
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जहां पे इंडस्ट्री स्टैंडर्ड में 20 पर 18
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पर एट्रिशन होता है लोग जॉब छोड़ के जाते
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हैं जोहो में मात्र ये 7 पर है ये तो था
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जोहो ने अब तक क्या किया अब जोहो क्या
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करना चाहता है जोहो ने कहा मेरा जितना भी
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रेवेन्यू आता है इसमें मेजर जो पोर्शन है
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वो यूएस का है इंडिया से तो मेरे टोटल
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रेवेन्यू का 1015 पर ही आता है अब वो देख
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रहे हैं कि इस इंडिया में इस परसेंटेज को
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25 से 30 पर तक लेके जाना इनका पहला
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टारगेट है दूसरी चीज ये चाहते हैं इंडिया
00:17:35
में रोजगार ज्यादा से ज्यादा जनरेट हो और
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वो भी गांव के लोगों के लिए जनरेट हो तो
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ये क्या करते हैं ये गांव में जैसे अब हम
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नॉर्मली गुड़गांव में बड़ी जगह लेंगे और
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वहां पे गांव के लोगों को बिलाते हैं ये
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गांव में ही एक बहुत बड़ा सेंटर खोलते हैं
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और वहां पे लोगों को हायर करके काम कराते
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हैं जोहो के दो मेन रूरल ऑफिस हैं एक तंका
00:17:53
स करके जगह है और एक रेनी गुंगटा जगह है
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आंध्र प्रदेश में वहां पे 500 से ज्यादा
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एंप्लॉई एक साथ वहां पे काम कर रहे हैं और
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इनका प्लान है कि धीरे-धीरे करके 5000 से
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ज्यादा आदमी ऐसे हो जो गांव में रह के उसी
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सेंटर से ऑपरेट करें एक तो इनकी कॉस्टिंग
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लो आती है प्लस दूसरा जो ब गांव शहरीकरण
00:18:10
हो रहा है शहर में ज्यादा लोग जा रहे हैं
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गांव में अपॉर्चुनिटी कम है वहां पे
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अपॉर्चुनिटी पैदा करना चाहते हैं अब गांव
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में बहुत सारे ऐसे सेंटर बनाने हैं उसके
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लिए क्या करें अब आम आदमी होता है सर हम
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क्या करें बना देंगे ठेके प दे देंगे
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इन्होने कहा ना इन्होंने चार सिविल
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इंजीनियर और दो इंजीनियर की टीम हायर कर
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ली है इन हाउस बोले तुम बस बिल्डिंग ही
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बनाते रहो और ऐसा नहीं गांव में ऑफिस बना
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के छोड़ दिया खुद गांव में ही रहते हैं
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इनका दिन सुबह 4:00 बजे चालू हो जाता है
00:18:34
4:00 बजे उठते हैं यूएस के क्लाइंट के साथ
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जो मीटिंग होती है वो मीटिंग करते हैं
00:18:37
उसके बाद 6:00 बजे सुबह निकल जाते हैं
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लोकल तालाब में नहाते हैं उसके बाद खेत का
00:18:42
एक चक्कर लगा के आते हैं फिर ब्रेकफास्ट
00:18:44
करने के बाद इनका दौर चालू होता है
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मीटिंग्स का प्रोजेक्ट की अपडेट लेना और
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मीटिंग करना स्ट्रेटजी बनाना उसके बाद शाम
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को वापस गार्डन का चक्कर लगाया खुद की
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खेती बाड़ी करते हैं भिंडी सब्जी प्याज
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खुद उगाते हैं और फिर रात को पेड़ के नीचे
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कहीं सो जाते हैं और अगले दिन सु उट के
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फिर ये धंधा चालू होता है इनके पास कोई भी
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मटेरियल पोजीशन नहीं है कोई बहुत बड़ा
00:19:04
बंगला बहुत बड़ी गाड़ी बहुत फैंसी ट्रिप
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नहीं करते अभी भी कमर्शियल फ्लाइट में
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इधर-उधर ट्रैवल कर लेते हैं इन्होंने अभी
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एक सेमीकंडक्टर प्लांट के लिए 20 मिलियन
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का इन्वेस्टमेंट किया किसी ने पूछा आप
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प्राइवेट जेट क्यों नहीं लेते बोले प्लांट
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ही मेरा जेट है ऐसा मान लो इनका जो
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एंटरप्रेन्र्दे
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पैसों से चालू करना चाहिए क्योंकि जब आप
00:19:21
इन्वेस्टर से पैसा ले लेते हो तो आप पे
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दबाव रहता है वो दुनिया भर का दबाव बनाता
00:19:25
है इस क्वार्टर में प्रॉफिट लेके आओ ये
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करो वो करो जब नहीं होता तो आप आप आदमी
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आराम से काम कर सकते हो लेकिन चैलेंज बहुत
00:19:31
ज्यादा है क्योंकि बिना पैसे काम करना टफ
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तो होता है भाई साहब तो इन्होंने कहा उस
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समय आपको एक माइंडसेट रखना चाहिए -5 ईयर
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तुम ये मत सोचो मुझे बिजनेस करते 3 साल हो
00:19:40
गए अभी तक कुछ नहीं हुआ तुम बोलो बिजनेस
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के 5 साल तक तो कुछ होगा ही नहीं जो होगा
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छठे साल में होगा तुम तो -5 से चालू करो
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इसको गुजराती अगर उसपे लेके चले ज गुजराती
00:19:49
कहते हैं धंधा जमने में 1000 दिन तो
00:19:51
लगेंगे ही 3 साल तो लगेंगे ये -5 कांसेप्ट
00:19:54
से चलते हैं बात वही है कि धीरे-धीरे
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चलोगे तो वो स्ट्रांग फाउंडेशन बनेगी और
00:19:58
एक बड़ा बिजनेस क्रिएट कर पाओगे कस्टमर के
00:20:00
बारे में सोच पाओगे पैसे कम होंगे तो
00:20:02
डिसीजन अच्छे लोगे जब बहुत ज्यादा पैसा
00:20:04
होता है बहुत जल्दी काम करना होता है तभी
00:20:07
गलतियां होती है तो आज के केस स्टडी से इस
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व्यक्ति के जीवन से बहुत कुछ सीखने को है
00:20:11
मैं ने इसके बारे में लगभग 250 पेज पढ़ा
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73 पेज के नोट्स बनाए इस वीडियो को बनाने
00:20:17
के लिए 13 पेज की शॉर्ट स्क्रिप्ट बनाई और
00:20:20
उसके बाद भी मैं बहुत सारी चीजें आप तक ले
00:20:22
जा नहीं पा रहा हूं तो कभी एक दिन अलग से
00:20:24
जोहो पे या श्रीधर वमू पे दो घंटे तीन
00:20:26
घंटे के वेबीनार करेंगे तब आपको जल्दी
00:20:28
सूचित करू ऐसा ही कोई फेमस कैरेक्टर हो या
00:20:30
कोई ऐसा व्यक्ति जिसमें बहुत बात है लेकिन
00:20:33
बाजार में सामने नहीं आ पा रहा है तो मुझे
00:20:35
कमेंट बॉक्स में बताइए मैं कोशिश करूंगा
00:20:37
उस परे रिसर्च करूं और एक वीडियो बनाऊ और
00:20:39
आपका प्यार मिलता रहे चैनल को लाइक करो
00:20:41
वीडियो को शेयर करो चैनल सब्सक्राइब करो
00:20:44
धन्यवाद जय हिंद और हां होस्टिंगर प जो
00:20:46
डिस्काउंट है आरएम 10 से मिलेगा वो लेना
00:20:48
मत भूल जाना
00:20:50
[संगीत]